03-02-2021, 03:08 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,268
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 126
वहासे मैं अपने घर गया माँ से मिलने पर वहा ऐसा कुछ नही हुआ जो बताने लायक हो एक दिन वहा रहा मैंने बहुत ट्राय किया पर माँ को छू भी ना सका फिर मैं अहमदाबाद वापस आगया था दूसरे दीन चाची सुबह ही कही किसी फंक्शन में गई थी मैं अपने रूम में बैठा था ओर फिर लैपटॉप में फिर से क्लिप्स देखने लगा, इतने में यूट्यूब पे एक क्लिप देखा तो मज़ा ही आ गया, पथु पथु मूवी की सोना आंटी को देखा तो वो ठीक सामने वाली आंटी के जैसे ही लग रही थी.
लम्बी हाईट, बड़े बूब्स, गोरा रंग, हल्का सा पेट् बाहर, कातील आँख़ें, और वो क्लिप देख के मुझे मज़ा आ गया. इतने में कुछ दोस्त खेलने के लिए बुलाने लगे, तो एकबार तो मना करने का मन हुआ, पर फिर खेलने चला गया. आज भी मेरी बरी आयी, तो मैंने देखा की कहीं वो आंटी तो बाहर नही, मैंने घर की और देख, वो बाहर नहीं थी, तो में आराम से खेलने लगा, अच्छा क्रिकेट खेलता हूँ मैं, तो आधे घंटे तक मस्त खेलता रहा, पसिना पसिना हो रहा था फिर मैंने एक जोरदार स्ट्रोक लगाया, और मेरा बदनसीब फिरसे उसी आंटी को जा के गेन्द लगी, लेकिन इस बार कमर में लगी, डैम..वो कमर पकड़ के बैठ गयी, और मैंने बैट छोड़ दि, और उन्होंने इस बार भी मेरी और देखा, में उल्लू स्टम्प्स के पास खड़ा था..इस बार भी वो कुछ नहीं बोलि, और घर में चलि गयी. उनका कहने का तो मन बड़ा था पर क्या कहूं, ये सोच के वो मन में ही मन में रख के चलि गयी, में भी घर वापस आ गया. शाम होने को थी, चाची शायद आ रही होगी, मुझे ये डर था की कहीं सामनेवाली आंटी कुछ ज्यादा ही बढ़ाचढ़ा के शीकायत न करे, क्यूँकि आज वो चाची से बात करेंगी, वो पक्का था ६ बज रहे थे, चाची की कार आयी, और चाची के आते ही में बाहर आ गया, की वो आंटी कुछ कह न सके, में चाची को ले के घर के अंदर आ गया, और तब जा के मुझे शान्ति हुई..
“रेशु..बाय गॉड, ये लोग इतना लम्बा टाइम लेते हे, फंक्शन को विंड लूप करने में, प्लीज जरा एक गिलास पाणी ला दो... और चाची ने थकन से एक्सहोस्ट होते हुए कहा. मैं भी किचन में पाणी ले के आया. अब चाची ठीक थी.
“तो फिर, रेशु कल क्या किया हम्म्म.? में शर्मा गया, और निचे ही देखने लगा.
“अरे शर्मा क्या रहा हे, कुछ राकेट साइंस तो नहीं पुछ रही, बता.?
“कुछ नहीं चाची..”
“वेरी गुड. बहुत बढिया,
“तेरी माँ ने तुझे छूने भी नहीं दिया राइट...?
मैने हाँ में सर हिलाया,
“मुझे पता था तेरी माँ बड़ी अच्छी हे. अच्छा हे, अगर जो तू चाहता हे वो न हो..
चाची ने एक कातिल लुक से मेरी और देखा और मैंने भी उनकी और देखा, तभी चाचा जी आ गये, वर्ना वही पर चाची को मस्त जवाब देता.
दो दिन बीत गए थे पर चाची ने कुछ कहा नहीं था आंटी के बारे मे. मैं सोच रहा था दो दिन से, जब जब में सामनेवाली आंटी को देखता, तो सोचता की आखिर बात क्या हे, वो मेरी वजह से दो बार चोट खा चुकी हे, और मैंने सॉरी भी नहीं कहा हे. वो गुस्सा तो हे, पर चाची से कम्प्लेन भी नहीं कर रही, आखिर बात क्या हे, समझ से बाहर था सब कुछ. दो दिन हो चुके थे और में बाइक ले के कॉलेज नहीं गया था बाइक में प्रॉब्लम था और शाम के ५ बज रहे थे, पर आसमान में काले बादल होने से अँधेरा सा हो गया था और में बस की राह में बस स्टैंड पे खड़ा था काफी बसेस आई और चलि गयी, पर में जिस बस के इंतज़ार में था वो नहीं आ रही थी, अब बस स्टोप पे खड़े खड़े ६ बज चुके थे, और अब बस स्टैंड पे में अकेला था हलकी सी बूंदा बांदी स्टार्ट हो गयी थी, इतने में मेरे पास से एक आंटी निकलि और बस स्टैंड की दुसरे छोर पे जा के खड़ी हो गयी. मैंने देखा तो वो हमारे सामनेवाली आंटी थी, ओह गॉड, वो यहाँ क्या कर रही थी, में एक दो सेकंड के लिए तो उसे सोचता रहा. अब तो में ये चाहता था की बस न आये, आंटी को देखने में मज़ा आ रहा था
डार्क रेड कलर की साड़ी और मैचिंग ब्लाउस..मस्त लग रही थी औंटी. लेकिन शायद भगवन मुझसे रूठ गया हे, आंटी को आये अभी एक मिनट भी नहीं हुआ था की बस आ गयी, बस आ के मेरे सामने रुकी, पर मैंने जेंटलमैन की तरह आंटी की और देखा और उन्हें पहले अंदर जाने को इशारा किया, और बाद में में अंदर दाखिल हो गया. बस टोटल खली ही थी, पर में बस में जाने के बाद आंटी को देखा और उनके पास में ही जा के बैठ गया. पता नहीं में ऐसे तो काफी शर्मीला हू, और इतनी जल्दी किसी अन्जान औरत के सामने खुलता नही, पर इस आंटी के सामने पता नहीं डेरिंग करने का मन होता था हाँ चाचियों और माँ की बात अलग हे, उनके साथ बचपन से जुड़ा हू,
|
|
|