RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 56
आखरी पेशेंट भी निपट गया, और उसके जाने के बाद चाची अपनी सिट पे ही बैठी थी.
चाची के दोनों हाथ अदब बना के दोनों बॉब्स को और भी उभार दे रहे थे, में भी ठीक चाची के सामने बैठा था हालाँकि चाची से नजरें नहीं मिला रहा था पर चाची तो मानो जैसे बहुत ग़ुस्से में हो ऐसे मुझे घूरे जा रही थी.
तक़रीबन एक मिनट तक एकदम साइलेंस रहा,
क्लिनिक मे.
चाची मुझे देख रही थी और में अपने आप को बचा रहा था पर चाची को देखना भी चाहता था बॉस नीले ब्लाउज और वाइट साड़ी में चाची का क्रीमी बदन मस्त लग रहा था बाहर अँधेरा होने लगा था चाची ने फिर पहल की और अपनी चेयर से उठी और मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी और फिर से किसी स्ट्रिक्ट टीचर के तरह अपने दोनों हाथ अदाब बना के बंद कर दिये.
बॉस वो ग़ुस्से में भी बड़ी क़यामत ढा रही थी, और डर में भी मेरा लंड खड़ा होये जा रहा था
“यह क्या था रेशू.?
साला सवाल भी ऐसा जिसका कोई जवाब नहीं था मेरे पास.
मैं बस मासूम बन के चाची को देखता रहा.
मेरे दिमाग में यह चल रहा था की अगर चाची पहले अपने मन से ढेर सारा बोलने लगे तो फिर बहुत जल्दी उनका बनावटी गुस्सा भी कम हो जायेगा और बाद में सिड्यूस भी किया जा सकता हे,
में बस चाची के सामने मासूम बना रहा.
“रेशु, तुम लिमिट्स भूल रहे हो, तुम्हे ऐसा काम करते शर्म कैसे नहीं आयी...हाँ मैंने कहा था की मुझसे शरमाने की कोई जरूरत नही, इसका मतलब ये नहीं की तुम भूल जाओ की में तुम्हारी चाची हू”.
“सोर्री..चाचि आगे से ऐसा नहीं होगा”
“व्हाट सॉरी,अगर किसी को पता चल जाता तो,यह पब्लिक प्लेस हे, तुम बड़े हो रहे हो इसका मतलब ये नहीं की तुम कुछ भी ओपन में करो, देखो रेशु, तुम अच्छे लड़के हो, बहुत इंटेलीजेंट हो, घर में सब को तुम पर प्राउड भी हे, पर तुम अपने बिहेवियर पे ध्यान दो, प्लीज ऐसा कोई काम मत करो जिससे पूरे घर को शर्मिंदा होना पडे”
मैने चाची के यह सब कहते ही अपना मुँह शर्म के मारे लटका लिया हो ऐसे निचे कर दिया और फिर से सॉरी कहा,
लेकिन अब चाची नरम पड़ती लग रही थी.
पहले तो उन्होंने डाँटा पर बाद में मेरी तारिफ़ भी की तुम बड़े इंटेलीजेंट हो सब को मुझ पे प्राउड हे.
मतलब वो अब ठीक और नार्मल थी. जैसे ही मैंने अपना मुँह निचे लटकाया की चाची ने अपने हाथ खोल दिए और मेरे पास आ के मेरे मुँह को ऊपर उठाया और मेरी और देखने लगी,
में जो की बेड पे बैठा था इसीलिए मेरा मुँह ठीक चाची के सीने के पास था इसीलिए मैंने भी तुरंत मूव करते हुए चाची की कमर को पकड़ा और सट से चाची जो की मुझसे थोड़ा दूरी पर थी,
तो चाची को मैंने अपने पास खीच लिया और अपना मुँह चाची के बॉब्स पर रख दिया.
चाचि के ठीक बॉब्स पर मेरा मुँह था चाची कुछ गलत समझे इससे पहले ही मैंने चाची के सीने से लगते ही एक बार फिर से सॉरी कहा और कहा.
”आई ऍम सॉरी चाची, फॉर हर्टिंग फ़ॉर यु, पर आगे से ऐसा कभी नहीं करूँगा”.
अब चाची की कोई टेंशन नहीं थी, चाची ने मेरे सर पे अपना हाथ रक्खा और सहलाने लगी.
चाची को यकीन आ गया की वो मुझे डराणे में क़ामयाब रही हे,
इसीलिए वो भी अब खुद फ्री हो के मेरे बालों को सहलाने लगी.
मैं भी चाची के बूब्स की गर्माहट एन्जॉय कर रहा था फिर मैंने अपना हाथ चाची के पीठ पे सहलाना शुरू किया और ब्लाउज के पास ले जाते ही पीछे से थोड़ा जोर भी लगाया,
बॉस चाची के बॉब्स मेरे गाल पे मस्त फील हो रहे थे. नो डाउट चाची भी मेरी इस हरकत को समझ रही थी पर वो भी एन्जॉय कर रही थी.
और ये चाची जो मेरे सर पे हल्का हल्का दबाव डाल रही थी,
उससे पता चल रहा था मैं भी हल्का चाची के निप्पल्स के पास एडजस्ट हो गया और मेरे हिलने से चाची भी हरकत में आ गयी और मुझसे छूटने लगी,
पर मैंने चाची से कहा चाची प्लीज बालों को सहलाओ ना बड़ा अच्छा लग रहा हे.
अब चाची के पास कोई बचाव नहीं था क्यूंकि जब बच्चा डाँट खाने के बाद जिद करे तो वो जिद पूरी होती ही हे,
इसीलिए अब तक में भी नरम बना रहा था और सॉरी सॉरी कहे जा रहा था चाची ने भी मुझे अभी अभी जोर का डांटा था और अब मेरी बारी थी डिमांड रखने कि, और चाची भी तो एन्जॉय कर रही थी, इसीलिए चाची ने भी हटने का ट्राय छोड़ दि और मेरे करीब आके मेरे बालों को सहलाने लगी, इधर में भी चाची के निप्पल के पास पहुँचने में क़ामयाब हो गया और मेरे होठ बिलकुल चाची के निप्पल के ऊपर थे.
मैं यह सोच में था की इसे मुँह में लू की नही.
पर मैंने अपने हाथों से चाची के ओपन कमर पे सहलाते सहलाते चाची की गांड पे ले जाने लगा और इधर चाची के बॉब्स पर भी दबाव बनाने लगा और थोड़ी देर तक अपने होठ को चाची की निप्पल से छुआ और चाची ने कुछ न कहते हुए मैंने चाची की निप्पल को फिर अपने मुँह में ले लिया पर में साइड से बैठा था इसीलिए ठीक से साइड से निप्पल मुँह में आ नहीं रही थी.
इस सिचुएशन में मज़ा तो आ रहा था इसीलिए ये सोच रहा था की कोई हरकत करून की नही.
लेकिन ऐसे काम बन नहीं रहा था तो मैंने अपना मुँह टर्न किया और साइड की बजाय सीधा हो के बैठ गया.
तो माय सरप्राइज चाची ने कहा
“ह्म्म्मम् ऐसे ठीक से बैठोगे तो, मुझे बाल सहलाने में और जूएं हो तो निकालने में आसानी होगी.. बॉस मेरी तो चांदी हो गयी,
और अपने आप पे थोड़ा सा गुस्सा भी आया की साला मेरे दिमाग में ये जुओं का आईडिया क्यों नहीं आया पर अब तो ये कन्फर्म था की चाची रेडी तो होगी पर नाटक कर सकती हे, लेकिन बाद में आईडिया भी देगी.
अब से चाची की हर एक हिंट को समझना पडेगा.
मैं अब ठीक से बैठ गया और बिना कोई देर किये मैंने अपने लिप्स अब ठीक चाची के निप्पल पे रख दीये इधर मेरे हाथ चाची की गांड तक पहुँचने लगे थे. मैंने हलके से चाची की गांड पे अपने हाथ रक्खे,
कोई जोर नहीं किया क्यूँकि एक बार अगर चाची हरकत में आ गयी तो पूरा सिन बिगड जायेगा, ऐसा सोच के मैंने बस अपने हाथ चाची के गांड पर आराम से रक्खे और इधर जो निप्पल मेरे मुँह में था उसे मैंने हलके से चूसना शुरू किया,
आआह्ह कितना मज़ा आ रहा था मैं चाची के निप्पल को चूस रहा था
मुझे अपने पे यकीन नहीं हो रहा था लेकिन मेरे से रहा नहीं गया और अपने हाथों से चाची को और पास लाने में मैंने चाची को अपनी और खिंचा
और इतने में चाची ने अपने आप को सम्हल लिया
और मुझे देखा तो मेरे मुँह में चाची का निप्पल था
और जैसे ही चाची के हाथ मेरे सर पे रुके तो मैंने भी चाची की और देखा
और अभी भी चाची का निप्पल मेरे मुँह में था टोटली शॉक्ड..
और चूसना भी बंद हो गया था
पर मुँह से वो जाता अच्छा नहीं लग रहा था और चाची भी दो सेकण्ड्स के लिए मुझे और बाद में मेरे मुँह में फसे अपने बूब्स को देखति रही,
लेकिन अपने आप को फिर से सम्हाला और झटके से मुझसे दूर हो गयी और अपने मुँह पे अपने दोनों हाथ रख दीये,
शॉक के मारे उनकी आँखें बड़ी हो गयी थी.
फिर चाची मेरे से नजरें न मिला सकी और वो घूम के अपने दोनों हाथ अपने टेबल पे रख के सर निचे कर के खड़ी हो गयी और शायद खुद पे गुस्सा हो रही थी.
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