Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
05-01-2021, 11:30 AM,
#9
RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
Update 9.

*********************

प्रिय पाठकों - आज का अपडेट बड़ा ही मस्त होगा । कुछ जिंदगी की सच्चाइयों से भरा हुआ और आज वैसे भी तुम्हारे राइटर का जन्मदिन है तो वैसे भी कलम से जादू दिखाऊंगा आज मैं । अब कहानी जमने लगी है आगे वो होगा जो कोई कल्पना भी नही कर सकता ।

और हां मेरे प्रिय पाठकों मेरे fans को बताना चाहूंगा कि दोस्तो आज एक चुदाई कहानी मैं पढ़ रहा था तो मैंने पोस्ट रिप्लाई में राइटर से कहा कि चुदाई जब कराओ इस बाप बेटी की तो आग लगा देना भाई ,

तो बदले में दोस्तो उस राइटर ने वहाँ सबके सामने बेइज्जती कर दी मेरी उसने कहा मुझे लिखना मत सिखा writing skills में मैं तेरा बाप हूँ ,

तो प्रिय पाठकों क्या ये सही था । इस कहानी को अब मैं इतनी hit लिखूंगा की एक दिन उसकी भी नजर पड़ेगी और वो भी पढ़ेगा और उसके लिए नीचे कुछ लाइन्स लिखी है मैंने कि -

--------------

आज इस कहानी की अपडेट जुड़ी है सच्चाई से ।

यारों की यारी में धोखे की खाई से ।

हिम्मत नही हारनी , कहानी लिखकर बाजी है मारनी ,

और तू भी सुन जो सीख सके तो सीख लेना अपने भाई से।

आज मेरी कलम बिल्कुल अंदर से बोलेगी ,

माता सरस्वती मंदिर में से बोलेगी ।

एक sex स्टोरी के राइटर ने मेरे दिल पर मारा है पत्थर ,

तो आज ये चोट खायी मछली समंदर से बोलेगी ।

अक्ल के अंधो को आंख लगाने आया मैं ,

साधुओं के माथे पर राख लगाने आया मैं ।

इस छोटी सी जिंदगी में कई बार टूट लिया ,

घायल परिंदो को पंख लगाने आया मैं ।

लिख बेटा कहानी मेहनत का फल होगा

धरती को खोद कहीं तो जल होगा ,

एक दिन जब तू मेरी ये कहानी पढ़ेगा जरूर ऐसा पल होगा ।

थोड़ा टाइम तो लगेगा पर आज नही तो कल होगा ।

तू लिखकर लेले एक दिन ये राइटर सफल होगा ।

मुझसे भी कई बार खोट होते गए ,

Cool cool मुद्दे hot होते गए ।

जिस जिस को भी सपोर्ट किया भाई मानकर ,

मेरी गलती की लिस्ट में वे नोट होते गये ।

मैं नही कहता पता है मेरा नाम सबको ।

पर कोई बात ना तरक्की दे राम सबको ।

हिट जाये कहानी मेरे छोटे बड़े राइटर भाइयों की ,

इतना भाये उनका काम सबको ।

**********

उधर राकेश और शालिनी का जापान जाने के लिए फिक्स हो हो चुका था।

शालिनी कुछ समय बाद ऑफिस पहुंची अभी अभी अभी चूत की चुदाई कराई थी जिस वजह से उसकी पेंटी भी गीली पड़ी थी , उसने सोचा कि मैं पहले नहा लेती हूं।वह जल्दी से ऊपर वाली मंजिल पर गई , जो सिर्फ मालिक लोगों के लिए होता है ।

वहां पर जाकर उसने अपने कपड़े उतारे और एक आर्टिफिशियल स्विमिंग पूल में नहाने के लिए उतर गयी ।

उसने स्विमिंग पूल में पानी का टेंपरेचर नॉर्मल किया , जिससे कि पानी ना ही ठंडा महसूस हो रहा था और ना ही गरम । 10 मिनट तक नहाने के बाद शालिनी स्विमिंग पूल पूल से निकली

अब कुछ अच्छा महसूस कर रही थी। जो चुदाई की थकावट थी वह भी निकल गई थी।

अब शालिनी ने सोचा कि क्या पहना जाए , शालिनी ने जींस और ऊपर के लिए एक शॉर्ट गाउन निकाला ।

शालिनी की गाड़ी में हमेशा एक दो जोड़ी कपड़े extra रखे होते हैं ।

उधर आरती अपने फ्रेंड्स के साथ होटल पहुंचकर घूमने की प्लानिंग कर रहे थे ।कि उन्हें कोई गाइड करने वाला हो, जो यहां पर उन्हें घुमा सके।

क्योंकि यहां के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी अचानक आरती की फ्रेंड को मायूस बैठा देखकर आरती ने पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे चुप क्यों बैठी हो ?

उसने कहा कि उसके बॉयफ्रेंड से उसका ब्रेकअप हो गया है । आरती बोली कि जो तुम्हारा बॉयफ्रेंड था उसे तो मैं भी जानती हो ।

वह तो शक्ल से ही बेवफा लगता था लेकिन तुम्हें उसने क्यों छोड़ दिया ?

आरती की फ्रेंड बोली मैं तुम्हारी तरह जवानी में भरी हुई नहीं हूं ना ,तुम्हारी तरह मेरी गांड बाहर नहीं निकल रही है ना, तुम्हारी तरह मेरी छातियों उठी हुई पहाड़ की तरह नहीं रहती हैं । इसलिए मेरे जैसी लड़कियों को पसंद करता ही कौन है।

यह कहते कहते वह मायूस हो गयी ।

आरती ने कहा गलती तुम्हारी नहीं है तुम्हें कोई बहुत प्यार करने वाला मिलेगा । उस लड़के को तो मैं जानती ही हूं और अब तुम उसकी उम्मीद छोड़ दो कि वह तुम्हें अपनी जीएफ के रूप में दोबारा देखना चाहेगा क्योंकि वह तुम्हारे साथ सिर्फ धोखा कर रहा है ।

आरती ने कहा मैं तुम्हे एक बात बोलू आरती की फ्रेंड बोली बोलिए तो आरती ने इस कदर अपने लफ्जों को शायरी में पिरोया ।

आरती बोली -

जिसे जाना था वह चला गया अब रोने से क्या हो जाएगा,

जिसे जाना था वह चला गया अब रोने से क्या हो जाएगा,

खोई हुई चीज को यूं ढूंढने से क्या हो जाएगा।

तू क्या सोच रही है तू अकेली है नहीं मेरी फ्रेंड बहुत रोए हैं इस प्यार में,

तेरे जैसे पता नही कितने बर्बाद हो गए हैं इस प्यार में ।

एक बार जिंदगी की फिर नई शुरुआत कर।

भूल गया वह तुझे अब तू भी भूल जा कोई और बात कर।

यह सब सुनकर आरती की फ्रेंड आरती से बोली क्या बात है। आज तो मेरी जान शायराना अंदाज में है ।

आरती यह सुनकर उसे बोली कि मेरी जान यह शायराना अंदाज मेरा नहीं है ।

वह मुस्कुराते हुए बोली कि एक शायर है जो आजकल मुझे भी शायरी सिखा रहा है ।

आरती की फ्रेंड कहने लगी कौन है वह ?

आरती बोली की है एक पागल सरफिरा जो दिलो दिमाग पर अपना घर बनाता जा रहा है। और उसकी बातों में जादू है। जब वह बोलता है तो लगता है कि हर लाइन उसने मेरे लिए ही बोली है। उसकी हर लाइन में इतना प्यार इतना रहस्य इतनी मिस्ट्री होती है कि मैं तो समझ ही नहीं पाती कि दिमाग से सुनूं या दिल से। आरती यह बोले जा रही थी ।

उधर दूसरी तरफ राकेश और शालिनी जाने के लिए रेडी हो चुके थे ।

शालिनी राकेश की आंखों के आगे आई तो अपने शरारती अंदाज में बोली भैया मैं कैसी लग रही हूं। अकॉर्डिंग टू जापान यह मेरी ड्रेस सही है।

राकेश ने जैसे ही उसे देखा राकेश तुम मानो पागल ही हो गया शालनी की हिरनी जैसी आंखों पर लगा हुआ काला चश्मा उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा था।

राकेश बोला आज तो मेरी बहन लगता है दिलों पर राज करेगी यह बोलते हुए राकेश मुस्कुरा दिया ।

शालिनी बोली बताओ ना भैया कैसी लग रही हूं ।

राकेश बोला आज तो तुम बिल्कुल ही कयामत लग रही हो कयामत से भी ऊपर लग रही हो । तुम्हारा यह ड्रेस लुक बहुत अच्छा है शालिनी तुम्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि तुम कोई हीरोइन नहीं हो । तुम बिल्कुल हीरोइन ही लग रही हो ।

शालीनी यह सुनकर मुस्कुरा दी उधर राकेश ने पहली बार ऑब्जर्व किया कि उसकी बहन पूरी तरह से जवान हो गई है। उसकी बहन की उम्र भी तो जवानी में लंड खाने के लायक ही है राकेश कहने लगा अपने मन में ।

राकेश ने पहली बार ऑब्जर्व किया था कि शालिनी की जांगे भर गई है उपासना से तो मोटी नहीं है , लेकिन हां अब कपड़े फंसने लगे हैं। उसकी जवानी में कोई भी कपड़े पहन लो वही फस जाते हैं । राकेश सोचने लगा कि अब शालिनी की शादी कर देनी चाहिए क्योंकि वह अब जवान हो गई है यह सोचते सोचते उसकी नजर उसकी छाती के ऊपर पड़ी तो मानो रेड कलर में वह फटने को तैयार हो रही हो । और जैसे खरबूजा होता है खरबूजे जैसे चूचे तो उसके छाती पर इस तरह शोभा दे रहे थे जैसे हिमालय पर्वत ।

उनकी गोलाई और उनका उठाव पागल कर गया राकेश को और राकेश के मुंह से निकला-

राकेश शालीनी से बोला -

तेरे नैन नशीले बेबी खतरनाक ,

लगा लिया तूने काला चश्मा अपनी धकलीं आंख ।

तेरी एक अदा पर बंदे मर गए लाख ।

तूने जला दिए दिल बस बची है राख ।

है गजब तेरा लुक सोना moon जैसा मुख ।

जो भी तुझे एक बार देख ले उसे मिल जाए सारी दुनिया के सुख ।

तुझे देखकर मेरी तो सांसे गई रुक ,

I want to read your beauty वाली book ।

अपने भाई राकेश के मुंह से ऐसी लाइंस सुनकर शर्मा गई शालिनी और कहने लगी भैया आप तो कोई पहुंचे हुए शायर लगते हैं ।

यह शायरी आपने कहा सुनी राकेश ने कहा मैंने यह सुनी नहीं है तुम्हें देखकर ऑन द स्पॉट बनाई है ।

शालिनी कहने लगी तुरंत शायरी बनाने में एक्सपर्ट हो भाई आप ।

उसके बाद शालिनी और राकेश तुरंत गाड़ी की तरफ चल दिए । दोनों गाड़ी में जा कर बैठे ।

जैपनीज की गाड़ी पीछे चल रही थी राकेश वाली गाड़ी से ।

राकेश और शालिनी पीछे बैठे हुए थे।

आगे ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और गाड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ भाग रही थी ।

अचानक राकेश ने पीछे वाली गाड़ी के ड्राइवर से कहा ,( जो जैपनीज वाली गाड़ी चला रहा था ) तुम एयरपोर्ट चलो हम जरा कुछ शॉपिंग करके आते हैं । कुछ कपड़े खरीदने हैं वह मैं खरीद कर आ रहा हूं एयरपोर्ट पर ही मिलूंगा ।

लेकिन जब राकेश ने फोन किया तो गाड़ी में हिंदी गाना बज रहा था जिसे सुनकर राकेश ने सोचा कि जैपनीज तो बोर हो रहे होंगे ।उसने अपने ड्राइवर से कहा कि कोई हॉलीवुड का इंग्लिश सॉन्ग प्ले करो या इसे बंद करो।

क्योंकि जैपनीस हिंदी नहीं समझ पा रहे होंगे ऐसा कह कर उसने कॉल रखदी ।

राकेश ने भी अपनी गाड़ी में भी एक इंग्लिश गाना चला दिया । गाना कुछ इस तरह था -

you are my love you are my life,

you are star of my eyes .

give me hug every time,

you are sweet you are nice.

You are fine like a wine ,

Your beauty is God's design .

यह गाना शालिनी को बहुत पसंद आया उसने पहली बार सुना था और वह गाने में खो गई ।

उसके बाद उधर दूसरी तरफ उपासना अपने कमरे में बैठी हुई सोच रही थी कि आखिर क्या किया जाए ।

अचानक उसके मन में पता नहीं क्या आया वह उठी और उठ कर नहा कर आई।

नहाने के बाद उसने एक पार्लर वाली को बुक किया और घर बुलाया कुछ ही देर बाद दोस्तों उपासना बैठी हुई थी नीचे फर्श पर ।

उसने सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी । ड्रेसिंग कमरे में सिर्फ उपासना और पार्लर वाली ही थे , गेट लॉक था ।

पार्लर वाली उपासना के पैरों पर मेहंदी लगा रही थी।

हाथों पर पहले ही लगा चुकी थी ।

दोस्तों उपासना ने आज अपने हाथ की उंगलियों से लेकर अपने कंधे तक मतलब पूरी पूरी बाजुओं पर मेहंदी लगाई थी , फूलों के डिजाइन से ।

और पैरों की शुरुआत हो चुकी थी और उसने पार्लर वाली को बोला कि उसे अपने पैरों की उंगलियों से लेकर अपनी जांघों को मेहंदी से सजाना है ।

पार्लर वाली ने उसकी टांगो पर मेहंदी लगन शुरू किया तो घुटनो तक तो फूलों के डिजाइन बनवाये उपासना ने और उसके बाद गदरायी जांघो पर उसने पत्तियों के डिजाइन बनवाये । और उनके डिजान्स के बीच मे मेहंदी से slut और आपकी रंडी लिखवाया ।

उसके बाद उसने पेट पर भी मेहंदी लगाई मतलब पूरी तरह से सजने धरने का प्रोग्राम आज उपासना बना चुकी थी।

दो-तीन घंटे के बाद मेहंदी सूखने के बाद उपासना नहाने चली गयी तो दोबारा से उपासना नहा कर निकली ।

और जैसे ही उसने अपने आपको आईने में देखा तो उसे शर्म आ गई ।

दोस्तों ऊपर से नीचे तक मेहंदी में रची हुई उपासना शीशे के सामने खड़ी थी । उसकी गांड पीछे को निकली हुई थी और छातियां आगे को निकली हुई थी ।

उपासना ने मेहंदी से अपनी छातियों पर भी निप्पल के चारों ओर एक गोल सर्कल बनवाया था।

जिससे उसकी चूचियां इतनी ज्यादा मस्त लग रही थी कि अगर किसी की आंखों के सामने नंगी आ जाए तो उनको खा ही जाए ।

उसके पेट पर नाभि के चारों तरफ भी मेहंदी से बना हुआ एक सर्कल था । जो और भी ज्यादा अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था ।

अपनी क्लीन चूत के चारों तरफ मेहंदी की एक लाइन खिंचवा रखी थी । और चूत के 3 इंच ऊपर जहां से जाटों की शुरुआत होती है, वहां से उसने तकरीबन कोई इन 4 इंच के घेरे में झांटें छोड़ दी थी, यानी कि वह साफ नहीं की थी।

जो छोटी-छोटी काले रंग की झांट और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।

फिर उसकी नीचे भरी-भरी जांघें जो सिर्फ आगे से मेहंदी से रची हुई थी , लेकिन पीछे से नहीं ताकि कोई भी देखे तो उसे उपासना की जांघ सामने से सजी-धजी ही नजर आए।

लेकिन जब उसे सीधी लिटा कर उसकी टांगों को मोड़ कर उसकी छाती से लगाए तो पीछे की तरफ की जांघ , जब सामने आए तो उन पर मेहंदी रची हुई नहीं दिखेगी ,वह बिल्कुल नंगी मोटी जांघ दिखेगी ।

इस तरह से अपने आपको एक यूनिक तरीके से सजाकर मन ही मन बड़ी मुस्कुरा रही थी उपासना ।

उपासना को अब सेलेक्ट करना था ड्रेस कोड ।

उसे ड्रेस क्या पहनना है वह जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बेड पर एक-एक ड्रेस कोअलग करने लगी।

पहले उसे एक गाउन मिला तो उसने सोचा कि गाउन पहनकर सजी हुई मैं अच्छी नहीं लगूंगी । उसने गाउन एक तरफ फेंक दिया ।

फिर दूसरे नंबर पर उसके हाथ में जींस आई तो जींस को भी उसने एक तरफ फेंक दिया ।

फिर उसने एक सूट सलवार निकाले लेकिन वह सूट सलवार भी उसे पसंद नहीं आए ।

उसने सोचा क्या पहना जाए ऐसा क्या पहना जाए जिससे मेरा सजा हुआ यह रूप और भी खूबसूरत लगे ।

उसने दोस्तों एक साड़ी निकाली लेकिन वह भी उसे पसंद नहीं आई ।

उसने फिर सोचा कि मैं एक काम करती हूं ऐसा सोचकर उसने तुरंत कॉल लगाया अपने मार्केट इंस्पेक्टर को।

और कहा - I'm upasna from DS Industries. मुझे मार्केट में जो सबसे अच्छा टेलर है उनका डाटा चाहिए।

इंस्पेक्टर ने कहा सुनकर अच्छा लगा कि आप जैसे बड़े लोगों ने हमें याद किया ।

बिल्कुल आप एक सेकंड का वेट कीजिए , मैं अभी निकलता हूं और निकाल कर उपासना को ट्रांसफर कर दिया ।

उपासना ने टेलर को कॉल लगाया उधर से आवाज आई कोई लेडीस की ।

उपासना ने कहा - कि मुझे कोई ड्रेस सेलेक्ट करना था पहनने के लिए लेकिन मुझे कोई ड्रेस पसंद नहीं आया।

तुम्हें चाहती हूं आप मेरे घर पर 20, 30 दुपट्टे भेज दे। जो सूट सलवार के ऊपर दुपट्टे पहने जाते हैं वो वाले ।

सुनकर टेलर ने कहा कि दुपट्टा किस तरह का चाहिए मैडम ।

उपासना ने कहा कि जो बिल्कुल देसी सूट सलवार के दुपट्टे होते हैं , जो ज्यादा मोटे कपड़े की नहीं होती हैं ।

ट्रांसपेरेंट वाले टाइप की होती हैं वह वाली भेज दो।

जिन्हें चुन्नी बोलते है ।

और साथ में एक एक्सपीरियंसड फीमेल टेलर भी भेज देना ।

आधे घंटे के बाद आ गयी । उपासना ने उसे 1 सेपरेट रूम में बिठाया और उसे उसकी सिलाई मशीन वहां पर रखवा दी।

टेलर बैठी हुई था और उपासना से पूछने लगी - यस मैम कपड़ों में क्या मॉडिफिकेशन आपको कराना है ।

तो उपासना ने कहा कि मुझे सूट सलवार बनवाना है ।

यह सुनकर टेलर कहने लगी - मैडम मैं सूट सलवार के कपड़े तो लेकर ही नहीं आई हूं । मैं तो केवल चुन्नियां लेकर आई हूं ।

उपासना ने कहा - यही तो ट्विस्ट है की मुझे चुन्नी वाले कपड़े के सूट सलवार पहनने हैं , तो तुम कितना टाइम लोगे इन्हें सीलने में ।

टेलर यह सुनकर चौंक गई और कहने लगी - मैम ऐसे भी कोई सूट सलवार पहनता है क्या ।

उपासना अभी दरअसल साड़ी पहनकर खड़ी हुई थी। इस वजह से टेलर को नहीं समझ आ रहा था कि यह चुडक्कड़ रंडी क्यों बनवा रही है दुप्पटे वाले कपड़े के सूट सलवार ।

तो टेलर ने कहा - ठीक है मैम जैसा आप चाहो मुझे तो बनाना है , आप किसी भी कपड़े का बनवा लो। मैं आधे घंटे में रेडी कर दूंगी । दुपट्टे के कपड़े के सूट सलवार तो वैसे भी जलदी बन जाएंगे ।

बस आप मुझे अपना नापा दीजिए बॉडी का।

यह सुनकर उपासना उसके पास गई और अपनी साड़ी एक तरफ उतार कर रख दी ।

जैसे ही उसने साड़ी उतारी तो टेलर चोंक गयी उसकी सजावट देखकर । नाभि के चारो और सर्कल देखकर मेहंदी से लगा हुआ वह बहुत ही ज्यादा उत्साहित हो गई और पूछने लगी कि भाभी आज कोई फंक्शन में जाना है क्या आपको ?

उपासना कहने लगी - आप अपना काम कीजिए ।

इस वक्त दोस्तों उपासना ने फुल स्लीव का ब्लाउज पहना हुआ था मतलब पूरी ढकी हुई थी फुल कपड़े में जिस वजह से उसकी बाजू की मेहंदी टेलर को दिखाई नहीं दे रही थी।

और नीचे पहना हुआ था उसने पेटीकोट जिस वजह से नीचे की मेहंदी भी उसे दिखाई नहीं दे रही थी ।

उसे केवल उसके हाथों की और उसके पेट पर आगे बने सर्कल ही दिखाई दे रही थी।

उसने नापा लेना स्टार्ट किया तो उपासना ने कहा - आप पीछे से गला डीप रखना सूट का , और उसकी जो कुर्ती होगी वह मेरे हिप्स तक ही रहेगी ।

यह कहकर उसने नापा देना स्टार्ट किया तो टेलर ने उसकी जांघों को फीते से नापा तो वह हैरान रह गई क्योंकि उसकी जांघे नॉर्मल लड़कियों के मुकाबले काफी मोटी थी ।

उसने उसके बाद उसने उसकी कमर में फीता डाला तो उसकी कमर का पतलापन देखकर वह हैरान रह गई।

उसके बाद उसने उसकी छातियों में फीता डाला छाती भी नॉर्मल लड़कियों के हिसाब से और उसकी एज के हिसाब से काफी गदरा गई थी । छातिया नहीं दोस्तों हम उन्हें पके हुए पपीते बोल सकते हैं ।

उसके हिप्स का नापा लिया तो उपासना के हिप्स भी चौड़े चौड़े थे । साड़ी भी नाकाम साबित होती थी उस गांड को ढकने में और आज ये चुदक्कड़ देवी उस गांड को झीनी सी सलवार से ढकने के ख्वाब देख रही थी ।

उधर दूसरी तरफ धर्मवीर अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप में कुछ देख रहा था।

अचानक धर्मवीर ने सोचा कि नीचे जाकर दूध ही पी लेता हूं, लेकिन उसने सोचा की उपासना को मैं कॉल कर देता हूं।

उसने उपासना को कॉल किया - उपासना मेरे कमरे में दूध दे जाओ ।

उपासना यह सुनकर थोड़ा शरमा गई लेकिन उसने जल्दी से एक बड़ा सा शॉल लिया और अपने पेट और कमर को भी छुपा लिया । साड़ी पहन ही रखी थी ।

बस उसके हाथ ही अब बाहर दिखाई दे रहे थे ।

उपासना दूध लेकर राजवीर के कमरे में गई तो दोस्तों धर्मवीर की आंखों ने जब उपासना को देखा तो उपासना के प्रति उसके दिल में उपासना की और इज्जत बढ़ गई वह सोचने लगा - कि मेरी बहन और मेरी बहू में कितना फर्क है।

आरती और उपासना में कितना फर्क है।

बहू मेरे घर की मान और मर्यादा का कितना ख्याल रखती है। वास्तव में भगवान ऐसी बहू सबको दे मेरी बहू करोड़ों में एक है ।अपनी बहू की तारीफ मन ही मन करता हुआ उसने दूध उसके हाथों से जैसे ही लिया ।

तो उपासना के रचे हुए हाथ देखकर वह मन में चौक गया , सोचने लगा धर्मवीर कि रात को जब सब डिनर कर रहे थे तब तो उपासना के हाथों पर कुछ भी नहीं था। और अब उपासना के हाथ बिल्कुल रचे हुए हैं।

आज तो कोई त्यौहार या कोई फंक्शन भी नहीं है मन में धर्मवीर ऐसा सोच ही रहा था कि तभी उसने सोचा हो सकता है उपासना को आज कहीं पर जाना हो। किसी फंक्शन या पार्टी में तो अनायास ही पूछ बैठा की - बहू आज तुम कहीं जाने वाली हो क्या ?

उपासना ने कहा कि- आज वो और उनकी बहन यानि मेरे पति राकेश और शालिनी दोनों जापान गए हैं ।

और आरती दीदी भी अपने फ्रेंड्स के साथ हिल स्टेशन गई हैं लेकिन वह तो शाम तक आ जाएंगी ।नहीं पापा जी मुझे तो ऐसा कहीं कोई खास पार्टी में नहीं जाना है ।

मैं तो आज घर पर ही हूं यह कहते हुए वह चुप हो गई।

धर्मवीर ने कहा - हाँ कॉल आया था राकेश का उसने बताया इस प्लान के बारे में कि वह दोनों बहन भाई जपेन जा रहे हैं । अच्छा है बहू की अपने बिजनेस की पकड़ और भी मजबूत हो और हम दौलत और शोहरत दोनों में अपना नाम और बड़ा करें । राकेश की लगन देखकर मुझे लगता है कि वह अपने बाप के नाम को रोशन कर देगा ।

लेकिन यह बोलने के बाद में धर्मवीर ने मन में सोचा कि बहू को कहीं आज जाना भी नहीं है । और राकेश भी घर पर नहीं है जो पति के लिए सजी हो तो फिर आज बहू ने हाथ क्यों रचाये हुए हैं धर्मवीर ऐसा मन में सोच ही रहा था लेकिन पूछने की हिम्मत नहीं कर सका ।

और दूध लेकर अपने बेड पर बैठ गया उपासना दूध देकर जैसे ही जाने को मुड़ी तो दोस्तों साड़ी और शॉल से ढकी होने के बावजूद भी उपासना की गांड की लचक महावीर की नजरों से बची ना रह सकी । और मजबूर हो गया धर्मवीर अपनी आंखों से स्कैन करने को ।

उसका bubble ass यानी चौड़ी गांड एक बार तीर मार गई महावीर के दिल में। और अपनी नजरो से ही अपनी बहु को नंगा करने लगा ।

लेकिन महावीर ने तुरंत सोचा कि मैं कितना गंदा हूं ।

आजकल की इतनी मॉडर्न घर की इतनी हाई प्रोफाइल फैमिली से बिलोंग करने वाली लड़कियों को मैंने नंगे घूमते हुए देखा है । लेकिन मेरी बहू ढकी हुई है पूरी की पूरी और उसके बावजूद भी मैं अपने मन में उसकी गांड को घूरने के सपने देख रहा हूं । छी मैं कितना गंदा इंसान हूं मुझे ऐसा नहीं होना चाहिए । मैं तो धरती पर कलंक ही हूं । मैं इंसानियत पर कलंक हूं । मुझे अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए और मैं किस रास्ते पर चलने की सोच रहा हूं।

धर्मवीर ऐसा सोचता ही रह गया और उपासना निकल चुकी थी।

उपासना जैसे ही नीचे आई राकेश का कॉल आया हूं कि हम दोनों बहन भाई एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं ।

और दोनों बहन भाइयों ने कपड़े भी खरीद लिए हैं ,

और वह उसे कहने लगा कि हो सकता है मैं कॉल ना कर पाऊं तो मेरी जान मेरी बात को समझना कि अभी दो-तीन दिन बिजी हूं । और यह सब किसके लिए कर रहा हूं अपनी बीवी के लिए ही तो कर रहा हूं अपनी फैमिली के लिए ही तो कर रहा हूं , अपने परिवार के लिए ही तो कर रहा हूं।

यह सुनकर उपासना खुश हुई और अपने पति को प्यारी सी किस देकर फोन रखा ।

तब तक टेलर ने तैयार कर दी थी ड्रेस। उ

उपासना ने जो ड्रेस बनवाई थी दोस्तों उसकी जो नीचे सलवार थी वह पूरी चुस्त टाइट बनवाई थी , और उस सलवार की लंबाई घुटनों से थोड़ा ही नीचे तक थी यानी की पूरी पैरों तक नहीं घुटनों से हल्का नीचे तक की थी जहां तक कैपरी होती है ।

और वह चुस्त सलवार के ऊपर चुन्नी वाले कपड़े की ही कुर्ती थी यानी की सलवार और कुर्ती दोनों ही चुन्नी वाले कपड़े के थे । और दोनों ही चुस्त और टाइट ।

उपासना ने इन कपड़ों को लेकर रख लिया ।

फिर उपासना ने टेलर को दस हजार का एक नोट देते हुए विदा किया।

प्रिय पाठकों आप सोच रहे होगे की उपासना आज किसके लिए सजी है

आखिर आज क्या होने वाला है , क्या आज रात को नंगा नाच होने वाला है। क्या आज उपासना चुदने वाली है । क्या उपासना एक ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार हो रही है । क्या उपासना को चार या पांच मर्द मिलकर चोदने वाले हैं आज की रात । क्या उस उपासना के सारे छेदों में आज वीर्य भरा जाना है रात को । आखिर आज साला होने वाला क्या है यह यही आप सोच रहे होंगे ना ।

तो अब यह नेक्स्ट अपडेट में दोस्तों ।

मां कसम आज एक बार फिर कहता हूं कि मां कसम आग लगा दूंगा इस कहानी के जरिये हर चुत और लंड में । इस कहानी को पढ़कर चूतों में से अनलिमिटेड पानी की नदी बहेगी और लंड वालो को चूतों के सपने खुली आँखों से भी दिखने लगेंगे ।

वादा है मेरा प्रिय पाठकों कि तुम्हें लत लगा दूंगा मेरी कहानियों की।

......
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RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां - by desiaks - 05-01-2021, 11:30 AM

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