RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
नेहा अंदर उसका इंतेजार कर रही थी। वो एक दूसरी स्कर्ट और टी-शर्ट में थी। स्कर्ट छोटी थी, उसके घुटनों के ऊपर थी जिसमें उसकी जांघे बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थीं, उसने जानबूझ कर वैसे पहनी थी ज्ञान को उत्तेजित करने के लिए। और टी-शर्ट का क्या कहना, एक डीप वी-कट थी जिसमें उसकी परी क्लीवेज सामने थे। ब्रा नहीं पहनी थी नेहा ने, यह भी जानबूझ कर, और उस टी-शर्ट पर उसकी निपल के अंगूर का दाना साफ नजर आ रहा था।
ज्ञान ने बिल्कुल देर ना करते हुए नेहा को अपनी बाहों में जोर से भर लिया और उसको गोद में उठाकर उसके कमरे में लेजाकर बेड पर लेटा दिया। जैसे ही वो लेटी, स्कर्ट एक तो छोटी थी मिनी स्कर्ट के जैसी वो लेटने की वजह से और ऊपर उठ गई और उसकी पैंटी नजर आने लगी, उसकी गोल-गोल, गोरी, सफेद रंग की गदराए जांघों के बीच। ज्ञान बेड पर नेहा की टाँगों के बगल में बैठा और अपने सर को उसकी दोनों टाँगों के बीच किया फिर उसके घुटनों से चाटना और चूमना शुरू किया। वैसा करते धीरे-धीरे ज्ञान ऊपर बढ़ता गया नेहा के खूबसूरत जांघों को चूमते चाटते हए, कहीं-कहीं लाल लाल निशान बना दिया नेहा की जांघों पर, हल्की-हल्की और गहरी नहीं। जो पल में मिट जाएंगे वैसे निशान। और जब नेहा की पैंटी तक ज्ञान पहुँचा तो वोही होना था। हाँ... नेहा फिर से गीली हो गई थी, पैंटी भीगी हुई पाया ज्ञान ने।
ज्ञान समझ गया कि नेहा बहुत गरम हो चुकी है और चुदाई की जरूरत है उसको भी। ज्ञान जल्दी से एक जंगली की तरह ऊपर गया और नेहा की टी-शर्ट को जोश में खींचकर निकाल फेंका और उसकी चूचियों को दबोचने लगा, भर मुँह नेहा की चूचियों को लेकर चूसा और लगता था जैसे एक टुकड़ा गोश्त मिल गया था उसे और अब उसे खा जाएगा।
खुशी और तड़प के मारे नेहा काँप उठी और सिसकने लगी। ज्ञान आगे बढ़ता गया अपना काम करते हए उसके जिश्म पर और नेहा और भी तड़पती गई, मचलती गई, जिश्म ऐंठती गई उसके नीचे। फिर नेहा को उस हालत में देखते हुए ज्ञान का हौसला और भी बढ़ा और उसको समझ में आ गया कि नेहा को बहुत ही बेसब्री है। फिर धीरे-धीरे ज्ञान ने नेहा की स्कर्ट और पैंटी उतारी और उसको बिल्कुल नंगी लेटाया और खुद नंगा होकर बेड पर चढ़कर अपने लण्ड को नेहा के मुंह के पास किया।
नेहा को जैसे बहत भूख थी उस लंबे, मोटे, काले गोश्त के टुकड़े को खाने की। उसने उसको सहलाया, बड़े प्यार से उसको निहारा, फिर अपनी जीभ फेरा लण्ड के ऊपर से नीचे बाल्स तक। अपनी जीभ से बाल को नेहा ने चूसा लण्ड को हाथ में ऊपर पकड़कर और ज्ञान के चेहरे में देखते हुए यह सब किया।
ज्ञान अपने घुटनों पर खड़ा हो गया और जितना नेहा उसके बाल पर अपनी जीभ चला रही थी उतना ही ज्ञान तड़पते, गुर्राते जा रहा था। फिर नेहा ने लण्ड के बाल को कुछ इस तरह हल्के से दबाया कि अंदर का एक अंडा उसके मुँह में चला गया और उसको चूसा मुँह के अंदर लेकर नेहा ने। ज्ञान बेहाल होता जा रहा था उस आक्सन से- “आआहह... इस्स्स्स ..” करते हुए।
नेहा को बड़ा मजा आ रहा था ज्ञान को उस पोजीशन में देखते हुए और आखिर में उसने ज्ञान के लण्ड को मुँह में ले लिया और उसको चूसने लगी। ज्ञान उसके मुँह में अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा और बहुत ही मजा आने लगा था उसे। कोई 5 मिनट तक ज्ञान नेहा के मुँह में वैसे धक्का देता गया और नेहा ने अपनी जीभ पर उसके नमकीन प्री-कम को महसूस किया तो फिर से अपनी आँखें ऊपर उठाकर उसके चेहरे में देखा नेहा ने चुसाई बरकरार रखते हुए।
और एक बढ़िया ब्लो-जाब देने के बाद नेहा बेड पर लेटी और ज्ञान ने उसकी चूत पर वोही काम शुरू किया। नेहा की दोनों टाँगों को फैलाकर ज्ञान भूखे भूड़िये की तरह उसकी चूत पर टूट पड़ा और इतना चूसा और चाटा उसकी पंखुड़ियों को भर मुँह लेते हुए कि नेहा कसमसाती गई तड़पते हुए उसके सर को अपनी जांघों के बीच दबाकर। जितना पानी निकाल सका ज्ञान ने निकाला नेहा की चूत से। 10 मिनट तक ज्ञान उसकी चूत को चूसता गया
और नेहा दो बार झड़ गई उस दौरान चादर को भिगोते हुए।
आखिरकार, दोनों नार्मल पोजीशन में आए तो ज्ञान ने अपने लण्ड को उसकी चूत में डाला जो फिसलते हुए अंदर घुस गया, और चुदाई शुरू हो गई। नेहा जैसे किसी और दुनियां में थी, उसको इतना मजा आ रहा था...
अगर उस पल प्रवींद्र वापस आ जाता तो भी नेहा को पता नहीं चलता. एक बेहोशी का आलम था, डूबी हुई थी नेहा उस चुदाई के खुमार में। तड़प रही थी, जिश्म बेहाल थी बेड पर ज्ञान के नीचे, उसके लण्ड को भरपूर एंजाय कर रही अपने अंदर नेहा, बेड की चादर को अपने मुट्ठी में भरकर खींच रही
थी, लंबी-लंबी साँसें लेती जा रही थी, हाँफ रही थी, बेकाबू हो रही थी।
ज्ञान धक्कों का रफ्तार बढ़ाता गया कि आखीर में जल्द ही दोनों अपने आगंजम को पहुँचे। ज्ञान अपने लण्ड को बाहर खींचने जा रहा था वीर्य छोड़ने के लिए। मगर नेहा ने उसकी कमर को कसके पकड़ा अपने ऊपर दबाते हुए
और ज्ञान से उसके अंदर ही डिस,चार्ज होने को कहा।
ज्ञान उसकी चूत की गहराई में वीर्य छोड़ता गया और चिल्लाया- “आआहह... आहह... आह्ह... इस्स्स्स आई आम कमिंग। इस्स्स्स ... हाँ आह्ह..."
चिल्लाई- “ओहह... इस्स्स्स
... उंम्मम... ओहह... गोड... इट्स कमिंग।
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