Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:49 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल दर्द से तड़प उठा और ज्योति और प्रिया ये देखकर हैरान हो गई कि साहिल ने रवि को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी है। अनूप ने एक झटके से चाकू साहिल की पीठ से बाहर निकाला और उसने फिर से रवि पर हमला किया लेकिन ज्योति ने बचा लिया। लेकिन इसी बीच प्रिया के हाथ में एक बड़ा सा पत्थर अा गया और उसने पत्थर को अनूप के सिर में जोर से मार दिया और अनूप दर्द से तड़प उठा और उसने चाकू का भरपूर वार प्रिया पर किया और उसकी गर्दन एक झटके के साथ कट गई और नीरज की कटी हुई गर्दन के पास जा गिरी।

रूबी साहिल को छोड़कर अनूप की तरफ झपटी और अनूप सिर में चोट के कारण गिर पड़ा और रूबी ने उसके हाथ से चाकू लेते हुए उसके पेट में घुसा दिया।

पेट में चाकू घुसते हुए अनूप ने तड़पते हुए एक बार रूबी की तरफ देखा और अपना दम तोड़ दिया।

रूबी साहिल के पास बैठी हुई रों रही थी जबकि लीमा शांता को हिला रही थी और ज्योति और रवि प्रिया का कटे हुए जिस्म के पास बैठ कर रों रहे थे।

रूबी:" लीमा हमे शांता और साहिल को हॉस्पिटल ले जाना होगा।

रवि को जैसे होश आया और ज्योति भी उठी और दोनो साहिल की तरफ लपके। साहिल बेहोश हो गया था।

रूबी ने चाकू ज्योति की तरफ बढ़ा दिया और उसके पैरो में अपनी गर्दन झुका दी और रोते हुई बोली:"

" ज्योति मेरा बेटा बेहोश और मेरा सिर तुम्हारे क़दमों में हैं, ले लो अपना बदला तुम।

ज्योति ने चाकू हाथ में पकड़ लिया और लीमा और रवि मिश्रा दोनो उसकी आंखो में खूनी भाव देखकर कांप उठे और तभी ज्योति का हाथ चाकू सहित उपर उठा और फुर्ती के साथ नीचे आते हुए पास मरे पड़े अनूप की छाती में घुसता चला गया।

लीमा और रवि ने सुकून की सांस ली और ज्योति ने एक एक बाद कई वार मरे हुए अनूप पर किए और जोर जोर से चिल्ला उठी

" मैंने तुम्हारे मुजरिम से बदला ले लिया है पापा। देखो मैंने आज उसके पूरे परिवार को तबाह कर दिया। साहिल और रूबी को अगर मारा तो मैं जानती हूं आपको दुख होगा क्योंकि ये बेचारे मासूम और निर्दोष है पापा।

रवि आगे बढ़ा और उसने ज्योति के हाथ से चाकू फेंक दिया और बोला:"

" बस करो ज्योति, साहिल और शांता को हॉस्पिटल ले जाना होगा नहीं तो वो दम तोड देंगे।

ज्योति जैसे अपने पागलपन से बाहर अाई और बोली:"

" हान तुम जल्दी से गाड़ी निकालो। मैं उन्हें लेकर आती हूं।

रवि आगे बढ़ा और बाहर चला गया जबकि लीमा रूबी और ज्योति मिलकर साहिल और शांता को बाहर लाए और जल्दी ही सभी लोग हॉस्पिटल के अंदर थे। साहिल और शांता दोनो का ऑपरेशन हुआ और कामयाब रहा।

रूबी तो जैसे पत्थर की बन गई थी और ज्योति उसके पास गई और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोली:"

" मुझे माफ़ कर दो बहन। मैंने तुम्हे बहुत गलत समझा और दुख दिए। आज तुम्हारे और साहिल की वजह से ही मेरे पति जिंदा हैं।

रूबी जैसे होश में आई और उसने भी ज्योति के आगे हाथ जोड़ दिए और बोली:"

" माफी तो मुझे मांगनी चाहिए क्योंकि केहर सिंह की वजह से तुम्हारा परिवार बर्बाद हो गया था।

रवि भी उनके पास अा गया और ज्योति ने रूबी का एक हाथ अपने पेट पर टिका दिया और बोली:"

" हान लेकिन आज तुम्हारी वजह से ही मेरा परिवार फिर से बस गया हैं रूबी। तुम सच में एक महान औरत हो। क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी।

रूबी पलटी और ज्योति के गले लग गई।ज्योति ने भी उसे अपनी बाहों में कस लिया और दोनो एक दूसरे से ऐसे लिपट रही थी मानो सगी बहन सदियों के बाद मिली हो।

लीमा और रवि ये देख कर भावुक हो गए और उनकी आंखे भी बह चली। साहिल को होश अा गया और उसने जब दोनो को ऐसे गले मिलता देखा तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और उसने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली।

इसी बीच बीच में सुनील का रूबी को फोन आता रहा और रूबी ने इसे बता दिया कि उसके एक सड़क दुर्घटना में उसके पति की मौत हो गई और उसका बेटा अस्पताल में भर्ती हैं। सुनील उससे मिलने के लिए अस्पताल अाया और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। रूबी जानती थी कि सुनील ये सब क्यों कर रहा हैं इसलिए वो चुप थी।

दूसरी तरफ अब तक रवि मिश्रा सभी लाशों को ठिकाने लगा चुका था और उसने नीरज और अपनी बहन की लाश का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया था।

रूबी ने अनूप की लाश का अंतिम संस्कार करने से भी साफ इनकार कर दिया तो रवि ने आखिर में अनूप का भी अंतिम संस्कार कर दिया।

करीब चार दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद आज साहिल और शांता दोनो अपने घर लौट रहे थे। घर में बेहद खुशियां थी और साहिल और शांता के स्वागत के लिए रूबी से ज्यादा ज्योति खुश नजर आ रही थी।

साहिल और शांता जैसे ही घर के अंदर आए तो ज्योति दौड़ती हुई थाली लेकर घर के दरवाजे पर अा गई और उसकी आरती उतारने लगी।

साहिल ये सब कर कर सच में बहुत खुश था क्योंकि वो समझ गया था कि अब जाकर उसके दादा के द्वारा किए गए पापो का प्रायश्चित हुआ है।

साहिल ने जैसे ही पहला कदम घर के अंदर रखा तो ज्योति ने माथा चूम कर उसका स्वागत किया और बोली:"

" भाई भगवान तुम्हारी ज़िन्दगी खुशियों से भर दे। इस बहन की दुआ तुम्हारे साथ हैं।

साहिल के बस ज्योति ने शांता की थी आरती उतारी और उसके पैरो पर सिर रखकर अपने किए के लिए माफी मांगी। शांता ने उसको उठाया और गले लगा लिया।

सच में ये सब देख कर रूबी और लीमा के साथ रवि मिश्रा की भी आंखे खुशी के मारे गीली हो गई थी। ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए और साहिल अब पूरी तरह से ठीक हो गया था।

साहिल काम और रवि दोनो काम के लिए ऑफिस गए और शाम को रवि घर अा गया जबकि साहिल किसी काम की वजह से रुक गया था।

करीब आधे बाद साहिल घर के अंदर दाखिल हुआ और उसके साथ वकील भी था। ज्योति ये देखकर सोच में पड़ गई और हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी।

साहिल:" वकील साहब आप और ज्योति जी आप आगे अा जाए।

ज्योति हैरानी में डूबी हुई आगे बढ़ी और वकील ने कोर्ट का लैटर पढ़ना शुरू किया।

" हम साहिल और रूबी दोनो अपने पूरे होशो हवास में अपना ये घर और अपनी कंपनी ज्योति सिंह के नाम कर रहे हैं। आज एक बाद इस प्रॉपर्टी से या कंपनी से हमारा कोई लेना देना नहीं होगा।

ज्योति की आंखे भीग गई और उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। उसने भीगी आंखो से साहिल की तरफ देखा और साहिल ने उसे प्यार से मुस्कान दी और ज्योति रोती हुई उसके गले लग गई।

ज्योति:" नहीं साहिल, मुझे ये सब नहीं चाहिए। तुम जैसा भाई मुझे मिल गया तो लग रहा हैं कि मुझे सब कुछ वापिस मिल गया।

साहिल ने उसके आंसू साफ किए और बोला:"

" चुप हो जाए आप। भाई भी कहती हो और भाई का फर्ज निभाने से भी मना कर रही हो। ये सब मेरी बहन के लिए उसके भाई की तरफ से तोहफा हैं।

ज्योति:" नहीं मुझे ये सब नहीं चाहिए। मुझे बस तुम्हरा साथ चाहिए ज़िन्दगी भर के लिए।

साहिल ने ज्योति का हाथ पकड़ा और बोला:"

" मैं वादा करता हूं कि जब भी ज़िन्दगी में तुम्हे मेरी जरूरत होगी मैं हमेशा तुम्हरा साथ दूंगा । ये एक भाई का वादा हैं।

ज्योति ने रूबी की तरफ देखा और रूबी ने भी स्माइल देते हुए उसे इशारा किया कि वो सब उसे ले लेना चाहिए।

ज्योति को आखिरी उम्मीद शांता से थी और शांता बोली:"

" देख बेटी, तुम्हे ये सब ले लेना चाहिए नहीं तो हमेशा साहिल और रूबी के दिल पर एक बोझ रहेगा।

ज्योति सबके आगे हार गई और ना चाहते हुए भी उसने कागज पर साइन कर दिया। कागज पर साइन होते ही रूबी और साहिल ने एक दूसरे की तरफ देखा और दोनो के ही चेहरे पर सुकून साफ दिखाई दिया।

वकील जानता था कि उसका काम हो गया है इसलिए अपना बैग उठाकर वो बाहर चला गया।

रूबी जानती थी कि अब पूरी तरह से इस कंपनी की मालिक ज्योति हैं इसीलिए उसे मिला टेंडर अपने आप कैंसल हो जाएगा और सुनील से भी उसे मुक्ति मिल जाएगी।

ज्योति साइन करने के बाद बोली:"

" अच्छा मैंने आप सब का कहा मान लिया। अब मै चाहती हूं कि आपने जो पैसा टेंडर के लिए आशा मैडम से लिया था उसे मैं चुका दू ताकि आप आराम से अपनी ज़िन्दगी जी सके।

साहिल और रूबी दोनो चौंक उठे और साहिल बोला:"

" आपको कैसे मालूम कि हमने आशा से पैसा लिया था ?

ज्योति:" मुझे सब कुछ पता था कि तुम लोगो के पास कोई पैसा नही था। इसलिए तुमने आशा से पैसा लिया था ताकि टेंडर हासिल कर सकोे। मुझे लगा था कि तुम लोग शायद पैसा कमाने के लिए ये सब कर रहे थे लेकिन बाद में मुझे रवि मिश्रा ने बताया कि तुमने गरीब मजदूरों के लिए ये सब किया हैं।

रूबी:" इसका मतलब आपको सब कुछ पता था कि हम कब क्या कर रहे हैं ?

ज्योति:" हान मुझे ये भी पता था कि अनूप बनकर साहिल घूम रहा है लेकिन बस एक ही बात नहीं था कि नीरज तुम्हे हासिल करना चाहता था। मैंने खुद एक औरत हूं और दूसरी औरत का सम्मान करती हूं। लेकिन मुझे ये बात साहिल के द्वारा कि गई रिकॉर्डिंग से पता चली। उसने जैसा किया वैसा भरा।

साहिल और रूबी चुप थे। रूबी अंदर चली गई और अपना बैग लेकर बाहर अा गई।

रूबी:" अच्छा मुझे आप आज्ञा दीजिए। मैं और साहिल अब दिल्ली जा रहे हैं। अब से मैं सिर्फ लोगो को योग सिखाया करूंगी।

ज्योति:" अरे ऐसे कैसे चले जाओगे तुम। मैंने आशा को पैसा वापिस कर दिया है।

साहिल और रूबी उसकी बात सुनकर हैरान हो गए और ज्योति आगे बोली:"

" मैंने तुम्हारे लिए एक नए योगा सेंटर का निर्माण कर दिया है। आज से तुम वहां लोगो को योग की दीक्षा दोगी।

रूबी:" बस करो आप ज्योति जी। मैं अब अपने दम पर कुछ बनना चाहती हूं। मैं ये सब नहीं ले सकती।

ज्योति:" अरे मैं कौन सा फ्री में दे रही हूं। आप घर का किराया और जो पैसा योगा से आएगा उसका आधा मुझे देती रहेगी।

रूबी इससे पहले कुछ बोलती शांता बोल पड़ी:"

" अब मना मत करना बेटी आप। मेरी भी यही इच्छा हैं। फिर इसमें कोई एहसान नहीं भी नहीं हैं। तुम्हारी अपनी मेहनत होगी।

साहिल और रूबी दोनो ने शांता के पैर छुए और घर से बाहर चल दिए। सभी की आंखे भीगी हुई थी और हर कोई अपने आंसू रोक रहा था। लेकिन जाने वालो को आज तक कोई रोक नहीं सकता हैं इसलिए रूबी और साहिल दोनो अपनी गाड़ी में बैठकर दिल्ली की तरफ रवाना हो गए ।

उनके जाने के बाद शांता और लीमा सभी के साथ घर के अंदर अा गए। लीमा अंदर से अपना बैग लेकर अा गई और शांता उसके साथ चल पड़ी।
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - by desiaks - 04-14-2021, 12:49 PM

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