RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
शक का अंजाम
PART 3
UPDATE 9
मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 45. ( New-9) -
प्रशांत नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को आगे सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -
नीरज : अच्छा चल नीरू ( काजल) अब मेरा लंड चूस
नीरू ( काजल) : ठीक है जीजा जी आज तो आपका ये कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा है
नीरज : हाँ आज मैं बहुत खुश हूँ और तुम्हे बहुत मजे देने वाला हूँ
और फिर नीरज की आवाज आयी
नीरज : फिर नीरू ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और हिलाते हुए कड़क करने लगी। लण्ड थोड़ा बड़ा हुआ तो निरु उसको अपने मुँह में लेकर चुसने लगी। वो बहुत दिनों बाद मेरे लण्ड को चुस रही थी और मैं जैसे हवा में तैरने लगा था और आहें भरता हुआ मजे लेता रहा। जब मेरा पानी निकलने लगा तो मैंने नीरू को रोक दिया और मैने अब अपना हाथ ले जाकर निरु के हिप्स पर रख दिया। मैंने अब अपना हाथ उसकी गांड पर फेरना शुरू किया। नीरु बोली जीजा जी अब आपकी बारी है , मेरी चूत चाटो.
यह कहते हुए निरु बिस्तर पर कोहनी के बल आधा लेट गयी और अपने पाँव चौड़े कर दिए। चुत खुली देखते ही इतने दिन की मेरी तड़प जाग गयी और मैं टूट पद। मैं अब बेतहाशा निरु की चूत को अपनी जुबान से रगड़ रगड़ कर चाट रहा था। उस से भी मन नहीं भरा तो उसकी चूत के होंठों को थोड़ा खोला और फिर अपने मुँह में भर कर किश किया और चुसा। ऐसा करते ही निरु को मजा आया और वो मुझे उत्तेजित करना चालू हो गयी। इसलिए मैं पुरे जोश के साथ अपनी जुबान का खुरदुरा भाग निरु की चूत में रगड़ कर उसको मजे दिलता रहा। इन सब के बीच निरु लगातार मजे के मारे अपना पाँव बिस्तर पर ऊपर नीचे रगड़ कर तड़प रही थी। अपनी चूत में मेरी जीभ घुसते ही नीरू को बहुत मज़ा आने लगा और वो जोर से मेरा सर अपने चूत के ऊपर पकड़ दबाने लगी और थोड़ी देर के बाद अपनी कमर ऊपर-नीचे करने लगी। वो बहुत बुरी तरह आहें भरती रही ।
नीरु: "ओह्ह! जीजाजी, क्या मस्त चुसते हो आप. आआह मजा आ रहा हैं ... उह्ह्ह्ह . . उम्मम्मम्म आआह जीजाजी ... चूत में जुबान डाल कर चोदो मुझे ... हम्म्म्म ... हां ऐसे ... जल्दी जल्दी ...आ आ . . ऊवाहः जीजाजी . . मजा आ रहा हैं . . और चोदो"
नीरु: "बस जीजाजी रुक जाओ ... मेरा पूरा पानी निकाल दिया आपने . . आ जाओ . . मेरे मम्मे चुस लो अब . . आपके लिए ही बड़े किये हैं मैंने . . चुस लो सारा दूध इसका"
नीरू जीजा जी , कैसी है मेरी चूचियाँ, आपको पसंद तो हैं?”
नीरज: नीरू , तुम मेरी पसंद नापसंद पुछ रही हो? और आज तक मैंने इतनी सुंदर चूची कभी नहीं देखी है। तुम्हरी चूची बहुत सुंदर है और यह मुझे पागल बना रही है। इनको देख कर मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूँ।
नीरू : “मेरी चूची देख कर आपको क्या हो रहा है?”
नीरज “ नीरू मैं अब तुम्हारी इन चूचियों को चूसना और काटना चाहता हूँ,”
नीरज मैंने अपना बाजू निरु की कमर पर रखते हुए हाथ उसके सीने के आगे ले गया। मैने फिर धीरे धीरे अपनी हथेली आगे कर उसके बूब्स के एकदम करीब ले गया। अचानक निरु का हाथ आया और मेरी हथेली को उसके बूब्स से चिपका दिया। थोड़ी देर मेरा हाथ निरु के बूब्स से चिपका रहा। मैंने फिर अपनी उंगलियो को समेटा जिसकी वजह से मेरी उंगलियो ने निरु के बूब्स को दबोचाना शुरू किया। निरु ने कुछ नहीं बोल। मैंने ५-६ बार उसके बूब्स को दबोचा। मैंने निरु के बड़े बूब्स को दबाने के मजे लिए ।
फिर मैंने नीरू के निप्पल को ऊँगली से दबाना शुरू कर दिया, मैं तुरन्त उसके निपल पर अपना मुँह ले गया गया और उसके निप्पल को चुसने लगा। फिर मैं उसके मुम्मो को चुसता ही रहा और दोनों हाथों से दबाते रहा। उसके निप्पल से फिर से गुनगुना दूध निकल कर मेरे मुँह में आ गया। मैंने गटक लिया। मैंने बारी बारी उसके दोनों दूध चूसे और वहां से दूध पिया .. मैंने नीरू का मुँह चूम कर धीरे से उसके कान पर मुँह रख कर पूछा,
नीरज: " नीरू अब तुम मुझसे चुदवा कर मेरा बच्चा ही पैदा करोगी "
नीरु: "एआई . . हां जीजा जी . . प्लीज अब चोदो मुझे "
नीरज: नीरू अपनी कमर क्यों उछाल रही हो? क्या तुम्हारी चूत में कुछ कुछ हो रहा है?”
नीरू :“हाँ जीजा जी आप सही कह रहे हो, मुझे कुछ हो रहा है मेरी चूत में चीटियाँ रेंग रही हैं। मेरा सारा बदन टूट रहा है, अब कुछ करो।”
नीरज : “क्या तुम अपनी चूत मेरे लंड से चुदवाना चाहती हो?”
नीरू “जीजा जी आपने मुझे दुल्हन की तरह सजवाया फिर मेरे कपड़े गहने सब उतार दिये और अपने कपड़े भी उतार दिये और मुझे चूमा और चाटा और अब भी पुछते हो क्या मुझे चुदवाना है ?”
नीरज : ठीक है अब मैं तुमको चोदुँगा, लेकिन पहले थोड़ा दर्द होगा क्योंकि बच्चा होने के बाद तुम आज पहली बार चुदोगी , पर मैं तुम्हे बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चोदुँगा और तुमको दर्द महसूस नहीं होने दुँगा,”
नीरज : फिर मैने निरु को लेटाया और उसकी दोनों टांगो को चौड़ा कर थोड़ा उठाया दोनों पैर उठा कर घुटने से मोड़ दिये ये। फिर ढेर सारा थूक अपने हाथ में लेकर पहले अपने लंड पर लगाया फिर नीरू की चूत पर लगाया। थूक से सना अपना खड़ा लंड चूत के मुँह पर रखा और धीरे से कमर को आगे बढ़ा कर अपना सुपाड़ा नीरू की चूत में घुसा दिया और नीरू भी थोड़ा हिली और अपना लण्ड निरु की चूत में एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। नीरू के ऊपर चुपचाप पड़ा रहा। थोड़ी देर के बाद जब नीरू नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी .
नीरू चिल्लाने लगी,
नीरू: जीजा जी बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है । हाय! मेरी चूत फटी जा रही है। आप तो कह रहे थे कि थोड़ा सा दर्द होगा और आप आराम से चोदोगे। और आपने एक ही झटके में पूरा घुसा दिया आराम से नहीं कर सकते थे .. आप अपना लंड बाहर निकालो.. मुझे नहीं चुदवाना है,।”
नीरज “अरे नीरू मैंने तो आराम से ही किया था तुम भी जरा से आगे को हुई थी और लंड खुद ही पूरा अंदर चला गया,, बस अभी तुम्हारा दर्द खतम हो जयेगा और तुम्हे मज़ा आने लगेगा। बस थोड़ा सा बर्दाश्त करो।”
नीरज ने फिर प्यार से नीरू के गुलाबी होंठो को चूमा तो उनके चुंबन और कराहने के आवाज आने लगी और नीरज ने अपना लंड नीरू की चूत के अन्दर ही थोड़ी देर के लिये रहने दिया। उसने नीरू की एक चूची को अपने मुँह में लेकर जीभ से चूसना शुरु कर दिया और चपड़ चपड़ की आवाज आने लगी
नीरू : जीजा जी आप चूसने के साथ साथ मेरे दुसरे निपल को सहलाओ .. ओह्ह्ह ऐसे ही चूसो चूसते रो और प्यार से सहलाओ ,,,, जीजा जी .. अब ठीक लग रहा है दर्द कम हो गया है
नीरज : नीरू अब मैं चुदाई शुरू करता हूँ और अब धीरे-धीरे अपनी कमर हिला हिला कर अपना लौड़ा नीता की चूत में अन्दर-बाहर करता हूँ । फिर तुम जब कहोगी तब तेज कर दूंगा ..
फिर कराहने के आवाजे आने लगी है
नीरू: ओह्ह आह धीरे करो जीजा जी अभी थोड़ा थोड़ा दर्द है
नीरज: ऐसे करूँ अब ठीक है
नीरू : जीजा जी ऐसे ही करते रहो मजा आ रहा है जीजा जी अब ठीक लग रहा है थोड़ा तेज करो .. और नीरू की और नीरज की सिसकारीयो और उनकी चुदाई की ‘फच’ ‘फच’ की आवाज आने लगी है । जिसकी स्पीड बढ़ती जा थी ..
नीरू: “आह! आह! ओह! ओह! हाँ! हाँ! और जोर से, और जोर से… हाँ हाँ जीजा जी हां हां ऐसे ही तेज और तेज .. ऐसे ही अपना लंड मेरी चूत में पेलते रहो,”
नीरज: ओह आह ये ले नीरू ले इसे संभाल
नीरू .. ओह आह थोड़ा धीरे जीजा जी ये बहुत तेज था .. मैं अब आपकी हूँ आज हो फाड़ डालोगे क्या
नीरज : ओह आज कितने अरसे बाद मौका मिला है . अब मुझे मत रोको नीरू मैंने कितना इन्तजार किया है ..
नीरू : मैं भी तो बहुत तड़पी हूँ आपके लिए ओह आह और तेज और तेज चोदो और चोदो जोर से चोदो मुझे, आने दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत मे। मेरी चूत में अपना लंड जड़ तक पेल दो। और जोर जोर से धक्का मारो..
नीरज : ये ठीक है नीरू और फच की आवाज आयी
नीरू: "आईईए जीजाजी ... मजा आ गया ... और मारो . . "
प्रशांत: "निरु, मैंने प्रोटेक्शन नहीं पहना हैं"
नीरु: "हम्म . . कोई बात नहीं ...उह्ह्ह्हह्ह चोद दो मुझे . . जीजाजी"
नीरज : तो और ले और ले ... निरु तेरी चूत में अपना पानी छोड़ दु बोल, तू मेरे बच्चे की माँ बनेगी?
नीरु: "हां जीजाजी . . माँ बना दो मुझे चोद कर जल्दी से ..."
नीरज : "तो यह ले निरु, ... आह ... अह्ह्ह . . यह ले ... यह ले . . और ले . . "
नीरु: " आह आह . . ओह्ह्ह्ह जीजाजी ... मजा आ गया ... चोदो मुझे . . ोोोीईए . . उम्म्म्म ... आ मायआ . . चोद दो ... जोर से चोद दो ... जीजाजी . . "
नीरू: जीजा जी आप अब मत रुकना ... "आह . . जीजाजी . . चोद दो ... जोर से . . जोर से चोदो मुझे ... अपनी निरु को जोर से चोदो ... आईए . . जीजाजी"
नीरज: आआहह...मेरी रानी....... मेरी नीरू
नीरू : ऊऊहह......मेरे प्यारे जीजा जी .......और तेज़ .........अओउुउउर्र्ररर तेज़्ज़्ज़.....आआहह.........अंदर...और अंदर आज्ज्जाआ......आअहह....प्प्प...स.स..स.
नीरज : .....आहह...ऑश..........नीरू मेरी जान मेरी ...प्यारी....मैं छूटने वाला हूँ....
नीरु: "हां. . जीजाजी ... हूऊऊऊ. . उउउऊँन. . चोदो. . मेरा होने वाला हैं ... दे दो. . दे दो दूसरा बच्चा मुझे जीजा जी. .अ . .अआह्ह्ह"
नीरू : आअहह......मैं भी ..आआ...ई.......ऊऊऊ.....अंदर ही ......गिरा....द...दो अपना... भर दो मुझे आज ...
नीरज और नीरू : आअहह........... आह.........आह..............आह....मैं तो गयी गयी.... ाः ओह्ह उफ्फ्फ और दोनों के हाफने के आवाजे आर ही थी जैसे दोनों मिलो भाग कर आये हो
कुछ देर बाद
नीरज: क्यों नीरू क्या तुमको अच्छा नहीं लगा
नीरू : जी जीजा जी अच्छा लगा और मजा भी बहुत आया आज बहुत दिनों बाद चुद रही हूँ न इसलिए दर्द हुआ जीजा जी अब आगे आराम से करो अब तो मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ.
फिर रिकॉर्डिंग खत्म हो गयी तो प्रशांत को फिर फोन आया तो उसने कहा
प्रशांत : नीरज जी आप प्लीज और न सुनाईये मैं बहुत शर्मिंदा हूँ ..
नीरज ;; अच्छा चल इतना ही बता दे नीरू की सबसे पसंदीदा पोजीशन क्या है
प्रशांत : उसे घोड़ी बन कर चुदना बहुत पसंद है
नीरज : हम्म्म
प्रशांत : प्लीज नीरज जी मैं फिर माफ़ी मांगता हूँ.. मैंने जो भी किया नीरू पर शक किया और आपको भला बुरा कहा सब की लिए बहुत शर्मिंदा हूँ . और इसके लिए फिर माफ़ी मांगता हूँ .. मुझे माफ़ कर दो .. आप प्लीज मेरे बेटे की फोटो भेज दो . मुझे ऐसे मत जलील करो .. मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूँ ..
और उसके बाद नीरज ने प्रशांत को निशंक की फोटोशॉप की हुई नकली फोटो भेज दी .
जारी रहेगी
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