RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 4
चाची मुझे दो सेकंड के लिए देखति रही, फिर उन्होंने मुझसे कहा ठीक किया, वर्ना
बानियाँन भी ख़राब हो जाती. फिर हम सफाई करने लगे.
तक्रीबन दो घंटे सफाई का काम चला, और मैंने गोर किया की आंटी मेरे अंडर वेअर को कई
बार देखति और फिर आँखें चुरा लेती थी. फिर जब सफाई ख़त्म करके हम ड्राइंग रूम में
आये तो में सोफ़े पर पैर फैला के बैठ गया, जिससे मेरे अंडर वेअर में से कुछ बाल और
शायद मेरा लंड भी दिख रहा था चाची भी मेरे पीछे पीछे आई और मेरे अंडर वेअर को
देखने लगी, फिर ३-४ सेकण्ड्स के बाद उन्होंने कहा की रेशु जाओ तुमने अपना शॉर्ट्स क्यों उतार
दीया? और ऐसे अपने चाची के सामने बैठने से शर्म नहीं आती? तो मैंने कहा की आरे चाची
मुझे बाद में याद् आया की यह शॉर्ट्स तो मैंने पिछले हफ्ते ही ख़रीदा हे और ज्यादा ख़राब हो
गया तो खराब हो जायेगा इसीलिए मैंने इसे भी उतार दिया और रही दूसरी बात, आपके सामने कैसी
शर्म? बचपन में आपने मुझे बहुत बार नुड देखा होगा ना.तो इस पर चाची ने कहा, की तब की बात और थी, तब तुम अच्छे बच्चे थे, लेकिन अब ऐसी
हरकते करने लगे हो की पडोसी के सामने जाने से भी डर लगता हे. मैं फिर थोडा सा
शर्मिंदा हो गया और चाची के सामने से नज़रें हटाकर दूसरी तरफ देखने लगा. चाची मेरी फीलिंग्स को समझ गयी थी, इसीलिए बाद में हंस पड़ी और कहा की अरे बाबा में
तो मज़ाक़ कर रही थी. फिर उन्होंने कहा,चाची अरे रेशु, एक बात बताओगे?
मैं- हा, चाचि..चाची- तुमने उस दिन के बाद फिर वो किया हे क्या?
मै थोड़ा सा चोंक गया, पर मैंने कहा “नही औंटी”. तो वो बोलि,”नहीं मुझे नहीं लगता, तुम सच बताओ.मैं- हा, आंटी दो तीन बार किया हे. चाची “आच्छा, इसका मतलब तुमने कमसे काम १०-१५ बार किया होगा,. “अच्छा एक और बात बताओ? उस दिन
तूम किसे सोचकर कर रहे थे, की तुम खिड़की बंद करना भी भूल गए थे. सच
बताना, में सच सुनना चाहती हू. मुझे पता चल रहा था की चाची अब अपने बारे में सुनना चाहती हे. तो मैंने कहा की में
नही बताऊंगा. तो उन्होंने कहा की में तुम्हे नहीं डाटूंगी. तुम खुल के अपनी चाची से बातचीत
करो.
मैं- नहीं चाचि, आप नराज़ हो जाएगी.
चाची- नहीं में बिलकुल गुस्सा नहीं करुँगी.
मैं- चाची, में इस बात को यही तक रखना चाहता हू, मुझे पता हे आप इसे सुन नहीं
पयेंगी, इसलिए में आपसे नहीं कह पाऊंगा.
इतने में डोरबेल बजी और मैंने चाची से कहा की में शॉर्ट्स पहन कर आता हू. और में
उठकर अपने रूम में चला गया और चाची दरवाजा खोलने लगी. देखा तो चाचाजी आये हुए
थे, उन्होंने आते ही कहा कि, मुझे जरा आज मुंबई जाना पड़ेगा, अपना खुद का हॉस्पिटल खोलने
के लिए मेरे दोस्त ने एक कंपनी से बात करके रक्खी हे, में अब शायद कल ही आउंगा. मैं
शोर्ट्स पहन कर आया तो चाचा ने कहा, आरे वाह भाई आज तो तुमने काफी अच्छी मदद की अपनी
चाची की, अच्छा आज में रात को नहीं आउंगा, तो घर पर ही रहना. मैंने कहा ठीक हे, और
चाची के बारे में पूछ, तो उन्होंने कहा की वह किचन में खाना गरम कर रही हे. मैं फिर
किचन में चला गया और देखा तो चाची गैस पर कुछ गरम कर रही थी, अरे क्या मस्त
उनकी बैक और अस्स लग रही थी. मैं बस उन्हें देखता रहा. लेकिन पता नहीं उन्हें कैसे पता चल गया,वह फिर डबल मीनिंग में बोलि, वही से क्या देख रहे हो, पास आ कर देखो. में
हीम्मत कर के ठीक चाची के पीछे चला गया और उनसे सट कर उनके कंधे पर अपना मुँह
रखा और पूछा
मैं- क्या कर रही हो आंटी?
चाची- बस खाना गर्म कर रही हू.मै तो बस वहॉ से चाची के बॉब्स की क्लीवेज देख रहा था चाची भी यह जानती थी लेकिन कुछ बोली नही. मैं खड़ा रहा था थोड़ी देर बाद चाची ने
कहा, कुछ काम नहीं हे तो अपने चाचा के पास जा कर बैठ में आती हू.मै अब सोच में पड़ गया की क्या बहाना बनाऊ, तो मैंने कहा की चाची मुझे आपसे कुछ्
कहना हे.
चाची- हाँ बोलो
मैं- चाची, आप पुछ रही थी न की में किसे देख कर वह सब कर रहा था?
चाची-“ह्म्म्म” अब मेरा हाथ चाची के अस्स पर रक्खा था
मैं- वोह...क्या है..चाची- आरे बताना?
मैं- चाची, वह आप थी,मैने हिम्मत कर के बोल दिया और चाची के रिस्पांस का इंतज़ार करने लगा.मुझे पता था की वह दिखावे के लिए गुस्सा करेंगी, पर उससे उल्टा हुआ.चाची रेशु....यह, बेटा यह तू क्या कह रहा हे? तुझे पता भी हे? चल तू अब यहाँ से जा,तेरे
चाचा सुन लेंगे, तो क्या से क्या हो जायेगा? हे भगवन इसे तो यह भी नहीं पता की कब क्या
बोलणा चाहिए और क्या नहीं?मैं- आय ऍम सॉरी, चाची.चाची- तू अभी जा ना..मै वहॉ से आ कर डायनिंग टेबल पर बैठ गया और चाची के आने का इंतज़ार करने लगा.
चाची आई और हम खाना खाने लगे, लेकिन चाची मुझसे बात नहीं कर रही थी. बाद में एक
घँटे के बाद चाचा निकल गए और में उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ कर वापस आया.चाची अपने रूम में नहीं थी, मैंने कॉल किया तो डिसकनेक्ट कर दिया. फिर एक घंटे के बद
चाची घर आयी
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