RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
चाचि अब तक जी-स्पॉट को मसल रही थी और मैंने सोचा था की अब तक चाची फिर से झड़ा जायेगी, पर वो अब भी मसल रही थी तो मैंने चाची के हाथ को हटाया और चाची के जी-स्पॉट को अपने लिप्स से बस एक बार प्यार से हलके से चूमा और चाची भी झड गयी...आह चाची इस बार भी बहुत झड़ी थी. मैं फिर चाची के पास लेट गया और चाची मुझे अपनी बाँहों में लेके मुझे चूमति रही और में और चाची सो गये. शाम को ६.३० को में उठा..चाचि किचन में थी, और डिनर प्रेपर कर रही थी, में फ्रेश हो के बाहर आया, तब चाची ड्राइंग रूम में बैठी थी और सब्जी काट रही थी. मैं उनके पास जा के बैठा और चाची के गाल पे किस किया और उनसे सट के बैठकर कहा
"चाची..मज़ा आ गया..आपको अच्छा लगा... .?
"हाँ भी और नहीं भी...!
"क्यूं...?
"बहोत दिनों के बाद ऐसे मस्ती से सेक्स किया हे..पर सच में तुमने मेरी गांड की हालत बिगाड के रख दी हे, ठीक से चला भी नहीं जा रहा... और फिर वो भी और में भी मुस्कुरा बैठे. फिर कुछ देर बाद चाची ने कहा
"रेशु..एक बात पुछू.?
मैंने ऑफ़ कोर्स हाँ में सर हिलाया और चाची ने पूछ
"अभी माँ के साथ कुछ तो नहीं किया ना...?
में जानता था की चाची मेरे मन की बात समझती हे, और वो ये सवाल पुछेगी और झूठ बोलूँगा तो तुरंत पकड़ लेगी..
"नहीं चाची..कुछ भी नहीं हुआ..."
"रेशु..प्लीज उसे कुछ मत करना..तेरी माँ सच में बड़ी प्यारी है, बहुत चाहती हे हम सब को..तूझे जो भी करना हे, मेरे साथ कर, प्लीज उससे ये सब गलत काम मत कर..."! चाची और माँ बड़ी अच्छी सहेलियां थी, और माँ के लिए उन्हें बड़ी फ़िक्र थी.
"चाची प्लीज डोंट वरी..में कुछ गलत नहीं करूंगा..मोम के लिए मेरे दिल में भी बड़ी इज्जत हे..पर क्या करू माँ को देखता हू, तो दिल बहक जाता हे....!!
फिर चाची ने सब्ज़ियाँ छोड़ि और मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और कहा..
"रेशु..प्लीज मेरी एडवाइस मान तो तेरी माँ के बारे में सोच ही मत,पता नही, तू कोई ऐसी वैसे हरकत करेंगा..तो वो शायद हर्ट हो जायेगी..इतने सालो से में उसे जानती हू, उसने कभी मुझे अपनी सेक्सलाइफ़ के बारे में बताया ही नहीं.वो हर्ट हो गयी तो माँ-बेटे के रिश्ते में खोट आ जायेगी...."!!
चाची माँ के बारे में ना सोचने के लिए मना रही थी..और माँ कसम खा के कहता हूं..में उसी वक़्त माँ को चोद रहा हूँ ऐसा सोच रहा था,
सॉरी बट दैट्स ट्रू.....
फिर चाची ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा..
'रेशु..पढ़ई तो ठीक हे ना, कहीं इन सब में तुम अपना करियर तो नहीं बिगड रहे..' फ्रेंड्स मैंने चाची को मेरी इतनी फ़िक्र करते पहले कभी नहीं देखा ..और सही मायनों में यह सब थैंक्स टू सैक्सससससस........
'चाचि..प्लीज डोंट वरी, एग्जाम पास आ रही है, मुझे भी पता हे, और मैं फुल्ली प्रेपरड़ भी हू..'
मैं रात को खाना खाकर ऊपर बने कमरे में सोने चला गया, रात को आठ बजे आंटी बालकनी आ गयी शायद कपड़े निकालने आई थी,वह कपड़े निकालने लगी मैं खिड़की में खड़ा था, उन्होंने एक बार मेरी तरफ देखा और कपड़े समेट करअन्दर चली गई, उन्होंने अपनी गैलरी का दरवाजा बंद कर लिया,
मैंने जान लिया कि आज आंटी अकेली है और मैं समय खराब कर रहा हूँ, लेकिन क्या करूँ? ऐसे ही सोचते सोचते लंड को शॉर्ट से बाहर निकाल हिलाने लगा, बहोत दिनों से चुदाई नही की थी,चाची के पीरियड चालू थे,
मैंने फिर से खिड़की को खोल लिया था और उसी के कमरे की तरफ देखता हुआ लंड हिला रहा था, इस वक्त अँधेरा सा हो गया था, सिर्फ मेरे कमरे की बत्ती जल रही थी,
थोड़ी देर में उनका दरवाजा खुला, शायद वो पाणी पीने जा रही थी, अब उसे देख कर मैंने लंड हिलाने की स्पीड बढ़ा दी,
उन्होंने मुझे देख कर हाथ हिलाया कि क्या हुआ, मैंने गर्दन हिलायी- कुछ नहीं,
वो मुझे लंड हिलाते हुए देख रही थी, मेरा लंड तो उन्हे नहीं दिख रहा होगा, पर मेरा हाथ मुठ मारने के कारण आगे पीछे हो रहा था, जिससे उन्हें कुछ समझ आ गया होगा,
अब इस वक्त लंड पूरे उफान पर था, तो मेरा डर भी गायब हो गया था, वह समझ चुकी थी कि मैं उनको देख कर लंड हिला रहा था, इस पर हल्के से मुस्कुरा दी, उनको मुस्कुराते देखा तो मैंने इशारा किया कि तुम्हारे पास आ जाऊँ,
इस पर उन्होंने मुझे चांटा दिखाया और वापस कमरे में चली गई, मैं डर गया और लंड अंदर कर अन्दर जाकर लेट गया, अब मैं कल के बारे में सोच कर डर रहा था, मुझे लगा था कि मैं आंटी को अपना लंड दिखाकर सिड्यूस करूँगा पर यहा तो खेल ही दूसरा था अब मुझे नही पता कि उनपर कोई असर हुआ कि नही या फिर वापस चाची को मेरी शिकायत करती है ,पर मैंने जब उनकी ब्लू फिल्म की सीडी जो डीवीडी प्लेयर में फंसी थी वह निकाल कर दी थी और उनको किस भी किया था तो मुझे लगा कि वह मेरे साथ सेक्स को राजी होंगी पर बीच मे मैं मोम से मिलने गया था तो शायद उन्हें सोचने को वक्त मिला होगा, और वह अब मेरे साथ रिश्ता ना बनाना चाहती हो, मुझे फिर से शुरुआत करनी पड़ेगी, फिर मैं ये सोचते हुए सो गया कि जो होगा सो देखा जाएगा,
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