bahan sex kahani ऋतू दीदी
04-17-2023, 09:52 AM,
RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
शक का अंजाम

PART 3

UPDATE  8


मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 44. ( New-8) -

प्रशांत नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : "वाह निरु (काजल) , आज तो बड़ी कमाल की लग रही हो"

नीरज ने नीरू की तारीफ करनी शुरू की

नीरु: "आपके लिए ही तैयार हुयी हूँ जीजा जी ..."

नीरज : मैंने उसको लिटाया, और मैंने भी उसके साथ लेट गया गया, लगा सहलाने . और उसका पल्लू खींचने लगा

नीरू: जीजा जी आराम से इतनी जल्दी क्या है,

नीरज: क्यों नहीं जल्दी है मैं तो इस दिन का इंतज़ार तो मैं तब से कर रहा हूँ जब से तुम जवान हुई हो
और तुम कहती हो की क्या जल्दी है. निरु आज भी और तुम बचपन में भी जब मुझसे गले लगती हो तो सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं भी चाहता हूँ की तुम मुझसे बार बार चिपको । वो तो मुझे तुम्हारे साथ कभी कुछ करने का मौका नहीं मिला वार्ना अब तक तो मैं तुम्हे कितनी बार चोद चुका होता""

उस दिन पहली बार निरु तुम्हे अन्दर के कपड़ो में देखकर मैं पागल हो गया था। उसी दिन सोच लिया था की एक बार तुम्हे जरूर चोदना है। मैं तो तैयार था, पर बेडरूम के खुले दरवाजे के बाहर दूर से मुझे ऋतू किचन के दरवाजे पर खड़ी दिख गयी थी। वो हमें ही देख रही थी। अगर उस दिन घर में ऋतू नहीं होती तो मेरे दिल के अरमान उसी दिन पुरे हो जाते.

उस दिन गुस्से गुस्से में निरु तुमने मेरे कपडे खोल कर मेरा लंड पकड़ा था। तुम्हे बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था। और फिर तुम्हारी चुदाई मे मेरी मदद खुद प्रशांत ने ही कर दी .. और अब आगे से जीजा जी नहीं नीरज बोला करो

ये बात सुन कर प्रशांत को कुछ भी अजीब नहीं लगा क्योंकि ये बात तो वो नीरज के मुँह से खुद ही सुन चूका था और अब नीरज ने ये बात खुद हो बाते करते हुए बता रहा था ..

नीरू : जीजाजी मैं आपको नाम से नहीं बुला पाऊँगी किसी के भी सामने ..अब इतने साल की आदत जो है मुझे और दीदी के सामने तो बिलकुल भी नहीं

नीरज : अच्छा ऋतू के सामने मत बोलना पर अकेले में तो नाम लो

नीरू : अच्छा नीरज जी .. और .. ये ...............

कुछ देर रिकॉर्डिंग में शान्ति हो गयी .. .. वो इतना दुखी था की इस और उसका ज्यादा ध्यान नहीं गया ...

नीरू : अच्छा जीजा जी जो मर्जी कर लो, मैं तो तुम्हारी हु,

नीरज : फिर जीजा जी

नीरू : अब भी अच्छा नीरज जी

नीरज : नहीं सिर्फ नीरज बोलो

नीरू : नीरज

फिर ऑडियो में किसिंग की आवाज आती है

और रिकॉर्डिंग खत्म हो जाती है

तभी प्रशांत सोचने लगता है बीच में रिकॉर्डिंग में घर्रर की आवाज क्यों आयी .. तभी उसका फ़ोन बज उठा और फिर से नीरू के नम्बर से फ़ोन था ..

उधर नीरज था


नीरज .. प्रशांत रिकॉर्डिंग सुनी


प्रशांत : नीरज जी ये भी तो अधूरी थी


नीरज ;; हाँ मैं तुम्हे छोटे छोटे हिस्सों में भेज रहा हूँ . मैं कोई प्रोफेशनल तो हूँ नहीं .. छुपे हुए रिकॉर्डर से रिकॉर्ड की है ..

कुछ खराबी आ गयी है रिकॉर्डिंग में इस लिए अब सुन ले आगे क्या हुआ

नीरज : मैंने नीरू से कहाः मेरी जान अब मुझे कौन रोकेगा, मैंने उसे अपने बाहों में भर गले लगा लिया थोड़ी देर तक मैं उसे अपनी बांहों में भरकर उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाता रहा. वो भी मेरी पीठ की सहलाती रही. फिर मैंने उसके चेहरे को अपने हाथ से ऊपर उठाया.

नीरज: यार प्रशांत कसम से … उसके लाल लाल होंठों को देखकर मैं अपने होश खोने लगा और इच्छा तो ऐसी हुई कि अभी ही उसके सुर्ख और जबरदस्त सेक्सी होंठों को खा ही जाऊ बस किसी तरह से ,मैंने अपने ऊपर काबू किया और मैं धीरे से अपने होंठों को उसके तपते होंठों के पास लाया और उसके होंठों से हल्का सा छुआ और मैं आराम से उसके नरम गुलाब से सुर्ख होंठों को आराम से चूस रहा था. नीरू ने भी अब अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था. धीरे धीरे अब नीरू के होंठ भी खुलने लगे और हम दोनों एक दूसरे से और ज्यादा चिपक गए .

दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. मैंने अपनी जीभ नीरू के मुँह में डाल दी, उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे जोर से अपनी बांहों में भींचा

अब तो कभी मैं उसकी जीभ को अपने होंठों से चूसता … तो कभी वो मेरी जुबान का स्वाद लेती.

हम दोनों ही आंखें बंद करके एक दूसरे के होंठों को खा सा रहे थे और जोर जोर से चूस रहे थे. पसीने से शरीर गीले होने लगे थे. फिर हम डीप किसिंग करने लगे और लगभग १५ मिनट किश करते रहे ..इस तरह हमारे होंठ मिलते ही नीरू के बदन में चुदाई की प्यास जाग उठी

नीरू के होंठो को अपने होंठो में काबू करते हुए और किस तोड़ कर उसके माथे . आँखों गालो की किश करता और चाटता हुआ उसकी गर्दन और कंधो पर किश करने लगा

मैंने नीरू की चोली की ऊपरी डोरी खोल दी उसके कंधे और उसकी पीठ मेरी छुअन से कम्पन करने लगी और पीछे से पीठ का हिस्सा, जो खुला हुआ था, उसकी थिरकन को मैं आराम से महसूस करने लगा . मैंने उसे थोड़ा सा घुमाया और अपने होंठों को उसकी नंगी पीठ पर चिपका दिया और उसके कंधों को पकड़ लिया नीरू का शरीर बल खाकर मचलने लगा और मैं उसकी चिकनी और गोरी पीठ पर जोर जोर से अपने होंठ रगड़ने लगा. उसके तपते और गर्म होंठों से मादक सिसकारियां निकलने लगी.

फिर मैंने उसकी चोली की नीचे की डोरी भी खींच दी उसके बाद मैंने धीरे से उसको अपनी तरफ खींच कर अपने सीने से चिपका लिया. नीरू मेरी बांहों में सिमट गई. उसकी मांसल छातियां मेरे सीने से चिपक गयी थीं. इससे मुझे कामुक और नर्म स्तनों का अहसास हो रहा था. मैंने जोर से उसको अपनी बांहों में भींच लिया था, जिससे उसके बोबे पिचक कर मेरे सीने से पिसने लगे थे.

इधर मेरा लंड पायजामे में अंगड़ाईयाँ ले कर तन गया था .

जिस तरह शादी के कुछ टाइम बाद तुम्हे भी नीरू के बदन के संवेदनशील हिस्सों का पता लग जाता है बिलकुल उसी तरह नीरू ( काजल) के साथ कई बार सेक्स करने के बाद मुझे भी इसका पूरा अंदाज़ा हो चुका था. कि नीरू के शरीर के वो कौन से हिस्से हैं जिन को छेड़ने पर उस का बदन गरम होने लगता है. उसके ओंठो को अपने ओंठो में कैद करते हुए मैं अपना हाथ नीरू के स्तनों पर फेरता हुआ उसके लहंगे के ऊपर से उस की फूली हुई गरम चूत पर ले गया .

मेरा हाथ को अपनी चुत के ऊपर महसूस करते ही नीरू सिसकी “ अहह”

जब मेरे हाथ नीरू की चूत को छेड़ने लगे तो नीरू ने भी मेरे पायजामे में मचलते लंड को अपने हाथ में लिया और उस को प्यार से सहलाने लगी.

मेरा दूसरा हाथ उसके स्तनों पर चला गया और मैंने उन्हें पहले प्यार से सहलाया और फिर थोड़ा दबाया तो वो कराहने लगी .. उसकी चोली पर उसका दूध लगा था मैंने उसकी चोली को उस के जिस्म से अलग कर दिया. मैं निरु की छाती को घूरने लगा जो दूध से गीली थी। मांसल और कामुक चूचियां उसकी चलती हुई तेज सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थीं. उसका दिल बहुत ही तेज गति के साथ धड़क रहा था. वो सच में काफी भर गए थे और ज्यादा गोल मटोल हो चुके थे। पतली कमर के ऊपर इतने भारी मम्मे बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।

नीरू की बड़ी बड़ी दूध से भरी गोल गोल चूचियां देखते ही मैं पगला गया और मैं झपट पड़ा, ओह्ह्ह क्या बताऊँ प्रशांत मजा आ गया था, निरु के निप्पल जो एक किसमिस की तरह थे अब फूल कर अंगूर बन गए थे. मैं निप्पल को ऊँगली से दबाना शुरू कर दिया, वो अंगड़ाई ले रही थी, नीरू के बूब्स अब और भारी हो गए हैं, मैं उनको देख उन्हें दबाने और चुसने के लिए तड़प उठा. मैं टूट पड़ा था उसके बूब्स पे. मैं तुरन्त उसके पास गया और बिना देर किये झुक कर उसके निप्पल को चुसने लगा। पहली बार में ही उसके निप्पल से गुनगुना दूध निकल कर मेरे मुँह में आ गया। मैंने गटक लिया। फिर मैं उसके मुम्मो को चुसता ही रहा और दोनों हाथों से दबाते रहा। इस बीच निरु सिसकिया मार रही थी, शायद उसको दर्द हो रहा था। मैं अब पीछे हटा तो उसके बूब्स थोड़े गीले हो चुके थे। निरु के निप्पल गीले थे।

मेरा मुँह उसके दूध से भर गया और जो मैंने मुँह में भर कर उसके ओंठो पर मुँह लगा कर उसे उसका दूध पिलाया जो बहुत मीठा था ..

नीरू आगे को झुक गयी निरु के मम्मे झुकने पर भी अपनी गोल शेप कायम रखते हैं और प्रशानत तुम्हे तो ये अच्छे से ध्यान होगा की नीरू के स्तन कितने शानंदार है जबकि ऋतू के मम्मे लटकने के बाद गोल की बजाय तोतापुरी आम जैसे लंबे हो गए

और फिर एक एक कर के अपने और नीरू के कपड़े उतारने लगा. और मैंने धीरे धीरे उसके सारे गहने भी उतार दिए और जो भी गहन उतारता वहां किस कर देता .. मा बनने के बाद उसका शरीर भी अब और गुदगुदेदार हो गया था.. उसके मम्मे बढ़ गए थे। हालाँकि उसको देखने पर कोई फ़र्क़ महसूस नहीं होता, अभी भी वो वैसे ही पतली कमर वाली फिट लड़की थी। नीरु की चिकनी गोरी गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड पर हाथ फेर सहलाने लगा। मैंने अपनी ऊँगली निरु की गांड की दरार में फिरा दी और मै अपनी ऊँगली और नीचे ले गया और मेरी ऊँगली निरु की चूत के छेद के ऊपर के बालो को लगी और थोड़ा गीला हो गयी।

अच्छा प्रशांत अब आगे रिकॉर्डिंग भेज रहा हूँ..


प्रशांत एक बार फिर नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : नीरू आज मैं तुम्हे बिना प्रोटेक्शन के पूरा चोदूंगा और तुम्हे पूरा मजा दूंगा और तुम भी मुझे पूरा मजा दो और ताकि तुम जल्दी से प्रेग्नेंट हो कर मेरे बच्चे की माँ बन जाओ और "हां यार, बिना प्रोटेक्शन के बिना डरे हुए पूरा चोदने में कितना मजा आता हैं, क्या बताऊ!"

अब ऋतू को तो मैं हमेशा बिना प्रोटेक्शन के ही चोदता हूँ .. मुझे ये प्रोटेक्शन लगाना या फिर ऍन मौके पर लंड चूत से बाहर निकालना बिलकुल अच्छा नहीं लगता , आज तो तुम्हे अपनी चूत में ही मेरा सारा जूस मिलेंगा। "

नीरु: "जीजा जी चलो न, आज की चुदाई को स्पेशल बनाओ । आपने कहा था की जिस दिन हमारा पहला मिलान होगा उस दिन २४ घन्टे में मेरी स्पेशल चुदाई होगी अब पाना वादा निभाऔ और मेरी स्पेशल चुदाई करो ताकि ये चुदाई मुझे हमेशा याद रहे . "

जारी रहेगी
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी - by aamirhydkhan - 04-17-2023, 09:52 AM

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