RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER- 4
गर्भदान
PART-6
राजकुमारी - सपनो की रानी[b] [/b]
राजकुमारी ज्योत्सना बहुत सुन्दर लग रही थी उसका सुन्दर अण्डाकार गुलाबी रंग का चेहरा, मन-मोहिनी, मुख पर साल की जो आभूषण धारण किए हुए, उन्नत गुलाब जैसी रंगत वाले स्तन धारण करने वाली कमसिन कन्या , जिसके स्तन चुमने और पीने योग्य थे । जिसका कमर और नितम्बों का आकार सुराई की भांति थी । जिसकी आखें सम्मोहन युक्त, खंजर के समान, कमल नयन और जिसकी तरफ वो एक नजर देख लें वो उसके मोहपाश में बन्ध जाए। गुलाबी वस्त्रों को धारण करने साक्षात अप्सरा जैसी राजकुमारी ज्योत्सना को मैं देखता ही रह गया ?
ज्योत्सना से भी ज्यादा सुंदर, ज्योत्सना से भी ज्यादा कोमल और ज्योत्सना से ज्यादा योवनवति न कमसिन और प्यारी कन्या या युवती है ही नही, उसका सौन्दर्य है ही इतना अद्वितीय और सच में इतनी सुंदर साक्षात अप्सरा जैसी कन्या मैंने पहले कभी नहीं देखी थी.
उसकी कमर इतनी नाजुक है कि एक बार उसको जो भी देख ले वह उसको जिंदगी भर नही भुला सकता. सच में तो मिस यूनिवर्स भी राजकुमारी ज्योत्सना के सामने पानी भरती नजर आती वह 18 वर्ष की उम्र की अन्नहड़ मदमस्ति और यौवन रस से परिपूर्ण संसार के द्वितीय सौन्दर्य की सम्राजञी राजकुमारी ज्योत्सना को देखते ही मेरे होश गुम हो गए.
ऐसा लग रहा था काम देव ने अपनेसारे बाण मेरे ऊपर छोड़ दिए थे
गोरा अण्डाकार चेहरा, गौरा रंग ऐसा, कि जैसे स्वच्छ दुध में केसर मिला दी हो, लम्बे और एडियों को छूते हुए घने सुनहरे केश, बड़ी-बड़ी खजन पक्षी की तरह आखें जो हर क्षण गहन जिज्ञासा लिए हुए इधर उधर देखती है, छोटी चुम्बक, सुंदर और गुलाबी होठ, आकर्षक चेहरा और अद्वितीय आाभा मे युक्त शरीर राजकुमारी ज्योत्सना आकर्षक सुन्दरतम वस्त्र, अलंकार और पुष्प धारण किये हुए , सौंदर्य प्रसाधनों से युक्त-सुसज्जित दर और बेहद आकर्षक...थी
सब मिल कर एक ऐसा सौन्दर्य जो उंगली लगने पर मैला हो जाए ।उसका फिगर 34 28 34 होगा, जवानी टूट कर उस पर आई थी उसकी कमसिन काया गोल गोल भरे बूब्स, गोरा रंग, उसकी नाज़ुक सी पतली कमर उस पर उभरे गुंदाज़ कूल्हे और भरी गांड देखकर मेरा मन और लंड दोनों मचलने लगे
मेरे मन राजकुमारी ज्योत्स्ना को देख बेकाबू हो रहा था. उनकी गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। उसके होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।
सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस उसके रस भरे ओंठो और स्तनों को को चूमता और चूसता और चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ?
मैं ऐसे ही कामुक खयालो में खो गया था और मैंने देखा राजकुमारी भी झुकी हुई आँखों से मुझे चोरी चोरी देखती थी और जब मुझे उन्हें ही देखते हुए पा कर फिर आँखे झुका लेती थी ऐसे में महाराज ने मुझसे मेरे चचेरे बहाई के बारे में कुछ पुछा जो मुझे सुनाई नहीं दिया क्योंकि मेरा पूरा ध्यान तो राजकुमारी पर था .
मेरी ये हालत छुपी नहीं रही और जब गुरु जी को ये कहते हुए सुना की भाई महाराज हरमोहिंदर और महाराज वीरसेन की सुपत्री का विवाह आज से 15 दिन के बाद महाराज वीरसेन के महल में हिमालय नगरी में होगा और फिर गुरुदेव ने मुझे विवाह से दो दिन पहले उनके आश्रम में आने की आज्ञा दी ताकि शुद्धिकरन की प्रक्रिया पूरी की जाए .
जूही और ऐना वही रुक गए और मैं अगले दिन सुबह तक वापिस अपने घर सूरत लौट आया .. पर मेरे दिल और दिमाग में राजकुमारी ज्योत्सना ही घूम रही थी और मैं सोच रहा था किस प्रकार उससे मुलाकात की जाये .
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
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