XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
02-27-2021, 01:13 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 103

मैं बहुत बोर हो रहा था तभी मुझे एक खयाल आया कि क्यों ना कोमल दीदी को फोन किया जाये मैंने दीदी को फोन किया दीदी ने फोन उठाया
दीदी-हाय रेशु आज कैसे याद किया
मैं-क्या दीदी याद उसे किया जाता है जिसे हम भूल जाते है तुम तो मेरे दिल मे हो
दीदी-मैं सब समझती हूं मुश्किल से कभी कभी फोन करते हो आज कैसे किया बताओ?
मैं-क्या दीदी फोन करो तो भी ताने सुनने पड़ते है मैंने कितना आपको मिस किया और आप हो कि ताने दे रही हो
दीदी-वह छोड़ो क्या कर रहे हो कहा हो?
मैं-दिदी मैं कल शाम अहमदाबाद आया हु मा के साथ और आज तुमको फोन किया
दीदी-सॉरी रेशु मुझे लगा तुम अब भी सूरत में हो क्या कर रहे हो?
मैं-कुछ नही दीदी माँ और चाची बीमार रिलेटिव्स को देखने गये है मैं बिल्कुल अकेला हु तुम आजाओ
दिदी-मैं मेरी सहेली के यहाँ हु एक काम करो तुम मेरे घर आजाओ घर मे कोई नही तुम्हारे जीजू दूसरे शहर गये है मैं भी अकेली हु तो जल्दी आजाओ मैं भी यहां से निकलती हु मैंने ओके कहा और फोन कट कर दिया और घर को लॉक करके बाइक स्टार्ट करके दिदी के यहाँ चला आया दिदी अभी तक नही आई थी पर चाभी कहा रखी थी मुझे बताया था तो डोर खोलकर मैं अंदर आगया और फ्रेश होकर दिदी की राह देखता रहा
2 बजे के करीब कोमल दीदी आ गयी और आते ही मुझसे लिपट गई और मुझे चूमने लगी मस्त किस करने लगी हमारा किस दस मिनट चला फिर मुझसे अलग होकर मुझे देखकर मुस्कुराई बोली- बहुत गर्मी है… नहा कर आती हूँ, फिर कुछ खाएंगे… तब तक तुम दूध पीना चाहो तो पी लो… फ्रिज में रखा है.
मैंने कहा- पहले तुम नहा लो, फिर आराम से दूध पिलाना.
कोमल दीदी मुस्कुरा कर बोली- मारूँगी शैतान के बच्चे!
और बाथरूम में चली गयी.

बाथरूम में पानी गिरने की आवाज़े आने लगी. मैं बेड पर लेटा उन आवाज़ों को सुन कर ख्यालों में डूब गया. एक गोरी जवान और गदराई बिल्कुल नंगी दिदी इस कमरे के अटैच्ड बाथरूम में नहा रही है और यहाँ मेरे अलावा और कोई नहीं है.
फ़िर मैं बैठ गया, मैंने देखा कि बाथरूम के दरवाजे में छेद था। मैंने जब उस छेद से अन्दर देखा तो मेरे होश उड़ गये। कोमल दीदी अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी। यह देख कर मैं पागल हो गया, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

फ़िर मैंने देखा कि दीदी अपने हाथों से अपनी चूचियाँ सहला रही थी, उसके चेहरे के भाव देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं भी अब अपने लंड को सहला रहा था।
मैं फ़िर से अंदर देखने लगा। मुझे यकीन नहीं हो रहा था दीदी मेरे होते हुये भी ऐसा कर सकती है। तन मैंने सोचा कि हर लड़की के अंदर कामुकता तो होती ही है, उसे सेक्स की चाहत होती है।
फ़िर उसने अपने चूतड़ों को सहलाया। फ़िर दीदी शावर चला कर नहाने लगी।

मैं बाहर जाकर बैठ गया, वो ब्लाऊज पेटीकोट पहन कर जैसे ही बाहर आई, मैंने अपने लंड को सहलाया, उसने मेरे लंड के तरफ़ देखा और दीदी बाहर की ओर जाने लगी, मैं भी दीदी के पीछे पीछे गया, फ़िर मैं दीदी के कंधे पर हाथ लगाने लगा, दीदी तौलिये से बाल सुखाने लगी थी।
मैंने कहा- दीदी, लाओ मैं पीछे से बाल सुखा देता हूँ।

फ़िर मैं तौलिये से दीदी के बाल सुखाने लगा। मैं बीच बीच में दीदी की नंगी गोरी पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर दीदी की बगल से हाथ फिराते फिराते मैं उनकी चुची पर ले गया। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूं. दीदी ने मुझे नहीं रोका तो फ़िर मैं दीदी की चुची को दबाने लगा। दीदी दिखावे के लिए मेरे हाथ हटाने लगी लेकिन मैंने दीदी को पकड़ा और उसके स्तनों को दबाने लगा।
वो मदहोश होने लगी। मैं दीदी के नंगे पेट पर भी हाथ फिराने लगा।

दीदी की कामुकता जागृत होने लगी. मैंने अपनी एक उंगली दीदी की नाभि में घुसा दी. और अपना एक हाथ दीदी के पेटीकोट के नाड़े के अंदर घुसाने लगा. नाड़ा ज्यादा कसा नहीं था तो मेरा हाथ पेटीकोट के अंदर चला गया. दीदी ने पेंटी पहनी हुई थी लेकिन बहुत छोटी सी, दीदी की चूत का छोटा सा हिस्सा ही पेंटी से ढका हुआ महसूस हो रहा था.

मैं पेंटी के ऊपर से चूत सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पेंटी के अन्दर डाल दिया, मैं दीदी की चूत को सहलाने लगा, दीदी गर्म हो चुकी थी। यह सब मैं दीदी के पीछे खडा होकर ही कर रहा था. फ़िर मैं दीदी की गर्दन को चूमने लगा, दीदी पीछे चेहरा घुमा कर मुझे चूमने लगी। मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। दीदी घूम कर मेरे सामने आ गई और मेरे लंड को जम कर दबाने लगी.
और फ़िर वो नीचे बैठ गई, मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरा नौ इंच लंबा लंड बाहर निकाल लिया.

दीदी तो मेरा मोटा लंड को देख कर जैसे पागल सी हो गई, वो बोली- रेशु कितना मिस किया है मैंने इसे आज तो जी भर कर चूदवाऊंगी तुमसे
मैंने कहा- मेरी प्यारी दीदी, पहले इसे मुँह में तो ले कर चूसो!
दीदी बड़े प्यार से मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे मुँह से आवाज़ आने लगी- सिसकारियां निकलने लगी- ओह दीदी, अच्छा लग रहा है… पूरा लंड मुंह में ले लो ना!

तभी दीदी की आवाज आई- क्या सोच रहे हो?
मैं चौंक कर अपने ख्यालों से बाहर आया- कुछ नहीं दीदी… कुछ नहीं बस ऐसे ही.
मुझे अपने ऊपर बहुत शर्म आई कि मैं ये सब क्या सोच रहा था. ख्यालों में ही दीदी की चुत सहला दी और दीदी को लंड चुसवा दिया.

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