RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
मैने उसी वक़्त पीठ पर हाथ ले जाकर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को हम दोनों के बिच से निकाल कर बाहर का रास्ता दिखा दिया,
अब आंटी के दोनों बॉब्स मेरे सामने नंगे थे, एक को में दबाता और दुसरे को चूसता, आंटी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने बॉब्स को चुसवा रही थी, थोड़ी देर ऐसे ही उनके बॉब्स चुस्ने के बाद में उनके पेट और नाभि को चूमते हुए उनकी चुत तक आ गया, पेंटी के ऊपर से ही मुझको एह्सास हो गया थी की आंटी की चुत पर बाल नहीं होंगे, एक दम चिकनी चुत मिलने वाली है मुझको आज चुदायी के लिये,
मेरा लंड तो यही सोच सोच कर क़ाबू से बाहर हो रहा था की आज मेरी बाहो में ऐसी गदरायी और मस्त औरत है और मेरा लंड जल्दी हे अपनी सहेली से मिलने वाला है,
मैंने पेंटी के ऊपर से हे उनकी चुत को अपने मुह में ले लिया और उसको चूसने लगा, मैंने उनकी टांगो को भी खूब चाटा, आंटी भी अपनी टाँगे पूरी खोल कर मुझको अपनी चुत की और बुला रही थी, उनकी टाँगे पूरी खुलि हुई थी और अभी तक शर्माने वाली आंटी अब चुदायी के पूरे मूड में आ चुकी थी,
अब बारी उनकी पेंटी उतार कर पूरा नँगा करने की है, मैंने उनको उलटा करके पेट के बल लिटा दिया और उनकी पीठ पर जीभ फेरने लगा, उनकी पूरी पीठ को चाटते हुए में उनके गांड पर आ गया और उनकी पेंटी उतारने लगा, जल्दी ही मैंने उनकी पेंटी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया, आंटी मेरे सामने पेट के बल बिलकुल नंगी लेटी हुई थी और उनकी उभरी हुए गांड मुझको अपनी और बुला रहे थी, मैंने उनके दोनों चूतड को चूमा और अपने हाथो से उन् दोनों को एक दुसरे से दूर किया,
मेरे सामने अब उनकी हलकी गुलाबी सी छोटे से छेद वाली गांड थी, मैंने अपनी जीभ उनकी दरार में डाल दी और उसको चाटने लगा, मैंने उनकी एक टाँग को ९० डिग्री पर मोड़ दिया ताकि में उनकी गांड के छेद को अच्छे से चूम सकु पर टाँग मोडते ही मुझको उनकी चुत की झलक भी मिलने लगी जो गांड से शुरू हो जाती है,
जैसा मैंने सोचा था उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था, मानो आज ही चुत साफ़ की हो, एक दम मस्त चिकनी चुत थी उनकी, मैंने आंटी को सीधा किया, मेरे सामने रसमलाई का कटोरा था जिसको खाने से रोकने की हिम्मत अब मेरे में नहीं थी,
मैने उनकी चुत को मुह में ले लिया और उसको चूसने लगा, उनकी चुत के दोनों होठ मेरे मुह में थे, फिर मैंने उनके चुत के दोनों होठ अलग किये और उसमे अपनी जीभ डाल के उसको चाटने लगा, में अपने ही काम में मस्त था और में आंटी को देख भी नहीं रहा था,
जब मैंने देखा तो आंटी आँखे बंद किये हुए अपने बॉब्स दबा रही थी, वो अपने होठो को उत्तेजना से काट रही थी, मैंने उनकी हेल्प करने के लिए उनके बॉब्स अपने हाथो में ले लिए और उनको दबाने लगा, उन्होंने अपने हाथ मेरे सर पर रख दिए और मुह को अपनी चुत में और अंदर की तरफ दबाने लगी,
उनको मेरा चुत चाटना अच्छा लग रहा था और वो कहने लगी,
आंटी- “और ज़ोर से चाटो, मेरी पूरी चुत खा जाओ”
उनकी चुत से पानी निकलने लगा था और में उसको चाट रहा था, थोड़ी देर बाद में सीधा हो कर उनके साथ में लेट गया, अब उनकी बारी थी एक्शन में आने की, वो उठि और मेरे सीने पर चुम्बन करते हुए मेरी ही तरह मेरे नीचे की और बढ़ने लगी,
उनहोने मेरी जीन्स का बटन और ज़िप खोल कर मेरी जीन्स उतार दि, मेरा लंड अभी तक बहुत टाइट हो चुक्का था और जीन्स के उतरने से मुझको बहुत अच्छा लग रहा था, ऐसा लग रहा था मानो मेरे किये का बदला ले रही हो,
फिर बिना वक़्त लगाये मेरी जॉकी उतार दि, जॉकी उतारते हे मेरा लंड क़ुतब-मीनार की तरह सिद्ध खड़ा हो गया और उसको देखते ही आंटी की आँखों में एक चमक और होठो पर मुस्कान आ गयी, वो मेरे लंड को अपने नाज़ुक हाथो में ले कर मूठ मरने लगी,
मै उनकी तरफ आशा भरी नज़रो से देख रहा था क्यूँकि मुझको औरत से लंड चुसवाना बहुत पसंद है, शायद वो भी यह बात समझ गयी थी तो उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, धीरे-धीरे वो मेरे लंड को नीचे से ऊपर तक ऐसे चाटने लगी जैसे कोई आइस-क्रीम चाट रही हो,
आंटी मेरे साइड मे ही बैठी हुई थी लैकिन शाएद उनको यह पोज़िशन कंफर्टबल नही लग रही थी इसी लिए वो साइड से उठ के मेरी दोनो टाँगो के बीच मे घुटने मोड़ के बैठ गयी और दोनो हाथो से मेरे लंड को पकड़ के मूठ मारने लगी, मैं खामोश ही लेटा रहा और आंटी के हाथो का मज़ा लेता रहा और यह सोच रहा था के क्या आंटी को चोदने का मोका मिलेगा या नही, मेरे लंड की सेवा कर रही थी जो किसी मूसल की तरह से मोटा और लोहे जैसा सख़्त हो के किसी मिसाइल की तरह से खड़ा था, दो जलते बदन होने की वजह से कमरे का माहौल कुछ ज्यादा ही गरम और सेक्सी हो गया था,
आंटी- “रेशु यह तो इतना शानदार है के इसको किस करने का मन कर रहा है”
और बिना कुछ बोले वो झुकी और झुक के मेरे लंड को सुपाडे पे किस किया और चूसना भी शुरू कर दिया, ऐसा लग रहा था जैसे आंटी मेरे लंड को देख के अपने होश ही खो बैठी है,
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