RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल का बुरा हाल हो गया था और वो मस्ती से आंखे बंद किए अपने लंड को अब अच्छे से सहला रहा था। वहीं रूबी का जिस्म आज फिर से आग का गोला बन गई था और उत्तेजना में वो भूल गई कि वो छत पर हैं और अपने जिस्म को टंकी पर रगड़ने लगी। आवाज सुनकर साहिल की आंखे हल्की सी खुल गई तो उसे किसी के होने का एहसास हुआ और उसने धीरे से देखा तो अपनी मा को वहां देखंकर उसके होश उड़ गए। लेकिन जैसे ही उसे रूबी की हालत का अंदाजा हुआ तो उसे एहसास हो गया कि उसकी मा की वासना पूरी तरह से भड़क चुकी हैं जो आंखे बंद किए बहुत देर से उनकी बात सुन रही थी और अब अपने जिस्म को टंकी पर ही रगड़ रही है। साहिल के कानों में आरव की आवाज पड़ी
" भाई बस फिर मेरा लन्ड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और लंड अपनी चूत पर टिका दिया। मैंने एक झटका मार दिया और लंड सीधे अंदर, उफ्फ कितनी गरम चूत थी उनकी।
साहिल एक बार फिर से अपने होश खो बैठा और अपने लंड को हिलाने लगा वहीं रूबी ने लंड चूत में जाने की बात सुनकर अपनी सलवार को खोल दिया और जोर जोर से अपनी चूत टंकी पर रगड़ने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी जिन्हे सुनकर साहिल पूरी ताकत से अपने लंड को हिला रहा था। साहिल ने फोन काट दिया ताकि आरव उसकी मम्मी की आवाज ना सुन ले।
जैसे ही आरव की आवाज आनी बंद हुई तो रूबी की आंखे हल्की सी खुली और अपने बेटे को खुली छत पर लंड हिलाते देखकर वो शरमा गई और समझ गई कि अब साहिल नीचे आएगा और नीचे की तरफ जाने लगी। रूबी के क़दमों की आवाज सुनकर साहिल ने ना चाहते हुए भी अपने हाथ रोक दिए और अपनी मा को नीचे जाते हुए देखकर उसने एक सुकून की सांस ली।
रूबी नीचे अा गई और फिर से छत की तरफ उपर जाने लगी लेकिन इस बार वो साहिल को जोर जोर से आवाज लगा रही थी।
" साहिल अरे बेटा साहिल कहां हो तुम ?
साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक लिए और नीचे की तरफ आने लगा तो रास्ते में ही उसे रूबी मिल गई जिसकी नजर सीधे उसके पेंट में बने तम्बू पर पड़ी और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।
साहिल:" जी मम्मी क्या हुआ ? कुछ काम था क्या आपको ?
रूबी की चूचियां अभी भी उपर नीचे हो रही थी जिन्हे देखकर साहिल का लंड पूरी औकात दिखा रहा था और के पेंट में तम्बू और बढ़ता जा रहा था।
रूबी:" कुछ नहीं, मेरा मन नहीं लग रहा था अकेले, सोचा तुझसे बात कर लू।
साहिल और रूबी दोनो मा बेटे अब कमरे में अा गए थे।
रूबी:" देखो ना आज कितनी गर्मी हो रही हैं, उफ्फ एसी में भी सुकून नहीं मिल रहा हैं। मैं कपडे बदलकर आती हूं।
रूबी अंदर बाथरूम में चली गई और गर्मी के कारण ब्रा पेंटी नहीं पहनी और थोड़े देर बाद एक सुंदर सी ड्रेस पहनकर अा गई। साहिल अपनी मा को देखकर खुश हो गया।
साहिल:" मम्मी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।
रूबी:" अच्छा जी, लेकिन मेरा बेटा भी तो लाखो तो मैं एक हैं। सच में साहिल मुझे लगता हैं कि तेरे आने से मैं फिर से जिंदा हो गई हूं। लगता हैं कि मुझे भी जीने का हक हैं नहीं तो अनूप ने तो मुझे बर्बाद की कर दिया था।
साहिल ने रूबी का एक हाथ अपने हाथ में लिया और चूमकर बोला:
" मम्मी आप खुलकर अपनी ज़िन्दगी जिए अब, आपका बेटा अा गया है। आपकी हर खुशी का ख्याल मैं रखूंगा।
रूबी ने साहिल को अपनी बांहों में भर लिया और उससे कसकर लिपट गई और बोली:"
" हान बेटा, मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं और सच में में तेरे साथ फिर से जीना चाहती हूं।
साहिल ने भी रूबी को जोर से कस लिया तो साहिल का खड़ा हुआ लंड रूबी की जांघो में जा घुसा और रूबी के जिस्म में एक बार से हलचल सी मच गई और साहिल के कंधे पर अपना सिर टिका दिया और आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपने दोनो हाथ रूबी की कमर पर लपेट दिए और हल्के हल्के घुमाते हुए बोला:"
" मम्मी मैं आपको बहुत प्यार करता हूं, अब देखना आप की ज़िन्दगी में खुशियां फिर से आयेंगी।
रूबी:" हान बेटा, तूने ही मुझे फिर से मुस्कुराने की वजह दी हैं, तुम दुनिया के सबसे अच्छे बेटे हो साहिल ।
साहिल की उंगलियां रूबी ने तन बदन में आग भरती जा रही थी और रूबी की चूचियां अपने आप अकड़ रही थी और उनके निप्पल कड़े होते जा रहे थे जिनका एहसास साहिल को अब धीरे धीरे हो रहा था। साहिल की गर्म गर्म सांसे रूबी की गर्दन पर पड़ रही थी और रूबी की मदहोशी बढ़ती जा रही थी। रूबी को लगने लगा कि अगर कुछ देर ऐसे ही रहा तो अपने होश खो देगी इसलिए बोली:"
" अच्छा बेटा मुझे नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं।
साहिल ने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह तुरंत रूबी को छोड़ दिया और दोनो मा बेटे बेड पर पहुंच गए और रूबी ने अपने बेटे का माथा चूम लिया और बोली:"
" गुड नाईट मेरे बेटे।
रूबी ने साहिल को बांहों में भर लिया और सोने की कोशिश करने लगी। लंड एक बार फिर से उसकी जांघो में घुस गया। दोनो मा बेटे पूरी तरह से गरम थे लेकिन किसी के भी अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।
साहिल की गर्म गर्म सांसे अब रूबी की चूचियो पर पड़ रही थी और पल पल रूबी की हालत खराब होती जा रही थी। साहिल की दोनो आंखें बंद थी इसलिए थोड़ी देर के बाद रूबी को लगा कि साहिल सो गया है तो वो धीरे से उठी और अपनी ड्रेस को उतारकर एक सफेद रंग की पतली सी चादर ली और कमरे से बाहर निकल गई।
साहिल अभी पूरी तरह से जागा हुआ था लेकिन उसकी करवट दूसरी तरफ थी जिस कारण वो रूबी को कपडे बदलते नहीं देख पाया लेकिन जैसे ही रूबी के क़दमों की आहट बाहर जाती सुनाई पड़ी तो वो समझ गया कि उसकी मा आज फिर से चुदाई लोक में जा रही है।
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रूबी के कदम लड़खड़ा रहे थे लेकिन वो कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी की लाइट को बंद कर दिया। रूबी की आंखे लाल हो गई थी जबसे उसने फोन पर साहिल की बाते सुनी और अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखा था तब से उसके जिस्म की आग एक चिंगारी की तरह सुलग रही थी।
रूबी धीरे धीरे चलती हुई चुदाई लोक में घुस गई और जैसे ही उसने स्क्रीन पर चुदाई लोक लिखा देखा तो उसकी चूत अपने आप ही गीली हो गई।
वहीं दूसरी तरफ रूबी के जाते ही साहिल भी बाहर निकला और चुदाई लोक की तरफ चल पड़ा। रूबी के घुसते ही पीछे पीछे वो भी अंदर अा गया और देखा कि रूबी उसकी मा आज फिर उसी छोटे से पहाड़ पर एक झरने के नीचे बैठी खड़ी थी और बेहद कामुक लग रही थी। उपर से पानी गिरने के कारण उसकी सफ़ेद रंग की चादर पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसके जिस्म का एक एक कटाव बिल्कुल साफ नजर आ रहा था। एक कंधा पूरी तरह से नंगा और चूचियों का आकार दूर से ही साफ नजर आ रहा था।
साहिल की आंखे एक बार फिर अपनी मा के हुस्न के आगे चूंधिया सी गई और उसके पहले से ही खड़े लंड ने एक जोरदार हुंकार ली मानो किसी तगड़े सांड ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया हो।
वहीं दूसरी तरफ रूबी को लग रहा था उपर से गिरता पानी उसकी आग को कम नहीं बल्कि और ज्यादा बढ़ा रहा हैं इसलिए रूबी ने अपनी साडी को हटा दिया और पूरी तरह से नंगी हो गई। रूबी ने एक बार अपनी कहर ढाती हुई चूचियों की तरफ देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। उसने दोनो हाथो में अपने निप्पल थाम लिए और हल्का हल्का सहलाने लगी। रूबी के मुंह से अपने आप ही मस्ती भरी आह निकल रही थीं। रूबी चलती हुई बिल्कुल झरने के ठीक नीचे अा गई और अपनी टांगे को खोल दिया जिससे पानी की धार अब बिल्कुल उसकी चूत पर पड़ रही थी। जैसे ही पानी की धार पड़ी तो जिस्म का पूरा जिस्म थरथरा उठा और उसके मुंह से फिर से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
साहिल को अपनी मा की एकदम भरी हुई गोल गोल चूचियां साफ़ नजर आ रही थी और गांड़ का उभार और जांघें भी नजर आ रही थी, चूत पर पड़ती पानी की धार और साहिल के दूर होने के कारण उसे रूबी की टांगो के बीच कुछ भी नजर नहीं अा रहा था। साहिल ये तो जानता था कि उसकी मा बहुत गरम औरत है लेकिन आज उसे महसूस हुआ कि रूबी तो एक जीती जागती कयामत हैं और आग में जल रही एक बेहद कामुक और प्यासी औरत हैं जो अपनी मर्यादा और संस्कारों से बंधी हुई है।
साहिल को आज एहसास हुआ कि उसकी मा उसके परिवार की इज्जत के लिए कितना बड़ा त्याग कर रही है। मेरा बाप तो अब हिजड़ा बन चुका हैं। क्या मेरी मम्मी अब पूरी ज़िन्दगी ऐसे ही तड़पती रहेगी।
नहीं नहीं मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा। मैं अपनी मा को प्यार दूंगा। हर खुशी दूंगा। है भगवान एक औरत की सबसे बड़ी खुशी तो लंड होती हैं और मेरी मम्मी तो उसके लिए बुरी तरह से तड़प रही है। हान हान मैं करूंगा अपनी मा की ये खुशी पूरी।
लेकिन क्या वो अपने बेटे से चुदना चाहती है, नहीं ये नहीं होना चाहिए। क्यों नहीं हो सकता साहिल, तूने देखा नहीं था कि किस तरह वो छत पर तेरा लंड देख रही थी।
उफ्फ क्या करू, एक काम करता हूं , मम्मी के थोड़ा करीब जाने की कोशिश करता हूं अगर उन्होंने मेरा साथ दिया तो मतलब मेरे साथ सेक्स से कोई दिक्कत नहीं हैं। साहिल ने आज पक्का मन बना लिया कि वो कोशिश करके देखेगा, आगे क्या होता हैं उसके बाद देखा जाएगा।
साहिल ने कुछ सोचा और वापिस चुदाई लोक के गेट पर पहुंच गया और वहीं से जोर जोर से आवाज लगाता हुआ अंदर घुसा
" मम्मी मम्मी आप कहां हो ?
साहिल की आवाज सुनते ही रूबी के एक पल के लिए तो होश ही उड़ गए लेकिन उसके अपने आप को संभालते हुए चादर को अपने जिस्म पर डाल लिया और खड़ी होती हुई बोली
" हान साहिल बेटा, मैं यहां हूं झरने के नीचे।
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