RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
सहगल पर वासना का दौरा पड़ गया था। उसने उसके रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये थे, और उसके सारे लिबास को एक-एक करके जिस्म से अलग करना शुरू कर दिया था।
फिर वह 'जश्न' मनाकर ही माना।
सहगल ने संजना को अपने ऊपर खींच लिया और संजना को अपने पूरे बदन पर फ़ैला कर उसके होंठ चूसने शुरु कर दिये। संजना अब भी अपने दोनों टाँगों को सटाए हुइ थी, संजना की छाती सहगल के सीने पे दबी हुई थी। सहगल अब संजना को वैसे ही चिपटाये हुए पलट गया और संजना अब उसके नीचे हो गई।वो अब उसके चुम्मे का जवाब देने लगी थी। सहगल 2-3 मिनट के बाद हटा और फ़िर उसकी दाहिनी चूची को चूसने लगा।
वह अपने एक हाथ से उसकी बाँई चूची को हल्के से मसल भी रहा था। संजना की आँखें बन्द थी और उसकी साँस गहरी हो चली थी। जल्द ही संजना अपने पैर को हल्के हल्के हिलाने, आपसे में रगड़ने लगी। उसकी चूत गीली होने लगी थी। जैसे ही उसने एक सिसकारी भरी, सहगल उसके ऊपर से पूरी तरह हट गया सहगल अब उसकी चूत पर झुका। होठों के बीच उसकी झाँटों को ले कर दो-चार बार हलके से खींचा और फ़िर उसकी जाँघ खोल दी। उसकी चूत की फ़ाँक खुद के पानी से गीली हो कर चमक रही थी। सहगल अपने स्टाईल में जल्द ही चूत चूसने लगा और संजना के मुँह से आआअह आआअह ऊऊऊऊऊओह जैसी आवाज ही निकल रही थी। सहगल चूसता रहा और संजना चरम सुख पा सिसक सिसक कर, काँप काँप कर हम लोगों को बता रही थी कि उसको आज पूरी मस्ती का मजा मिल रहा है। जल्द ही वो निढ़ाल हो कर थोड़ा शान्त हो गई।
तब सहगल ने उसको कहा कि अब वो उसके लण्ड को चूस कर उसको एक पानी झाड़े। संजना शान्त पड़ी रही, पर सहगल उसके बदन को हलके हलके सहला कर होश में लाया और फ़िर उसको लण्ड चूसने को कहा। संजना एक प्यारी से अदा के साथ उठी और फ़िर सहगल के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया। वो अब खूब मजे लेने के मूड में थी। कभी हाथ से वो मुठ मारती, कभी चूसती और जल्द ही सहगल का लण्ड फ़ुफ़कारने लगा, फ़िर झड़ भी गया। झड़ते समय सहगल ने पूछा- क्या वो माल खाएगी? पर संजना ने ना में सर हिला दिया, तब सहगल तुरंत उठा और सारा माल संजना की चूची पर निकाल दिया। झड़ने के बाद भी सहगल का लण्ड हल्का सा ही ढीला हुआ था, जिसको उसने अपने हथेली से पौंछ दिया और फ़िर संजना को कहा- अब इसको चूस कर फ़िर से तैयार कर ! संजना बोली- पानी से धो लीजिए ना थोड़ा, ऐसे तो सब मेरे मुँह में चला जाएगा !
सहगल ने उसके अनुरोध की बिना परवाह किए कहा- चल आ जा अब, देर ना कर ! नहीं तो अगली बार माल तेरी बुर में निकाल दूँगा ! और उसने अब संजना को नीचे लिटा दिया। फ़िर उसकी टाँगों को पेट की तरफ़ मोड़ दिया, खुद अपने फ़नफ़नाए लण्ड के साथ बिल्कुल उसकी खुली हुई बुर के पास घुटने पर बैठ गया। हल्के हल्के से लण्ड अब उसकी बुर के मुहाने पे दस्तक देने लगा था। संजना अपनी आँख बन्द करके अपने बुर के भीतर घुसने वाले लण्ड का इन्तजार कर रही थी। सहगल ने अपने लण्ड को अपने बाँए हाथ से उसकी बुर पर टिकाया और फ़िर उसको धीरे धीरे भीतर पेलने लगा। संजना के मुँह से सिसकारी निकल गई और जब लण्ड आधा भीतर घुस गया, तब सहगल ने अपने वजन को बैंलेन्स करके एक जोर का धक्का लगाया और पूरा 7" भीतर पेल दिया। संजना हल्के से चीखी- उई ई ईईई ईईईए स्स्स्स्स् स माँ आआआह ! और संजना की चुदाई शुरु हो गई।
जल्द ही वह भी अपनी बुर को सहगल के लण्ड के साथ "ताल से ताल मिला" के अन्दाज में हिला हिला कर मस्त आवाज निकाल निकाल कर चुद रही थी। साथ ही बोले जा रही थी- आह चोदो ! वाह, मजा आ रहा है, और चोदो, जोर से चोदो, लूटो मजा मेरी बुर का, मेरी चूत का, बहुत मजा आ रहा है, खूब चोदो ! खूब चोदो ! फ़िर जब सहगल ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ाई, संजना के मुँह से गालियाँ भी निकलने लगी- आआह मादरचोद ! ऊऊ ऊ ऊओह बहनचोद ! साले चोद जोर से चोदो रे साले मादरचोद।
सहगल भी मस्त हो रहा था, यह सब सुन सुन कर मस्ती में चोदे जा रहा था और संजना की गाली का जवाब गाली से दे रहा था- ले चुद साली, बहुत फ़ड़क रही थी, देख आज कैसे बुर फ़ाड़ता हूँ। साली कुतिया, आज लण्ड से तेरी बच्चादानी हिला के चोद दूँगा। साली बेटी पैदा करके उसको भी तेरे सामने चोदूँगा इसी लण्ड से ! देखना तू ! दोनों एक दूसरे को खूब गन्दी गन्दी गाली दे रहे थे और चुदाई चालू थी। थोड़ी देर बाद सहगल थक गया शायद, और उसने अब लण्ड बाहर निकाल लिया। तब संजना ने उसको लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गई। वो अब ऊपर से उसके लण्ड पर कुद रही थी और लण्ड को उसकी बुर लील रही थी। 4-5 मिनट बाद सहगल फ़िर उठने लगा और फ़िर संजना को पलट कर उसको घुटनों और हाथों पर कर दिया फ़िर पीछे से उसकी बुर में पेल दिया, बोला- अब बन गई ना संजना तू कुतिया ! साली चुद और चुद साली ! यहाँ लण्ड खा गपागप गपागप गपागप। मादरचोद ! अब भतार से चुद चुद साली रन्डी। एक से चुदे बीवी, दो से चुदे कौन, बोल रन्डी, बोल साली कुतिया, बोल दो से चुदे कौन?
और वो बोल पड़ी- रन्डी रन्डी, साले बहनचोद तुम लोगों ने मुझे रन्डी बना दिया। सहगल अब एक बार फ़िर लण्ड बाहर निकाल लिया और फ़िर उसको सीधा लिटा दिया। ऊपर से एक बार फ़िर चुदाई शुरु कर दी। वो बोले जा रहा था- रन्डी,रन्डी, संजना कौन, संजना कौन? संजना बोलती- संजना है रन्डी, संजना है रन्डी। और करीब 30 मिनट के बाद संजना एक बार फ़िर काँपने लगी, वो फ़िर एक बार झर रही थी। तभी सहगल भी झरा- एक जोर का आआआआह और फ़िर पिचकारी संजना की झाँट पे। सारा सफ़ेद माल काली काली झाँटों पर फ़ैल गया। दोनों निढ़ाल हो कर अब एक दम शान्त हो कर एक दूसरे के बगल में लेट कर शन्त हो गये।
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