RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर आ गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल आ गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"
" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।
अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!
" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।
इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"
" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।
अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।
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योगा सेंटर से आने के बाद रूबी को सारा घर खाली खाली लग रहा था क्योंकि आज सुबह ही साहिल दिल्ली चला गया था जबकि शांता आज किसी जरूरी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई थी।
रूबी ने खाना खाया और थकी होने के कारण सो गई। जब उसकी आंख खुली तो शाम के छह बज चुके थे इसलिए वो खाना बनाने में जुट गई। उसका मन तो नहीं करता था कि वो अनूप के लिए खाना बनाए लेकिन एक पत्नी का धर्म निभाना उसके लिए जरूरी था। उसने अनूप को पहचानने में जो गलती करी थी उसकी सजा भुगत रही थी। उसे ये उम्मीद थी कि अनूप को एक दिन ठोकर लगेगी और वो सही रास्ते पर आ जाएगा लेकिन उस बेचारी को मालूम नहीं था कि अनूप का चरित्र ही नहीं बल्कि जिस्म भी पूरी तरह से खराब हो गया हैं।
खाना बनाते बनाते आठ बज गए और अनूप भी घर आ चुका था।
फ्रेश होने के बाद अनूप हॉल में बैठ गया और रूबी को आवाज लगाई:"
" हेल्लो रूबी डार्लिंग कहां हो मेरी जान ? दिख नहीं रही हो।
रूबी को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, अनूप उसे इतने प्यार के क्यों बुला रहा हैं, आज ये चमत्कार कैसे हो गया। खुशी के मारे वो दौड़ती हुई आई और स्माइल देते हुए बोली:".
"जी आ गए आप, रुकिए मैं पानी लेकर आती हूं।
अनूप उसे जाते हुए देखता रहा कि सचमुच रूबी के जीती जागती क़यामत हैं। थोड़ी देर बाद वो अपनी लेकर आ गई और अनूप को दिया तो अनूप बोला:_
" अपने हाथ से ही पिला दो मेरी जान, ये गैरो जैसा बर्ताव क्यों कर रही हो ?
रूबी के रोम रोम में खुशी की लहर दौड़ गई। जिसका वो इतंजार कर रही थी शायद वो दिन आज आ गया था। अनूप को जरूर कोई झटका लगा है जो एकदम बदला हुआ नजर आ रहा हैं। रूबी ने अनूप की आंखो में देखते हुए ग्लास उसके मुंह से लगा दिया और अनूप ने जल्दी ही पूरा ग्लास खाली कर दिया।
रूबी ये जानने के लिए बेताब थी कि आज आखिर ऐसा क्या हो गया हैं जो अनूप सुधर गया हैं। रूबी बोली:'
" क्या हुआ जी आज आप बहुत खुश नजर आ रहे हैं ? मुझे भी बता दीजिए मैं भी हंस लूंगी।
अनूप:" पहले खाना लगाओ, फिर आराम से तुम्हे बेड पर सब कुछ बताऊंगा आज अच्छे से !!
रूबी की चूत में खुशी की लहर दौड़ गई। उफ्फ चुदाई के लिए तो वो जैसे जन्मों जन्मों से तड़प रही थी। रूबी उठी और जल्दी ही उसने खाना टेबल पर लगा दिया और चेयर पर बैठ गई तो अनूप बोला:" आज तो मेरी गोद में बैठ जाओ ना।
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