RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
ओर में मुस्कुराके अपने कामरे में चला गया, चाची तो मेरा कॉन्फिडेंस देख के मुझे देखति ही रह गयी. मैं अपने कामरे में आ गया, मुझे पता था की आंटी अब चाची से कोई ख़ास कम्प्लेन नहीं करेंगी, क्यूँकि में अंदर से जेंटलमैन हूँ इस बात का उन्हें कॉन्फिडेंस कल शाम बस वाले हाद्से से हो गया होगा. लेकिन फिर भी में उनकी बातें सुनना चाहता था पर ये पॉसिबल नहीं था मेरा रूम ऊपर था और उनकी बात सुनने का कोई चारा न था मैं अपने रूम में ऐसे ही लेटा था और उनकी बातें चल रही थी, तकरीबन आधे घंटे बाद चाची मेरे रूम में आयी, में उलटा लेटा था उनके आने का एहसास मुझे हो गया था मैंने रूम लॉक नहीं किया था वो मेरे रूम में आई और मेरे बेड के पास आक़र, मेरे बेड पे बैठी, और जैसे ही मुझे छूने गयी तो मैंने झट से पलट के चाची को पकड़ लिया और उन्हें भी अपने साथ लिटा लिया. मैं फिर से उल्टा ही लेट गया और चाची मेरे पास में सीढि, मैंने चाची की और देखा, उनकी आँखों में सटिस्फैक्शन साफ़ दिख रहा था ये देख के में मुस्कराया.
चाची कुछ सामने वाली आंटी के बारे में कुछ कहना चाहती थी, और मैंने चाची को रोकते हुए चाची के होठो पे अपने हाथ की मिडिल फिंगर रख के उनके लब को रोक दिया और चाची से बड़े प्यार से कहा
“चाची..प्लीज मुझ पे विश्वास करिये, में कुछ गलत नहीं करूंगा…”
और मेरे इस सेंटेंस से चाची को अपने पे शर्म आ गयी और उनकी पलकें झुक गयी, वो अब मुझसे आँख नहीं मिला पा रही थी, अब कमरे में एक दम साइलेंस था मैंने चाची के लब पे से ऊँगली नहीं हटायी, बल्कि उनके होठो को सहलाने लगा, अपनी ऊँगली से चाची के दोनों होठो पे अपनी ऊँगली को फेरने लगा, और उनके होठो पे प्रेशर भी करने लगा. फिर चाची ने मेरी ऊँगली को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी, में भी अपनी ऊँगली से चाची को प्लेजर देणे लगा. अब चाची को मज़ा आने लगा था उन्होंने मेरी और देखा और मेरे होठ को देख के कहा
“तुमने खुद क्यों नहीं कहा, ये चोट कैसे लगी.?
अब में झूठ का नाटक करते हुए कहा
“आपको तो मुझे पे शक़ करने से फुर्सत मिले तो में कुछ कहूं…” और पलट के चाची के साइड में सीधा हो के सो गया. चाची समझ रही थी की में नाटक कर रहा हू, पर उन्हें भी अच्छा लग रहा था
“अच्छा..तो लाओ में इसका इलाज कर देती हू…” चाची पलट के मेरे पे आ गयी और अब वो ऊल्टी हो गयी थी. और ठीक मेरे ऊपर आकर, मेरे लब पे चोटवाली जगह पे अपनी जीभ फ़ेरने लगी, मैंने किस करने के लिये, बड़ा ट्राय किया पर वो भी नाटक कर रही थी, और दूर हट रही थी, दो तीन बार के बाद मैंने चाची को पकड़ा और झट से उनके लिप्स को पकड़ के चूसने लगा, और चाची भी मस्ती में आ के मुझे चूमने लगी, चाची की मुलायम बैक पे मेरे हाथ घूम रहे थे, और अब तो चाची मस्ती से मुझे किस कर रही थी, उनकी सलीवा मेरे मुँह में समां रही थी और मेरी सलीवा उनके मुँह में, वॉव क्या टेस्ट था.चाचि के साथ पहले सेक्स कर चुक्का हू, और पहले मानता था की शुरुआती सेक्स के बाद उस पार्टनर से सेक्स करने में मज़ा नहीं आता, पर सच में बड़ा अच्छा लग रहा था और एक एक पल में एन्जॉय कर रहा था चाची आज कहीं बाहर जाने के मूड में नहीं थी और में भी नहीं चाहता था की वो कही जाए, क्यूँकि उनके साथ रहे काफी टाइम हो गया था आज चाची को किस करते टाइम मुझे उनकी पहली बार सेक्स के टाइम उनकी बेचैनी और उनकी शर्म भरी अदाए याद आ रही थी, पहली बार थोड़ा सा एक टाइप का रेजिस्टेंस होता हे, आज वो फुल्ली एन्जॉय कर रही थी, उनके किस में भी मेरे लबोँ को पूरा समेट्ने की कोशिश झलक रही थी, फिर चाची ने दो मिनट तक मेरे होठ चूसने के बाद किस ब्रेक किया और मेरे सामने देख के मुस्करायी..
“आज कहीं जाना नहीं हे क्य...? मैंने ऐसे ही चाची को चिड़ाने के लिए पूछ लिया..”
“क्यों मेरे यहाँ रहने से तुम्हे मच्छर काटते हे क्य...? चाची ने उल्टा मुझे सवाल पूछ लिया. फिर हम दोनों हंसपडे
“अच्छा वो सामने वाली आंटी क्या कह रही थी.?
“क्यूँ भाई आजकल सामनेवाली आंटी में बड़ा इंटरेस्ट ले रहे हो..?
“अरे यार चाची, आप तो हर बात की ऊल्टी बात ही करते हो..” और ऐसा कह के मैंने थोड़ी सी नाराज़गी जताई, हालाकिं में जानना चाहता था की सामनेवाली आंटी सोचती क्या हे,
आज चाची के साथ मस्त सेक्स खेलने का मन था और चाची भी बड़े दिनों से मुझसे अलग रही थी, पर इतने में उनका अर्जेंट कॉल आ गया, और उनके बात करने से ही पता चल गया की उन्हें अभी जाना पड़ेगा, वो बाहर से कॉल कर के मेरे कामरे में आई और कहने ही वाली थी की मैंने ही कह दिया
“ठीक हे, चाची जाइये पर प्लीज मेरे लिए टाइम निकालिये...”
ओर चाची मुस्कुरा पडी, और मेरे सर पे प्यार से हाथ फेरा और निकल गयी पर जाते जाते पलट के कहा, “हाँ रेशु वो सामनेवाली आंटी अब तुमसे नाराज़ नहीं हे, और कह रही थी की तुम बड़े अच्छे लड़के हो. जैसे की में तुम्हे जानती ही ना हूँ”.
ओर फिर वो निकल गयी,
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