RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 93
माँ बाई बोल के चलि गयी, मैंने फिर अपना लैपटॉप लिया और माँ को इस बार एक नया मेल भेजा,
“मे आई कंटिन्यू और नॉट? बस इतना सा सवाल एक बोल्ड से लेटर में लिख के भेजा, पर वो भी साला बेक़ार, शाम तक माँ भी क्लिनिक से आ गयी, पर जवाब नहीं आया. फिर में इस ट्रिक को छोड़ के कोई और प्लान के बारे में सोच्ने लगा. इतना तो पता था की पापा को अस्थमा था मतलब वो माँ के साथ सेक्स नहीं कर सकते, पर क्या माँ सेक्स में इंटेरेस्टेड हे की नही, ये अभी मेरे लिए क्वेश्चन था क्यूँकि अगर माँ को इंटरेस्ट हे, और प्यास हे, तो मेरा काम आसान हे, पर अगर माँ को इंटरेस्ट ही नही, तो पहले इंटरेस्ट जगाना पड़ेगा, और काम थोड़ा सा मुश्क़िल और लम्बा बन जायेगा. बड़ी चाची, कोमल दीदी और छोटी चाची के बारे में तो पता चल गया था की वो सेक्स के लिए हंगरी हे पर माँ के बारे में पता नहीं था जैसे ही माँ के एक्टिवा के आने की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने फ़टाफ़ट एक नया प्लान सोचा और फ़टाफ़ट अपने कपडे उतार दिया और बस वी-शेप अंडरवेअर ही पेहन रक्खा और एक्सरसाइज करने लगा. माँ ने घर में आने के बाद जब तक मेरे रूम में आई तब तक में अपने बदन पे थोड़ा सा पसिना जमा चुका था और मेरे बैक पे और सीने पे काफी पसिना आ गया था में पुश उपस कर रहा था जब माँ ने मेरे रूम का दूर ओपन किया. माँ ने देखा की में सिर्फ अंडरवेअर में हू,
“ओह..सॉरी, रेशु”. और वो दरवाजा बंद कर के वापस जा रही थी.
“माँ प्लीज फॉर्मल मत बने, आप अंदर आ सकती हे”. माँ के लिए ये थोड़ा सा अजीब था क्यूँकि माँ के साथ ऐसे पहले कभी कन्वर्सेशन नहीं हुआ था और वो मुझे ऐसे पहले बार देख रही थी, फिर भी माँ से मैंने कहा तो माँ धीरे से दबे पाँव सोचते सोचते हुये, मेरे बेड पे आ के बैठ गयी. माँ ऑफ़ कोर्स मुझे ही देखे जा रही थी. मैं भी माँ के साइड में ही रह के एक्सरसाइज कर रहा था
“रेशु, ये एक्सरसाइज का कब से चस्का लगा”.? माँ ने पहली बार मुझे ऐसे देखा था तो ऐसे ही पूछ लिया.
“बस माँ कॉलेज में, फ्रेंड्स के साथ जिम में जाता था तो वहीँ से आदत लग गयी, और अब तो रोज़ करता हू, तो मज़ा आता हे”.. और ऐसे कह्के में उठ गया. और माँ को अपने बाइसेप्स फुला के दिखाए. माँ सच में एक टक मेरे बदन को देख रही थी, लेकिन फिर नाटक करते हुए कहा की “जा जाके नहा ले, पसीने से बेहाल हो गया हे”. और वो उठ के बाहर चलि गयी.
मों के जाने के बाद, ऐसा लगा की हश कुछ तो शुरुआत हुई, माँ ने न सही मेरी और से तो तरय कंटिन्यू ही होना चहिये. माँ दरवाजे से निकलते हुए, जाते जाते मेरी और पलट के देखने लगी, और जैसे ही माँ ने मेरी और नज़र कर के देखा तो मैंने भी माँ को देख लिया और माँ ने फिर बहाना कर के मेरे रूम का डरवाजा बंद किया, बस ये बताने के लिए की वो मुझे नहीं बस दरवाजा बंद करने के लिए मूड़ी थी.
मै फिर बाथरूम में जा के फ्रेश हो गया और नाईट ड्रेस में चेंज कर लिया. फिर में बाहर आ के माँ के साथ ड्राइंग रूम में बैठा माँ ऐसे ही बैठी थी. पापा ने डिनर के लिए बाहर जाने का प्रॉमिस किया था तो उन्हें डिनर की झंझट नहीं थी.
“रेशु..अहमदबाद में कैसे लग रहा हे... में माँ के पास बैठा और उन्हें अब ठीक से बात करने को टाइम मिला.
“बस माँ आप देखिये ना, कैसा लग रहा हू”... मैंने माँ को जवाब देणे के बहाने से नया टॉपिक भी खोल दिया और सवाल के बदले सवाल भी पूछ लिया.
“ह्म्म्म..वईसे तो काफी अच्छे लग रहे हो, अहमदाबाद जा क़र, बड़े अच्छे लग रहे हो, लेकिन एक साल में काफी बदल गए हो, ऐसा लग रहा हे”.. बस ये बदलने वाली बात माँ बोले उस बात का इंतज़ार था
“क्यूँ मोम..क्या हुआ”...
“नही..कुछ खास नही, पहले थोड़े से शरमीले थे, अब थोड़ा सा खुल के बात करते हो, एक्सरसाइज भी करने लगे हो, लेकिन पहले से काफी अच्छे भी लग रहे हो. अब लगता हे तुम बड़े हो गए हो”.. माँ ने साफ़ कर दिया की मुझे बस अंडरवेअर में देखने के बाद वो मुझे बच्चा नहीं एक आदमी की तरह सोचने लगी हे. चलो पहला गेम छोटा था पर सही निकला. अब माँ के डिस्क्रिप्शन का मेरे पास कोई सवाल या जवाब नहीं था तो में शर्मा गया और माँ के सामने ही शर्मा के सर निचे कर के देखने लगा.
“अरे इसमें शर्माने की क्या बात हे, अभी अभी तो कहा की अब शरमाते नहीं तो अच्छे लग रहे हो”.. बॉस एक तरह से माँ ग्रीन सिग्नल दे रही थी की शर्माओ मत्, और जो चाहे वो करो. मैं अभी भी कोई बात करने की सिचुएशन में नहीं था माँ समझ रही थी की उनकी बातों से मुझे शर्म आ रही हे तो उन्होंने बात चेंज करते हुए कह्
“अच्छा वो सब छोडो, यह बतओ, कोमल कैसी हे..? पता नहीं चला की माँ अचानक कोमल दीदी के बारे में क्यों पूछ रही हे.
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