RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी के जिस्म का हर एक कटाव साफ दिखाई दे रहा था जिससे साहिल के दिल की धड़कन बढ़ रही थी
और बोला:"
" ठीक हैं मम्मी मैं ट्यूब निकाल लेता हूं। आप आराम से लेटिए।
साहिल ने बेड का ड्रॉअर खोला और ट्यूब लेकर बेड पर रूबी के पास बैठ गया।
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रूबी पेट के बल बेड पर लेट गई जिससे उसका चेहरा दूसरी तरफ हो गया और साहिल ने पहली बार जी भर कर आज अपनी मम्मी को पीछे से निहारा। बिल्कुल गोरे चित्ते सुन्दर कंधे जिनके दोनो तरफ रूबी के काले बाल बिखरे हुए थे। उसकी कमर बिल्कुल पतली तो नहीं थी लेकिन कहीं पर भी फालतू चर्बी का नामो निशान नहीं था। कमर के शानदार कटाव अपने आप रूबी के जिस्म की खूबसूरती और कामुकता बयान कर रहे थे। साहिल की नजरे थोड़ा सा नीचे की तरफ अाई तो उसे अपनी मा गांड़ नजर आईं जो कि साड़ी से ढके होने के बाद भी अपनी मोटाई साफ दर्शा रही थी। साहिल के मन में एक ही विचार आया उफ्फ क्या सचमुच की गांड़ हैं। एक दम सुडौल, मानो सांचे में ढाल कर बनाई गई हो।
साहिल की आंखे लाल हो गई और उसने कांपते हुए हाथो से ट्यूब का ढक्कन खोला और हाथ में ट्यूब लेकर रूबी के कूल्हे पर टिका दिया लेकिन बीच में अभी भी साड़ी पड़ी हुई थी तो रूबी बोली:"
" उफ्फ बेटा मालिश कूल्हे की करोगे या साडी की तुम ?
साहिल:" लेकिन मम्मी मैं कैसे देख पाऊंगा वो सब?
रूबी:" एक काम करो तुम बस मेरी आंखो में देखते रहो और कहीं देखने की जरूरत नहीं हैं तुम्हे, बस मेरी तरफ देखकर मालिश करते रहो।
साहिल को रूबी की बात ठीक लगी और उसने अपना सिर हान में हिला दिया तो रूबी ने खुद ही अपना हाथ पीछे ले जाकर साड़ी को कूल्हे पर से सरका दिया जिससे उसकी गांड़ एक दम नंगी हो गई।
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रूबी:" चल अब धीरे धीरे मालिश कर दे मेरी, दर्द हैं बहुत जोर से गिरी हूं मैं।
साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए अपना हाथ उसकी नंगी उभरी हुई गांड़ पर टिका दिया तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी आह निकल पड़ी जो उसके मुंह में ही दब कर रह गई लेकिन उसके चेहरे के बदलते भाव साहिल को साफ दिखाई दिए। साहिल ने अपने हाथ को रूबी की गांड़ के एक भाग पर जमा दिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो रूबी को बेहद सुकून मिलने लगा और उसकी आंखो में चमक आ गई और बोली:"
" आह बेटा, बस ऐसे ही करता रह, बड़ा सुकून मिल रहा हैं।
साहिल ने जैसे ही हाथ का दबाव बढ़ाया तो रूबी को और ज्यादा सुकून मिलने लगा लेकिन उसके चेहरे के रंग बदलने लगे और आंखो में खुमारी छाने लगी और उसके मन में अपने ही गाने के शब्द गूंजने लगे
" मेरी ये उभरी हुई गांड़
करती हैं मेरी नींद हराम,
कोई तो इसको दबाए
ताकि मिले मुझे कुछ आराम।
ये शब्द ध्यान में आते ही रूबी की चूचियों के निप्पल अकड़ने लगे और जिस्म गुदगुदी के मारे हिलने लगा जिससे गांड़ इधर उधर हिलने लगीं। साहिल के हाथ गांड़ पर अब फिसल रहे थे क्योंकि रूबी का जिस्म अब गुदगुदी के कारण कांप रहा था जिससे साहिल को परेशानी हो रही थी मालिश करने में इसलिए वो बोला:
" मम्मी आप इतना मत हिलो, ठीक से मालिश नहीं हो पाएगी, फिर बाद में दर्द होगा आपको।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और साहिल की आंखो में देखते हुए बोली:"
" उफ्फ बेटा मुझे तुम्हारे हाथो से बहुत गुदगुदी सी हो रही हैं, तुम एक काम करो एक हाथ से मुझे पीछे से कसकर पकड़ लो और दूसरे से मालिश करों।
साहिल को ये बात पसंद अाई और उसने अपना एक हाथ रूबी की गांड़ पर जोर से टिका दिया और उसे कसकर पकड़ लिया तो हाथ के दबाव से रूबी के जिस्म मस्ती से लरज उठा और वो सिसकते हुए बोली:"
" उफ्फ कितनी जोर से पकड़ लिया तूने मम्मी को बेटा, तू तो बहुत तगड़ा हो गया है।
साहिल अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया और उसने थोड़ा और जोर से रूबी की गांड़ को का लिया तो मस्ती से एक पल के लिए रूबी की आंखे बंद हो गई और अगले पल उसने फिर से अपनी आंखे अपने बेटे की आंखो से मिला दी।
साहिल ने दूसरे हाथ की उंगलियों से रूबी की गांड़ की मालिश शुरू कर दी तो रूबी इस दोहरे मस्ती भरे एहसास से बहकने लगी क्योंकि जहां एक ओर उसकी गांड़ को साहिल ने कसकर पकड़ा हुआ था वहीं दूसरी तरफ उंगलियों से धीरे धीरे मालिश करने कर रहा था। रूबी का गाना साहिल के अंदर एक होश पैदा कर गया और वो जानता था उसकी मा अपनी गान्ड को मसलवाने के लिए कितनी तड़प रही है लेकिन एक बेटे के लिए ये इतना आसान नहीं था।
साहिल ने अपनी उंगलियों का दायरा अंदर की तरफ बढ़ाया तो रूबी की सांसे तेजी से चलने लगी और उसकी आंखो में गुलाबी डोरे तैरने लगे जिसका असर उसकी चूत पर हुआ जो कि पहले से ही गीली थी और रस निकल कर बेड पर गिरने लगा। रूबी का जिस्म पिछले एक हफ्ते से तप तप कर शोला बन चुका था और आज जब उसके बेटे के हाथ उसकी गान्ड पर थे तो उसे बेटे से कहीं ज्यादा एक मर्द के हाथो का एहसास हो रहा था। रूबी की जीभ अपने आप बाहर निकल गई और उसके होंठो पर घूमने लगी तो साहिल को एक झटका सा लगा और बोला:"
" क्या हुआ मम्मी सब ठीक है ? आपको ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा हैं ?
साहिल की आंखो में देखते हुए ही रूबी की जीभ वापिस अंदर चली गई और बोली:"
" आह बेटा बहुत आराम मिल रहा हैं, उफ्फ तू तो मास्टर निकला पूरा मालिश का। कर बेटा थोड़ा टाइट हाथ से कर तभी सारा दर्द खत्म होगा।
इतना कहकर रूबी ने अपनी टांगो को हल्का सा खोलते हुए अपनी गांड़ को उपर उठा दिया तो साहिल के हाथ अब पूरी ताकत से उसकी गांड़ पर जम गए और उसके हाथ की उंगलिया अब तेज तेज चल रही थी और गांड़ के पट के बीच में भी हल्की सी घुस जाती तो रूबी ने मदहोश होकर अपना एक हाथ अपने पेट के नीचे लाते हुए अपनी चूत के ठीक सामने रख दिया। जैसे ही उसकी उंगलियां चूत से छुई तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी जो साहिल ने साफ सुनी और समझ गया कि उसकी मम्मी की क्या हालत हो गई हैं।
साहिल:' क्या हुआ मम्मी, आप ठीक तो हैं ना, ज्यादा जोर से नहीं मालिश कर रहा हूं मैं
रूबी की आंखो में रंगीन डोरे तैर रहे थे और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" नही आईआईआई बेटा, तुम तो बहुत अच्छे हो, करो ऐसे जी मेरी मालिश।
इतना कहकर रूबी ने अपनी चूत को अपनी उंगलियों पर रगड़ना शुरू किया जिससे उसकी कमर अपने आप उपर नीचे होने लगी और उसकी गांड़ अपने आप उछल उछल कर साहिल के हाथो में जाने लगी। साहिल अपनी मम्मी को ऐसी हालत में देखकर जोश में अा गया और उसके हाथ अब पूरी ताकत से उसकी गांड़ पर कस गए और रूबी की कमर हिलने से गांड़ हाथो में हल्की हल्की अंदर बाहर होने लगी तो साहिल ने अब अपनी उंगलियों से गांड़ को दबोचना शुरु कर दिया तो रूबी का मुंह अपने आप मस्ती से खुल बंद होने लगा और उसकी चूत से निकलते रस से उसकी पूरी हथेली भीग गई। रूबी लगातार साहिल की आंखो में देख रही थी और रूबी की आंखे लाल सुर्ख होकर दहकने के साथ साथ उत्तेजना कि वजह से बड़ी बड़ी हो गई थी और बार बार जीभ से अपने सूख चुके होंठो को गीला कर रही थी।
साहिल ने जैसे ही रूबी की गांड़ को दबाया तो रूबी की चूत सुलग उठी और उसने सब लाज शर्म छोड़कर अपनी गांड़ को पूरी तरह से उपर उठाते हुए एक उंगली आधी अपनी चूत में घुसा दी और मस्ती से सिसक उठी
"आह्ह साहिल, ऐसे ही बेटा, उफ्फ दर्द निकल रहा है,
साहिल रूबी की हालत को समझ गया था इसलिए उसने रूबी की आंखो में देखते हुए उसकी गांड़ को अब खुलकर मसलना शुरू कर दिया तो रूबी का जिस्म झटके पर झटके खाने लगा और वो साहिल को बहुत ही कामुक अंदाज में देखते हुए अपनी चूत रगड़ रही थी।
साहिल का हाथ की उंगलिया जैसे जी रूबी की गांड़ के बीच में घुसने लगी तो रूबी की टांगे अपने आप खुलती चली गई और साहिल ने जैसे ही उसकी गांड़ के छेद को छुआ तो रूबी की उंगली उसकी चूत में पूरी घुस गई और इसके साथ ही रूबी के जिस्म ने एक आखिरी झटका खाया और उसने अपनी टांगो को जोर कस लिया और मस्ती से उसका मुंह खुलता चला गया
" आह साहिल, उफ्फ हाय मा, हाय मै तो गई हाय बेटे।
रूबी ने सिसकते हुए अपनी चूत से रस की बौछार कर दी और उसकी गांड़ के पट बंद हो जाने के कारण साहिल की उंगलियां अंदर ही फंस कर रह गई। रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए अपने होंठो को किस के अंदाज में गोल किया और उसकी तरफ एक चुम्बन कर दिया। साहिल अपनी मम्मी की इस हरकत पर मस्ती से भर उठा और उसने भी अपनी मम्मी की तरफ किस कर दिया तो दोनो के होंठ एक साथ मुस्करा दिए। रूबी का स्खलन बंद होते ही साहिल की उंगलियां गांड़ के ढीली हो जाने के कारण बाहर अा गई और रूबी ने उसे अपने पास लेटने का इशारा किया तो साहिल अपने खड़े लंड के साथ उसकी बांहों में समा गया और रूबी ने उसे अपने आगोश में ले लिया। साहिल का खड़ा लंड रूबी की जांघो के बीच में घुस गया और रूबी ने एक चादर उपर खींच ली।रूबी के जिस्म पर कहीं साडी पड़ी हुई थी तो कहीं से वो बिल्कुल नंगी थी।
रूबी ने साहिल का गाल चूम लिया और बोली:"
" थैंक्स बेटा, तू तो बहुत अच्छा बेटा हैं, मुझे कितना दर्द था एकदम ठीक कर दिया।
साहिल:" मम्मी आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं फिर ये दर्द क्या चीज थी।
साहिल की बात सुनकर रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" अच्छा ये बात अब प्रिया का क्या करना हैं ?
साहिल:" अभी बंधी रहने दो, बाद में सोचते हैं इसका तो। पहले तो मैं बाप को ठीक करूंगा उसके बाद ही बाहर वालों का नंबर आयेगा।
रूबी:" ठीक है बेटा, अच्छा सुन क्या मैं कल से जिम और योगा सेंटर चली जाऊं क्या ?
साहिल: हान मम्मी, लेकिन अब हर जगह में आपके साथ जाऊंगा ताकि आपको कोई दिक्कत ना हो।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, अच्छा मेरा एक काम करेगा क्या तू ?
साहिल:" जी बिल्कुल मम्मी, आप बताए मुझे।
रूबी ने अपनी नजरे हल्की सी झुकाई और बोली'"
" वो योगा सेंटर में लोग मेरे पति से मिलने की बात कर रहे हैं और तू तो सब जानता ही हैं। क्या तुम मेरा ये काम करोगे बेटा ?
साहिल:" हान मम्मी बिल्कुल करूंगा क्योंकि पापा की हरकतों से साबित हो गया है कि वो तो अब आपके पति कहलाने के लायक नहीं रहे।
रूबी:" अच्छा चल ठीक हैं बेटा, अब तू ही बता क्या करू मैं, कोई और रास्ता भी तो नहीं है मेरे पास
साहिल:" मम्मी पहले ये मामला खत्म हो जाने दीजिए उसके बाद आप चाहे तो दूसरी शादी कर सकती है।
रूबी ने घुरकर साहिल की तरफ देखा और बोली:"
" चुप कर बेशर्म, अपनी मा को ऐसी सलाह देते हुए शर्म नहीं आती क्या ?
साहिल:" मम्मी आप अभी जवान हो खूबसूरत हो, आदमी तो आदमी अभी तो लड़के भी आप पर फिदा है।
रूबी :" बस कर बहुत हो गई झूठी तारीफ, अब सो जा आराम से रात बहुत हो गई है।
उसके बाद रूबी ने अपने हाथ साहिल के मुंह पर रख दिया और उसका मुंह बंद कर दिया और दोनो मा बेटे एक साथ ही सो गए।
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