RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
नेहा ने अपनी नजरें ऊपर करते हुए उसके चेहरे में देखा और उसको वैसा तड़पते हुए देखकर उसकी गर्मी और प्यास और भी बढ़ गई। उसकी चूत पानी बहने लगी थी और प्रवींद्र का हाथ वहीं नीचे पहुँचा उस गीलेपन को महसूस करते हुए।
फिर जल्द ही प्रवींद्र ने उसको एक 69 पोज में घुमाया सोफे पर ही। फिर क्या था... दोनों एक दूसरे के सेक्स को चाट, चूस, खाते रहे काफी देर तक, दोनों एक दूसरे का नमकीन रस चख रहे थे उस नायाब लज्जत से अपने उत्तेजना को और भी बढ़ा रहे थे। जब नेहा उसको जबरदस्त चूस रही थी तो उधर प्रवींद्र उसकी चूत में दो उंगली घुसाए उसकी चूत की पंखुड़ियों को जैसे चबा रहा था उसके रस को निगलते हुए। तकरीबन 10-15 मिनट तक दोनों वैसे ही एक दूसरे को चूसते चाटते रहे।
और आखीर में प्रवींद्र गुर्राया- “भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ.."
वो अपने लण्ड को नेहा के मुंह से बाहर निकालने वाला था, मगर नेहा ने उसके लण्ड को अपने मुँह में जैसे कैद कर रखा तो प्रवींद्र ने जोरों से तड़पती आवाज में अपने वीर्य को नेहा के मुंह के अंदर ही छोड़ा काँपते हुए जिश्म से और जोरों से हाँफते हुए। फिर नेहा ने उसके वीर्य को नीचे जमीन पर थूका। प्रवींद्र सिसक गया थरथराते हुए।
हँसते हए नेहा ने कहा- “बदमाश कहीं का, लग रहा है एक बच्चा हो जिसने आज ज़िंदगी में पहली बार अपने
लण्ड को चुसवाया है...”
प्रवींद्र ने सारी कहते हुए कहा- “भाभी, बात यह है कि 20 दिनों के बाद आज..."
नेहा ने उसको करेक्ट किया- “20 दिन नहीं 35 दिनों के बाद आज तुमने यह किया है जान मेरी..." नेहा उसके लण्ड के साथ खेलती रही जो एक मरा हुआ साँप का टुकड़ा लग रहा था उसके हाथ में।
प्रवींद्र ने दोबारा कहा- “भाभी, मुझे माफ करना प्लीज... मैं अपने आपको संभाल नहीं पाया और आपको खुश नहीं कर पाया, केवल खुद को खुश किया, मगर आप प्यासी रह गई, वेरी सारी भाभी। आपके अंदर डालने से पहले ही मैं झड़ गया...” उसको क्या पता था कि नेहा कितनी बार झड़ चुकी है पिछले घंटों में।
मगर नेहा ने उससे कहा- “फिकर मत करो मैं इसको दोबारा खड़ा करती हूँ ना अभी। 35 दिन हो चुके तो यह आज डबल शिफ्ट करेगा मुझे पूरा यकीन है..” उतना कहकर नेहा प्रवींद्र के लण्ड को सहलाती गई फिर चूसने चाटने लगी और उसके डिसचार्ज के 10 मिनट बाद ही लण्ड फिर से धीरे-धीरे अपना रूप लेना शुरू किया और
एक सोए हए हैवान की तरह फिर से मस्त खड़ा हो गया। नेहा की हथेली में लण्ड ने रूप लिया बढ़ते हए और वो उसको निहारती रही और चुलबुलाते हुए प्रवींद्र के एक्सप्रेशन्स को देखा ऊपर सर उठाकर, नेहा को खुशी हुई प्रवींद्र को खुश देखकर और वो अपने जिश्म को सोफे पर स्ट्रेच कर रहा था अपने लण्ड को अपनी भाभी के जिश्म से चिपकाते हुए।
नेहा बोली- “देखा ना, मैं तुम्हारे इस टुकड़े को दोबारा जिंदा करने में कामयाब रही..."
प्रवींद्र मुश्कुराया और कहा- “तुम एक बहुत हार्नी सी शैतान हो भाभी, चलो ठीक है अब यह आपके अंदर घुसेगा, तैयार हो जाओ इसको अपने अंदर लेने के लिए...”
नेहा ने खुशी से कहा- “इसीलिए तो इसको मैंने दोबारा जिंदा किया ना, अपने अंदर घुसाने के लिए." और नेहा ने पोजीशन लिया, लेटकर अपनी टाँगों को फैला दिया और प्रवींद्र उनके बीच गया तो नेहा ने खुद उसके लण्ड को अपने हाथों से अपनी चूत के अंदर डाला। लण्ड उसकी गहराई में फिसलता गया और नेहा की आवाज ऐसी आई- “हम्म्म... आअहह..."
तब प्रवींद्र ने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया, पहले धीरे-धीरे, फिर धीरे-धीरे रफ़्तार बढ़ता गया और उसका लण्ड नेहा की चूत में रफ़्तार से अंदर-बाहर होता गया, और नेहा ने तड़पते हुए प्रवींद्र को अपनी बाहों में जोरों से जकड़ लिया उसके गले को चाटते और कंधे पर जोर से अपने दाँतों को दबाते हए। काफी देर तक प्रवींद्र धक्का देता गया क्योंकी अभी-अभी झड़ा था तो देर लगाया दूसरी बार झड़ने के लिए।
मगर यह तो नेहा के लिए फाएदेमंद था, तब तक वो दो बार झड़ गई तड़पते सिसकते हए, उसका शरीर काँपने लगा प्रवींद्र के नीचे, नेहा के जिश्म में जैसे एक वाइब्रेटर लगी हुई थी जिस तरह से उसका जिश्म थरथरा रहा
था। झड़ने के दौरान दो बार एक के बाद एक आगंजम आई उसे, पल भर में उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा कि प्रवींद्र का लण्ड असानी से अंदर बाहर होने लगा।
नेहा खुशी से चिल्लाती गई काँपते हुए झड़ने के दौरान, कुछ ऐसे शब्द निकले थे नेहा के उस वक्त- “ऊहह... हाँ... इट्स फॅटस्टिक, यू अरे सो गुड... कंटिन्यू, डोंट स्टॉप... आई आम हैविंग माई आगँजम, इट्स ग्रेट... गो ओन, गो ओन... डोंट स्टॉप, आई लोव यू हनी... एसस्स एइस्स्स्स । आई विल कम अगेन... वावव दैटस सुपर्ब.. ओहह... माई गोड... ओह्ह... इस्स्स्स ." फिर प्रवींद्र के नीचे नेहा हाँफती गई जैसे उसका दम घुटने लगा था।
फिर प्रवींद्र की बारी आई और वो भी गाया और लण्ड को बाहर निकालने जा रहा था, जब नेहा ने उसको उसके
अंदर ही झड़ने को कहा, तो प्रवींद्र ने उसकी चूत की गहराई में अपने पानी को छोड़ा हाँफते हुए। फिर अपने जिश्म के पूरे वजन को नेहा के बदन पर छोड़ दिया उसने गहरी साँसें लेते हुए।
नेहा प्रवींद्र के जिश्म के वजन को खुशी से अपने जिश्म पर संभाल रही थी, बिना कोई शिकायत किए। और थोड़ी देर में प्रवींद्र ऊपर उठा हँसते हुए, और दोनों हँसने लगे, एक दूसरे के चेहरे में देखते हुए। नेहा बाथरूम गई तो प्रवींद्र उसके पीछे-पीछे गया। दोनों एक साथ नहाने के बाद वापस बेड पर आए, और नेहा ने बातचीत शुरू किया- “मुझे तुमसे बहुत सारे जरूरी बातें करनी है.."
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