Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:44 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी उठ गई थी और साहिल के बारे में सोच रही थी। उसका बेटा उसके लिए अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगा चुका था। वो समझती थी कि अगर साहिल ना होता तो उसकी इज्जत अब तक कभी की नीलाम हो गई होती। या फिर उसे अपनी इज्जत बचाने के लिए मौत को गले लगाना पड़ता क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचने वाला था।

आज करवा चौथ था और रूबी ने अपने बेटे साहिल के लिए फास्ट रखा था लेकिन उसे बताया नहीं क्योंकि वो उसे पूरी तरह से सरप्राइज देना चाहिए थी।

रूबी को साहिल की फिक्र हो रही थी क्योंकि इतनी कम उम्र में जिस तरह के हालात का सामना वो कर रहा था ये सब उसके लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता था। इसलिए साहिल को थोड़ा सुकून और आराम मिलना जरूरी था और उसके लिए रूबी ने एक प्लान किया।

रूबी को भी घर में अकेले रहते हुए डर लग रहा था क्योंकि शांता कभी भी कुछ भी कर सकती थी इसलिए रूबी ने घर से बाहर निकलने का फैसला किया ताकि वो थोड़ा बाहर घूम आए और साथ ही साथ साहिल को भी एक सरप्राइज देगी।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। उसने अपने जिस्म के बालो को अच्छे से साफ किया और उसकी नजर उसकी जांघो पर पड़ी जहां अभी हल्के हल्के बाल अा गए थे।

रूबी की सांसे अपने आप तेज हो गई और उसने अपनी चूत पर से बालो को साफ करना शुरू किया। थोड़ी ही देर में उसकी चूत बिल्कुल साफ होकर चमक रही थी। रूबी के ध्यान से अपनी चूत को देखा तो महसूस हुआ की इतने सालो से चुदाई ना होने के कारण उसकी चूत के होंठ बिल्कुल मुलायम एयू सिकुड़ कर छोटे से हो गए थे।

रूबी ने प्यार से अपनी चूत के छेद पर उंगली फिराई तो उसके मुंह से खुद ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई। उसने धीरे से एक उंगली को थोड़ा सा अन्दर डाला तो उसकी चूत के होंठ हल्के से खुल गए। रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा और एहसास हुआ कि उसकी उंगली के मुकाबले साहिल की उंगली से कहीं ज्यादा मजा आ रहा था।

रूबी ने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने कमरे में अा गई। वो लेट नहीं होना चाहती थी क्योंकि अभी सात बज गए थे। उसने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा और उसे अपने आप पर गर्व महसूस हुआ। उसका जिस्म पूरी तरह से सांचे में ढाला हुआ था बिल्कुल किसी फिल्मी हीरोइन की तरह या उनसे भी कुछ बेहतर। उसने एक मदमस्त करने वाला परफ्यूम उठाया और अपने पूरे शरीर पर छिड़क दिया।

रूबी ने अपनी एक हल्के पीले रंग की साड़ी निकाली और उसे पहन लिया। रूबी ने जान बूझकर आज नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी। उसने अपना खूब अच्छे से मेकअप किया। उसने दोनो हाथो में साड़ी से मिलते हुए रंग की चूड़ियां पहनी और अपने होंठो पर गहरे चॉकलेटी रंग की लिपस्टिक लगाई।

उसने अपने आपको शीशे में देखा और खुशी खुशी अपनी साडी को हल्का सा नीचे किया तो उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर नजर आने लगी। रूबी समझ गई कि अब वो साहिल पर जादू चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई हैं।

रूबी ने अपनी साड़ी को ठीक किया और घर से बाहर जी की तरफ निकलने लगी तभी उसकी नज़र शांता पर पड़ी जो शायद घर के अंदर घुसने वाली थी।

शांता:" मैडम आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हैं। आप कहीं जा रही है क्या ?

रूबी:" हान मेरी एक सहेली के बेटे के जन्मदिन हैं तो आज हम सभी वहां जा रहे हैं। आप अपने लिए कुछ बना लेना और हम आज खाना बाहर ही खायेंगे।

शांता:" जी ठीक हैं। मुझे भी ज्यादा भूख नहीं हैं तो मैं कुछ नहीं बनाऊंगी।

रूबी:" देख लेना आप अपने आप हिसाब से, वैसे आप मत बनाना, मैं आते हुए आपके किए कुछ खाने के लिए लेती आऊंगी। आपकी क्या पसंद हैं ?

शांता:" अरे नहीं बेटी उसकी कोई जरूरत नहीं, मुझे भूख नहीं हैं।

रूबी:" आज जब देखो मना ही करती रहती हो। बेटी किसलिए बनाया हैं फिर मुझे , आप चुप रहो और आराम करो। मुझे जो अच्छा लगेगा मै लेती आऊंगी

शांता मना करती रह गई और रूबी अपनी गाड़ी निकाल कर बाहर निकल गई।

साहिल को अब पूरी तरह से साफ हो गया था कि प्रिया नीरज से मिली हुई हैं। प्रिया और नीरज ने मिलकर दुबे को फसाने की कोशिश करी हैं ताकि मैं दुबे जैसे ईमानदार आदमी को भी खो दू और पूरी तरह से अकेला पड़ जाऊ।

साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ था तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने देखा कि रूबी का फोन था।

साहिल:" अच्छा मम्मी कैसे हो ?

रूबी:" अच्छी हूं साहिल, बस तेरी याद अा रही थी बेटा। कब तक अा जाओगे तुम ?

साहिल:" बस मम्मी थोड़ी देर और उसके बाद निकल जाऊंगा। एक फाइल देख रहा हूं।

रूबी:" अच्छा तुम तो सिर्फ काम में लगे रहते हो, अपनी रूबी की कोई फिक्र हैं या नहीं तुम्हे ?

साहिल ने एक लम्बी सांस ली और बोला:"

" रूबी मेरी प्यारी रूबी तुमसे बढकर तो मेरे किए कुछ भी नहीं, खुद मैं भी नहीं। लेकिन आप तो जानती ही हो क्या हमारी ज़िन्दगी में क्या उठक पुथल मची हुई है

रूबी:" सब समझती हूं साहिल लेकिन मुश्किलों का मतलब ये तो नहीं कि हम जीना भूल जाए, स्माइल करना बंद कर दें।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मै इस सबसे अब तंग अा चुका हूं। मुझे अच्छा नहीं लगता है सब शानो शौकत जो कभी हमारी थी ही नहीं, उसके लिए क्या लड़ना ?

रूबी:" मतलब तुम चाहते हो कि हम अपने आपको शांता यानी ज्योति के हवाले कर दे। अपने सभी दुश्मनों के आगे हाथ खड़े कर दे।

साहिल:" नहीं मम्मी बिल्कुल नहीं, लेकिन बात ये हैं कि को कुछ हमारा हैं ही नहीं उसके लिए क्यों खून खराबा करना ? लेकिन एक बात तो साफ हैं कि मेरे दिल में ज्योति के लिए हमदर्दी हैं। लेकिन नीरज को मैं किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला।

रूबी:" बेटा हमे खून खराबा नहीं करना हैं, किसी भी तरह से हमे ज्योति को यकीन दिलाना होगा कि हम सब बुरे इंसान नहीं हैं। मैं खुद चाहती हूं कि ये सब माल पैसा ज्योति के हवाले किया जाए ताकि हम अपने बड़ों के द्वारा किए गए पापो का थोड़ा सा तो प्रायश्चित कर सके। लेकिन नीरज जैसे हरामखोरो से हमे हर हाल में ये जंग जीतनी ही होगी।

साहिल:" नीरज और एक एक साथी को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं, चाहे तो प्रिया हो या रवि मिश्रा। अच्छा मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था लेकिन फोन पर नहीं घर आकर।

रूबी ने गाड़ी को ऑफिस की तरफ घुमा दिया और बोली:"

" ठीक हैं अच्छा मैं फोन रखती हू, थोड़ा जल्दी आना घर, अच्छा एक बात बताओ आज खाने के क्या बनना हैं ?

साहिल:" कुछ भी जो आपको पसंद हो मम्मी, बस हो सके तो मेरे लिए चॉकलेट।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" लगता है तुझे चॉकलेट ज्यादा पसंद है साहिल। मैं तेरे लिए आज ही एक पूरा पैकेट मंगा लूंगी।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" ओह मम्मी बाहर की चॉकलेट अच्छी नहीं होती, मुझे तो घर में बनी हुई चॉकलेट खानी है जो आपने रात खिलाई थी। बताओ ना मम्मी मुझे आज फिर से चॉकलेट मिलेगी क्या ?

रूबी ने धीरे से एक हाथ अपनी चूत पर रखा और सहलाते हुए बोली:"

" तू एक बार अपने ऑफिस से बाहर तो निकल, आज तुझे ऐसी चॉकलेट खाने को मिलेगी कि रोज खाना चाहेगा।

रूबी एक बहुत ही अच्छे होटल के सामने अा गई थी और उसने अपनी गाड़ी को थोड़ा पीछे लगा दिया.

साहिल:" बस मम्मी निकल रहा हूं , सीधे घर।

रूबी:" जितनी जल्दी घर आएगा उतनी ही जल्दी चॉकलेट मिलेगी।और हान मेरे सामने अनूप बनकर तो बिल्कुल भी मत आना।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और गाड़ी से निकल कर बाहर की तरफ अा गई और अपनी साडी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया ताकि उसकी चूचियां अच्छे से उभर कर सामने अा जाए।

साहिल ने ऑफिस बंद किया और दुबे जी को बोला:"

" आप एक काम कीजिए काम खत्म करके घर चले जाना, मुझे कुछ जरूरी काम हैं।

इतना कहकर वो बाहर की तरफ निकल गया और अपनी गाड़ी में बैठ गया। साहिल ने पानी की बोतल निकाली और अपने चेहरे को साफ किया। फिर उसने पीछे से एक टॉवेल उठाया अपने चेहरे पर लगे पानी को साफ किया। उसने अपने आपको शीशे में देखा और पाया की वो पूरी तरह से अब साहिल बन गया था।
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - by desiaks - 04-14-2021, 12:44 PM

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