RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
नीरज:" ठीक हैं बस एक हफ्ता, अच्छा तुम एक काम करो मेरे फार्म हाउस पर अा जाओ, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले हुए।
साहिल:" टेंडर के बीच में ही अा जाऊ क्या ? काम चल रहा हैं यहां ?
नीरज:" अरे वहां हमारा एक दोस्त हैं ना रवि मिश्रा वो सब देख लेगा। बहुत अच्छा आदमी हैं।
साहिल:" रवि सच में बहुत अच्छा आदमी हैं। ठीक हैं मैं आता हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और सारी रिकॉर्डिंग रूबी को भेज दी और उसे कॉल किया
साहिल:" मम्मी मुझे नीरज ने बुलाया हैं इसलिए जाना होगा। हो सकता हैं रात को थोड़ा लेट हो जाऊ मैं आते आते।
रूबी:" क्या बेटा, वहां मत जाओ तुम, मुझे डर लगता है उससे, कहीं तुम्हे कुछ हो ना जाए,
साहिल:" मम्मी आप मत डरो, आपका बेटा सब कुछ ठीक कर देगा। अच्छा मैने आपको एक रिकॉर्डिंग भेजी हैं वो सुन लेना आप और समझ जाओगी कि मेरा वहां जाना क्यों ज्यादा जरूरी है मम्मी।
रूबी:" ठीक हैं बेटा, लेकिन अपना ध्यान रखना तुम, खाना मैं तुम्हारे साथ ही खाऊंगी। जल्दी आना वापिस।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं जल्दी आने की पूरी कोशिश करूंगा।
इसके बाद साहिल ने फोन काट दिया और गाड़ी लेकर नीरज के घर की तरफ चल दिया। रास्ते में जाते हुए वो कुछ सोचता जा रहा था कि उसे वहां कैसे रहना हैं और क्या करना हैं।
जल्दी ही साहिल नीरज के फार्म हाउस पर अा गया। नीरज ने बाहर लॉन में कुछ चेयर और एक टेबल रखी हुई थी जिन पर महंगी विदेशी शराब, देशी शराब, बियर सब तरह का सस्ता महंगा नशा मौजूद था। मतलब मेहमान अपने हिसाब से कोई भी नशा कर सकता था।
अनूप को देखते ही नीरज खुशी से खड़ा हुआ और आगे बढ़ा लेकिन दारू के नशे के कारण उसके कदम लड़ खड़ा रहे थे और बोला:"
" आइए हमारे परम मित्र अनूप आपका इस गरीब के घर में स्वागत हैं।
साहिल धीरे धीरे चलता हुआ आगे बढ़ा और उससे हाथ मिलाया, साहिल का मन तो किया कि उसका हाथ उखाड़ दे लेकिन अभी शायद इसका समय नहीं आया था।
साहिल:" अरे ये तो आपका बड़प्पन हैं कि आप हमें मित्र कहते हैं। वरना मैं तो आपके सामने कुछ भी नहीं हु।
नीरज:" अरे भाई ऐसा नहीं हैं, मेरा बड़प्पन नहीं सच कहूं तो ये सब रूबी के हुस्न का कमाल हैं जो उसने मुझे ऐसा करने पर मजबुर कर दिया। बैठो अनूप देखो यार मैंने तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक दारू का इंतजाम किया हैं मेरे भाई।
साहिल अनूप की बात सुनकर एक बात तो समझ गया कि नीरज रूबी की वजह से अनूप से दोस्ती किया हैं। साहिल बोला:"
" नहीं नीरज भाई, मैंने कसम खाई है कि जब तक टेंडर पूरा नहीं होगा मैं दारू नहीं पी सकता।
नीरज:' क्या यार अनूप बच्चो जैसी बात मत करो तुम, मै हूं ना सब देखने के लिए, फिर तुम परेशान मत हो।
साहिल:' लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मैं अपनी कसम तोड़ दू।
नीरज:" क्या यार, कैसे दोस्त हो तुम, कुछ तो मेरा साथ दो। बस एक छोटा पैग।
इतना कहकर नीरज ने रेड वाइन की बॉटल उठा लिया और पैग बनाने लगा तो साहिल समझ गया कि आज नीरज नहीं मानने वाला। इसलिए साहिल बोला:"
" अच्छा ठीक हैं लाओ पैग मैं बना देता हूं। लेकिन मैं थोड़ी ही पीऊंगा।
नीरज:" वाह ये हुई ना मर्दों वाली बात अनूप। दोनो पैग बड़े और बराबर होने चाहिए।
साहिल ने दो पैग बना दिए और दोनो ने चीयर्स किया और साहिल ने जैसे ही पहला घूंट भरा तो उसे कड़वा एहसास हुआ क्योंकि उसने आज तक दारू को हाथ नहीं लगाया था।
नीरज ने आंखे बंद करी एक ही सांस में पूरा पैग खाली कर दिया। साहिल ने मौके का फायदा उठाकर अपने पैग को घास में फेंक दिया।
साहिल ने इसके बाद तीन पैग और बनाए। लेकिन मौका देखते ही वो उधर इधर फेंक देता था लेकिन फिर भी अब तक उसने तीन घूंट दारू पी लिया था। ये एक अलग तरह की शराब थी जिसमे से बदबू तो बिल्कुल भी नहीं आती थी। बस हल्का हल्का मीठा मीठा नशा हो जाता था।
नीरज:" अनूप यार मेरी इच्छा पूरी करो तुम। मुझे रूबी चाहिए। हर दिन और ज्यादा सेक्सी और जवान नजर आती हैं।
साहिल:" करता हूं मैं कुछ। आप चिंता मत कीजिए।
नीरज की आंखे नशे के कारण बंद हो गई और वो वहीं सोफे पर गिर गया। साहिल ने उसे उठाया और अंदर लेकर चला गया और बेड पर लिटा दिया। बेड पर पहले से ही प्रिया बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी। शायद दिन में इसे नीरज ने जमकर चोदा था इसलिए उसके जिस्म पर लाल लाल निशान बन गए थे।
साहिल ने मन ही मन सोचा कि ये प्रिया भी किसी काम की नहीं निकली, इसे छोड़कर मैंने गलती कर दी। साहिल उस कमरे से बाहर निकल गया और तभी उसकी नज़र कमरे में लगी हुई एक तस्वीर पर पड़ी जिसमे एक बहुत छोटी लड़की थी और साहिल को लगा कि उसने इस लड़की को कहीं देखा हैं।
लेकिन कहां देखा हैं ये उसे याद नहीं आया। दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद भी उसे कुछ याद नहीं आया तो उसने फिलहाल घर जाने का विचार किया। साहिल ने अपनी गाड़ी निकाली और घर की तरफ चल दिया।
उधर घर में रूबी ने साहिल का फोन कटने के बाद वो रिकॉर्डिंग सुनी तो उसके होश उड़ गए। कमीना अनूप और इस नीरज की हिम्मत तो देखो कैसे खुलकर बोल रहा था।
साहिल ना होता तो मैं अब तक शायद नीरज की हवस का शिकार हो गई होती।
रूबी के मन में नीरज के लिए नफरत तो थी लेकिन आज जब उसने रण्डी बनाने वाली बात बोली तो उसने रूबी ने मन को झकझोर कर रख दिया। उस कुत्ते की इतनी हिम्मत सिर्फ अनूप के चुटियापे की वजह से हैं। अब अपने कर्मो की सजा भुगत रहा हैं कमीना।
लेकिन मैं इस नीरज को नहीं छोडूंगी। इसे दिखा दूंगी कि मैं अपने उपर गंदी नजर डालने वालों का क्या हाल करती हूं। जब तक साहिल हैं नीरज तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सच में मेरा कितना ध्यान रखता है और सिर्फ मुझे बचाने के लिए ही उसने अनूप बनकर अपनी जान को खतरे में डाल दिया हैं। सच में मेरा बेटा बहुत अच्छा है।
रूबी ये सब सोचते हुए खड़ी हुई और घर के काम में लग गई। धीरे धीरे उसने खाना बना दिया और शांता भी आकर उसकी मदद करने लगी।
शांता:" रूबी मेरी बेटी सपना का कुछ पता चला क्या ?
रूबी:" मा हम ढूंढ रहे हैं आप चिंता मत कीजिए मिल जाएगी।
शांता फिर से उदास हो गई और बोली:"
" साहिल बाबा भी कल से घर नहीं है, क्या एक वापिस दिल्ली चला गया क्या ?
रूबी:" हान पढ़ाई का कुछ काम था इसलिए चला गया था। हो सकता है आज रात में ही वो वापिस अा जाएं।
शांता:" हान ठीक हैं, बेटा अगर घर में रहे तो घर अच्छा लगता है नहीं तो खाली घर काटने के लिए दौड़ता हैं।
रूबी:" हान मम्मी, अच्छा आप खाना खा लो और जाकर आराम करो। रात बहुत हो गई है।
शांता ने खाना खाया और चुपचाप घर के बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने खाना लिया और अनूप को खिलाने के लिए चल पड़ी। उसने तहखाने को खोला और अनूप को खाना दिया तो अनूप उसे देखते ही रों पड़ा। उसका रंग हल्का पीला पड़ गया था और आंखे लाल हो रही थी।
अनूप:" रूबी तुम तो मेरी मदद करो, मुझे यहां से निकाल दो नहीं तो यहां मेरा दम घुटता हैं।
रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग चला दी। अनूप ने सारी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुनी और बोला:"
" रूबी ये मैं नहीं हूं, कोई और हैं जिससे नीरज ऐसी बाते कर रहा हैं। ये सब मुझे फसाने की कोशिश है कोई।
रूबी ने जोरदार थप्पड़ अनूप के गाल पर जड़ दिया और बोली:"
" हरामजादे मैं जानती हूं कि ये तुम नहीं हो लेकिन तुम्हारी वजह से उसकी इतनी हिम्मत हुई जो वो इतनी बाते कर रहा हैं।
अनूप के गाल पर थप्पड़ लगते ही उसकी आंखे भर आई और बोला:"
" मुझे बस एक बार यहां से बाहर निकाल दो फिर उस कुत्ते नीरज को तुम्हारे क़दमों में ना झुका दिया तो कहना।
रूबी:" उसकी अब कोई जरुरत नहीं है, मेरा बेटा अभी ज़िंदा हैं अनूप। वो तुम्हारे साथ नीरज का भी भी वो हाल करेगा कि उसकी रूह तक कांप जायेगी।
अनूप:" रूबी प्लीज़ मुझे यहां से निकाल दो तुम। अनूप ने अपने दोनो हाथ जोड़ दिए लेकिन रूबी ने उसकी एक नहीं सुनी और गेट बंद करके बाहर अा गई।
रूबी ने टाइम देखा तो रात के 10 बज गए थे और साहिल अभी तक नहीं आया था इसलिए उसे अपने बेटे की चिंता हुई कि कहीं वो किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और अनूप का नंबर मिला दिया। साहिल रास्ते में था और जैसे ही उसने रूबी का कॉल देखा तो उठाया और बोला:"
" हान मम्मी मैं रास्ते में हूं बस, थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगा। आप खाना गर्म कर लीजिए।
रूबी:" ठीक हैं बेटा अा जाओ। मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही थी। मैं करती हूं खाना गरम।
रूबी ने फोन काट दिया और साहिल ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी लेकिन वो ज्यादा तेज नहीं चला पा रहा था क्योंकि उसे अभी हल्का हल्का सुरूर हो रहा था।
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