Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:19 PM,
#70
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
तड़प बढ़ती गई -2

मंजरी भी अपनी कपड़े उतारने लगी तो पुलकित ने मना कर दिया- नहीं, मेरी दुल्हन को मैं ऐसे ही चोदूँगा!
वो बोला.
मंजरी वैसे ही रुक गई.
पुलकित ने पहले मंजरी को बेड पे बिठाया, उसके पाँव नीचे ही लटक रहे थे, फिर उसने मंजरी को लेटा दिया. उसका घागरा ऊपर उठाया, नीचे उसने काले रंग की चड्डी पहनी थी. उसने एक झटके में उसकी चड्डी उतार फेंकी. नीचे आज ही शेव की हुई, गोरी चूत उसके सामने नंगी हो गई.
“वाह क्या मस्त चूत है तेरी, तुझे तो चोद कर जन्नत का नज़ारा आ जाएगा!” कह कर पुलकित ने उसकी दोनों टाँगें उठाई और अपने कंधे पे रख ली, मंजरी को थोड़ा अपनी तरफ खींचा, और अपना लंड उसने मंजरी की चूत पे रख दिया.
इससे पहले के मंजरी इसके लिए तैयार हो पाती, पुलकित ने ज़ोर लगा कर अपना लंड मंजरी की चूत में ठेल दिया.
मंजरी दर्द से तड़पी- धीरे पुलकित, दर्द होता है!
वो बोली.
मगर पुलकित ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया और फिर से अपना लंड उसकी चूत में ज़ोर से पेला, मंजरी फिर से तड़पी, मगर वो तड़पती रही, और पुलकित ज़ोर लगाता गया, जब तक के उसका पूरा लंड मंजरी की चूत में नहीं घुस गया.
मंजरी को यह उम्मीद नहीं थी कि उसका पहला सेक्स ऐसा होगा, वो तो सोच रही थी कि पुलकित पहले उससे बहुत सारा प्यार करेगा, फिर सेक्स करेगा, मगर पुलकित ने बहुत ही ज़्यादा जल्दबाज़ी की.
पुलकित को यह भय था कि अगर मंजरी का भाई और मम्मी घर आ गए तो कहीं उसे यह मौका भी न गंवाना पड़े, तो पहले एक बार मंजरी कंजरी को ठोक लो, चुदाई कर लो, प्यार बाद में करते रहेंगे.
बेशक मंजरी की चूत भी पूरी गीली थी और पुलकित का लंड ‘पिच पिच’ की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर आ जा रहा था, मगर फिर भी मंजरी को काफी दर्द हो रहा था. उसका पहला सेक्स जो था.
पुलकित नीचे झुका और उसे मंजरी के ब्लाउज़ की डोरी खोलनी शुरू की और उसका ब्लाउज़ ढीला करके उतार दिया. पहले भी उसने मंजरी के बोबे बहुत बार दबाये थे, चूसे थे, मगर आज का मज़ा ही कुछ और था.
पुलकित ने मंजरी के दोनों बोबे पकड़े और खूब ज़ोर ज़ोर से दबाये, जैसे नींबू में से रस निकाल रहा था. उसकी सख्त उंगलियों के निशान मंजरी के बोबों पर कई जगह बन गए थे. पुलकित किसी वहशी की तरह उसे नोच रहा था. कभी उसके होंठ चबा जाता कभी उसके निप्पल.
और सिर्फ 5 मिनट की चुदाई के बाद ही पुलकित ने अपनी जवानी के रस से मंजरी की चूत को भर दिया.
मंजरी को इस सेक्स में बिल्कुल मज़ा नहीं आया. न पुलकित ने उसे प्यार किया, न प्यार से सेक्स किया. वो वैसे ही नंगी लेटी छत को देखती रही. वो सोच रही थी, ये क्या किया है पुलकित ने, ये प्यार था या हवस की पूर्ति.
और मुझे तो उसने शांत ही नहीं किया, खुद की तसल्ली की और ठण्डा पड़ गया, मैं तो प्यासी ही रह गई.
भाई ने फुफेरी बहन को चोदा लेकिन बहन को मजा नहीं आया.
मगर फिर भी मंजरी ने दिल नहीं छोटा किया, वो पुलकित से एक पत्नी की भान्ति बोली- सुनिए जी, जब हम नहीं मिले थे न, तब मैं सोचती थी कि हमारा पहला मिलन बहुत ही यादगार होगा, आप मुझे बहुत प्यार करोगे, मगर आप ने तो बस अपनी ही आग बुझाई है, मैं तो अभी भी जल रही हूँ.
पुलकित बोला- जानेमन, मेरा भी अभी मन नहीं भरा है, मैं तो बस इस जल्दबाज़ी में के कहीं तुम्हारे घर के ना आ जाएँ, जल्दी गेम खत्म कर दी. अभी थोड़ी देर में मैं एक और पारी खेलूँगा, उसमें मैं तुम्हारे सारे शिकवे दूर कर दूँगा.
इसके बाद पुलकित ने मंजरी को एक किस किया. मंजरी उठ कर गई और बाथरूम में जा कर उसने अपना घागरा भी उतार दिया, पूरी तरह नंगी होकर उसने स्नान किया और बाहर आई.
मंजरी कमरे में आई तो पुलकित वैसे ही बेड पर लेटा था, उसका लंड ढीला सा हो कर एक तरफ को लटका पड़ा था और थोड़ा सा वीर्य उसके लंड से उसकी जांघ पर भी चू रहा था.
मंजरी को बाहर आते देख, पुलकित उठ कर बाथरूम में चला गया, और वो भी नहा कर बाहर आया. मंजरी ने अभी कपड़े नहीं पहने थे, वो सिर्फ अपने बदन पर अपना दुपट्टा लपेट कर ही बैठी थी. झीने दुपट्टे से उसका गोरा बदन अपनी झलक दिखा रहा था.
‘अरे…’ पुलकित बोला- यार माजरी, इस चुनरी में तो तू बहुत सेक्सी लग रही है.
मंजरी शर्मा गई.
पुलकित उसके पास आया, उसका हाथ पकड़ा और उसके पास बैठ गया- आज सच कहता हूँ, ज़िंदगी का पहला सेक्स करके मज़ा आ गया!
पुलकित बोला. मन ही मन वो सोच रहा था कि साली इस कंजरी मंजरी की सील बंद चूत पहली बार मिली है, इससे पहले तो सब रंडियां ही चोदी है.
“मगर मुझे कोई मज़ा नहीं आया” मंजरी बोली- सिर्फ एक उत्तेजना थी कि पहली बार सेक्स कर रही हूँ, मगर मज़ा नहीं आया. मुझे तो धीरे धीरे प्यार करने में मज़ा आता है. आप तो किसी वहशी की तरह टूट पड़े मुझ पर!
पुलकित ने उसे अपनी बाहों में जकड़ा और फिर से बेड पर लेट गया. मंजरी उसके सीने पर अपना सर रख कर लेटी रही.
पहले तो पुलकित मंजरी की पीठ पर हाथ फेरता हुआ इधर उधर की बातें करता रहा, फिर उसने मंजरी का दुपट्टा उतार दिया. मंजरी ने कोई ना नुकर नहीं की. अब मंजरी फिर से पुलकित
के सामने नग्न थी. पुलकित उसकी कमर के ऊपर चढ़ कर बैठ गया, उसका ढीला लंड मंजरी की नाभि को छू रहा था. दोनों प्रेमी एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे.
मंजरी ने हल्के से अपना सर हिला कर पुलकित को आने को कहा, पुलकित नीचे को झुका और उसने मंजरी के होंठों को चूम लिया.
फिर मंजरी ने, फिर पुलकित ने, फिर मंजरी ने और इस तरह चुंबनों के आदान प्रदान का सिलसिला ही चल पड़ा. पता नहीं कितनी बार दोनों ने एक दूसरे को चूमा. जब भी दोनों के होंठ आपस में मिलते दोनों के बदन में काम ज्वाला प्रज्वलित होती, दोनों में उत्तेजना बढ़ती और इसी उत्तेजना ने जहां पुलकित के लंड को फिर से सख्त कर दिया, उसी उत्तेजना ने मंजरी की चूत को फिर से पानी से भिगो दिया.
पुलकित बोला- मैंने कहा सुनती हो! अपने पति का लंड चूसोगी क्या?
और वो हंसा.
मंजरी ने उसको एक मीठी झिड़की दी- छी… ऐसे नहीं बोलते, ऐसे कहो कि मेरी चॉकलेट खाओगी क्या?
“अच्छा जी” पुलकित बोला- और अगर मुझे तुम्हारी चूत चाटनी हो तो?
मंजरी ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुये कहा- उंह, फिर वही बात, आप बोलो, मुझे कचोड़ी खानी है.
पुलकित भी हंस दिया- ओ के जी, तो क्या हम दोनों चॉकलेट और कचोड़ी एक साथ खा सकते हैं?
मंजरी बोली- हाँ, क्यों नहीं!
“तो पहले तुम मुझे चॉकलेट खा कर दिखाओ!” पुलकित बोला.
मंजरी उठी और उठ कर उसने पुलकित का लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया. मंजरी के नर्म, भीगे लबों के एहसास ने पुलकित के मन को एक अजीब से शांति दी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली.
मगर मंजरी का भी यह पहला मौका था, किसी लंड को चूसने का, तो वो सिर्फ पुलकित के लंड को अपने मुँह में लेकर बैठी रही तो पुलकित बोला- सिर्फ मुँह में मत लो, इसे चूसो, जैसे मैंने तुम्हारी चूची पी थी, और अपनी जीभ से इस को चाटो भी.
मंजरी ने वैसे ही किया, तो पुलकित ने मौज में आ कर अपनी कमर को आगे को धकेला तो उसके लंड की चमड़ी पीछे हट गई और उसके लंड का टोपा मंजरी के मुँह में और आगे घुस गया.
मंजरी को एक उबकाई सी आई, मगर उसने फिर भी अपने मुँह से लंड बाहर नहीं निकाला और चूसती रही.
जब पुलकित ने देखा कि मंजरी अपनी आँखें बंद किए उसका लंड चूस रही है, तो वो भी घूमा और उल्टा हो कर मंजरी के ऊपर ही लेट गया. मंजरी की दोनों जांघें खोल कर पुलकित ने बीच में देखा, मंजरी ने शायद आज ही अपनी चूत के बाल साफ किए थे, इसलिए बहुत ही साफ और गोरी चूत थी. अंदर से गुलाबी, जब पुलकित ने उसकी चूत के दोनों होंठ अपनी उंगली से खोल कर देखे तो अंदर से उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी.
पुलकित ने पहले तो उसकी चूत के ऊपर ही किस किया, फिर उसकी बाहर को उभरी हुई चूत को अपने मुँह में लिया और अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में घुमाई. मंजरी ने अपनी जांघें भींच ली, शायद उसे बहुत मज़ा आया, या गुदगुदी हुई. मगर पुलकित को भी उसकी चूत का हल्का नमकीन स्वाद बहुत अच्छा लगा. उसने मंजरी की दोनों टाँगें पूरी तरह से खोल दी और अपना पूरा मुँह उसकी चूत से सटा दिया कि उसके होंठों और मंजरी की चूत के होंठों में से हवा भी न गुज़र सके.
मंजरी शायद पुलकित से भी ज़्यादा उत्तेजित थी, क्योंकि पुलकित एक बार स्खलित हो चुका था, मगर मंजरी नहीं हो पाई थी. इसी वजह से जैसे जैसे पुलकित मंजरी की चूत चाटता जा रहा था, मंजरी की तड़प बढ़ती जा रही थी.
अब तो मंजरी पुलकित के लंड को खा जाने की हद तक चूस रही थी, कभी कभी तो वो उसका पूरा का पूरा लंड निगल जाती, और उसके लंड की जड़ में जा कर अपने दाँतो से काट देती. कभी कभी मंजरी इतनी ज़ोर से अपनी कमर को झटका देती के पुलकित का मुँह उसकी चूत से फिसल जाता, मगर उसने भी मंजरी की कमर को पूरी मजबूती से पकड़ा हुआ था.
जितना मंजरी तड़पती, उतना पुलकित उसे काबू कर के रखता. लंड मुँह में होने के बावजूद मंजरी के मुँह से ‘ऊंह… ऊँ… हूँ…’ निकल रही थी.
आज तो ये आलम था कि अगर मंजरी का बस चलता तो वो पुलकित के लंड को चबा कर खा जाती.
तड़प बढ़ती गई और तड़पते तड़पते, उछलते कूदते, मंजरी स्खलित हो गई. जब वो स्खलित हुई तो उसने पुलकित का लंड अपना मुँह से निकाल दिया और उसकी जांघ पर बहुत ज़ोर से काट लिया. पुलकित को दर्द हुआ, पर फिर भी उसने मंजरी की चूत चाटनी नहीं छोड़ी. मंजरी अपने दोनों हाथों से पुलकित का सर अपनी दोनों जांघों से निकालना चाहती थी, वो चाहती थी कि पुलकित के होंठ उसकी चूत से हट जाएँ, मगर पुलकित उसको शांत होने से पहले छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए उसने मंजरी को खूब तड़पाया.
बहुत तड़प के बाद मंजरी शांत हुई तो पुलकित ने अपना मुँह ऊपर उठाया. मंजरी के बोबों के दोनों निप्पल तीर की तरह तीखे ऊपर को उठे हुये थे. मंजरी को हल्का पसीना भी आ रहा था, तेज़ तेज़ चलती सांस, तेज़ धक धक धड़कता दिल.
उसने पुलकित की ओर देखा- तुमने तो मुझे मार ही दिया था, मुझे नहीं पता था कि सेक्स करने में इतना मज़ा आता है, मेरे तो सारा बदन झनझना उठा है.
कह कर वो पुलकित की ओर देख कर मुस्कुराई. उसके चेहरे पर बहुत ही संतुष्टि के और पुलकित के लिए प्रेम के भाव थे.
पुलकित बोला- अब मैं अपना काम भी कर लूँ.
मंजरी ने अपने हाथ में पुलकित का लंड पकड़ा और अपनी और खींच कर बोली- मेरी क्या औकात स्वामी कि मैं आप को रोक सकूँ!
पुलकित ने मंजरी को उल्टा कर के लेटाया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डाल दिया. गीली भीगी चूत में उसका लंड फच्च से घुस गया. मंजरी को दर्द हुआ पर वो संतुष्ट हो कर लेटी रही.
अगले 10 मिनट तक पुलकित ने अपनी पूरी ताकत लगा दी मंजरी पर. पूरे ज़ोर से वो अपना लंड मंजरी की चूत के अंदर मारता, मंजरी को लगता जैसे पुलकित का लंड उसके पेट तक पहुँच जाता हो. मगर वो अब पुलकित के हर ज़ुल्मो सितम को सहने को तैयार थी.
वो शांत लेटी रही और पुलकित उसे फिर किसी वहशी की तरह नोचे जा रहा था.
मगर अब मंजरी को इस नोचने में भी आनन्द आ रहा था. इस बार फिर पुलकित ने मंजरी से पहले हार मान ली. हालांकि एक मिनट और भी वो खुद को रोक लेता तो मंजरी भी उसके साथ ही धराशायी हो जाती. मगर जैसे ही पुलकित स्खलित हुआ, मंजरी बोली- थोड़ी देर और करो यार, मेरा भी होने वाला है.
मगर तब तक पुलकित की विकेट गिर चुकी थी, वो निढाल होकर गिर गया.
मंजरी ने तभी अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत में डाली और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और 10 सेकंड में ही उसने भी अपनी जांघें भींच ली. दो बदन निहाल हुये पड़े थे, कितनी देर दोनों नंगे लेटे रहे, फिर दोनों ने उठ कर कपड़े पहने और खुद को और कमरे को व्यवस्थित किया.
उसके बाद मंजरी पुलकित की गोद में सर रख कर लेट गई और सो गई.
पुलकित टीवी देखता रहा.
करीब एक घंटे बाद माधुरी और उसका बेटा घर वापिस आए.
जब माधुरी कमरे में घुसी तो बोली- यह कैसी अजीब से गंध आ रही है कमरे से?
मगर पुलकित और मंजरी दोनों मुकर गए- कैसी गंध? हमें तो नहीं आ रही, कहीं बाहर से आ रही होगी.
खैर माधुरी भी थकी थी, कपड़े बदल कर सब सो गए.
सुबह पुलकित अपने घर चला गया.
उसके बाद 4 साल तक मंजरी और पुलकित का अफेयर चला. मगर पुलकित ने उस से शादी नहीं की. पुलकित तो मन ही मन मंजरी को मंजरी नहीं कंजरी कहता था. उसे तो चूत से मतलब था.
मंजरी को भी पता था कि वो उसका रिश्ते में भाई लगता है तो दोनों की शादी होना मुश्किल है. और दोनों का यह अफेयर तो चला ही चुदाई के लिए थी.
पता नहीं क्यों जिस लड़की को लड़का खुद शादी से पहले चोद लेता है, उस से शादी क्यों नहीं करता.
शायद लड़का यह सोचता है कि शादी से पहले ही चुद गई तो पता नहीं किस किस से चुदती होगी.

Reply


Messages In This Thread
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ - by desiaks - 02-23-2021, 12:19 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,453,026 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,967 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,212,790 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,813 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,307 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,080 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,912,469 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,929,460 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,982,474 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,359 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)