RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 28
फिर मैंने अपना मुँह चुत से निकाला, मेरा लंड तो कब का टाइट कर दिया था, दीदी ने और फिर मैंने अपनी दीदी के चुत पे अपना लंड घिसा और दीदी के चुत के निचे हिस्से पर अपना सुपाडा वाला पार्ट रक्खा और उसे ऊपर करने लगा, वहा तक जहाँ तक मेरे दोनों बॉल्स भी दीदी की चुत को महसूस हो, दीदी अब मेरा लंड अंदर लेने के लिया तड़प उठी थी, मेरा ऐसे तीन चार बार तडपाने से वो बोल उठी
”रेशु..प्लीज् ऐसे मत करो, प्लीज अंदर डालो ना, बहुत सही कर रहे हो”... दीदी की आवाज़ में तड़प थी.
मैने भी दीदी से कहा की दीदी आपके ऐसा बोलने का ही इंतज़ार था और मैंने अपना सूपाडा दीदी के चुत के ऊपर रक्खा और,
लेफ्ट हैंड से दीदी की चुत को फैला के चुत में लंड दाल दिया, पहले तो चुत में पूरा लंड गया नहीं और फिर मैंने दूसरी बार जोर लगा के पूरा लंड अंदर दाल दिया तो दीदी मेरा पूरा लंड अंदर पा के मचल उठी की बेड पे कमर मोड़ के उठने लगी और तडपने लगी,
बाद में मैंने दीदी को पकड़ लिया और दीदी को बेड पर ठीक से लिटा दिया और मैंने दीदी के लिप्स को फिर से अपने लिप्स में कैद कर लिया और चुस्सने लगा,
और निचे आराम से लंड अंदर बाहर करने लगा, अभी ऑफ़ कोर्स दीदी को मज़ा आने वाला था उन्हें दर्द नहीं हो रहा था में भी आराम से लिप् किस कर रहा था और आराम से दीदी को चोद रहा था
दीदी भी मज़े ले रही थी, फिर मैंने दीदी के लिप्स को आज़ाद करते हुए उनके बॉब्स को चूसने लगा और दबाने लगा,
क्या मस्त बॉब्स थे और मैंने फिर चोदने की स्पीड थोड़ी बधाई और बॉब्स को चूसने की स्पीड भी,
फिर मैंने दीदी अपने राईट साइड से एक तकिए उठाय और उसे दीदी के कामर के निचे रख दिया और दीदी फिर से अपनी वही पोजीशन में आ गई और दीदी के दोनों पाँव फैला लिये, अब दीदी समझ गयी थी की अब रियल पिक्चर स्टार्ट होने वाली हे,
और मैंने दीदी को चोदने की स्पीड और भी तेज़ कर दी और दीदी के मुँह में से अब “आह, ओह, यस, यस, “फ़क मि हार्डर”...याह की आवाज़ें भी तेज़ हो गयी,
और में उन्हें बिना रुके चोदता रह, फिर मैंने दीदी के लेफ्ट पाँव को अपने हाथ में उठा लिया और अपने कंधे पर रक्खा और चुदाई तो ज़री ही थी,
दीदी के आँखों में अब दर्द साफ़ हो रहा था और वो कह रही थी,
ओह.रेशु.प्लीज धीरे धीरे और उनसे अब बोला नहीं जा रहा था और लब्ज़ अब उनके लिप्स में टूटने लगे थे,
फिर मैंने दीदी को ऊपर थोड़ा सरका दिया और में भी उनके साइड में हो के चोदने लगा उस पोज में मुझे मज़ा नहीं आया तो मैंने दीदी को डॉगी स्टाइल बिठा दिया और दीदी को झटके मारने लगा,
बड़ा अच्छा लग रहा था और मेरे हर झटके पे दीदी आगे जाती और चिल्लाती थी,
फिर मैंने दीदी को फिर से मिशनरी पोजीशन में ले दिया और फिर अपने दोनों हाथ दीदी के कंधे पर रक्खे और दीदी को चोदना शुरू किया,
तक़रीबन एक घंटे से में चोद रहा था और दीदी भी इतनी लम्बी चुदाई से थोड़ी सी हैरान थी,
उनके सारे बाल भीग चुके थे, और उनके सारे बदन पर बिखर चुके थे,
इतनी लम्बी चुदाई उन्होंने शायद कभी सही नहीं थी,
और अब तो उनका चिल्लने में से आवाज़ भी कम हो चुकी थी,
फिर मैंने एक बार सट से झटका दिया की दीदी झड गयी और मुझसे उठ कर लिपट गयी,
दीदी पूरी पसीने से भीग चुकी थी, हम जब बाथरूम से आये थे,
तभी वो पाणी से भीगी हुई थी और थकावट से, मैंने भी उन्हें अपने बाहों में भर लिया,
पर अभी मेरा झड़ना बाकि था इसीलिए मैंने तो चुदाई जारी रक्खी और फिर से उन्हें लिटा दिया और अपनी स्पीड और भी बढा दि,
अब तो मेरी और दीदी की जांघे तकरने से जो आवाज़ होती थी वो अब एक आवाज़ हुई नहीं की दूसरी बार में दीदी को झटके से तकरा जाता था अब दीदी थक के बेहाल थी और वो अब रियेक्ट करना छोड़ चुकी थी,
फ्रेंड्स जब औरत स्याटिसफ़ाय हो जाती हे तो वो अपना शरीर एक दम ढीला छोड़ देती हे और वैसे ही दीदी का शरीर अब ढीला हो चुक्का था उनका हाथ अब रिस्पांस नहीं दे रहा था न ही अब आवाज़ आ रही थी, बस मुँह पर दर्द के एक्सप्रेशंस आ रहे थे.
अब फ्रेंड्स में भी अब थक गया था और एक्ससिटेमेंट से लगा की अब में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने और स्पीड बड़ाई और दीदी से कहा
”दीदी लगता हे अब में भी फिनिश करने वाला हू”...
.”अंदर ही कर दो.. रेशु, बहुत अच्छा लग रहा हे”.. दीदी ने थकन के मारे आँखें बंद से ही जवाब दिया.
पर दीदी प्रेगनेंसी..?
.सोचो मत. चिंता मत करो.. ओर मैंने दीदी के अंदर ही अपना सारा वीर्य छोड़ दिया और दीदी के ऊपर गिर पडा बॉस में भी बहुत थक गया था मैं. भी पसीने से तरबतर था और दीदी भी.
हम दोनों में से कोई भी अब कुछ बात करने के सिचुएशन में नहीं थे और मुझे बाद में पता ही नहीं की कब आँखें बंद हो गयी और कब सुबह के १० बज गये.
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