RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“अगला काम पारसनाथ को बेहोश करना है?" पूछा मखानी ने।
उसके बाद ।” ।
“बाद की तेरे को बता ही चुका हूं। परसू को भी बेहोश कर। कमला रानी के साथ ही उसके पास जाना। तू जगमोहन के रूप में ही उसके पास जाएगा और कमला रानी, नगीना के चेहरे में ही...।”
“कुछ देर मैं यहीं पर कमला रानी के साथ रहूंगा ।” मखानी एकाएक मुस्कराकर बोला।
“सिर्फ कुछ देर। उसके बाद मैं और भौरी तुम दोनों को परसू के पास दिल्ली पहुंचा देंगे।”
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रात के बारह बज रहे थे।
पारसनाथ रेस्टोरेंट के ऊपर अपने घर में था। रेस्टोरेंट बंद किया जा रहा था। सितारा राधा के पास थी । न तो महाजन का कुछ पता था और न मोना चौधरी का। इन हालातों में वो खुद को अकेला महसूस कर रहा था। मन-ही-मन ये भी सोचता कि जथूरा ने सबको बुरी तरह चक्कर में डाल रखा है। उसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है। साथ ही ये भी उसे महसूस होता कि ये सब तो शुरुआत भर है। अगर पूर्वजन्म में प्रवेश करना पड़ गया तो पता नहीं वहां के खतरनाक हालातों का सामना कर पाएगा कि नहीं?
तभी इंटरकॉम बजा।
नीचे से उसके नौकर ने बताया कि जगमोहन किसी युवती के साथ आया है और उससे मिलना चाहता है।
। जगमोहन को इस प्रकार अचानक आया पाकर, पारसनाथ को हैरानी हुई।
वो तुरंत नीचे जा पहुंचा। जगमोहन के करीब पहुंचा। “तुम यहां कैसे?” ।
देवराज चौहान भी अन्य लोगों की तरह गायब हो गया है।” जगमोहन ने कहा।
“ओह, ये तो...।” तभी उसकी निगाह दो कदम दूर खड़ी नगीना पर पड़ी—“ये...ये तो नगीना है, जिसे मोना चौधरी ने गायब किया था।”
“हां, ये वापस आ गई है।”
कैसे?” पारसनाथ उलझन से बोला।
होश आया इसे तो वहां से भाग निकली।”
ओह, तो क्या बाकी लोग भी वहां थे?”
“नहीं” कमला रानी पास आकर बोली-“मैं अकेली थी वहां और वो जगह भी नहीं जानती–मैं तो...।”
“ये बातें बाद में।” जगमोहन पारसनाथ से कह उठा–“जरा बाहर चलो, तुम्हें कुछ दिखा दें।”
क्या?”
कार में रखा है कुछ। मेरे खयाल में हमने जथूरा का रहस्य पा लिया है।”
ओह, दिखाना मुझे, क्या दिखाना चाहते हो?”
तीनों बाहर पहुंचे। बाहर अंधेरा था। रेस्टोरेंट के साइन बोर्ड की रोशनी अवश्य फैली थी। जगमोहन पारसनाथ के साथ था। तीन कदम पीछे कमला रानी थी। कमला रानी ने पहले से ही एक तरफ रखी ईंट उठाई और दबे पांव पारसनाथ के पीछे पहुंचकर वेग के साथ जोरों से तीन-चार बार, सिर पर चोट कर दी।
पारसनाथ को संभलने का मौका नहीं मिला और वो बेहोश होकर नीचे गिरता चला गया।
“ले शौहरी।” मखानी बोला–“तेरा काम खत्म कर दिया।”
काम तो अब शुरू होगा ।” शौहरी के हंसने की आवाज आई।
*अब तो मैं कुछ देर कमला रानी के साथ बिता सकता हूं।” मखानी कह उठा।
“अभी तो मुम्बई में देवा के बंगले पर तुम दोनों ने...”
“वो तो जल्दी-जल्दी...।” ।
“तू तो पागल है मखानी, ज्यादा अच्छा नहीं...।”
“मखानी।” कमला रानी पास आकर प्यार से कह उठी–“चल, हम कार में चलते हैं।”
“कार में?" ।
समझा कर ।”
हां-हां, चल । मैं तो कंट्रोल से बाहर होता जा रहा हूं।” मखानी ने कमला रानी की कमर में हाथ डाल दिया।
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