RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 24
और वो खड़ी हो गयी, और फिर से कहा
.ऊफ. अब यह साफ़ भी नहीं होगा... दीदी के असली ग़ुस्से और नकली में बिलकुल पता चल रहा था मैंने भी दीदी के लेफ्ट हैंड को पकड़ा और दीदी को टोटली टर्न करते हुए अपनी बाँहों में भर लिया, अब दीदी मेरे आगे और में दीदी के पीछे था मेरे हाथ दीदी के पेट् पर थे, मैंने दीदी को पेट् से पकड़ा था इसिलिये. फिर दीदी ने पूछा,
.”रेशु.. अब तुम क्या कर रहे हो? छोडो मुझे”...
मैंने भी दीदी के काण में फुसफुसा कर कहा .बस.. दीदि, में अभी इसे साफ़ कर देता हू, प्लीज . और ऐसा कह कर मैंने दीदी का राईट हैंड अपने राईट हैंड से पकड़ा और दीदी के राईट हैंड को पेट से उठाते हुए मैंने दीदी के लिप्स पर रक्खा और फिर समझ कर दीदी की मिडिल फिंगर से दीदी के लिप्स पर गिरे अपने वीर्य ड्रॉप्स को साफ़ करने लगा और फिर फोरस्फुल्ली दीदी की मिडिल फिंगर को दीदी के मुँह में दाल दिया और दीदी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा, दीदी भी बाय गॉड फुल सपोर्ट में थी, वो भी आँखें बंद कर के अपने ही मुँह में अपनी ऊँगली लेने का मज़ा ले रही थी, मेरा मानना था की शायद यह पहली बार कर रही थी वो या शायद उन्हें पहली बार इतना मज़ा आ रहा था इसीलिए वो अपनी ऊँगली को मुँह से बाहर नहीं निकालना चाहती थी, फिर मैंने दीदी के न चाहने के बावजूद दीदी के मुँह से ऊँगली निकाली और दीदी के फिर से राईट हैंड को पकड़ के दीदी के चिन से ड्रॉप्स साफ़ की और इस बार दीदी ने फोरस्फुल्ली अपने पूरे हाथ को उठाया और अपने मुँह में भी दाल दिया, अब वो पूरी तरह मेरे कण्ट्रोल में थी, मैंने फिर दीदी के हाथ को उनके मुँह से बाहर निकाला और अपने हाथ से उनके हाथ को पकड़ के दीदी के सीने पर रक्खा और अपने हाथ से उनका हाथ घुमाने लगा, फिर मैंने दीदी का पल्लो अपने लेफ्ट हैंड से जो की नैवल के पास बढ़ा था उसे छोड़ दिया और दीदी के काण में कहा,
.दीदी..यह पल्लू,बीच में आ रहा हे, हटा दू क्य...? जवाब पता था पर पूछ्ना जरूरी था,
.हटा दो. दीदी ने कह दिया, और मैंने लेफ्ट हैंड से दीद का पल्लू हटाया और राईट हैंड से दीदी के पूरे सीने पर दीदी का हाथ घुमाने लगा, या मनो दीदी के पूरे सीने पर में अपना वीर्य फैला रहा था फिर मैंने दीदी का हाथ दीदी के ब्लाउज के अंदर दाल दिया और साथ में अपना हाथ भी और फिर मैंने अपने हाथ को दीदी के हाथ पर रक्खा और स्लोवली और स्लोवली दबाने लगा, आह आह फ्रेंड्स कितना मज़ा आ रहा था आप भी शायद इमेजिन कर पाएंग़े.मैन कुछ देर दीदी के बॉब्स दबाने का मज़ा उठाने लगा और दीदी भी, अब वो पूरी तरह ढीली हो चुकी थी, दीदी का सारा बदन मुझ पर पड़ रहा था फिर मैंने दीदी के निप्पल को पकड़ा और उसे दबाया और दीदी के मुँह से मॉनिंग की स्लो आवाज़ें आने लगी फिर मैंने पीछे से स्लोवली कॉक ऑन कर के शावर चालू कर दिया था की दीदी तेज़ फव्वारे से खड़ी न हो जाये और अब हम दोनों भीगने लगे, में तो भीगा था ही पर में दीदी को भीगाना चाहता था दीदी को पता चला की वो भीग रही हे, पर मैंने दीदी को उठने नहीं दिया और दीदी के बॉब्स पर जोर दे कर फिर से अपने सीने से चिपका दिया और इससे पहले की दीद कुछ कहे, मैंने कहा की
.दीदी..कुछ नही, बस शावर ऑन हे, दाग धोने के लिये, आई होप यु डोंट माइंड. और दीदी ने भी कहै
.आई एम ओके, रेशु चाहो तो शावर बढा दो.. दीदी के ऐसा कहने का ही मानो इंतज़ार था और मैंने शावर बढा दिया और दीदी के बॉब्स से फिर खेल्ने लगा और मैंने फिर लेफ्ट हैंड से साड़ी जो नैवेल के पास लगयी होती ने वाहन हाथ दाल कर उसे धीरे धीरे खिंच कर बाहर निकाल दिया और अब दीदी की पूरी साडी खुल गयी, ऊपर से पल्लू तो पहले ही हटा दिया था और फिर इससे पूरी साडी निचे गिर गयी. अब मैंने दीदी के ब्लाउज के बटन पे अपना हाथ डाला और दोनों हाथो से पहला बटन खोलने लगा, मैंने अपना हाथ दीदी के ब्लाउज से बाहर निकाला पर अभी तक दीदी ने अपना हाथ अंदर ही रक्खा और खुद ही अपने बॉब्स को दबाये जा रही थी, मैंने धीरे से दीदी के सारे हुक खोल दिए और अब मैंने दीदी को आराम से हटाया और घुमा के अपने सीने से दीदी को चिपका दिया और फिर पीछे से दीदी के ब्लाउज को खींच लिया, अब दीदी मेरे सामने ब्रा और पेन्टी में ही थी. फिर आराम से मैंने दीदी की ब्रा का भी हुक खोला और दीदी से कहा
.दीदी प्लीज ब्रा भी उतार दिजिये ना...
.नहीं रेशु..तुम पागल तो नहीं हो रहे... दीदी के मुँह से यह जवाब सुनकर में हैरान रेह गया क्यों की मुझे लग रहा था की दीदी उस सिचुएशन में थी की वो मेरी हर बात मान जाती पर दीदी ने मना कर दीया.
.शीट.थिस इस नोट फैअर, आप मुझे न्यूड कर सकती हे और अपने आप होने से क्यों हिचकिचा रही हे.? और ऐसा कहते ही मैंने दीदी के कंधे से ब्रा के स्ट्राप खिंच डाले और दीदी के बॉब्स मेरे सामने नंगे हो गयी. मैं हल्का सा घबराया कीकहीं इस हलकी सी जबरदस्ती से दीदी गुस्सा नहीं हो जाये पर और कुछ न सोचते हुए मैंने दीदी को फिर से अपने पास खींच लिया और बाँहों में भर के दीदी को किस करने लगा, शोल्डर पर, चिकस्, काण पर पूरे मुँह पर किस कर दिए और इस तरह चूमने के बाद मैंने दीदी को अपने से अलग किया, अब वो शायद भूल चुकी थी की मैंने उनकी इजाज़त के बगैर उनकी ब्रा उतार दी हे, फिर मैंने दीदी को अलग करके कहा
.क्यों दीदि, इस नहले का कोई जवाब हैं क्या.? और नॉटी सा मुस्कराया. और दीदी भी मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और मुझे कस के जोर से पकड़ा और अपनी बाँहों में भर लिया और फिर वो मेरे लिप्स तक नहीं पहुँचि तो वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और अपने पाँव मेरे गांड के पास लप्पेट के मेरे ठीक सामने आ गयी और अपने हाथ मेरे नैक के पास ले लिये, फिर मैंने भी इस मौके को न छोड़ते हुए मैंने दीदी की बैक को पकड़ा और फिर दीदी ने रिलैक्स होते हुए मेरे गालो पे अपने हाथ रक्खे और मेरे लिप्स को अपने लिप्स से जकड लिया और चूसने लगी, यह मेरे लिए कोई शॉक नहीं था यह एक्सपेक्टेड था पर कभी कभी जो एक्सपेक्ट किया होता हे वो भी इतना हसीन होता हे की मज़्ज़ा आ जाए, अब तो कोई रुकना ही नहीं था मैंने भी दीदी के सर को पीछे से पकड़ा और अपने लिप्स से चिपका के रक्खा और मस्त चूसने लगा, फिर मैंने अपना सलीवा दीदी के मुँह में छोड़ दिया और दीदी ने आँखें खोल के मेरी और देखा, अब उन्हें पता था की हम दोनों के बीच में क्या हो रहा हे, इसीलिए उन्होंने अपने लिप्स को अलग किया और मुझे देखकर सोचने लगी, शायद यही सोच रही थी की जो भी हो रहा हे , सही हे या नही, इधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो रहा था और दीदी की चुत को टच कर रहा था लेकिन दीदी ने मुझे छोड़ दिया और बाहर जाने लगी, तो में भी उनके पीछे दौड़ा और बाहर निकलते ही दीदी का रूम था मैंने दीदी के हाथ को पकड़ा और फिर से अपनी और घुमा के अपने से सटा लिया और फिर से किस करने लगा, दीदी ने भी रेस्पॉन्स किया पर अभी भी वो उल्झन में थी, फिर में उनके रूम में ही दाखिल हो गया और दीदी को बेड पर गिरा दिया और फिर से उन्हें किस करने लगा, और दोनों हाथों से उनके बॉब्स दबाने लगा, उनके निप्पल्स कड़क हो चुके द, लेकिन वो अभी भी मेरी जीभ को अपने मुँह में नहीं ले रही थी, मतलब अभी थोड़ी सी हिचकिचाहट बाकि थी, तो मैंने भी दीदी को छोड़ा और दीदी की और देख कर बड़े प्यार से प्लीज कहा
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