RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
रेशु- “आप बिल्कुल मत घबराइये, मेरे पास ऐसी बहुत सी क्लिप, तसवीरें और कहानियाँ हैं और उनमें से मैंने कुछ आपके लैपटॉप में कॉपी कर दी हैं”
फिर मैंने उनको अपने लैपटॉप स्क्रीन पर देखने को कहा, तब आंटी बोली, “प्लीज़ वो (मेरी चाची) आ रही है, लैपटॉप को बंद कर दो”
मैंने उनकी लैपटॉप की धूल एयर स्प्रे से साफ़ कर दी और वो अपना लैपटॉप लेके चली गयी, लेकिन उनके जाने से पहले मैंने उनको धीरे से कहा कि,
रेशु- “क्या हम अपने संग्रह की अदला-बदली कर सकते हैं? मुझको कहानियाँ चाहिये और मैं आपको क्लिप और तसवीरें दुँगा”
वो कुछ बोली नहीं और चली गयी, उसके बाद हमारे घर पर करीब एक हफ़्ते तक नहीं आयी,
एक हफ़्ते के बाद वो हमारे घर पर आयी, मैंने दरवाजा खोला, लेकिन वो मुझसे बिना नज़रें मिलाय अंदर चली गयी और मेरी चाची के पास बैठ कर उनसे बातें करने लगी, कुछ देर के बाद मेरी चाची मेरे कमरे में आयी और बोली,
चाची- “आंटी कह रही है कि उनको वी-जी-ए ड्राईवर की फाइल चाहिये और उन्होंने अपनी एक पेन-ड्राईव दी है फाइल कॉपी कर के देने के लिये”
मेरी चाची ने मुझे एक पेन-ड्राईव दी,
मैं फौरन बात समझ गया,
रेशु- “उनको रुकने के लिये बोलिये और मैं अभी फाइल कॉपी कर देता हूँ,”
जैसे ही मेरी चाची बाहर गयी, मैंने पेन-ड्राईव को अपने कम्प्यूटर से खोला और पाया की उसमें कुछ देसी वेबसाइट्स की कहानियाँ हैं, मैंने उन कहानियों को अपने कम्प्यूटर पर कॉपी कर लिया और अपने कम्प्यूटर से कुछ क्लिप और तसवीरों की फाइल आंटी की पेन-ड्राईव पर भी कॉपी कर दी, उनके बाद मैंने एक टेक्स्ट फाइल उनकी पेन-ड्राईव में बना कर लिखा,
“धन्यवाद, मैंने आपकी कहानियाँ पढ़ीं, कहानियाँ बहुत ही अच्छी और सैक्सी थी, आपको क्लिप कैसी लगीं?”
फिर मैं उनके पास गया और उनको पेन-ड्राईव दे दी, उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा कर मेरे से अपनी पेन-ड्राईव ले ली, इसके बाद कुछ दिन वो हमारे घर पर नहीं आयी, मेरी चाची ने मुझसे कहा,
“आंटी को फ़्लू हो गया है और वो घर पर है,”
फिर एक दिन सुबह फोन पर चाची के मायके में किसी के मरने की खबर मिली, पढ़ाई की वजह से मुझको छुट्टी नहीं मिल सकी तो चाचा चाची ने यह तय किया कि म चाचा चाची चली जायेंगे, मैं उसी सुबह चाची और चाचा को एयरपोर्ट छोड़ने चला गया और उनके जाने के बाद मैं घर वापस आ गया, हम लोगों को सुबह-सुबह जाते समय आंटी ने देख लिया था और जैसे ही मैं घर वापस आया वो हमारे घर पर पूछताछ करने आ गयी,
मैंने दरवाजा खोला और मुझको देखते ही वो शर्मा गयी, वोह काफी सज-धज कर आयी थी, मैंने उनको हेलो बोल कर अंदर आने के लिये कहा, अपने खाली घर में आंटी को अकेली देख कर मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होना शुरू हो गया, आंटी ने मेरी चाची के बारे में पूछा तो मैंने उनको सारी बात बता दी, मेरी बात सुन कर और यह जान कर कि मेरी चाची घर पर नहीं है, वो मुझसे बोली,
आंटी- “मैं फिर आऊँगी,”
फिर उन्होंने मुझको एक पेन-ड्राईव दी और बाहर जाने के लिये मुड़ी,
रेशु- “सुनिये, मैं इस पेन-ड्राईव से आपकी फाइल अभी कॉपी कर लेता हूँ और आपको भी अपने लैपटॉप से कुछ फाइल कॉपी कर देता हूँ,”
मैंने उनसे कहा,
आंटी- “मैं बाद में ले लुँगी”
उन्होंने कहा,
मैं यह मौका चूकना नहीं चाहता था और उनसे पूछा, रेशु- “आप मुझसे डरती हैं क्या?”
आंटी- “न.... न... नहीं, असल में मुझे घर में कुछ काम करना है!”
उन्होंने कहा,
अब तक सुबह के साढ़े दस बज चुके थे और मुझको पता था कि उनके पति अपने ऑफिस जा चूके हैं,
रेशु- “मुझे मालूम है कि घर पर कोई काम नहीं है और आप मुझसे डर रही हैं,”
मैंने उनसे कहा लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया और मुझसे नज़रें चुराने लगी,
रेशु- “आपके आने के पहले मैं चाय बना रहा था, चलिये हम लोग साथ बैठ कर चाय पीते हैं और मैं फाइलें कॉपी कर लेता हूँ,”
और उनके कुछ कहने के पहले मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उनसे कहा,
रेशु- “आइये बैठिये, हम मिल कर चाय पीते हैं,”
अब तक मैं यह समझ गया था कि उनको मेरे साथ रहना पसंद है, मैं आंटी को मेरे कमरे में लाया और अपने लैपटॉप को चालू कर दिया, मैंने उनकी पेन-ड्राईव को अपने लैपटॉप में डाला और उसमें से कहानियाँ कॉपी करने लगा, मैंने उनको एक कुर्सी दी और बैठने के लिये कहा, वो कुर्सी पर बैठ गयी, मैंने अपने लैपटॉप पर नंगी क्लिप्स का अपना संग्रह खोला और उनसे कहा,
रेशु- “मैं चाय लाने जा रहा हूँ, तब तक आप अपनी पसंद की फाइलें अपनी पेन-ड्राईव में कॉपी कर लिजिए,”
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