RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 60
चाचा और चाची के जाने के बाद मैं घर मे अकेला हो गया कुछ काम तो था नही लैपटॉप खोलकर मेल्स चेक करने लगा इतने मे मेरा मोबाइल बजने लगा देखा तो अननोन नंबर था मैंने मोबाइल उठाकर हैलो कहा तो वह मेरी स्कूल की फ्रैंड पायल थी उसने कहा “भोसडीके कहा है आजकल कुछ फोन नही मेसेज नही” मैने कहा “साली रंडी गांव आया हु कुछ दिनों के लिये” वह बोली “साले वहा क्या अपनी मरवाने गया है” दोस्तो आप सोच रहे होंगे यह हम गाली देकर क्यों बाते कर रहे है तो दोस्तो स्कूल में हम तीन दोस्त थे मैं पायल और टीना तीनो हमेशा गाली गलौच से बाते करते थे, टीना की वजहसे, टीना हमेशा गाली देकर ही बात करती थी. पायल बोली “साले कुत्ते टीना का फोन आया था वह तुझे बहुत याद कर रही थी” मैंने कहा “वह रंडी पुणे में अपनी मरवा रही है अब कभी कभी फोन करती है तू अब कहा है रंडी” पायल बोली “भोसडीके मैं राजकोट में मामा के यहा आई हूं साले तेरी बहुत याद आती है तो उंगली करती रहती हूं, चल साले रख सूरत आने के बाद तुझे मिलूंगी” मैंने कहा “अरे यार मैं अब अहमदाबाद में रहता हूं चाचा के साथ छुट्टियों में सूरत आऊंगा तब मिलेंगे ठीक है ओके बाय” फिर मैंने फोन काट दिया
लेकिन मुझे अपनी 11वीं क्लास की टीना नहीं भूलती है, जिसके साथ मैंने पहली बार इस खेल को खेला, मजे की बात तो ये है कि दोनों गाली खूब बक लेते थे, चुदाई के बारे में (जब वो मुझसे खुल गई तब की बात है) बातें भी खूब बढ़ा चढ़ा कर कर लिया करते थे, लेकिन जब सच से सामना हुआ तो हम दोनों ही मुख चोद (मुंह से बोलने वाले) ही निकले.
फ़्लैश बैक:-पायल और टीना
हमारे घर के पास में ऐसा कोई अच्छा स्कूल नहीं था जहाँ मैं अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रख पाता, इसलिये मुझे शहर आना पड़ा और शहर के एक अच्छे स्कूल में एडमिशन लेना पड़ा.मेरे पापा ने स्कूल के पास ही एक होस्टल में रहने का इंतजाम कर दिया.
मेरा पहला दिन तो ऐसे ही गुजर गया. एक लड़का मेरे साथ बैठा और उस दिन का स्कूल खत्म होते-होते वो मेरा दोस्त बन गया. उस स्कूल की पहले से पढ़ने वाली टीना पर मेरी नजर पहले ही दिन गई तो मेरे अन्दर उसके प्रति एक अजीब सी कशिश सी होने लगी.वो सांवली सलोनी थी, बहोत खूबसूरत थी बिल्कुल फिल्मी एक्टर नंदिता दास की तरह दिखती थी बड़े-बड़े आँख वाली थी और उसकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ा हुआ था जो काफी स्टाईलिश था.इतेफाक से वो मेरी आगे वाली सीट पर बैठ गई, उसके जिस्म से सेन्ट की खूशबू भी आ रही थी, मैं उसके बारे में लंच तक सोचता ही रहा, पढ़ने में मन नहीं लग रहा था, लेकिन टीना ने एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा.
लंच में मैंने अपने उसी दोस्त, जिसका नाम जिग्नेश था, उससे पूछा, तो वो बोला- पढ़ने में अच्छी है, हेल्प भी करती है लेकिन किसी ने उसको छेड़ा तो हरामी, कुत्ता और न जाने पूरी क्लास के सामने क्या-क्या बोल देती है, इसलिये लड़के उससे दूर की दोस्ती ही करते हैं.
जैसे-तैसे मेरा वो दिन बीता.
दूसरे दिन सुबह जब हम लोग स्कूल पहुंचे तो मेरी क्लास में टीना, पायल और मैं तीन ही लोग थे, हम लोग सुबह जल्दी स्कूल आ गये थे.मैंने टीना को देखा तो उसके पास हाथ बढ़ाते हुए बोला- हाय मैं ऋषभ हूँ!तुरन्त ही मुझको झिड़कते हुए बोली- तो आरती उतारू हिसाब में ही रहो, ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो.
मुझे यह बात चुभ गई, तभी पायल अपना हाथ बढ़ाते हुए अपना परिचय दिया और टीना को हल्का झिड़कते हुए बोली- इन्ट्रोड्क्शन ही तो दे रहा था, क्यों बिगड़ती हो, नया है.मैंने भी उसे चिढ़ाते हुए पायल से बोला- क्यों पायल जी, इनकी मम्मी इनको रोज स्कूल डाँट कर ही भेजती है क्या, जो ये इस तरह से बात करती है.इससे पहले टीना कुछ कहती, क्लास के दूसरे और बच्चे आ गये. वो भुनभुनाती रही, लेकिन कुछ बोल नहीं पाई.
लंच तक तो वक्त
निकल गया, लेकिन लंच के बाद एक हादसा हो गया, टीना उठी और मुझे कस कर एक चांटा रसीद कर दिया, मेरा हाथ मेरी गाल पर था, मुझे समझ में नहीं आया कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया.बॉयो की क्लास चल रही थी, सर तुरन्त पलट कर मेरी तरफ देखने लगे, मुझसे मेरा नाम प्रीवियस स्कूल के बारे में पूछा और फिर टीना से मुझे मारने का कारण पूछने लगे, तो टीना बोली कि सर ये लड़का मेरे पीछे टच कर रहा है.अब मेरी हवा तो सरक गई, टीचर मेरे पास आये और एक तमाचा और रसीद कर दिया, मैं लाख कहता रह गया लेकिन किसी ने भी मेरी बात नहीं सुनी, स्कूल के दूसरे दिन ही मेरी अच्छी बेईज्जती हो गई थी, मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे.
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