RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल:" अभी थोड़ी देर पहले ही आया था। मम्मी से पता चला कि दिन में आपकी तबियत खराब थी इसलिए खाना लेकर अा गया। अभी कैसी हैं आप ?
शांता:" बस बेटा ऐसे ही ठीक हूं। अब उम्र भी तो हो गई हैं। एक बार बस अपनी बेटी को देख लेती तो मरने का दुख नहीं होता।
साहिल का मन किया कि खुद ही उसका गला दबा दे। लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और बोला:"
" आप फिक्र ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं। अच्छा आप ये खाना लीजिए और खाकर आराम कर लेना।
साहिल ने शांता को टिफिन दिया और अंदर की तरफ चल पड़ा। साहिल आज शांता का असली रूप देख चुका था और एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि जरूर उसके बाप ने कुछ ना कुछ ऐसा किया हैं जिसकी वजह से शांता का परिवार तबाह हो गया है। लेकिन इसका जवाब उसे सिर्फ उसे और सिर्फ अनूप ही दे सकता था।
साहिल घर के अंदर घुस गया और दरवाजे को अच्छे से बंद किया। साहिल ने देखा कि रूबी टेबल पर खाना लगा चुकी थी और बस उसका ही इंतजार कर रही थी।
रूबी:" इतनी देर कहां लगा दी तुमने बेटा ? आओ चलो खाना खाते हैं मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं।
साहिल ने रूबी को सारी बात बताई और रूबी के पसीने छूट गई और कांपते हुए बोली
" है भगवान ये शांता तो बहुत शातिर निकली। अब क्या होगा बेटा ?
साहिल:" मम्मी कुछ नहीं होगा। मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन पहले ये बताओ कि क्या अनूप की किसी से कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं हैं ?
रूबी:" नहीं बेटा, जब से मैं इस घर में अाई हूं ऐसा कुछ नहीं देखा। बेशक तेरा बाप रंडीबाज था और दारू पीता था लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी से झगड़ा करे।
साहिल:" ओह इसका मतलब कुछ और बात है। हमे अनूप से ही पूछना होगा। मैं जाकर दरवाजा खोलता हूं तब तक आप खाना लेकर अा जाओ।
साहिल चला गया और उसने तहखाने का दरवाजा खोल दिया। साहिल को देखते ही अनूप उसके पैरो में गिर गया और बोला:"
" मुझे माफ़ कर दो बेटा, मेरा दम घुटता हैं यहां, मुझे बाहर निकालो साहिल
साहिल:" अब तो तुम्हारी ज़िन्दगी में यही सड़ सड़ कर मरना लिखा हैं भुगतो अपने कर्म तुम।
रूबी ने साहिल को रिझाने के लिए सिर्फ एक छोटी सी ड्रेस पहनी थी। उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाली और टिफिन हाथ में लिया और अंदर अा गई।
रूबी को देखते ही अनूप की रुलाई फूट पड़ी। वो रोता रहा।
साहिल को कहीं ना कहीं अपने आप से हमदर्दी थी लेकिन वो अपनी मा के साथ था क्योंकि उसके बाप ने जितने नीचता भरे काम किए थे उसकी चुभन साहिल के दिल में बाकी थी।
रूबी ने उसकी तरफ नफरत से देखते हुए टिफिन रख दिया और बोली:"
" ले अनूप भर ले खाना।
साहिल:" अगर तुम सच में आजाद होना चाहते हो तो मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। वो भी बिल्कुल सही।
लेकिन पहले तुम खाना खाओ।
अनूप को अपनी आजादी की उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और वो भूखे कुत्ते की तरह खाने पर टूट पड़ा। कुछ ही मिनटों में वो सब खाना खा गया और बोला:"
" हान साहिल बेटा बताओ क्या पूछना हैं मुझसे ?
साहिल:" ये बताओ कि तुम्हारी सबसे बड़ी दुश्मनी किसके साथ हैं ? कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?
अनूप ने थोड़ी देर सोचा और बोला:" बेटा मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस हान नीरज ने मेरे साथ गलत किया हैं। उसके चक्कर में आकर ही मैं बर्बाद हो गया हूं।
साहिल जानता था कि नीरज का नाम तो पक्का आना ही है। साहिल आगे बोला:"
" क्या तुम्हारी वजह से किसी का परिवार तबाह हुआ हैं या तुमने किसी को मारा हो ?
अनूप:" नहीं बेटा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम मेरा विश्वास करों।
साहिल ने अनूप की आंखो में देखा और बोला:"
" अच्छा एक बात ये शांता कौन हैं और घर में कब से हैं ?
अनूप:" ये तो बेटा जब मैं पैदा हुआ तब से घर में ही हैं। इसनें ही मुझे पाल कर बड़ा किया है।
साहिल:" शांता का बाकी परिवार कहां हैं ? इसका पति और बच्चे ? क्या सच में इसकी कोई बेटी हजन है?
अनूप:" हान इसका अपना पूरा परिवार था। सपना बेटी थी और पति बहुत अच्छा था। हमारा सबसे वफादार नौकर था वो। लेकिन इसका पति कहीं गायब हो गया था और बेटी नदी में डूब गई थी तब से हमारे साथ ही रहती हैं।
साहिल:" ओह, ठीक हैं मतलब अगर शांता ने तुम्हे पाला हैं तो उसकी उम्र कम से कम 65 साल होनी चाहिए।
अनूप:' 70 से कम नहीं होगी। लेकिन क्या हुआ तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ?
साहिल:" हुआ कुछ नहीं हैं। तुम मुझे क्को भी बात ठीक से नहीं बता सके। तुम्हे अंदर ही रहना होगा।
इतना कहकर साहिल और रूबी बाहर की तरफ चल पड़े तो अनूप फिर से हाथ जोड़कर उसे माफ करने और बाहर निकालने की दुहाई मांगता रहा लेकिन दोनो ने वापिस पीछे नहीं देखा और साहिल ने तहखाने का गेट बंद कर दिया।
रूबी:" बेटा इसका मतलब ये शांता नहीं हो सकती।
साहिल:" मम्मी प्लीज़ खाना खाते हुए बात करते हैं। आपकी भी भुख लगी हैं और मुझे भी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने के लिए बैठ गए। रूबी ने अपनी चादर उतार दी और फिर से साहिल की आंखे सुलग उठी। साहिल ने अपनी मा को अपने हाथ से निवाला बनाकर दिया तो रूबी ने उसकी उंगली में काट लिया तो साहिल दर्द से तड़प उठा और बोला:"
" उफ्फ क्या करती हैं मम्मी ? इतनी जोर से काट लिया छोटे बच्चे की तरह।
रूबी:" अच्छा बाबा गलती से हो गया। आगे से ध्यान रखेगी।
अब रूबी ने खाने का निवाला बनाया अपनी सैंडल निकाल साहिल के मुंह में देने के लिए आगे की तरफ झुकी और अपने पैर टेबल के नीचे से उसके पैरो पर टिका दिए। साहिल अपनी मा के पैरो का एहसास होते ही मस्ती से भर गया और उसने मुंह खोलते हुए निवाला खाया और रूबी की उंगली को जीभ से चाट लिया और बोला:"
" मम्मी खाने से ज्यादा टेस्टी तो आपकी उंगलियां ही हैं।
रूबी ने उसे हल्का सा गुस्से से देखा और अपने नाखून का दबाव उसके पैर पर बढ़ा दिया तो साहिल ने रूबी की आंखो में झांका और बोला:"
" हान तो मम्मी की बात बिल्कुल सही हैं। ये शांता नहीं हो सकती क्योंकि शांता की उम्र ज्यादा थी जबकि ये तो अभी जवान हैं। मम्मी मुझे लगता हैं कि मैं इसे जानता हूं। लेकिन कैसे मुझे नहीं पता। याद नहीं अा रहा।
रूबी ने फिर से साहिल के मुंह में निवाला दिया तो साहिल ने फिर से उसकी उंगली को अपना मुंह बंद करते हुए चूस लिया और रूबी ने तेजी से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर से अपना नाखून उसके पैर में पहले से ज्यादा जोर से गडा दिया।
साहिल के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव उभर गए तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा मैं तेरी मा हूं, मुझे होशियारी नहीं चलेगी। समझा कुछ। वैसे ये बात तो पक्की है कि ये शांता नहीं हैं। कहां देखा हैं तूने इसे याद कर !
साहिल ने अगली बार कुछ निवाला बनाया और रूबी को देने के लिए आगे को हुआ और जैसे ही उसने निवाला दिया रूबी का ध्यान अपने मुंह की तरफ गया और साहिल ने एक झटके के साथ अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया।
रूबी को इसका एहसास हुआ और शायद वो खुद भी यही चाह रही थी। साहिल ने अपने पैर से रूबी के पैर को सहलाना शुरू किया और रूबी को बेहद अच्छा लगा और उसका जिस्म फिर से मस्ती में अा गया।
साहिल ने अपने पैर को हल्का सा उपर की तरफ बढ़ा दिया और बोला:"
" हान मम्मी, आपकी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार हैं। ये शांता नहीं है लेकिन फिर शांता कहां गई तो ?
इतना कहकर साहिल ने अपना मुंह खोल दिया क्योंकि रूबी खाने का निवाला बना चुकी थी। साहिल ने रूबी की उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने वहीं साहिल ने अपने पैर से रूबी के घुटने को मसलना चालू कर दिया तो रूबी ने अपने दूसरे पैर को साहिल के पैर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगी।
साहिल रूबी की उंगली चूसता रहा। ना रूबी ने बाहर निकाली और ना ही उसने छोड़ा। साहिल ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए रूबी की आंखो में देख और अपने दूसरे पैर को सीधा करते हुए रूबी की जांघो बीच में रख दिया।
रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलते निकलते बची लेकिन उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसका गला पूरी तरह से सूख गया था। उसकी चूचियां तेजी से उछल रही थी जिसे देखकर साहिल का लंड खड़ा हो गया था।
रूबी की चूत भीग गई और हल्का हल्का रस जांघो पर अा गया था जिस पर अब साहिल के पैर की उंगलियां घूम रही थी।
साहिल:" मम्मी क्या हुआ आप ठीक तो है ?
रूबी समझ गई कि साहिल समझ गया है कि मैं पूरी तरह से बहक गई हूं इसलिए बोली:"
" हान बेटा क्यों क्या हुआ ?
साहिल ने धीरे से उंगली से चूत के पास जांघ पर दबाव दिया और बोला:"
" देखो ना मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा हैं कहीं आपने सु सु तो नहीं कर दिया ?
रूबी का मुंह लाल सुर्ख हो गया और बोली:" उफ्फ कैसी बाते करता हैं तू, इस उम्र में कोई सूसू करती हैं क्या ?
साहिल ने इस बार कपडे के उपर से उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और बोला:"
" उफ्फ मम्मी लगता तो बिल्कुल सूसू जैसा ही हैं। देखो ना मेरा पैर कितना भीग गया हैं।
रूबी ने कसकर अपनी जांघो को बंद कर दिया और बोली:"
" कमीने वो बच्चो वाली सूसू नहीं बल्कि जवानी वाली सूसू हैं। अब तुझे कैसे समझाऊं !
साहिल:" बताओ ना मम्मी, मुझे बताओ ये क्या होता हैं ?
रूबी:" लगता हैं तेरी शादी करनी पड़ेगी अब।
साहिल:" क्या मम्मी अब क्यों शादी करनी, अब तो में आपका आधा पति बन ही गया हूं। बताओ ना मम्मी अब मुझे ?
रूबी:" चुप कर बेशर्म, ऐसे बाते अपनी मा से नहीं करनी चाहिए।
साहिल:" कल आपने मुझे अपना आधा पति बोल ही दिया था। आधी पत्नी बनकर ही बता दो।
इतना कहते हुए साहिल ने अपनी मा को आंख मार दी तो रूबी बोली:"
" उफ्फ क्या करू तेरा ?
साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, वैसे आज आपने खाने में चॉकलेट नहीं रखी ?
रूबी धीरे धीरे अब अपनी जांघों को उसके पैर पर मसल रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" अच्छा मेरा बेटा आज फिर से चॉकलेट खाएगा क्या?
साहिल:" खिला दो ना मम्मी, सच में कितनी टेस्टी थी उफ़ आज तक नहीं खाई ऐसी।
रूबी खड़ी हुई और फ्रिज की तरफ चल पड़ी। चॉकलेट निकाली और जान बूझकर नीचे गिरा दी। रूबी जैसे ही चॉकलेट लेने के लिए झुकी तो दूसरे हाथ से उसने जान बूझकर अपनी ड्रेस को उपर की तरफ खींच दिया और उसकी चूत पूरी तरह से साहिल के सामने नंगी हो गई
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साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गईं। उफ्फ चूत बिल्कुल पूरी तरह से साफ, रूबी की दोनो जांघो के बीच में कसी हुई लेकिन पूरी तरह से रस से भीगी हुई थी। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा।
रूबी ने जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत देख रहा होगा इसलिए उसने चॉकलेट को उठा कर अपने हाथ में लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" साहिल बेटा उफ्फ ये चॉकलेट पता नहीं कहां गिर गई ?
साहिल का हिलता हुआ हाथ देखकर उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो पूरी तरह से नीचे झुक गई जिससे उसकी चूत हल्की सी खुल गई। रूबी अपने एक पैर को दूसरे पर चढ़ा कर मसलने लगी और साहिल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सीधे रूबी के पीछे खड़ा हो गया।
रूबी समझ गई कि उसकी चाल काम कर गई है इसलिए बोली:'
" खड़ा खड़ा क्या देख रहा है ? चल चॉकलेट ढूंढने में मेरी मदद कर अब।
रूबी की चूत से निकलती हुई मादक खुशबू साहिल को पूरी तरह मदहोश किए जा रही थी और वो बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किए हुए था। साहिल रूबी के पास ही झुक गया लेकिन इस तरह से बीच बीच में उसकी नजर चूत पर पड़ रही थी।
रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी और आज वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए इसलिए धीरे से चॉकलेट को खोला और दूसरे हाथ से उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। चूत की गर्मी मिलते ही चॉकलेट पिघल गई और पूरी चूत पर फैल गई। रूबी के होंठो पर कामुक स्माइल नाच उठी वहीं जैसे ही साहिल ने चूत की तरफ नजर उठाई तो उसके होश उड़ गए। उफ्फ मम्मी ने जान बूझकर अपनी चूत पर चॉकलेट रगड़ दी है ये एहसास होते ही साहिल बोला:"
" ओह मम्मी, इधर नहीं हैं रुको मैं दूसरी तरफ देखता हूं।
इतना कहकर साहिल बिल्कुल रूबी की जांघो के बीच में अा गया और रूबी की चूत से उठती हुई मादक खुशबू उसे अपनी तरफ खीच रही थी। रूबी जानती है कि साहिल उसकी चूत को देख रहा है इसलिए उत्तेजना के कारण उसकी जांघें कांप रही थी।
साहिल ने धीरे से अपना मुंह रूबी की जांघो के बीच किया और उसकी चूत से उठती हुई भीनी भीनी खुशबू को महसूस करने लगा। साहिल की सांसे अपनी चूत के आस पास पड़ते ही रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने अपने घुटने जमीन पर टिकाते हुए अपनी गांड़ को पूरी तरह से उभार दिया।
साहिल ने धीरे से अपने एक हाथ से उसकी जांघ से चूत रस को लिया और बोला:"
" मम्मी फिर से आपकी जांघ भीग गई है। उफ्फ कितना चिपचिपा हैं, मम्मी क्या हैं ये ?
रूबी अपनी जांघ पर साहिल के हांथ लगते ही कांप उठी और मदहोशी से बोली:"
" आह बेटा, पता नहीं देख ना कितना निकल रहा हैं ये, शायद जवानी की सूसू।
साहिल ने धीरे से आगे होकर अपने हाथ को रूबी की चूत पर हलका सा फेर दिया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने अपनी उंगली को पूरी तरह से भिगो लिया और बोला:'
" उफ्फ मम्मी आपके तो नीचे भी दो होंठ हैं। उफ्फ ये तो उपर वाले से ज्यादा नाजुक और रसभरे है। देखो ना ये इनसे ही निकल रहा है लेकिन सूसू नहीं हैं मम्मी
रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से टप टप कर रही थी इसलिए बोली:"
" हाय भगवान, मुझे भी नीचे भी होंठ हैं और आज तक पता नहीं था, बेटे ध्यान से देख कहीं कुछ और तो नहीं हैं ?
साहिल ने अब अपनी उंगली को चूत के मुंह पर रगड़ दिय तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल चूत के भगनासे को सहलाते हुए बोला;'
" उफ्फ मम्मी, होंठ ही है, बिल्कुल होंठ ही है, हाय इनसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है। हाय बिल्कुल चॉकलेट जैसी
इतना कहते हुए साहिल ने अपने मुंह को उसकी चूत के बिलकुल करीब कर दिया और रूबी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद करते अपनी जांघो को पूरी तरह से खोल दिया तो साहिल ने अपने होंठ सीधे रूबी की चूत पर टिका दिए और रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ आह नहीं। हाय मम्मी , मेरा बेटा।
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