RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:" बेटा हर कदम पर तेरे साथ हूं। बोल क्या करना होगा मुझे ?
साहिल:" अभी तक कुछ नहीं, बस पहले आज शाम को अनूप अा जाए , उसके बाद देखता हूं क्या करना होगा।
दोनो की बात जैसे ही खत्म हुई तो साहिल को बाहर किसी के क़दमों की आहट हुई तो वो बाहर आया लेकिन दूर दूर तक कोई नहीं दिखा। रूबी भी साथ थी लेकिन उसे भी कोई नहीं दिखा। रूबी बोली:"
" क्या हुआ बेटा ?
साहिल:" मुझे लगा जैसे बाहर कोई हैं और छुपकर हमारी बाते सुन रहा हैं। लेकिन यहां तो कोई भी नहीं हैं।
रूबी कुछ सोचते हुए बोली:"
" कहीं शांता तो नहीं थी ? बेटा पता नहीं आजकल क्यों मुझे उसका व्यवहार ठीक नहीं लग रहा हैं ?
साहिल:" ओह मम्मी आप भी ना, वो तो एक गरीब बूढ़ी औरत हैं। वो नहीं हो सकती।
रूबी:" लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा बेटा, एक बार देखे कि क्या वो अपनी कमरे में हैं या नहीं ?
साहिल और रूबी दोनो बाहर नौकरों के लिए बने कमरे में आए तो खिड़की से देखा कि शांता तो पड़े हुए खर्राटे मार रही थी। दोनो वापिस घर के अंदर अा गए और थके होने के कारण सो गए।
शाम को रूबी की आंखे खुली तो देखा कि शांता खाना बना रही थी तो वो भी उसकी मदद करने में जुट गई।
शांता:" रूबी मेरी बेटी का कुछ पता चला क्या ? कहां गई मेरी सपना फिर से ?
रूबी:" मा जी हम धुंध रहे हैं जैसे ही मिल जाएगी आपके हवाले कर दिया जाएगा।
शांता पूरी तरह से उदास हो गई और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े और सुबकते हुए बोली
" पता नहीं कहां होगी , किस हाल में होगी मेरी बेटी ?
रूबी:" आप परेशान मत हो मा जी, हम बहुत ही जल्दी धुंध लेंगे।
शांता थोड़ा शांत हुई और काम में लग गई। दूसरी तरफ साहिल भी उठ गया था और और उसने बाहर घूमने का सोचा क्योंकि वो अक्सर घूमने जाया करता था।
साहिल:" मम्मी मैं बाहर जा रहा हूं, कुछ काम हैं आप चलेगी क्या ?
रूबी:" क्या काम हैं बेटा तुम्हे ? कहां जाना हैं ?
साहिल:" वो मम्मी बाजार का कुछ काम हैं। आओ जल्दी वापिस अा जाएंगे।
रूबी:" ठीक हैं तुम गाड़ी निकालो मैं अा रही हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और रूबी के साथ मार्केट की तरफ बढ़ गया। रूबी;"
" अरे बेटा तुम्हे अचानक से क्या काम अा गया जो एक दम से अा गए ?
साहिल स्माइल करते हुए बोला:"
" काम तो कुछ नहीं मम्मी, बस आपके साथ थोड़ा घूमने का मन था। और कोई तो मेरा दोस्त हैं नहीं तो आप ही हो मेरी सबसे अच्छी दोस्त।
रूबी:" अच्छा तुम तो बड़े तेज निकले बेटा, तुम्हे कोई और नहीं मिली दोस्त बनाने के लिए ?
साहिल:" मम्मी आपके जैसा कोई नहीं हो सकता, और सच कहूं तो आपकी ज़िन्दगी में एक दोस्त की बहुत ज्यादा जरूरत हैं। जो आपका ध्यान रखे, केयर करे और आपको हंसाए।
रूबी:" हान बेटा, सच हैं ये बात तो मेरी ज़िन्दगी बेरंग सी हो गई हैं, अनूप ने सिर्फ मेरे विश्वास ही नहीं बल्कि मेरी आत्मा तक को छलनी कर दिया हैं।
साहिल:" बस मम्मी अब आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है, आपका बेटा अब आपकी ज़िन्दगी में प्यार के रंग भर देगा।
रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:".
" ठीक है फिर आज से हम दोस्त हुए, पक्का प्रोमिस।
साहिल: पक्का एकदम पक्का।
साहिल ने थोड़ी देर गाड़ी चलाने के बाद एक सुंदर से होटल के सामने रोक दी और बोला:"
" चलो ठीक हैं फिर दोस्त बनने की पहली पार्टी हो जाए।
रूबी:" लेकिन बेटा खाना तो मैं बनाकर आई हूं। बाहर नहीं खाना ना फिर।
साहिल:" ओह मम्मी, हूं सिर्फ आइस क्रीम खाएंगे। आपको पता हैं मेरठ की सबसे अच्छी आइस क्रीम यहीं मिलती है। वानीला के एक से बढकर ब्रांड हैं यहां।
रूबी स्माइल के साथ गाड़ी से उतर गई और दोनो मा बेटे अंदर घुस गए। दोनो आइस क्रीम खाकर निकलने ही वाले थे कि तभी रूबी ने साहिल को बाथरूम जाने का इशारा किया और बाथरूम की तरफ चल पड़ी। साहिल वहीं बिल चुकाने के बाद उसका इंतजार करने लगा।
बाथरूम अंदर से बंद था और जैसे ही बाथरूम खुला तो रूबी को 440 वोल्ट का झटका लगा क्योंकि अंदर से लीमा बाहर निकली और उसे देखते ही रूबी ने साहिल को पुकारा और उसे दबोच लिया।
लीमा छूटने की कोशिश करने लगी और दोनो फर्श गिर पड़ी। साहिल तब तक पहुंच गया और रूबी तेजी से बोली:"
" साहिल ये लीमा हैं, उठाओ उसे और भागो।
साहिल ने बिना देर किए उसे कंधे पर उठाया और गाड़ी की तरफ दौड़ लगा दी। पीछे पीछे किडनैप होते देखकर होटल की सिक्योरिटी दौड़ पड़ी। लेकिन साहिल ने तेजी से लीमा को पीछे की सीट पर पटका और रूबी भी बिजली की गति से अंदर घुस गई और साहिल ने तूफान की गति से गाड़ी दौड़ा दी। सिक्योरिटी वाले देखते ही रह गए और कुछ नहीं कर पाए।
अंदर गाड़ी में बैठी लीमा ने रूबी पर हमला कर दिया और रूबी के साथ उसकी लड़ाई शुरू हो गई। लीमा ने रूबी को दो तीन थप्पड लगा दिए लेकिन लीमा रूबी के स्टेमिना के आगे टिक नहीं पाई और रूबी ने मार मारकर उसका हाल खराब कर दिया।
साहिल ने गाड़ी को गति से दौड़ते हुए कच्चे रास्ते पर उतार दिया और रोककर उसने लीमा पर दो चार तेज थप्पड़ दिए तो लीमा के कस बल ढीले हो गए और वो रोते हुए बोली:"
" आह मुझे छोड़ दो, माफ कर दो मुझे साहिल।
साहिल:" कमीनी मेरी मा पर हाथ उठाती है तेरे हाथ तोड़ दूंगा साली कुतिया कहीं की।
साहिल ने ताबड़तोड़ कई थप्पड़ लीमा को जड़े तो लीमा बेहोश हो गई। रूबी और साहिल एक पल के लिए डर गए कि कहीं मर तो नहीं गई। लेकिन साहिल ने उसकी नाड़ी देखी और सुकून की सांस ली।
साहिल:" बेहोश हो गई है ये, मम्मी आपको कहीं चोट तो नहीं अाई ना ?
रूबी का गाल हल्का लाल हो गया था लेकिन हिम्मत दिखाते हुए बोली:" नहीं बेटा मैं ठीक हूं, आज किस्मत अच्छी थी जो ये कमीनी मिल गई।
साहिल:' हान मा लेकिन अब तक होटल वाले इसके किडनैप होने की पुलिस में रिपोर्ट करा चुका होंगे और इसके मालिक को भी पता चल गया होगा। अब इसका क्या करे ? अगर ये हमारे साथ रही तो हम फंस जायेंगे।
रूबी:' बेटा इसे हम घर पर तक तो नहीं रख सकते, हान एक तरीका है इसे हम मेरे योगा सेंटर में बंद कर सकते है। वहां कोई होता भी नहीं हैं। लेकिन वहां तक हम जाएंगे कैसे ? पुलिस सक्रिय हो गई होंगी।
साहिल ने कुछ देर सोचा और गाड़ी को वापिस उसी दिशा में घुमा दिया जहां से वो वापिस आए थे। रूबी बौखला गई और बोली:"
" अरे बेटा ये तुम क्या कर रहे हों? वहां से निकले तो हम फंस जाएंगे। वहां तो बहुत ज्यादा पुलिस होगी।
साहिल:" मम्मी दीपक तले ही सबसे ज्यादा अंधेरा होता हैं। जहां केस हुआ हैं पुलिस सोच भी नहीं सकती कि हम वापिस वहीं से निकल सकते हैं।
रूबी ने कुछ नहीं बोला और साहिल की बात सच साबित हुई। रास्ते में कहीं कोई दिक्कत नहीं था। हान होटल के सामने जरूर कुछ पुलिस वाले थे लेकिन उन्होंने गाड़ी चैक करने की जरूरत महसूस नहीं करी और जल्दी ही उनकी गाड़ी रूबी जे के योगा सेंटर के सामने खड़ी हुई थी।
साहिल ने लीमा को कंधे पर उठाया और रूबी ने सेंटर का दरवाजा खोल दिया। साहिल ने लीमा को वहीं के सोफे पर लिटा दिया और एक रस्सी से उसके हाथ पैर बांध दिए।
साहिल ने लीमा के मुंह पर पानी के छींटे मारे और उसने आंखे खोल दी और अपने आपको बंधे हुए पाकर दया की भीख मांगने लगी और बोली:'
" मुझे छोड़ दो मैडम आप प्लीज़, मेरी कोई गलती नहीं हैं, मैं मजबूर थी।
इतना कहकर लीमा फिर से बेहोश हो गई।
इससे पहले कि वो फिर से होश में आती रूबी का मोबाइल बज उठा और उसने देखा कि अनूप का कॉल था।
रूबी:" हान अनूप बोलो क्या हुआ ?
अनूप:" मैं घर बैठा हुआ हूं, तुम दोनो मा बेटे दिख नहीं रहे हो। कहां चले गए तुम ?
रूबी:* तुमसे मतलब, तुम कौन होते हो पूछने वाले, तुम्हे कोई जरूरत नहीं हैं मुझसे बात करने की समझे तुम।
अनूप को रूबी की बात सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन अपमान का घूूट पीकर रह गया। साहिल को लगा कि अगर अनूप जायदा नाराज हो गया तो उसका प्लान जो वो बना रहा था खराब हो जाएगा। इसलिए उसने रूबी से फोन लिया और बोला:"
" जी पापा, हम दोनों तो यहीं शहर में ही हैं और बाद घूमने आए थे। कुछ ही देर में पहुंच जायेगे।
अनूप:" बेटा थोड़ा जल्दी आओ, मुझे कुछ जरूरी काम के लिए बाहर जाना होगा आज भी।
साहिल:" बस पापा आप थोड़ी देर प्रतीक्षा कीजिए, मैं और मम्मी अा रहे हैं। मुझे आपको एक बहुत बड़ी खुशखबरी देनी हैं
अनूप:" ठीक हैं बेटा आओ जल्दी। मैं घर ही मिलता हूं।
अनूप को कुछ तसल्ली हुई कि आज कम से कम उसके बेटे ने तो उससे इज्जत से बात करी हैं। अनूप ने फोन काट दिया और दारू की बॉटल निकाल कर पीने बैठा गया।
वहीं दूसरी तरफ रूबी ने हैरानी से साहिल की तरफ देखा और बोली
" अब तुम क्या करना चाह रहे हो ? ऐसी कौन सी खुश खबरी है जो मुझे नहीं बताई तुमने।
साहिल ने रूबी मक को स्माइल दी और बोला:'
" मम्मी ऐसा कुछ नहीं नहीं हैं, दरअसल मैंने एक प्लान किया हैं बस अब उस पर ही काम करना हैं और वो बिना अनूप के नहीं हो सकता।
रूबी ने शून्य दृष्टि से साहिल की तरफ देखा और साहिल बोला:"
" मम्मी आपको रास्ते में सब बताता हूं, पहले यहां से निकलो जल्दी कहीं ऐसा ना हो अनूप निकल जाए तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
रूबी:" लेकिन लीमा का क्या करे ? इससे भी तो हमे बहुत कुछ पूछना हैं अभी।
साहिल:" इसको कल दिन में देख लेंगे। अभी फिलहाल अनूप से मिलना बहुत जरूरी हैं।
इतना कहकर साहिल ने एक बॉटल में रखी हुई क्लोरोफॉर्म लीमा को अच्छे से सूंघा दी तो लीमा एक बार के लिए हल्की सी छटपटाई और बेहोश हो गई। साहिल ने एक कपडा लिया और उसे कसकर लीमा के मुंह पर बांध दिया ताकि वो आवाज ना निकाल सके।
साहिल ने अच्छे से दरवाजा बंद किया और घर की तरफ दोनो मा बेटे चल पड़े। रास्ते में साहिल ने अपनी मा को अपना प्लान बनाया शुरू कर दिया और रूबी की आंखे हैरानी से खुलती जा रही थी।
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