bahan sex kahani ऋतू दीदी
05-21-2021, 06:46 PM,
#98
RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
(05-07-2021, 11:58 AM)desiaks Wrote: मै जब चेंज करके आया तो देखा ऋतू दीदी एक बेड पर पीठ टिकाये बैठी थी और दूसरे बेड पर निरु थकान के मारे चादर ओढ कर लेटी हुयी थी। जीजाजी निरु के दूसरी तरफ उसके सिरहाने बैठे थे और उसकी तबियत पुछ रहे थे। मै उन दोनों बेड के बीच में आया तब तक जीजाजी भी निरु की चादर के अंदर घुस गए। मैं ऋतू दीदी के बेड के किनारे पर बैठ गया ताकि सामने से निरु को देख सकूँ। निरु छत की तरफ देखते हुए सीधा लेटी थी पर जीजाजी निरु की तरफ करवट लेकर लेटे थे।

चादर के ऊपर से मैं निरु के बूब्स का उभार देख पा रहा था। साथ ही जीजाजी का हाथ चादर के अंदर निरु के पेट पर रखा हुआ था। समझ नहीं आ रहा था की कैसे रियेक्ट करूँ, वो जीजाजी मेरी बिवी के साथ एक ही चादर में थे और ऋतू दीदी ने भी कुछ नहीं बोला। हालाँकि जीजाजी सिर्फ निरु का हाल चाल पुछ रहे थे। बातों बातों में जीजाजी का हाथ पेट से खिसक कर ऊपर आ रहा था और जल्दी ही निरु के बूब्स के २ इंच नीचे की तरफ था। जीजाजी कभी भी मेरी निरु के मम्मो को दबा सकते थे और मैं सिर्फ देख रहा था। इसके पहले की जीजाजी कोई गलत हरकत करते, ऋतू दीदी लेट गयी और जीजाजी को भी आवाज लगायी की वो निरु और मुझे सोने दे क्यों की हम सब थक गए है।

मैने ऋतू दीदी की तरफ देखकर स्माइल किया और मन ही मन उन्हें थैंक यू बोला। मगर जीजाजी तो हिले भी नहीं। उनका हाथ जरूर एक इंच और ऊपर खिसक कर निरु के बूब्स के ठीक नीचे तक पहुँच गया। मै अब अपनी जगह उठ खड़ा हुआ। ठीक उसी वक़्त ऋतू दीदी ने जीजाजी को फिर आवाज लगायी और जीजाजी ने अपना हाथ निरु के बदन से हटाया और चादर से बाहर निकल गए। अब जीजजी ऋतू दीदी के बिस्तर पर आ गए और मैं जाकर निरु के पास लेट गया जहाँ थोड़ी देर पहले जीजाजी लेटे थे। लाइट बंद कर अँधेरा कर दिया गया और मैं निरु से चिपक कर सो गया। थकान के मारे मुझे नींद आ गयी।

कुछ खट पट की आवाजो के साथ मेरी नींद खुली और अँधेरे में ही मैं पास के बिस्तर पर हलचल महसूस करने लगा। मुझे समझते देर नहीं लगी की वह चुदाई हो रही है। एक के ऊपर एक चढ़ कोई चुदाई कर रहा था। जीजाजी की इतनी हिम्मत की यहाँ दो लोग और सोये हुए हैं और वो इस तरह का काम कर रहे है। सुबह ही तो वाशरूम में जीजाजी ने ऋतू दीदी को चोदा था और रात को फिर शुरू हो गए। जीजाजी से ज्यादा कण्ट्रोल तो मेरे पास था जो मैं ३ दिन से बिना चुदाई के रह रहा था जब की मेरी बिवी ज्यादा सेक्सी थी। धीरे धीरे मुझे अँधेरे में और अच्छे से दिखने लगा था। मैने महसूस किया की जो ऊपर चढ़ कर चोद रहा हैं वो मर्द नहीं कोई औरत है।

ऋतू दीदी तो ऐसा काम कभी नहीं कर सकती है। मुझे शक हुआ कही जीजाजी को ऊपर चढ़ कर चोदने वाली मेरी बिवी निरु तो नहीं। मेरी तो धड़कने २ सेकण्ड्स के लिए रुक गयी। मैंने अपने पास चादर के अंदर सोयी लड़की पर हाथ फेरा। पेट पर हाथ रख मम्मो के ऊपर तक लाय और कपडे महसूस कर लगा की निरु तो मेरे पास ही लेटी हुयी है, और मैंने चैन की सांस ली। जीजाजी पर चढ़ कर चोदने वाली लड़की अब सीने से उठकर लण्ड पर बैठे बैठे ही चोद रही थी। उसके खुले बाल उसके उछलने के साथ ही हील रहे थे।

मेरी आँखें अब और भी अच्छे से देखने लगी थी। वो ऋतू दीदी ही थी। मुझे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। ऋतू दीदी जैसी सीधी और शान्त औरत ऊपर चढ़ कर चोद भी सकती है? फिर मैंने अपने आप को समझया की ऋतू दीदी का वो रूप तो दूसरो के लिए है। बैडरूम में तो हर औरत का एक अलग खुला हुआ रूप होता है। बैठे बैठे उछलने से ऋतू दीदी के बड़े बूब्स उनके टीशर्ट के अंदर ही ऊपर नीचे हिल रहे थे। वो बहुत मादक लग रही थी। नीचे उन्होंने कुछ नहीं पहना था क्यों की मैं उनके गांड का कर्व हिलता हुआ देख सकता था।

ऋतू दीदी को इस तरह चोदते देख मेरे दिल के तार बज गए थे। मेरे पास लेटी निरु दूसरे बिस्तर की तरफ ही मुह करके करवट ले नींद में सोयी थी। मैं निरु के पीछे से चिपक गया और उसके मम्मो को दबोच कर दबा दिया।

फिर मैंने निरु के गाउन को घुटनो से ऊपर उठाया और कमर के ऊपर तक चढा लिया। फिर जल्दी से अपना हाथ उस गाउन के अंदर डाल कर निरु के ब्रा सहित उसका बूब्स दबाने लगा। कुछ ही सेकण्ड्स में निरु की नींद उड़ गयी और मेरा हाथ हटाया। नींद उड़ने से उसका ध्यान भी अब शायद पास के बिस्तर पर होती चुदाई पर गया, क्यों की मैंने फिर से अपना हाथ निरु के बूब्स पर रखा और इस बार उसने मेरा हाथ पकडा पर हटाया नहीं।

नीरु खुद शॉक में थी की पास के बिस्तर पर चुदाई चल रही थी। निरु को भी अब तक पता चल गया की ऊपर चढ़ कर चोदने वाली उसकी बहन ऋतू ही है। ऋतू दीदी एक बार फिर आगे झुक कर जीजाजी के सीने पर अपनी छाती रख लेट गयी और धक्के मारते हुए चोदती रही। मै ऋतू दीदी की धक्के मरती और हिलती गांड को देख कर होश खो बैठा था। मेरी खुद की चोदने की इच्छा हो चुकी थी। मैंने अपना हाथ निरु के मम्मो से हटाया और उसकी पेंटी को नीचे खिंच कर निकालने लगा।
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी - by lovebird20153 - 05-21-2021, 06:46 PM

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