05-04-2021, 12:11 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
फ़ट ,...नहीं नहीं , बच गयी
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधरउधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया , और जब तकमैं उसे मना करूँ उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
" कितना बड़ा था उसका ,"
मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पायी।
" करीब ५ इंच का रहा होगा , दो चार बार उसने आगे पीछे किया अपना और उसका खड़ा हो गया था ,फिर वो मेरा पकड़ के ,… "
उम्र के हिसाब से ५ इंच काफी बड़ा था , इसका मतलब।
उन्होंने बात जारी रखी ,
" उसने पूछा की मैंने किसी के साथ किया की नहीं , तो मैंने बता दिया की नहीं। वो बोला की हमारे क्लास में ज्यादातर लड़के कर चुके है , फिर समझाया की कौनलड़का किसके साथ , कई तो टीचरों से मरवाते हैं। "
" फिर क्या हुआ , आगे बोलो न "
मुझे लग रहा था कुछ हुआ होगा।
वो एक पल के लिए रुक गए , थोड़ा जिझके फिर थूक घोंटा और आगे की बात ,
" चंदू ने कहा ,की , … वो दो चार लड़कों के साथ कर चुका है ,और चाहे तो वो मुझे सीखा देगा। उसने कहा की मैं उसके साथ पहले कर लूँ , मैं हिचक रहा था , झिझक रहा था तो उस ने कहा की , अगर तू घबड़ा रहा है तो वो पहले मेरे साथ कर लेगा , फिर मैं उसके साथ। "
उनकी आवाज एकदम हलकी हो गयी थी ,और साँसे भी भारी भारी ,
" फिर ,"
मेरी भी हालत खराब थी। बचपन के बुद्धू , वो इनकी मार लेता फिर अंगूठा दिखा देता।
" बिना मेरे कुछ बोले उसने मुझे पेट के बल लिटा दिया , और मेरे पीछे आके ,थोड़ा सा मुझे घुटने के बल उठाया , और फिर पीछे सेंटर पे , थूक उसने अपने ,अपने ,… लगाया और मेरे छेद पे भी। "
दूसरा समय होता तो मैं हड़का लेती , साफ साफ लंड और गांड क्यों नहीं बोलते। लेकिन डर था की कहीं असली बात बीच में ही न रह जाए।
" गया की नहीं। "
मैंने पूछ लिया।
" नहीं , चंदू का बहुत मोटा था , दर्द भी हो रहां था मुझे , लेकिन चंदू ने हिम्मत बंधाई और अपने दोनों हाथों के अंगूठे के जोर से मेरा छेद फैला के सेट कर दिया , फिर एक बार ढेर सारा थूक ले के उसने वहां लगाया। "
वैसलीन लगाना चाहिए था न, लड़के भी बुद्धू होते हैं। सट्ट से जाता।
मैंने सोचा , फिर पूछा ,
" घुस पाया क्या। "
" ज़रा सा , लेकिन तब तक रिक्शे की घंटी की आवाज आई। मम्मी बाजार से लौट आई थीं। हम दोनों ने जल्दी से नेकर ठीक की , और मैंने पिछले दरवाजे से चंदूको बाहर कर दिया । "
तो बच गयी तेरी गांड , और रोकते रोकते भी मेरे मुंह से गाली निकल पड़ी ,
" अपने तो पूरे मोहल्ले से घूम घूम के मरवाती हैं और जब तेरा नंबर आया तो ऐन मौके पे , "
लेकिन मेरी बात अनसुनी करके उन्होंने अपनी बात चालू रखी। [/
" उसके बाद तो और सब ,मेरे पीछे पड़ गए , एक से एक कमेन्ट , और कुछ दिन बाद , तब तक मैं टेंथ में पहुँच गया था। उस दिन , मेरा पियन साइक्लि लेके नहींआया।
और रानू ने बोला की मैं उसके साइकिल पे चल चलूँ , रानू भी मेरी तरह ,
उसके पीछे भी सब पड़े रहते थे . एक दो लड़कों के साथ तो उसका कुछ था भी। उसकी साइकिल पे आगे बैठ मैं चल दिया उसके साथ। "
" फिर , मुझे लगा अबकी तो फट गयी होगी उनकी।
'रानू एक नए रास्ते से ले जा रहा था। बहुत संकरी सी एकदम सूनसान गली थी। बोला , शार्टकट है।
लेकिन तभी दो लड़के , बड़े, तगड़े और वो दोनों उसी के लिए बदनाम थे। तुम्हारे कमल जीजू इतने तो नहीं , पर थोड़े बहुत उन से , लड़के उन से भी डरते थे। "
मैं साँस रोके सुन रही थी।
" रोक साले , उतर मादरचो,… चल इधर " दोनों एक साथ बोले ,
और मारे डर के रानू ने साईकिल रोक दी। एक ने रानू का हाथ पकड़ा और दूसरे ने मेरा , जबरदस्ती खींचते हुए , पास में एक घनी बाग़ थी , उसमे एक टूटा फूटाकमरा था , वहां , लेगए।
" चल उतार जल्दी , "
जिसने रानू को पकड़ा था , जोर से बोला , और रानू ने न सिर्फ नेकर उतार दी बल्कि निहुर भी गया।
( मैं समझ गयी , रानू की पहले से उन दोनों से सेटिंग रही होगी और उन्हें जान बूझ कर उस रास्ते से ,… जहाँ वो दोनों पहले से )
डर के मारे हालत ख़राब थी। हम दोनों काँप रहे थे। आज बचने का कोई रास्ता नहीं लग रहा था।
मैं निगाहें झुकाये खड़ा था।
तबतक एक तमाचे की आवाज आयी ,मैंने कनखियों से देखा , रानू के चूतड़ पे एक जोर का हाथ , एकदम लाल होगयी थी उसकी गांड। वो गरजा ,
" फैला साल्ले गांड ,ढीली कर ,वरना टेंटुए दबा दूंगा। "
उसका औजार खूब मोटा था , लंबा भी रहा होगा ६ इंच से ज्यादा ही।
और वो उसे रानू के पिछवाड़े सटाये हुए था ,फिर उसने रानू की कमर पकड़ के जोरदार धक्का मार और उसका वो ,उसका वो , …वो,… सुपाड़ा पूरा अंदर धंस गया।
रानू बहुत जोर से चीखा ,दर्द के मारे उसकी आँख से आंसू छलक आये थे। लेकिन जो उसकी मार रहा था एक हाथ से उसने रानू का मुंह दबा दिया।
" अरे चिल्लाने दो साल्ले को , यहाँ कौन उसकी चीख सुनता है। चीख पुकार में तो मजा है। "
और जब मैंने उसकी ओर देखा तो , बड़ी जोर की डांट पड़ गयी मुझे।
" भोंसड़ी के , अबतक नेकर नहीं उतारी। साले पूरे स्कूल में आग लगा रखी है। किसके लिए बचा के रखा है , तुझे तो मैं अपना पक्का ख़ास लौंडा बना के रखूँगा। रोज यहीं आके मरवाना। चल उतार जल्दी। "
वो और खूंखार लग रहा था और उससे भी ज्यादा खूंखार था उसका औजार , पहले वाले से भी ज्यादा लम्बा भी और मोटा भी। वो उसे हाथ में ले के जोर जोर सेआगे पीछे कर रहा था।
' निहुरता है की लगाउ एक लात तेरी गांड पे , जिस गांड के पीछे हजारों मरते हैं न आज तो मैं उसकी ,… "
फिर चिल्लाया और मारे डर के मैंने भी निकर घुटने तक सरकाई और रानू की तरह निहुर गया।
कनखियों से मैंने देखा , रानू ने ऑलमोस्ट पूरा घोंट लिया था ,और अब उसके चेहरे पे दर्द भी नहीं था। जो उसकी मार रहा था वो खूब जोर जोर से धक्के लगा रहाथा।
" और तुम्हारा वाला , … "
मुझसे नहीं रहा गया।
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