RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 23
तो फिर कपडे पहन के नहाना चाहते हो क्य...? और वो अपने मुँह पर हाथ रख के मुस्कुरा पडी. मैने भी अब अपने कपडे उतारना शुरू किया और एक के बाद एक अपने शर्ट के सारे बटन खोल डाले और शर्ट उतार के साइड में रख दिया. तब दीदी ने भी बड़े सिडक्टिव अंदाज़ में मेरे सीने पर हाथ रक्खा और कहा
.ओहः.. रेशु, अब समझि तुमने आज वेस्ट नहीं पहनी थी, इसीलिए कब से पसीने से बद्बू मार रहे थे. दीदी ने मुझे चिड़ाने के लिए कहा और यह सुनकर मैंने भी वो किया जो वो चाहती थी, मैंने भी उन्हें खिंच कर अपनी बाँहों में भर लिया और उनसे सट के लिपट गया, और अपने दोनों हाथों में जैसे वो टूट रही हो वैसे जम चुकी थी, मैंने फिर दीद से कहा
.क्यों दीदी पसिना कैसे लग रहा हे..? “आई होप की मज़ा आ रहा होगा”.. मैंने भी फिर से नहले पे दहला मारते हुए कहा.फिर दीदी भी मेरे सिने से अपने फेस को उठाय और मेरी और देखा और कहा,
.”सच कहूं..रेशु मज़ा आ रहा हे”... और फिर से वो हंस पड़ी और में भी थोड़ा सा शॉक हो गया. और वो मेरे पकड़ से आज़ाद हो गयी, फिर उन्होंने कहा की चलो मेरा टाइम वेस्ट मत करो और अपना पैंट भी उतारो, तो मैंने दीदी से कहा की ठीक हे और में घूम कर दीवार की और मुँह कर के अपने पैंट का हुक खोलने लगा, तो दीदी ने पूछ ही लिया जो में चाहता था .अरे पीछे क्यों घूम गया...? तो मैंने कहा की “दीदी तुम्हे तो कोई शर्म नहीं पर मुझे तो शर्म आयेगी ना”..
.अच्छा इतना शर्माना था तो नहाने के लिए उतावला क्यों हो रहा थे..? “और वैसे भी इतना शरमायेगा तो पता नहीं आगे क्या करेगा”.? दीदी ने भी अपने साडी का पीछे रहने वाला खुला सिरा घुमा कर अपने नैवेल के पास साडी में फसा दिया और मैंने पैंट उतरना शुरू किया और जानबूझ कर पैंट को कमर से निचे उतार ते वक़्त एक साइड से अपना अंडरवेअर भी निचे कर दिया और अपने गांड चिक की एक झलक दीदी को दे दी और फिर से अंडरवेअर को अच्छे से पहन लिया, फिर मैंने पैंट को निचे ही रहने दिया ओर दीवार की तरफ मुँह कर के शावर ऑन कर दिया और खुद को भिगो लिया. फिर दीद से कहा की अब सोप लगाओ दीदी.
फ्रेंड्स, में इतना शर्मा तो नहीं रहा था पर एक बात थी की जब तक दीदी अपने मुँह से नहीं कहती तब तक उनके साथ सेक्स तो नहीं करुँगा और तब तक सिड्यूस करना हे जब तक वो अपने आप कहने पर टूट जाए, फिर दीदी ने कहा की
.अरे उधर मुँह कर के क्यों खड़ा हे.? इधर मेरी और घुम्.. दीद ऑफ़ कोर्स मेरे तने हुए लंड की और देखने चाहती थी.
.नही.. दीद पहले आप मेरी बैक पर साबून लगा दो.. मैंने भी दीदी को अपनी बैक थमा दी. वो भी ठीक हे बोल कर मेरी और साबून ले कर आई और मैंने शावर बंद कर दिया ता की वो भीग न जाये और वो आ कर पहले मेरे पीठ पर साबून लगया और जोर जोर स घिसा भी फिर मेरी नैक के पीछे और मेरी नैक पे भी साबून लगया और फिर खुद ही अपने आप मेरे पास आ कर मेरे पीछे से ही मेरे सीने पर सोप मसलने लगी और एक दो बार तो मेरे नीप्लेस पर जोर भी दि, फिर वो मेरे सीने से निचे उतर के मेरे पेट् पे साबून लगाई और पीछे कमर पे भी अपने हाथ रगड़ने लगी और फिरसे अपने हाथ आगे ले कर मेरे नैवल के साथ भी कुछ देर खेला और बाद में अपने हाथ मेरे नैवल से निचे लाने लागी, मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था मैंने अपनी आँखें बंद कर ली पर दीदी ने अपने हाथ फिर से कमर पर ले लिए और कहा
.अच्छा रेशु अब इसे भी खोल दो, साबून लगाना हे.. ऑफ़ कोर्स दीदी का इशारा मेरी अंडरवेअर की और था लेकिन मैंने कहा की दीदी वहा रहने दो में खुद लगा लूँगा आप बस पैर पर साबून लगा दो, फिर दो सेकंड तक उन्होंने कुछ बोला नहीं और मेरे पाँव पर साबून लगाने लगी, मुझे फिर अपने पर गुस्सा आया की में तो सोच रहा था की दीदी खुद ही मज़ाक़ में मेरा अंडरवेअर उतार देगी पर में गलत निकला और दीद मेरी जाँघ पे साबून लगाने के बाद निचे तक साबून लगा दिया और फिर अचानक से मेरा अंडरवेअर निचे खिंच लिया और में कुछ सोच भी नहीं पाया फिर मैंने दीदी की और देखा, कुछ कहा नहीं कहता भी क्य, कुछ कहने को अब था नही. फिर वो भी मेरी और देखने लगी और मेरी गांड पर उन्होंने अपना हाथ रक्खा और साबून लगाने लगी और बहुत ध्यान से देख भी रही थी, फिर दीदी के हाथ धीरे धीरे मेरे गांड क्रैक में घूसने लगे और उन्होंने एक दो बार मेरे गांड क्रैक को खोलने की कोशिश भी की पर ज्यादा हिम्मत नहीं कर पाई तो मैंने अपने आप ही अपने दोनों पाँव फैला दिए और दीदी के अक्शन का इंतज़ार करने लगा,
फिर दीदी ने भी अपने हाथ मेरे गांड होल से चिपका कर वहॉ खूब मसाज किया और बाद में मेरे दोनों लटकते बॉल्स को अपने हाथ में पकड़ लिया. अब मेरे से रहा नहीं गया, दीदी ने बहुत सिड्यूस कर लिया अब मेरी बरी थी. मैंने ऊपर एक मॉनिंग साउंड करते हुए दीदी से कहा
.आआ..हहह... दीदी प्लीज यहाँ कुछ मत करो... में दीदी की और नहीं देख रहा था कयूं..क्या हुआ रेशु? . दीदी ने मेरे मन की सिचुएशन जानते हुए भी मुझसे पूछा.
.ओह्हः.. कुछ हो रहा हे, स्ट्रेंज सा, पता नहीं क्या हो रहा हे.. पर अच्छा लग रहा हे.. दीदी के हाथ मेरी बातें सुनते वक़्त रुक गए पर फिर से उसे सेहलाने लगे और ऑफ़ कोर्स मेरा लंड अब खड़ा हो चुक्का था
.अच्छा लग रहा हे तो फिर रोकता क्यों हे...? और दीदी मस्ती में मेरे बॉल्स को सहलाने लगी, वो भी बहुत चाहती थी की उसे मुँह में लेकर चूसे पर शर्म नाम की भी कोई चीज़ होती हे, फिर दीदी ने आगे बढ़ते हुए मेरे लंड पर अपनी ऊंगलियां फेरी और फिर कहा
.रेशु.अब आगे घूम जाओ चलो.. दीदी अपनी नीज के बल पर बैठी थी और मेरे तने हुए लंड को देखने के लिए बेक़रार हो रही थी. पर मैंने कहा की दीदी नहीं शर्म आ रही हे, तो दीदी ने कह्, अरे अब तक तू शर्म की पूँछ पकड़ के बैठा हे और दीदी ने मुझे मेरे गांड को पकड़ते हुए घुमा दिया और मेरी गांड को नजदीक से देखने के चक्कर में वो मेरे नजदीक बैठी थी तो मेरा ताना हुआ लंड दीदी के सामने तो आ गया पर दीदी के ठीक राईट गाल को प्यार से टच भी किया और अब दीदी सब भूल गयी और मेरे लंड को ही देखने लगी, और में भी दीदी को डिस्टर्ब किये बिना उन्हें देख रहा था फिर कुछ देर बाद दीदी को होश आया और वो होश में आते हुए मेरी और देखि और में तो उन्हें ही देख रहा था जैसे ही दीदी ने मेरी और देखा तो मैंने दीदी को नॉटी सी स्माइल दी और दीदी भी अपने आप हँसते हुए फिर से मेरे लंड को देखने लगी और साबून ले कर उसे भी अपने हाथ में ले लिया और में फिर से मोअन कर पडा इस बार दीदी से आँख चुराने का सवाल नहीं था और दीदी ने मेरी और देखा पर मैंने नज़रें फेर ली और दीदी अब मेरे लंड को साबून लगाने के चक्कर में आगेपीछे करने लगी और में भी यही चाहता था फिर दीदी जब रुक गयी तो मैंने दीदी से कहा, प्लीज दीदी थोड़ा टाइम और करो ना.. और दीदी भी मेरे कहने के इंतज़ार में ही थी और में भी अपने वीर्य के झटकने का इंतज़ार करने लगा और दीदी भी जोश में ही हैंडजॉब कर रही थी. फिर दीदी ने और जोर लगा के आगे पीछे करना शुरू किया और में भी फकिंग के फंतासी में था फिर दीदी ने स्ट्रेंज सा किया, हलाकि स्ट्रेंज नहीं था बस वो अपने आप को रोक नहीं पाई होगी, उन्होंने मेरे लंड के आगे वाले टिप के पार्ट को एक किस दी और में झड पडा, मेरे लंड से वीर्य की धार निकलने लगी और शुक्रा की बात यह थी की सब धार दीदी के लिप्स, चिन और दीदी के क्लीवेज पर पड़ रही थी, दीदी यह सब देख रही थी पर कुछ बोली नही, और मैंने भी आखरी बूँदे जानबूझ कर दीदी के ब्लाउज पर ही गिरा दि, और जब झड़ना बंद हो गया तो दीदी ने बनावटी गुस्सा बनाते हुए मुझसे कहा
.उफ्फ्फ्.. रेशु, यह क्या किया तुमने.. शर्म नहीं आती? अपनी बहिन के साथ ऐसा करते हो.?
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