RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
दोनों फिर tv पर न्यूज़ देखने लगे गए ।
उधर पूजा जैसे ही वापस आयी तो उसने देखा उपासना भी जाग गयी है ।
पूजा ने अनवर से लेकर उसके फिसलने तक कि सारी बात उपासना को बता दी । जो उसने छुपकर सुना था दोनों के मुह से ।
पूजा - देखा दीदी पहले ससुर जी फिर आज पापाजी चढ़ने वाले है तुमपर ।
उपासना - अच्छा पूजा देखते है क्या होता है तूने तो अपना पिछवाड़ा दिखाकर सुबह सुबह ही पागल कर दिया होगा दोनों को ।
पूजा - हां दीदी दोनों मुह फाड़कर ऐसे देख रहे थे जैसे नजरो से ही चोद रहे हों ।
उपासना - अच्छा । पूजा ध्यान रखना हमे ये जाहिर नही होने देना है कि हमे सबकुछ पता है । इस खेल में तभी मजा आएगा ।
पूजा - आप फिक्र ना करे दीदी । हम दोनों इतनी संस्कारी बनकर रहेंगे की हमे नंगी देखकर भी उनकी चोदने की हिम्मत नही होगी ।
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उपासना - चल चाय नाश्ता बना लेते है फिर कपड़े बदलेंगे नहाकर ।
दोनों ने जल्दी से नाश्ता तैयार किया और दोनों नहाने चली गयी ।
दोनों नहाकर उपासना के रूम में आईं तौलिया लपेटकर ।
उपासना कपड़ो का चयन करने लगी ।
पूजा - दीदी दिन के लिए तो कोई लूज कपड़े पहन लेते है ।
उपासना - क्या पहनने का मन है तेरा । मैं तो सोच रही थी कि रात कक तो वो लोग हमें वैसे भी नंगी ही रखेंगे । दिन में टाइट कपड़े पहन लेते है ।
पूजा - ये भी ठीक है दीदी क्या पहनोगी तो ।
उपासना - एक काम करते है दोनों लैगिंग और टॉप पहन लेते है।
पूजा - नही दीदी ये तो कुछ ज्यादा हो जायेगा । वो दोनों तो हमारा रेप ही करदेंगे इन कपड़ो में देखकर ।
उपासना - पगली तभी मजा आता है जब मर्द का लंड खड़ा रहे और वो कुछ कर भी ना पाए ।
पूजा - ओके दीदी । ऐसा ही करते है ।
दोनों ने सेम pink कलर की लैगिंग पहनी और उसके ऊपर नीले रंग का शॉर्ट टॉप पहना।
टॉप इतना ज्यादा छोटा था की नाभि से 4 इंच ऊपर ऊपर इंच ऊपर ऊपर ही वह खत्म हो जाता था उसका गला भी भी बहुत ज्यादा डीप था। कहने का मतलब है कि मोटे मोटे मोटे चूचे उसमें जैसे तैसे तैसे ही रुक पा रही थी और नीचे लैगिंग भी घुटनों से थोड़ा सा नीचे ही खत्म हो जाती थी ।दोनों की 40 साइज की फैली हुई गांड को संभालने में नाकामयाब सी प्रतीत होती थी।
उपासना बोली पूजा से - पूजा तुझे तो मेरी लैगिंग बिल्कुल फिट आगयी ।
पूजा - हां दीदी कपड़े तो बिल्कुल एक साइज के आते है दोनों को ।
उपासना - अरे ऐसे कैसे । मैं तो शादी के बाद ऐसी हुई हूं पर तेरी गांड और चुचियां इतनी कैसे गदरा गयी ।
पूजा - दीदी लड़की के शरीर की भी बात होती है । मेरी बॉडी ही कुछ आपसे बड़ी लगती है ।
उपासना - फिर तो तेरे जैसी भैंस को एक सांड की जरूरत होगी ।
पूजा - ये तो मैं भी बोल सकती हूं कि तुम भी किसी सांड के ही काबू में आ सकती हो दीदी ।
उपासना - घर मे दो सांडो ने प्लान बनाया तो है हम दोनों की चूतों का बाजा बजाने का।
पूजा - बाजा नही दीदी DJ बजेगा हमारी चूतों का तो ।
बात करती करती दोनों ने टेबल पर नाश्ता लगा दिया ।
लगभग 10 मिनट बाद धर्मवीर और सोमनाथ नाश्ता करने नीचे आगये । उस वक्त दोनों बहन किचन में थीं ।
धर्मवीर - अरे नाश्ता तो तैयार है पर सोमनाथ जी लगता है हमे अकेले ही करना पड़ेगा आज नाश्ता ।
तभी अंदर से उपासना की धीमी सी आवाज आई - हम भी आरहे है पापाजी ।
ऐसा कहकर दोनों बहन किचन से टेबल की तरफ आने लगी । जैसे ही धर्मवीर और सोमनाथ की नजर दोनों पर पड़ी दोनों का कलेजा थम गया । सांसे लेना ही भूल गए ।
क्योंकि शरीर से दोनों बहन सेम ही लग रही थी सेम कपड़ो में । धीरे धीरे किसी मस्तानी हथिनी की तरह चलकर दोनों करीब आरही थी। दोनों की जांघो को देखकर ही पता चल रहा था कि पीछे पिछवाड़ा कितना मटक रहा होगा।
धर्मवीर मन मे अपने आपसे कह रहा था कि इन दोनों को अभी बैड पर पटककर इनका मूत पी जाऊं और फिर ई दोनों घोड़ियों को अपने लंड पर कुदाऊं । मैं तो सोचता था उपासना ही चूत की रानी है पर मुझे लग रहा है पूजा की चूत के मूत की खुशबू भी नशीली होगी । दिखने में कुंवारी लगने वाली ये पूजा लंड पर उछल उछलकर चुदेगी ।
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दोनों को अपनी तरफ देखते हुए उपासना बोली - क्या हुआ पापाजी ऐसे क्या देख रहे हो।
याब तक दोनों आकर बैठ चुकी थी टेबल पर ।
सोमनाथ सपकपाते हुए - कु-कुछ नही बेटी देख रहा था कि दोनों बेटियां कितनी खूबसूरत है ।
उपासना - बेटियां भी तो आपकी ही है पापा।
धर्मवीर - मैं तो दोनों बेटियों में अंतर ही पता करने में असमर्थ हूँ ।
पूजा - कोई अंतर नही है मौसा जी । मैं और दीदी एक जैसे है।
पूजा की इस बात का मतलब समझ रहा था धर्मवीर ।
धर्मवीर - नही पूजा बिटिया कुछ तो अंतर होगा ही ।
पूजा - नही कोई अंतर नही है । चलो दीदी जरा मेरे बराबर में खड़े होकर दिखाओ पापा को । ऐसा कहकर दोनों चेयर से उठकर सामने खड़ी हो गयी ।
सोमनाथ - दोनों रंडियों को देखते हुए - नही बेटी आगे से तो दोनों में कोई अंतर नही है ।
इसबार उपासना बोली - अच्छा तो आगे से पापा को कोई अंतर नही लगा मतलब अब पापा पीछे से देखना चाहते हैं ।
पूजा - चलो दीदी तो पापा की तरफ पीठ करलो ।
दोनों अब अपना पिछवाड़ा करके खड़ी हो गयी धर्मवीर और सोमनाथ के सामने । दोनों की गांड अब धर्मवीर और सोमनाथ के सामने लैगिंग में फसी हुई थीं ।
धर्मवीर का मन कर रहा था कि लैगिंग फाड़कर अभी पूजा की गांड पर ढेर सारा थूक दू ।
सोमनाथ का मन कफ रहा था कि उपासना की लैगिंग फाड़कर अभी उसकी गांड में लंड जड़ तक घुसेड़ दू ।
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सोमनाथ - नही बेटियों पीछे से भी कोई खास अंतर नही है बस इतना ही अंतर है कि पूजा थोड़ी कसी हुई है उपासना बेटी थोड़ी ढीली हो गयी है ।
ये सुनकर उपासना और पूजा दोनों शर्माते हुए घूमकर बैठ गयी वापस चेयर पर ।
पूजा - नही पापाजी ऐसा नही है हम दोनों ने आज सेम साइज के कपड़े पहने है । दीदी की ही लैगिंग है ये और दोनों लैगिंग का साइज 40 है ।
धर्मवीर - अच्छा तो तुम्हारा पिछवाड़ा भी अब उपासना की तरह 40 का हो गया है ।
ये सुनकर फिर दोनों शर्माकर लाल हो गयी ।
पूजा - मौसा जी आज क्या करना है आज तो हम बोर हो जाएंगे ।
धर्मवीर - बोर तब हो जाओगे जब हम होने देंगे । आज हम पूजा करेंगे ।
पूजा ये सुनकर धर्मवीर की आंखों में देखते हुए - मौसा जी आप भी ना मतलब कुछ भी बोलते हो । याब साधु बाबा बनोगे क्या आज ।
धर्मवीर - हां आज मैं साधु बाबा बनुगा पुजारी बाबा ये ही समझ लो ।
पूजा - फिर हमे क्या करना चाहिए साधु बाबा जी ।
धर्मवीर बोला -
तुम आज गंगा में स्नान करो ,
तुम आज गंगा में स्नान करो ,
अपना सब कुछ दान करो ,
ये साधु बाबा तुम्हारा भला करेगा ,
तुम्हारे छोटे छेद को बड़ा करेगा ।
ये शायरी सुनते ही पूजा शर्म से गढ़ गयी अब उससे सामना नही हो रहा था धर्मवीर का वो चुपचाप उठी और जाने लगी । थोड़ा आगे चलकर पूजा इस तरह झुकी जैसे लोग झुककर जूते के फीते बांधते है ।
अब तो पूजा की गांड बिल्कुल ऐसे चौड़ी हो गयी फैलकर जैसे चाखी के पाट हो ।
एकबार तो धर्मवीर का मन हुआ कि पूजा की गांड में मुँह घुसा दे पर अपने आपपर नियंत्रण रखते हुए देखता रहा उस झुकी हुई चुदासी कुतिया को ।
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फिर पूजा ने सीधी होकर एकबार धर्मवीर को देखा और सीधे उपासना के रूम में चली गयी ।
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दोस्तों अब आगे की कहानी next update में ।
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आपका प्यारा से दोस्त - रचित ।
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