RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 95
साला ये तो जाने का दिन आ गया, और कुछ भी नहीं हुआ, लेकिन ये तो होना ही था माँ हे एक दो दिन में कैसे पटने वाली थी, लेकिन इतना पक्का हो गया था की माँ दूसरे दिन जब उठी और में फ्रेश हो के बाहर ड्राइंग रूम में आया तो माँ ने अपना पल्लु ठीक किया.ये साफ़ इशारा था की वो अब समझ चुकी हे की में भी दूसरे मर्दो की तरह उन्हें सेक्स की नजऱों से देखता हू. और तो और जब में उनके नजदीक से पास हुआ तो उन्होंने मेरे लंड की और देखा, ये भी इशारा था की माँ को अब भी सेक्स की प्यास हे, क्यूँकि उन्होंने मुझे सिर्फ अंडरवेअर में देखा और अब मेरे क्रोच की और देख रही थी..बोस मेरा काम बन रहा था मुझे अब यकीन हो रहा था की माँ अब भी सेक्सुअली एक्टिव हे, और मुझे बस ये ही जानना था.की अगर माँ में सेक्स की प्यास हे, तो किसी भी तरह से माँ को पटा लूँगा मुझे शाम को निकलना था पापा क्लिनिक को निकल गये, माँ लेट जाती थी इसीलिए हम दोनों ही बैठे रहे, लेकिन बात करने को कोई टॉपिक नहीं था तो माँ ने नॉर्मली ही पूछ लिया
“रेशु..पैकिंग कर ली क्या तुमणे...?
“नहीं माँ.बाकि हे, लेकिन में कर लूंगा..
“तेरा ना..एक काम ढंग का नहीं होता, चल ठीक हे, में करे देती हू.. और वो उठ के मेरे रूम में चलि गयी, और मैंने टीवी ऑन कर दिया और म्यूजिक चैनल जोर से लगा के माँ के पीछे पीछे अपने रूम की और चल दिया. माँ दरवाजे की और पीठ कर के बैठी थी, और पीछे से क्या मस्त लग रही थी, में माँ को ही देख रहा था माँ ने मेरे एक एक कर के कपडे मोड़ के अच्छे से बैग में भर्ना शुरू किया और पहले सब जीन्स रखने के बाद, टी-शर्ट्स और शर्ट्स रक्खे, फिर में झट से बाथरूम में गया और अपने बनियन और अंडरवेअर ले के आ गया. माँ अब बैग बंद ही कर रही थी की में रूम में आ गया, और माँ कसम से इतनी इंटेलीजेंट हे की मेरे आने की आहट से ही उन्होंने मेरी और मूड के देखा की कौन रूम में आया हे, मुझे कुछ कहने की जरूरत ही नहीं पडी.
फिर जैसे ही माँ ने मेरी और देखा तो में बनियन और अंडरवेअर ले के बेड पे माँ के सामने बैठ गया और माँ ने अंडरवेअर को देखते हुए कहा
“ला, इसे भी रख देती हू, वर्ना भूल जायेगा,,.. और ऐसा कहते हुए हलके से मेरे सर पे मारा. और सर पे मारते वक़्त उन्होंने अपना हाथ उठाय और क्लीवेज देखने को मिला,बॉस मज़ा आ गया. इतने में ही एक आईडिया दिमाग में आया और मैंने अपने बनियन को अपने कंधे पे रक्खा हुआ था तो माँ को कहा
“माँ आप कौन सा, डिटर्जेंट इस्तेमाल करती हो? .
“क्यूं...?
“अरे माँ मस्त हे, इसमें से मस्त खुशबू आ रही हे... और मैंने माँ के सामने अपने बनियन को सूँघा और माँ की और दे दि, फिर अपने हाथ में रक्खे हुए एक अंडरवेअर को हाथ में लिया और उसे भी सूंघा, और कभी कभी में अंडरवेअर में मूठ मारता था इसीलिए उसकी खुशबू आ रही थी, और लाइट ब्राउन कलर के अंडरवेअर पे तो वाइट वाइट हलके से दाग भी थे. मैं वो अंडरवेअर माँ की और कर दिया, माँ ने पहले मेरी बात को मज़ाक में उड़ा दिया पर फिर कुछ सोचा और मेरे बनियन की बजाय मेरे अंडरवेअर को अपने हाथ में लिया, फिर मेरी और देखा और मैंने स्माइल दी माँ को, माँ ने फिर अपने हाथ को उठा के नाक के पास लायी और मेरे अंडरवेअर को सूँघने लगी, मस्त यार माँ ने दो नहीं तीन बार उसे सूंघा, और वो भी डीपलि. फिर माँ ने कुछ कहा नहीं पर मेरे अंडरवेअर को बैग ओपन कर के उसमे रखने लगी, और रखने से पहले माँ ने उसमे लगे वाइट दाग भी देखे, माँ का चेहरा शर्म से हल्का लाल हो गया और आँखों की भावनाएं बदली है उससे अंदाज़ा आ गया, लेकिन माँ ने कुछ कहा नही. फिर मेरा दिया हुआ बनियान भी बैग में रखा, ऐसी एक जोड़ी मेरे हाथ में थी, तो माँ ने फिर मेरे हाथ से बनियाँ लिया और उसे झट से बैग में डाला और अब मेरे हाथ में लास्ट अंडरवेअर था
“ला, जरा देखूं तो इसमें से भी स्मेल आ रही हे क्या”...? और माँ ने इसे भी दो तीन बार मस्त गहरी सांस लेते हुए सूंघा. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में उठने लगा था माँ भी सिड्यूस हो रही थी. ऐसा मस्त लग रहा था माँ के सामने बैठ के माँ को ऐसे देखना.
“सही कह रहा हे तु, बड़ी अच्छी स्मेल आ रही हे”.. और ज्यादा कुछ कहा नहीं और अंडरवेअर को बैग में दाल के बैग बंद कर दिया. और मुझसे कहा की उन्हें २-३ घंटे के लिए क्लिनिक जाना पड़ेगा, तो वो हो के आती हे. मैंने भी ठीक हे, कहा और माँ निकल गयी.
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