RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
एक हफ़्ता गुजर गया। नेहा की माँ की तबीयत बेहतर हुई और हास्पिटल से उसको डिस्चार्ज मिल गई और वो घर वापस आ गई मगर बहुत कमजोर थी। और नेहा को वापस अपने पति के घर लौटना पड़ा। बाप खुद नेहा को स्टेशन छोड़ने गया कि कहीं उसके दोनों भाई ना टपक पड़े।
नेहा वापस आ गई अपने ससुराल, प्रवींद्र, रवींद्र और अपने ससुर के बीच।
मगर अभी हम नेहा को कुछ दिनों तक भूल जाते हैं इसलिए कि यहाँ उसके पिता के साथ क्या होता है वो देखते हैं। नेहा के पास वापस चलेंगे यहाँ की घटनायें को देखने के बाद। यहाँ भी कुछ गरम होने वाला है अभी, नेहा के पिता का किसी और के साथ। उम्मीद है कि पाठकों को यह हिस्सा भी पसंद आएगा... चलो देखते हैं।
नेहा के पिता को अब क्योंकी जवान चूत की लज्जत मिल गई तो अब उसको वैसा ही मजा करने की जरूरत पड़ने लगी। वो दिन रात नेहा के बारे में सोचने लगा, उसके साथ गजारी हर रात, हर चदाई को याद करता गया
और जो खुशी, जो आनंद नेहा ने उसको दिया चुदाई करते वक्त... वो उसको कभी भी हासिल नहीं हुआ था अपनी पत्नी से। तब उसको पता चला कि इस पीढ़ी की लड़कियां बहुत मस्त चुदाई करती हैं, लण्ड चूसती हैं, मुँह में वीर्य लेती हैं, गाण्ड में भी लण्ड लेती हैं।
इसलिए उसको अब वैसी चुदाई की जरूरत पड़ने लगी। कई रातों को नेहा के पिता ने नेहा को सोचते हए मूठ मारा, उसको अपनी बाहों में महसूस किया, उसकी जिश्म की खुशबू को महसूस करते हुए मूठ मारा, नेहा की काँख को संघने को याद किया, उसकी चत की महक को याद किया. नेहा की जीभ के रस को महसस किया। यह सब उसके जेहन में काफी दिनों तक मौजूद रहे, पर अब उसको उसी तरह की चुदाई की सख्त जरूरत पड़ने लगी। तो उसके गंदे दिमाग में कोई आया जिसके साथ वो अपने अरमानों को पूरा कर सकता था। थी एक जवानी इस जेनरेशन की जिसके साथ वो एंजाय कर सकता था। कौन थी वो?
अनिल की बीवी, उसकी बहू, छोटे बेटे की पत्नी। वो जवान थी, माडर्न थी, इसी जेनरेशन की थी, हमेशा आजकल की बालीवुड हेरोयिन्स की तरह कपड़े पहनती थी और सजती सवंरती थी। जब वो साड़ी पहनती थी तो अक्सर स्लीवलेश और बकलेश, ब्लाउज़ डीप कट, जिससे क्लीवेज नजर आते थे। या तो वो अक्सर टाइट जीन्स स्कर्ट पहनती थी और सेक्सी टी-शर्ट या टाप्स। घर पर वो शार्ट्स पहनती थी और उसकी जांघे बड़ी गदराई दिखती थीं। अनिल 38 साल का था और उसकी पत्नी 26 साल की थी। उसकी कोई औलाद नहीं थी। वो एक हाउसवाइफ थी, तो दिन भर घर पर ही रहती थी।
अब क्योंकी नेहा इस जेनरेशन की लड़की थी तो नेहा के पिता ने सोचा के अनिल की पत्नी भी इसी जेनरेशन की है और अगर नेहा इतनी सेक्सी और चुदाई का मजा देती है तो आरती भी उसी की तरह होगी। क्योंकी वो भी नेहा की जेनरेशन की है, हाँ कछ साल बडी है नेहा से। अब नेहा का बाप अनिल की 0 सोचने लगा। उसको पता है कि वो किस तरह के माडर्न ड्रेस पहनती है, और कितनी गरम और सेक्सी दिखती है। फिर उसने सोचा कि अगर नेहा इतनी गरम है, और आरती भी वैसी ही दिखती है तो क्या पता कि वो भी नेहा की तरह सेक्स एंजाय करती होगी और उसके साथ भी वो वैसा ही आनंद पा सके।
बाप ने नेहा वाला ब्लो-जाब याद किया और सोचा कि हो सकता है आरती भी वैसा ब्लो-जाब करती हो। ब्लो-जाब तो नेहा की माँ ने कभी भी नहीं किया था उसके साथ। नेहा के पिता को जिंदगी की पहली ब्लो-जाब तो नेहा से हासिल हुई, तो उसने सोचा शायद इस जेनरेशन की औरतें बेहतरीन तरीके से सेक्स करती हैं। पुराने जमाने की
औरतों की तरह नहीं कि लेट गई बिस्तर पर टाँगों को फैलाकर और चूत के अंदर लण्ड ले लिया बस हो गया। फिर अब उसको एक लत जैसी लग गई ब्लो-जाब, किस और नये तरीके से सेक्स करने के लिए और जबसे नेहा गई है बूढ़ा पागला सा गया और वैसे सेक्स के लिए तड़पने लगा था। अब नेहा का पिता सिर्फ आरती के बारे में सोचता रहता और उसको सोचकर मूठ मारता।
दूसरे दिन वो अनिल के घर गया। वो ऐसे वक्त पर वहाँ गया जब उसको मालूम था कि अनिल काम पर गया हुआ है और आरती घर पर अकेली है। दरवाजे को खटखटाया तो सुबह के 10:00 बजे थे। आरती ने आकर दरवाजा खोला और अपने ससुर को देखकर हैरान हो गई। वो अब तक अपने नाइटी में थी, कपड़े नहीं बदली थी। अपने ससुर को देखकर आरती ने सोचा शायद उसकी सास की तबीयत खराब हो गई इसीलिए ससुर कुछ कहने आये हैं।
वो ससुर के कुछ बोलने की इंतेजार कर रही थी, मगर ससुर तो आरती की खूबसूरती को नाइटी में देखकर एक पतले की तरह खड़ा उसको देख रहा था, उसकी क्लीवेज कमाल की थी, आरती का जिश्म नेहा से थोड़ा अधिक भरा हुआ था, और गदराया हआ जिश्म था उसका। उसकी लुक्स पर्फेक्ट थी, नेहा की तरह गोरी भी थी। आरती की मुश्कुराहट भी हसीन थी और आवाज भी मस्त थी, बिल्कुल फेमिनाइन।
जब ससुर ने कहा कि वो ऐसे ही गुजारने के लिये आया है तो आरती ने उसको अंदर आने को कहा। आरती किचेन के तरफ गई और ससुर उसके पीछे-पीछे गया। आरती ने उसको किचेन में ही बैठने को कहा। ससुर आरती से कई बार ऐसे मिला है, अक्सर मिलते थे दोनों, मगर सिर्फ एक ससुर और बहू की तरह। दोनों एक दूसरे से अच्छे तालुकात रखते थे पहले से ही।
आरती उसको अपने पिता जैसे मानती थी।
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