RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 91
फिर जब चाचा की कार आई तब चाची उठी, और एक दम शॉक हो के अपने कपडे पहनने लगी, में बाहर जा के चाचा से बातें करने लगा, इतने में चाची चेंज कर के आई और वो फिर चाचा को शक़ न आये इसीलिए किचन में जा के चाय बनाने लगी. चाची की चाल से साफ़ लग रहा था की चाची की गांड फट चुकी हे, और इसमेंसे दर्द हो रहा हे. फिर में भी थोड़ी देर में किचन में पाणी पीने गया, चाची अब भी बात तो नहीं कर रही थी, पर मेरे जाने से दुखी तो थी. मैंने भी चाचीसे कहा
“चाची, ये दर्द कल तक चला जायेगा, पर कल के बाद आप मुझे याद करेंगी”..
लेकिन चाची ने उस टाइम न सुनती हो ऐसे अपना काम करने लगी. मैं बाहर आ गया और चाय पी के जाने लगा. चाचा मुझे छोड़ने स्टेशन आ रहे थे, में जब कार में बैठा तब चाची ने कहा
“रेशु, हो सके तो जल्दी आना”..
मैने भी मुस्कुरा के हाँ कहा और कार चल पडी, मैंने मूड के देखा और हाथ हिलाया तो चाची भी हाथ हिला रही थी. चाची ने जो कहा वो मिक्स्ड सेंटेंस लगा, वो एक तरह से सिर्फ कहने को कहा था पर ऐसा भी लग रहा था की वो दिल से कह रही थी. खैर में परेंट्स से मिलने के लिए घर को निकला और बस में बस छोटी चाची के बारे में ही विचार आ रहे थे. मंदिर में चाची की गांड को दबाना, और चाची का भी मान जाना, फिर क्लिनिक में चाची को फिंगरिंग करते देखना, चाची का थोड़ा सा मिक्स्ड रिस्पांस हर बार मुझसे ही शुरुआत चाहना. बस में एक घंटे का सफर था पर बस ऐसे ही सोचते सोचते बीत गया.
बडी चाची के बारे में भी ख्याल आया और कोमल दीदी के बारे में भी सोचा और दोनों को बहुत दिनों से कॉल नहीं किया था तो मैंने दोनों से फ़ोन पे बात की और दोनों ही मुझे मिस कर रही थी, मैंने बताया की दो तीन दिन में में लौट आउंगा और ये सुन के दोनों खुश हो गयी. बॉस चाची तो थोड़ा सा ज्यादा ही एक्ससायटेड थी, मेरे आने से, हो भी क्यों ना, बड़े दिनों से मुलाकात नहीं हुई थी.
फिर में घर पहुंचा, तब शायद ६ बज रहे थे और पता था की घर पे शायद माँ अकेली ही होगी, पर तो मैं सरप्राइज डैड भी आ गए थे मुझे सरप्राइज देख के उन्होंने कहा की बड़े दिनों बाद आ रहे हो तो तुम्हारे लिए टाइम निकालना ही था फिर मैंने उनके पाँव छुये और माँ से जान बूझ के गले मिला, माँ को थोड़ा सा अजीब लगा पर कुछ कहा नही, मैंने हलके से माँ के पीठ पे हाथ भी फिराया, मुझे भी इतनी जल्दी ऐसे करना ठीक नहीं लगा पर फिर इसके बारे में बड़ा सोचा नही, माँ ने भी इसे इग्नोर कर दिया.
फिर उस दिन कुछ तो ख़ास नहीं हुआ, और मैंने भी शुरू शुरू में ज्यादा करना मुनसिब नहीं सम्झ.रात को खाना निपटा के में अपने रूम में था की छोटी चाची का एसएमएस आया.
“कैसे हो रेशु.?
तो मैंने रिप्लाई करने के बजाय कॉल ही कर दिया और कहा
“मैं ठीक हूँ चाची, पर आप को ऐसे एसएमएस के जरिये बात करने की जरुरत नही, आप कॉल भी तो कर सकती थी. लेकिन अच्छा लगा”..
“रेशु, सच में तुमने कहा था पता नहीं मुझे तब क्यों गुस्सा आ गया था आई एम सॉरी”.. चाची सच में ग़लती फील कर रही थी.
“अरे चाची, ऐसे सॉरी कहने की कोई जरूरत नही, ऐसे तकलीफ में गुस्सा आना नार्मल हे, और बाद में वो उतर भी जाता हे”. . मैंने चाची को कंसोल करने की कोशिश की.
फिर चाची ने आराम से बात की और एन्ड में कहा भी की हो सके तो जल्दी आना, तो मैंने कहा की चाची अब तो अगले साल ही मुमकीन लग रहा हे, नेक्स्ट इयर स्टार्ट हो रहा हे, और पढना भी जरूरी हे.
“रेशु, तुम वाकई, अच्छे लड़के हो”..
“मुझे पता हे., चाची”...
ओर फिर हँसते हँसते चाची को बाई कहा और कॉल डिसकनेक्ट कर के अपने पर प्रौड़ भी आया की जो सोचा था वही हुआ. चाची से बात कर के अच्छा लगा, फिर मैंने माँ के बारे में सोचा और मन में विचार आगया की चलो देखता हू, कोई रिप्लाई आया की नही, मैंने लैपटॉप ओपन किया और देखा तो माँ की और से कोई रिप्लाई नहीं था मुझे थोड़ी सी हैरानी सी हुई कि, माँ ने ये जानने की भी कोशिश नहीं की, की कौन ये सब मेल भेज रहा हे. तो मैंने इस बार १० इरोटिक स्टोरीज माँ को मेल कर दि, अब तो पक्का यकीन था की माँ रिप्लाई तो करेंगी. और में माँ के बारे में सोच सोच के मूठ मार के सो गया.
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