RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
मै अपना काम अपने आप बनते देख खुश था. फिर बाहर आया तो पता चला की चाचा सब को बाहर ट्रीट पे ले जाने वाले थे, हम फिर रेडी हो के एक होटल में पहुंचे तो दीदी भी वहा पे आई हुई थी, और मुझे देखते ही वो मुझसे सब के सामने गले मिली और फॉर्मल नही, सच में एक दम टाइट हग दिया.बॉस एक दो सेकंड के लिए वो भूल चुकी थी अपने आप को, और एक पल के लिए मैंने भी उसे अपने सीने से कस के समेट लिया..हालाँकि सब जानते थे की हम भाई बहन हे पर ऐसे ओपन में गले मिलना सच में ऑड लगता हे..मोम को भी ऐसे ऑड लगा..और वो कुछ परेशान सी लगी, शायद वो ये सोच रही थी की में कितना बदल गया हू, में बड़ी चाची से क्लोज हू..छोटि चाची से क्लोसनेस्स तो माँ ने ओपनली देखा और अब कोमल दीदी भी मुझसे बड़ा खुल के बीहेव कर रही थी, जो माँ ने कभी नहीं देखा था. तो उन पे असर तो होना ही था.हम होटल में पहुंचे, हमने आर्डर किया और तब तक माँ मेरी और बार बार देख के सोच रही थी..क्या सोच रही थी पता नही..पर मुझे लगा की वो अब काफी परेशान थी की में सब से खुल के बीहेव कर रहा था पर उनसे नहीं..डैम गुड मेरी तकनीक सफल हो रही थी, औरत सच में औरत ही होती हे.कोई भी हो अब वो मेरे बारे में सोच्ने पे मजबूर थी, और अपने आप को कोस रही थी की वो मुझसे इतनी ऊखड़ि उखड़ी क्यों बिहेव कर रही थी और में भी उनके सामने छोटी चाची और कोमल दीदी को छू छू कर, हंस हंस के बात कर रहा था
माँ मेरी सारी हरक़तें नोटिस कर रही थी, और चाचा भी..पर चाचा इसे माइंड नहीं कर रहे थे, पर माँ बड़ी इंटरेस्टेड थी. माँ को चिड़ाने में मज़ा आ रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था की माँ को लग रहा था की अगर वो मुझसे इतनी क्लोज होती तो कितना अच्छा होता.उन्हें ये सब फील हो रहा था खैर डिनर निपटा के हम सब घर पहुंचे..रात के १० बज रहे थे, सब थक चुके थे, तो किसीने ख़ास बात चीत नहीं की, फिर स्लीपिंग अरेंजमेंट , बड़ी चाची ने माँ से गेस्ट रूम में सोने को कहा पर माँ ने ये कहते हुए मना कर दिया की वो अकेली नहीं सोयेंगी, और ऊपर से गेस्ट रूम में बाथरूम भी नहीं है, तो मैंने माँ से कहा की ठीक हे माँ तो आप मेरे रूम में सो जाये, और माँ पे जैसे चमत्कार हो गया हो, वो झट से मान गयी और नाईट ड्रेस चेंज कर के मेरे रूम में आ गयी. पर इस से पहले में बेड पे दीवार के करीब जा के सो गया, और चाची भी झट से मेरे साथ में आ गयी. बेड काफी बड़ा था पर दो लोगो के लिये, तीन भी सो सकते है, पर थोड़ा सा एडजस्ट कर के. माँ रूम में आयी, तो बेड पे चाची मेरे और माँ के बीच में लेट गयी थी. फिर माँ भी साइड में लेट गयी, और में चाची की और खिसक गया..चाचि भी मेरी और मुँह कर के पल्टी और लाइट्स ऑफ कर दी. फिर चाची ने अपने पाँव को मेरे पाँव पे रक्खा और छेड़ने के तरीके से थोड़ा सा रगडा..तो मैंने भी उनके पाँव पे पाँव ही रख दिया, और अपना एक हाथ चाची की चुत पे रख दिया..चाचि ने मेरा हाथ हटा दिया, और सोने का नाटक करने लगी. पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, और न ही माँ को, क्यूँकि माँ पता नही, ये सब देख रही थी की नहीं पर हा, जाग जरूर रही थी. मैं फिर चाची की और थोड़ा सा और खिसक गया, और चाची के बॉब्स के करीब आ गया, चाची के बदन की खुश्बू मानो मुझे न्योता दे रही थी, पर वो आँखें बंद कर के सो रही थी, इधर मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने हिम्मत कर के अपने आप को चाची के और करीब करते हुए चाची के लिप्स पे अपने लिप्स रख दिये..चाचि को पता था की में कोई न कोई हरकत करुँगा तो वो चौंकि नही,पर अपनी आँखें खोल दी और अपने हाथ को मेरे सीने पे रख के धक्का देणे लगी, पर में नहीं हटा, और लिप्स को मस्त सक कर रहा था अब तो चाची भी किस कर रही थी, और इधर मुझे ये भी फील हो रहा था की माँ शायद जाग रही हे, और सब देख रही हे, पर माँ ने उठ के देखा नही, इधर चाची भी मेरे लिप्स को चूस रही थी, तो उनका सर हिल रहा था और ये साफ़ इंडीकेशन था माँ के लिए की कुछ तो चल रहा था हमारे बीच, पर माँ अब भी नहीं उठी, और ऐसे मस्त चूसते चूसते मेरे से गलती हो गयी और मुँह से आवाज़ निकल गयी. ओह माँ. और जैसे ही आवाज़ निकलि की सट से माँ बैठ गयी और हमारी और देखने लगी, इतनी जल्दी मेरा चाची से दूर हटना भी जायज नहीं था तो में वहीँ पर लेटा रहा, फिर माँ ने लाइट्स जलायी, और मुझे और चाची को करीब करीब पाया, में आँखें बंद कर के सोने का नाटक कर रहा था पर मेरे पाँव चाची के पाँव के ऊपर थे, में चाची के तकिये में घूस चुका था ये सब माँ देखने लगी, पर कुछ कहा नही..और थोड़ी देर में वापस सो गयी.
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