RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
नीरज का नाम सुनकर साहिल की आंखो में चिंगारी सी सुलगने लगी और उसका चेहरा सख्त होता चला गया और बोला:"
" मम्मी उसका मैं वो हाल करूंगा कि उसे अपने पैदा होने पर अफसोस होगा, आपकी कसम मैं उसे और उसके सारे नाम को मिट्टी में मिला दूंगा। छोड़ने वाला तो मैं अपने नीच बाप को भी नहीं, अनूप को भी उसके लिए की सजा मिलेगी।
रूबी साहिल के मुंह से अनूप सुनकर हैरान हुई और उसने साहिल का चेहरा दोनो हाथो में भर लिया और बोली:
" बेटा मुझ पर बहुत ज़ुल्म हुए हैं, अनूप ने मुझे मारा, हर तरह से दबाव दिया यहां तक कि तुम्हे अपनी तरफ करने के लिए कार भी दी।
साहिल:" बस मम्मी, अब आप पर हुए हर ज़ुल्म का हिसाब आपका बेटा लेगा, कार को तो आपके सामने की अनूप को वापिस दे दूंगा।
रूबी:" अच्छा चल अब खड़ा हो जा और बेड पर लेट, चल बेटा रात बहुत हो गई है।
साहिल बेड पर लेट गया और रूबी भी अपने बेटे के साथ ही बेड पर लेट गई और साहिल रूबी के आंचल में छुप गया और सोने की कोशिश करने लगा।
रूबी ने अपना हाथ साहिल की कमर पर रख दिया और हल्के हल्के थपकनें लगी मानो किसी छोटे बच्चे को दुलार रही हो। साहिल को इससे बड़ा सुकून मिला और उसके दिमाग में उठ रहे हजारों सवाल जैसे अपने आप ही शांत हो गए और आज उसने जाना कि क्यों मा की गोद को दुनिया का सबसे अच्छा बिस्तर समझा जाता हैं। रूबी ऐसे ही धीरे धीरे प्यार से उसे थपकती रही और साहिल को लग रहा मानो उसके आगोश में सारी दुनिया की खुशियां सिमट अाई हैं। जो गलतफहमी के बादल और धुंध थी वो छट चुकी थी और साहिल को अब सब कुछ साफ़ साफ़ नजर आ गया था।
साहिल कब नींद के आगोश में चला गया उसे पता ही नहीं चला। रात को करीब एक बजे के आसपास उसकी आंख खुली तो उसने देखा कि रूबी उसकी मम्मी उसके साथ बेड पर नही थी। किसी अनहोनी की आशंका से साहिल घबरा उठा और सबसे पहले प्रिया के कमरे की तरफ भागा तो देखा कि प्रिया आराम से बंधी हुई पड़ी थी और नीचे फर्श पर ही सो गई थी। साहिल छत पर गया नहीं रूबी नहीं मिली तो साहिल रूबी के कमरे में गया लेकिन वहां भी रूबी नहीं थी तो आखिरकार रूबी कहां गई ये सवाल उसके मन में घूम रहा था।
तभी उसके दिमाग में चुदाई लोक घूम गया तो साहिल के कदम अपने आप स्टोर रूम की तरफ बढ़ गए और वो तस्वीर हटाते ही उसे फिर से वही चुदाई लोक का रास्ता नजर आया और साहिल अंदर घुसता चला गया।
ठीक झरने के नीचे रूबी खड़ी थी और उसके जिस्म पर सिर्फ एक सफेद रंग की साड़ी थी क्योंकि गर्मी के कारण वो कभी कभी ब्रा पेंटी नहीं पहनती थी। विटामिन सिरप का असर रूबी के सिर चढ़कर बोल रहा था और वो मस्ती में सेक्सी गीत गुनगुना रही थी और बिल्कुल राम तेरी गंगा मैली की मंदाकिनी जैसी लग रही थीं
" प्यासी जवानी मेरी कब तक ये प्यासी रहेगी
कब तक मैं यहीं इस आग में जलूंगी,
हो ओ कोई तो आए जो मेरी प्यास प्यास बुझाए
अपने प्यार की बारिश से मेरा तन मन भिगा जाए,
कब से हूं इतनी अकेली कब से मैं प्यार की प्यासी
जलता हैं जिस्म ये मेरा हो गई हूं मैं कितनी चुदासी
कोई तो आए मुझ पर छा जाए,
मेरे तपते हुए जिस्म को एक ठंडक मिल जाए।
ये चूची के निप्पल मेरी अड़कते हैं कितने,
सो ना सकू मैं रात भर परेशान करते हैं इतने
मेरी ये गांड़, करती हैं मेरी नींद हराम
कोई तो मसले हाथो में भरकर ताकि मिले मुझको आराम,
कितनी प्यासी हैं मेरी ये चूत,
रस निकले हैं इतना जितना मेरा मूत,
जांघें मेरी चिपकी हैं रहती,
चूत से रस की नदिया बहती
कोई तो आए जो अमृत रस पी जाए,
" प्यासी जवानी मेरी कब तक ये प्यासी रहेगी
कब तक मैं यहीं इस आग में जलूंगी, ।।
रूबी इस कदर पागल हो चुकी थी कि उसे कुछ समझ नहीं अा रहा था कि वो क्या बोल रही है और क्या कर रही है, वो हाथ उसके अपने जिस्म ही पर बड़े ही कामुक अंदाज में घूम रहे थे। अपनी मम्मी का ये कामुक अवतार देखकर साहिल का लंड मानो बगावत पर उतर आया और अकड़ कर खड़ा हो गया। सचमुच मेरी मम्मी कितनी बुरी तरह से जिस्म की आग में जल रही है लेकिन उसके बाद भी नीरज के आगे झुकने को तैयार नहीं। नाचती गाती रूबी का अचानक पैर फिसल गया तो धड़ाम से पानी के अंदर गिर गई और उसके मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी।
अपनी मम्मी को यूं दर्द से तड़पते हुए देखकर साहिल भूल गया कि वो इस वक़्त चुदाई लोक में हैं और तेजी से पानी के अंदर घुस गया और बोला:"
" मम्मी क्या हुआ आपको ज्यादा चोट तो नहीं लगी ?
साहिल को अपने सामने पाकर रूबी की तो जैसे बोलती बंद हो गई। उसने एक बार अपने उपर नजर डाली तो पाया कि उसकी चुचियों पर बस नाम के लिए पर्दा था क्योंकि सफेद साडी पूरी तरह से भीग कर उसके जिस्म से चिपक गई। रूबी अपने बेटे के सामने शर्म से गड़ी जा रही थी और बोली:"
" आह बेटा, कूल्हे के बल गिरी हूं तो हल्की चोट लग गई है, उफ्फ लेकिन तू यहां क्या कर रहा है ?
साहिल ने एक नजर अपनी मा की चूचियों पर डाली और बोला:
" मम्मी मैं तो आपको ढूंढने आया था, अगर पता होता कि आप यहां हैं तो नहीं आता!!
रूबी:" अब अा ही गया है तो अच्छा हुआ, उफ्फ मैं खड़ी नहीं हो पा रही हूं, मुझे मेरे बेड तक छोड़ दो साहिल।
इतना कहकर रूबी ने अपना हाथ साहिल की तरफ बढ़ा दिया तो साहिल ने खड़े होते हुए रूबी का हाथ थाम लिया और रूबी की नजर उसके लोअर में बने हुए तम्बू पर पड़ी तो रूबी के जिस्म में हलचल सी मच गई।
अभी साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ लेकिन फिर भी उसकी लंबाई और मोटाई साफ तौर पर नजर आ रही थी।
बेशक ये उसके अपने बेटे का लंड था लेकिन इतना शानदार लंड देखकर रूबी अंदर ही अंदर खुश हुई। भीग चुके लोअर में से साहिल का लंड साफ नजर आ रहा था और उसके आकार का अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान था, रूबी को खुशी हुई कि उसके दूध में बहुत दम हैं।
अपनी मम्मी को ऐसे अपनी तरफ घूरते हुए देखकर साहिल शर्मा गया और रूबी को उठा कर अपनी बांहों में भर लिया और चल पड़ा। रूबी ने अपनी बांहे साहिल के गले में डाल में डाल दी और प्यार से उसके चेहरे को देखने लगी। साहिल की नजर बीच बीच में रूबी की चूचियों पर पड़ रही थी और उसका खड़ा हो चुका लंड रूबी की जांघो में घुसा जा रहा था।
तभी वो दोनो चलते हुए चुदाई लोक वाली स्क्रीन के पास पहुंच गए और साहिल ने स्क्रीन को देखा तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो अपनी का को अपनी गोद में लिए हुए आगे बढ़ गया और जल्दी ही दोनो साहिल के कमरे में थे और रूबी उसी गीली सफेद रंग की साड़ी में लिपटी हुई थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया।
रूबी के कूल्हे जैसे ही बेड पर लगे तो रूबी को दर्द का एहसास हुआ और उसके मुंह से आह निकल पड़ी।
साहिल:" क्या हुआ मम्मी ? दर्द ज्यादा हैं क्या आपको ?
रूबी:" हान बेटा, एक काम कर तू मुझे दर्द कि ट्यूब लगा दे शायद उससे कुछ आराम मिल जाएगा।
साहिल ने एक नजर अपने मा के जिस्म पर डाली
जो उस समय कुछ ऐसी लग रही थी।
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