RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
उनके डांस करती हुई बॉब्स को अपने मूह मे ले के चूसने लगा तो आंटी जैसे दीवानी हो गयी, उनके निपल्स बहुत ही सेनसेंटिव थे बूब्स को मूह मे लेते ही आंटी वासना की आग मे जल के पागल हो जाती थी, मैं फिर से पहले वाले स्टाइल मे मिशनरी पोज़िशन मे पैर पीछे टीका के फुल स्पीड और पूरी ताक़त से आंटी की चूत को चोद रहा था और वो भी मस्ती मे चुदवा रही थी, पचक पचक की चुदाई की आवाज़ें ही कमरे मे गूँज रही थी, लंड पूरा बाहर तक निकल निकल के लोंग स्ट्रोक्स दे रहा था, ऐसे पूरा लंड बाहर निकालने से आंटी के चूत के अंदर हमारा मिक्स रस थोड़ा थोड़ा बाहर निकल रहा था और बेड पे गिर रहा था, मैं फुल फोर्स से चोद रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड आंटी के पेट मे घुस रहा है, और आंटी भी मस्ती मे मेरे शोल्डर्स को काट रही थी, आंटी फिर से 3 – 4 बार झाड़ चुकी थी और चूत बेइंतेहा गीली हो गये थी, अब मैं भी छूटने के कगार पे था और मैं ने स्पीड बढ़ा दी और तूफ़ानी रफ़्तार से लंड आंटी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा के मेरा लंड एक बार फिर से उनकी बच्चे दानी के अंदर घुस्स गया और आंटी अपनी चीख को रोकने की कोशिश करते हुए जो मेरे शोल्डर को मस्ती मे चूस रही थी अब तकलीफ़ से अपने दांतो से काट डाला फिर भी उनके मूह से निकल ही गया
“आआआआआहह म्म्म्ममाआआआआआआआअ र्र्र्र्र्ररराआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्
ज्ज्ज्ज्जाआाआअ ऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईई…,!!
और मेरे लंड मे से गाढा गाढ़ा रस का फव्वारा निकलना शुरू हुआ और आंटी की बच्चे दानी को भरने लगा,
मैं उनके सीने पे ही लेटा रहा, दोनो के बदन से पसीना पानी की तरह से बह रहा था, मैं थोड़ी देर के बाद उनके बदन से उठ के उनकी बगल मे लेट गया, जैसे ही लंड उनकी चूत से बाहर निकला वैसे ही उनकी चूत मे इकट्ठा हुआ दोनो का मिक्स जूस बह कर उनकी गांड पे से होता हुआ बिस्तर पे गिरने लगा और फिर हम दोनो एक दूसरे की बाँहो मे बाहें डाले लिपट के सो गया,
शाम 4 बजे के करीब मैं और आंटी दोनो नंगे ही साथ साथ उठे,
आंटी- “आहह आज से पहले इतनी मीठी और इतनी गहरी नींद कभी नही आई”,
आंटी की आवाज़ सुनते ही मेरे दिमाग़ मे चुदाई की फिल्म चलने लगी और देखते ही
देखते मेरा लंड अकड़ के हिलने लगा और आंटी के बदन से लंड लगा तो वो चोंक गयी और हाथ नीचे लगा के देखा तो लंड मूसल बना हुआ था तो वो मुस्कुरा के अपने हाथ मे मेरा लंड पकड़ के बोली,
आंटी- “अले अले बेचारे को शाएद पेट भर चोदने को नही मिला आजा मेरे प्यारे बाबू मैं तेरी भूक मिटा देती हू”
और मेरे लंड को प्यार से सहलाने और दबाने लगी, हम दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट लेते थे तो आंटी ने अपनी एक टांग उठा के मेरे थाइ पे रख ली जिस से उनकी चूत के पंखाड़ियाँ खुल गयी और लंड के सुपाडे से टच करने लगी और फिर आंटी ने लंड के डंडे को पकड़ के लंड के सुपाडे को अपनी चूत मे रगड़ना चालू कर दिया और देखते ही देखते उनकी चूत भी गीली हो गयी और मेरे लंड के प्री कम से स्लिपरी भी होगयि तो मैं ने उनको अपने ऊपेर खींच लिया, आंटी मेरे ऊपर जॉकी की तरह से बैठ गयी और मेरा लंड ऑटोमॅटिकली उनकी चूत के सुराख से सट गया और आंटी को पकड़ के एक ही धक्का मारा तो आधा लंड उनकी टाइट गीली चूत मे घुस गया, आंटी को झुका के उनके बूब्स को चूसने लगा, आंटी बहुत ही गोरी थी और उनके बॉब्स भी बड़े ही मस्त और टाइट थे उनके निपल्स इतने गुलाबी थे ट्यूब की रोशनी मे उनके निपल्स किसी सुलगते हुए अँगारे की तरह से लग रहे थे और उनका लाइट गुलाबी रंग का आरोला तकरीबन 1 इंच का था, आंटी के बूब्स बहुत सेन्सिटिव थे उन के निप्पल को मूह मे ले चूस्ते ही वो जैसे दीवानी हो जाती थी, मैं ने एक और धक्का दिया तो लंड कुछ और अंदर घुस गया, अब हमारी शरम ख़तम हो चुकी थी, आंटी अब मेरे लंड की सवारी कर रही थी, लंड रॉकेट की तरह से सीधा उनकी चूत के अंदर जा रहा था और आंटी मेरे लंड पे उछल रही थी और उनके बूब्स डांस कर रहे थे, अब आंटी आसानी से लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी और उन्हे बहुत ही मज़ा आ रहा था, जबरदस्त , चुदाई चल रही थी दोनो के बदन एक बार फिर से पसीने मे भीग चुके थे, आंटी को पलटा के एक बार फिर उनको नीचे लिटा दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया, आंटी बहुत ही मज़े ले रही थी उनकी आँखें मस्ती मे बंद हो गयी थी, उनके पैर मेरी पीठ पे लिपटे हुए थे और अपने पैरो से और हाथो से मेरी गांड को अपनी तरफ खींच रही थी, लंड को पूरा सुपाडे तक बाहर निकल निकल के बड़ी बेदर्दी से आंटी की टाइट चूत को चोद रहा था, आंटी तो 3 बार ऑलरेडी झड़ चुकी थी और अब मेरा रस भी निकलने को तय्यार था फुल स्पीड से चोद रहा था और देखते ही देखते आंटी का बदन कांपने लगा और मैं ने भी एक जबरदस्त झटका मारा और लंड को उनकी बच्चे दानी के अंदर कर के अपने रस का फव्वारा छोड़ने लगा और एक बार फिर दोनो का पाणी साथ साथ निकल गया और उनकी चूत दोनो के रस से भर गयी,
लंड को आंटी के चूत के अंदर ही रखे रखे थोड़ी देर हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे को चूमते चाटते रहे, आंटी का बदन बेजान हो के बिस्तर पे पड़ा था लंड चूत के अंदर ही था थोड़ी देर के बाद आंटी की साँसें ठीक हुई
आंटी- “रेशु आज तुम्हारे रस का टेस्ट करा दो”
तो मैं फॉरन ही अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकल के 69 की पोज़िशन मे आ गया, मेरा लंड हम दोनो के रस से भरा हुआ था और लंड की टोपी से रस की बूँदें टपक रही थी जिसे आंटी ने फॉरन ही अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी और मैं भी झुक के आंटी की गुलाबी चूत को देखने लगा जो अंदर से बहुत ही लाल हो गयी थी और चूत का सुराख इंग्लीश के “ओ” जैसा हो गया था जिसमे से दोनो का मिला जुला रस निकल के बिस्तर पे गिर रहा था, उनकी चूत के पंखाड़ियाँ जम कर चोदने की वजह से डबल रोटी की तरह सूज गये थे, लाल और मोटे हो गये थे और सच मे उनकी नाज़ुक चूत का भोसड़ा बन चुका था, चूत अंदर से एक दम से लाल ब्लड रेड जैसे हो गयी थी, मैं ने आंटी की चूत पे किस किया और फिर उनकी चूत को चाटने लगा, आंटी की टाँगें मूडी हुई थी और अब वो फिर से अपनी गांड उचका उचका के मेरे मूह मे अपनी चूत को घुसा रही थी और अपने दोनो रानो से मेरे सर को दबा भी रही थी आंटी एक बार फिर से फुल मूड मे आ चुकी थी और मे उनकी चूत के खुले हुए सुराख मे अपनी ज़ुबान अंदर बाहर कर ज़ुबान से उनकी चूत को चोद रहा था, आंटी मेरे लंड को किसी आइस क्रीम की तरह से चूस रही थी और आज मुझे उनके चूसने मे इतना मज़ा आ रहा था के किसी के भी चूसने मे उतना मज़ा नही आया था और आंटी काँपते बदन के साथ मेरे मूह मे झड़ने लगी और मैं उनके मूह मे अपने रस के फव्वारे छोड़ता रहा जो आंटी के डाइरेक्ट हलक मे गिरता रहा, हम दोनो ने एक बार फिर से एक दूसरे के ज्यूस का टेस्ट किया,
कहानी जारी रहेगी
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