RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 101
हाँ माँ अच्छा लग रहा हे.. मैंने माँ के सवाल का जवाब दिया तो मेरे होठ माँ के सीने से चिपक के बोल रहे थे, मैंने अब धीरे से माँ की साडी हटा दी थी और अब माँ के बॉब्स का क्लीवेज मेरे लिए ओपन था और मैंने माँ के क्लीवेज पे ही अपने होठ रख दिये और माँ कुछ न कहे इसीलिए माँ का ध्यान बटाने के लिये, माँ के थाइस पे अपना पाँव दो बार हिलाया और इस दौरन मैंने माँ के बैक पे फिर से प्रेशर किया और इससे माँ के क्लीवेज पे जो गैप था उसमे मेरे होठ चले गये, ओहो, सच में ये मानने को ही मुश्क़िल था की माँ से थोड़ी झीझक थी तो अभी माँ के बॉब्स और मेरे मुँह के बीच बस ब्लाउज का ही आवरण था पर ये ब्लाउज हटाना ही मुश्क़िल था
अब तो माँ भी शायद अपने होश खो रही थी, माँ के पाँव भी मेरे पाँव पे चल्ने लगे थे, में माँ के साथ ऐसे कुछ नहीं करना चाहता था की बाद में माँ को गिल्टी फील हो, लेकिन हट्ने का भी मन नहि हो रहा था तो में ऐसे ही मज़े ले रहा था फिर माँ ने मुझे अपने से अलग किया और न चाहते हुए भी मैंने माँ के क्लीवेज से अपने होठ हटाये, और मैंने देखा की वो पार्ट गीला हो गया था माँ ने मुझे हटा के, ठीक से लिटाया और कहा
“रेशु..कुछ लगा दुं, क्या”?
“नही..मोम में ठीक हू, बस आप ऐसे ही लेटे रहो,अच्छा लग रहा हे.. मैंने हीम्मत कर के कह दिया, माँ को भी सुन के अच्छा लगा और वो मुस्कुरायी और फिर उठ के विक्स ले के आई और बेड पे बैठ गयी और मैंने जानबूझ के टी-शर्ट उतार दि, हालाँकि उसकी कोई जरूरत नहीं थी पर मेरे दिल में आया और मैंने उतार दी. माँ मेरे पास आ के बैठ गयी और मेरे सीने पे अपने मस्त हाथों से विक्स लगाने लगी, आह मस्त पल था वो बॉस, माँ ने एक दो बार मेरे निप्पल पे हाथ भी घुमाया और घूमते टाइम माँ ने मेरी और देखा, में माँ को ही देख रहा था पर मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और माँ ने फिर से एक दो बार मेरे निप्पल्स पे हाथ फिराया और मुझे हल्का सा प्रेशर भी फील हुआ. फिर माँ ने मेरे गले पे और मेरे सर पे भी विक्स लगाया, माँ भी सच में बहुत सेक्सुअली एक्टिव थी, वो चाहती तो साइड में बैठ के थोड़ा सा आगे आ के आराम से लगा सकती थी पर वो हिली नहीं और वहीँ बैठे बैठे, वो मेरे सर पे विक्स लगाने के लिए आगे झुकि और मेरे सीने पे माँ के बॉब्स आ गयी, और माँ ने हम दोनों के सीने के बीच में हवा आने की कोई गुंजाईश नहीं छोडी और वो फिर विक्स लगाने लगी. मेरी आँखें बन्द्द थी, पर वो अपने सीने पे बॉब्स का फील सच में अमेजिंग था मेरा लंड टाइट हो गया था पर अभी टाइम नहीं था
माँ ने मेरे सर पे विक्स लगा के, साइड में रक्खा और गाल पे एक किस दे के मुझे गुड नाईट कहा और लाइट्स ऑफ कर के वो मेरे साइड में सो गयी, मुझे सच में माँ के ऐसे छूने से ही नींद आ गयी. कसम से में सोना नहीं चाहता था पर माँ ने सच में माहौल ऐसा कर दिया था की नींद आ ही गयी.
मैं सुबह उठा तो भी लेट की माँ को मेरे रूम में रेडी होते देख नहीं पाया, और वो रेडी हो के चाचा और चाचीसे बात कर रही थी. मैं फ्रेश हो के बाहर आया, तो सब साथ में नाश्ता करने बैठे, चाची जानबूझ के मेरे साथ में बैठ गयी और माँ मेरे सामने, चाचा साइड में बैठे थे, वो सिर्फ चाय पीते थे. सब नाश्ता कर रहे थे, तभी चाची ने मेरे थाइस पे हाथ रक्खा और सहलाने लगी, चाची बड़ी नॉटी हो रही थी, मुझे भी अच्छा लग रहा था,ऐसे सब के सामने चुप चुप के हरक़तें करना. तो मैंने भी चाची की चुत के पास अपना हाथ रक्खा, तो चाची ने अपना हाथ हटा लिया ता की किसी को शक़ न हो जाये, पर माँ को कुछ डाउट सा लगा, लेकिन उन्होंने निचे देखा नही. फिर मैंने डर के अपना हाथ ऊपर ले लिया, तो बड़ी चाची ने अपना हाथ मेरे लंड पे रक्खा और मूठी में ले के मसलने लगी, वो खड़ा होने लगा था माँ को सच में डाउट हो गया था तो उन्होंने नैचुरली चम्मच निचे गिरायी और उठाने के लिए निचे झुकी, पर जैसे ही माँ ने चम्मच निचे गिरायी, तो चाची भी इंटेलीजेंट थी तो उन्होंने अपना हाथ हटा लिया और ऊपर कर लिया, पर मेरा इरेक्शन माँ को नज़र आ गया.लेकिन कुछ पूछ नहीं सकती थी वह. मैंने चाची की और भवे तांन कर के देखा तो चाची ने भी इशारो से सॉरी कहा फिर नाश्ता निपटा के वो तीनो, बीमार रिलेटिव के यहाँ निकल गयी..
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