RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
बाद में मुझे मालूम पड़ा की चाचा वहाँ अचानक नहीं आए थे, बल्की पिताजी ने सब प्लान किया हुआ था। उसी ने चाचा को वहाँ आने को कहा था क्योंकी वो मुझको अपने भाई से शेयर करना चाहता था। उस दिन के बाद तम्हारे चाचा अक्सर हमें जाय्न करते रहे चोदने के लिए। मझे भी आदत हो गई दोनों की। कई बार रात को भी वो यहाँ होता है अपने भाई के कमरे में, जब मैं पिताजी से रात को मिलने को जाती हैं और दोनों साथ करते हैं मेरे साथ...”
प्रवींद्र का लण्ड बेकाबू हो गया यह सब सुनकर और नेहा को खींचकर उसके बेडरूम में ले गया। नेहा नहीं करने दे रही थी। मगर प्रवींद्र ने जबरदस्ती किया, नेहा के कपड़े जबरदस्ती उसके जिश्म से नोंचे, उसको उसी के बिस्तर पर बिल्कुल नंगी कर दिया, नेहा के जिश्म पर चारों तरफ दाँत से काटा प्रवींद्र ने, उसको चांटा मारा उसकी गाण्ड पर और जै में अपनी भाभी को चोदने लगा।
नेहा छटपटा रही थी, स्ट्रगल कर रही थी, बिस्तर पर इधर से उधर रगड़ रही थी।
मगर प्रवींद्र का लण्ड उसकी चूत के अंदर-बाहर जैसे गुस्से में किए जा रहा था। प्रवींद्र ने नेहा के मुँह में, चूत में, गाण्ड में सभी जगहों में अपने लण्ड को ठसा। नेहा चिल्लाती गई, और प्रवींद्र चोदता गया, बिल्कल एक सांड की तरह, जोश में, जंगली जानवर की तरह कर रहा था प्रवींद्र। चोदते वक्त नेहा के जिश्म को चूस रहा था, दाँत काटते जा रहा था, कई जगह नेहा के जिश्म पर लाल-लाल धब्बे पड़ गये। जिस तरह से प्रवींद्र अपने दाँत गड़ा रहा था।, उसके कंधे पर, गले पर, चूचियां पर, जांघों पर, जहाँ-जहाँ भी प्रवींद्र का मुँह पड़ रहा था करते वक्त उन-उन जगहों पर उसने लाल धब्बे छोड़ा।
नेहा का जिश्म उन लाल धब्बों से भर गया। गले पर, छाती पर, गले के पीछे, पीठ पर, पेट पर नाभि के पास, जांघों पर, उसके गाल पर भी थूक से भिगो दिया था प्रवींद्र ने चारों तरफ नेहा को। कहीं-कहीं तो प्रवींद्र के दाँतों के निशान रह गये थे, और प्रवींद्र ने अपने वीर्य को नेहा के मुँह पर छोड़ा, उसके मुँह को जबरदस्ती खोल के कुछ वीर्य के कतरों को नेहा के मुँह के अंदर भी डाला प्रवींद्र ने। करने के बाद प्रवींद्र जोर से हँसते हए खुद हाँफते हुए नेहा के बगल में लेट गया।
नेहा भी हँसने लगी और कहा- “महा-जंगली हो तुम, जानवर हो बिल्कुल ऐसे करते हैं क्या? वाइल्ड बीस्ट.."
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