RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
वो अपने विचारो में खोया ही हुए था कि उसकी पर्सनल सेक्रेट्री लीमा अंदर दाखिल हुई और सीधे आकर उसकी गोद में बैठ गई और बोली:"
" गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट, क्या हुआ आज कुछ परेशान लग रहे हो आप ?
अनूप ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बोला:"
" अरे वही मेरी बेवकूफ पत्नी, सुबह सुबह फिर से मुझे परेशान किया आज।
लीमा उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली:" छोड़ो उसको मैं हू ना आपका मूड ठीक करने के लिए मेरी जान।
अनूप हल्के हल्के उसकी चूचियां दबाता रहा और लीमा ने उसकी शर्ट के साथ ही उसका बनियान भी उतार दिया और अपनी टी शर्ट अपने गले से उतार दी तो नीचे ना होने के कारण उसकी छोटी छोटी लेकिन ठोस चूचियां छलक पड़ी और लीमा ने अनूप का मुंह पकड़कर अपनी चूचियों में घुसेड़ दिया तो अनूप उसकी चूची चूसने लगा तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर कर उसकी पेंट को खोल दिया और अंडर वियर को नीचे सरका कर लंड बाहर निकाल लिया और बोला:"
" वाव कितना मोटा लन्ड हैं तुम्हारा, उफ्फ मेरी चूत फाड़ देता है ये तो।
इतना कहकर उसने अनूप के मरियल से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। औरत के द्वारा अपने लंड की तारीफ हर मर्द को पसंद होती हैं ये बात लीमा बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए ही वो अनूप के छोटे से लंड की तारीफ किया करती थीं ताकि उससे बाद में पैसे ऐंठ सके।
अनूप:" आह चूस ले, खड़ा कर दे एक बार, फिर देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हूं!!
लीमा उसकी बाल सहलाती हुई बोली:" लगता हैं आज तुम अपनी बीवी का सारा गुस्सा मेरी चूत पर उतार दोगे, उफ्फ क्या होगा आज मेरी चूत का!!
लीमा की बाते सुनकर अनूप के लंड में हल्की हल्की जान पड़ने लगी लेकिन वो कड़कपन नहीं आ पाया जो चूत कर अंदर जाने के लिए चाहिए होता हैं।
अनूप ने उसकी गान्ड को नंगा कर दिया और चूत को सहलाते हुए बोला:" ठीक से चूस ना लीमा, कर दे मेरे लन्ड को आज पत्थर जैसा, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।
लीमा लौड़े को चूसते चूसते थक गई थी और उसे बेहद गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे आज अनूप से कुछ पैसे चाहिए थे इसलिए लगी हुई थी। लीमा अब उसके पूरे लौड़े को मुंह में भरकर आराम से चूस रही थी और बॉल को हाथ से सहला रही थी जिससे अनूप के लंड में पहले से ज्यादा तनाव आ गया था और उसने वहीं टेबल पर लीमा को घोड़ी बना दिया और बोला:"
" आज तुझे घोड़ी बना कर ठोकुंगा मेरी रण्डी,
अनूप अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लीमा की चूत में भी आग लग गई और अपनी चूत उसने जोर से लंड पर दबा दी और अनूप चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया तो उसने जोर से लीमा की गांड़ को कस लिया और वीर्य की दो चार बूंदे उसकी चूत पर जा गिरी।
" आह साली कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ गया मेरा लन्ड तो ।
लीमा की चूत जल रही थी और वो अच्छे से चुदना चाहती थी लेकिन रोज की तरह आज भी अनूप का लंड जवाब दे गया और वो अपना मन मसोस कर रह गई तो अनूप बोला:"
" थोड़ी देर रुक जा, इस बार लंड खड़ा हो जाने दे, तेरी चूत मार मार कर लाल ना कर दी तो बात करना।
लीमा जानती थी कि अब दो तीन दिन से उसका लंड शायद ही खड़ा हो पाए । आगे कोई कुछ कुछ बोलता उससे पहले ही ऑफिस का लैंड लाइन नंबर बज उठा तो लीमा ने पिक किया तो दूसरी तरफ से रिसेप्शन से आवाज आई
" मैडम वो मिस्टर नीरज मिश्रा आए हैं, उन्हें अनूप साहब से काम हैं कुछ।
लीमा ने अनूप को सब बताया तो अनूप बोला ने लीमा को इशारा किया तो लीमा बोली:*'
" ठीक है आप जल्दी से उन्हे अंदर भेज दीजिए!!
अनूप अपने कपडे ठीक करके बैठ गया और लीमा वहीं लैपटॉप पर काम करने लगी। नीरज अंदर दाखिल हुआ।
नीरज करीब एक 41 साल का आदमी, लंबाई ठीक ठाक, गहरे पक्के सांवले से रंग का, मोटी सी नाक, सिर के आधे से ज्यादा बाल उड़ चुके थे और जो बचे थे वो भी पूरी तरह से सफेद होकर अपनी आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वो अंदर दाखिल हुआ तो अनूप ने उसको हाथ जोड़कर नमस्कार किया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।
नीरज आराम से उसकी कुर्सी पर बैठ गया और बोला:"
" क्या हुआ अनूप आज कुछ उदास लग रहे हो , तबियत ठीक हैं तुम्हारी?
अनूप:" जी सर, बस आपकी दुआ हैं सब ठीक है।
नीरज:" मुझे तुमसे अकेले में कुछ जरूरी बात करनी थी अनूप।
अनूप ने लीमा को बाहर जाने का इशारा किया तो वो बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप उठाकर बाहर चली गई।
अनूप:" जी मिश्रा जी बोलिए, क्या सेवा की जाए आपकी?
नीरज गौर से उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" आप तो जानते ही हैं अनूप भाई कि हमे क्या चाहिए ?
अनूप के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि वो जानता था नीरज रूबी को कुछ भी करके हासिल करना चाहता था, अनूप का मुंह शर्म से लाल हो गया और अपने आप नजरे नीचे झुक गई और बोला:"
" मिश्रा साहब मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन रूबी मानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टा मुझे ही बुरा भला कहने लगी। और तो और मेरा बेटा भी उसके कहे पर ही चल रहा है।
नीरज हैरानी से चौंकता हुआ बोला:" बेटा मतलब मैं कुछ समझा नहीं!!
अनूप की आंखे गुस्से से लाल हो गई और उसने एक एक करके आज सुबह हुआ सब कुछ मिश्रा को बताया तो मिश्रा बोला:"
" अनूप ये तो बहुत गलत किया रूबी ने, वो औरत तुम्हे बर्बाद कर देगी ऐसे तो, उसका घमंड तोड़ना बहुत जरूरी हैं।
अनूप अपनी मुट्ठियां भिंच कर बोला:" लेकिन कैसे भाई, मैं कुछ उसे तमीज सिखाना चाहता हूं। उसने एक नौकरानी के सामने मेरा अपमान किया हैं।
मिश्रा के होंठो पर एक क्रूर मुस्कान थिरक उठी और बोला:"
" जब तक वो मेरे नीचे नहीं लेटेगी उसका घमंड नहीं टूटेगा, एक बार मुझसे चुद गई तो शर्म के मारे ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने मुंह नहीं खोल पाएगी।
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