RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
इस बार भी उसने सलवार-सूट पहन रखा था। गले और सीने पर शालीनता से दुपट्टा ढका हुआ था। मेकअप रहित चेहरा। खास बात यह कि अपने बालों को उस वक्त उसने जूड़े की शक्ल में बांध रखा था। और उस वक्त वह उसे पहली दोनों मुलाकात से कहीं ज्यादा हसीन महसूस हुई थी।
कार को रुकते देख लड़की ने तनिक चैन की सांस ली थी। हैडलाइट्स की तेज रोशनी में उसकी आंखें कुछेक पलों के लिए चौंधिया गई थीं, इसीलिए वह तुरंत अजय को नहीं पहचान सकी थी, जबकि अजय ने ड्राइविंग विंडो का शीशा भी नीचे गिरा दिया था। फिर जैसे ही उसने अंदर की डिम लाइट ऑन की, वह जोर से उछल पड़ी थी। कई पलों तक तो जैसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ था।
--
.
.
“ज...जेंटलमैन तुम?” फिर उसके होठों से बेअख्तियार निकला था। उसके बाद उसने आगे जो कुछ भी कहा था, झोंक में नहीं, बल्कि अपनी झेंप मिटाने के लिए कहा था। वह उसे आखिर यह कैसे बता सकती थी कि वह अपनी किस बेवकूफी की वजह से उस मुसीबत में फंसी थी।
अजय को उसका मजाक उड़ाने का मौका जो मिल जाता।
फिर उसने अपनी दिलेरी का ऐसा समां बांधा था कि खुद को
जूडो, कराटे, मार्शल आर्ट और कुगफूं की मास्टर तक बता डाला था।
ब्लैक बेल्ट तो वह बस हासिल करते-करते रह गई थी।
ठीक तभी आने वाले किसी अन्य वाहन की हैडलाइट चमकी,
जो विपरीत दिशा से आ रही थी।
वह एक कार थी, जिसमें मवाली टाइप के चार लड़के सवार थे, जो कि जरूर बिगड़े रईसजादे थे। और करेला नीम पर चढ़ा कि उन्होंने उस वक्त शराब भी पी रखी थी। वह कार तेजी से उनकी बराबर से निकलती चली गई।
संशय खत्म हो गया था। दोनों ने उधर से अपना ध्यान हटा लिया। लेकिन फिर थोड़ा आगे जाने के बाद लगभग फौरन ही उस कार के ब्रेक एकाएक चिंघाड़े और वह एक झटके से रुक गई।
फिर वह तेजी से बैक होती हुई उनके एकदम करीब आकर रुक गई।
चारों मवाली टाइप के युवक नीचे उतरे और उन्होंने इस तरह से चारों तरफ से उसे घेर लिया जैसे कि उन्हें अंदेशा हो कि वह वहां से भाग निकलने वाली थी।
उन चारों की सांसों से शराब की दुर्गंध आ रही थी। उस हसीन कयामत को काटो तो खून नहीं।
सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई उसकी।
“ये..ये...ये...लोग कौन हैं।" वह उनके तेवर देखकर हकलाई
और अपने आप में सिमट गई थी “ क...कोई तुम्हारे मिलने वाले हैं क्या?”
"हम केवल तुम्हारे मिलने वाले हैं स्वीट हार्ट।” उनमें से एक ने हाथ बढ़ाकर उसका दुपट्टा खींच लिया और ठहाका लगाकर बेहद अश्लील भाव से बोला “और चाहते हैं कि जब हमारा 'मिलन' हो तो हम चारों के अलावा वहां और कोई भी मौजूद न हो।"
उसके हलक से घुटी-घुटी सी चीख निकल गई थी। उसने अपने नग्न सीने को हाथों की कैंची बनाकर ढक लिया और सहमकर दो कदम पीछे हट गई थी। मुंह से सहमा हुआ स्वर निकला था “न...नहीं।"
“नहीं क्या हां कह न? वैसे यहां है न यह कमबख्त कबाब में हड्डी।" दूसरा बोला था। उसका इशारा निश्चित रूप से अजय की ओर था “लिहाजा यह जगह हमें पसंद नहीं।"इस बार भी उसने सलवार-सूट पहन रखा था। गले और सीने पर शालीनता से दुपट्टा ढका हुआ था। मेकअप रहित चेहरा। खास बात यह कि अपने बालों को उस वक्त उसने जूड़े की शक्ल में बांध रखा था। और उस वक्त वह उसे पहली दोनों मुलाकात से कहीं ज्यादा हसीन महसूस हुई थी।
कार को रुकते देख लड़की ने तनिक चैन की सांस ली थी। हैडलाइट्स की तेज रोशनी में उसकी आंखें कुछेक पलों के लिए चौंधिया गई थीं, इसीलिए वह तुरंत अजय को नहीं पहचान सकी थी, जबकि अजय ने ड्राइविंग विंडो का शीशा भी नीचे गिरा दिया था। फिर जैसे ही उसने अंदर की डिम लाइट ऑन की, वह जोर से उछल पड़ी थी। कई पलों तक तो जैसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ था।
--
.
.
“ज...जेंटलमैन तुम?” फिर उसके होठों से बेअख्तियार निकला था। उसके बाद उसने आगे जो कुछ भी कहा था, झोंक में नहीं, बल्कि अपनी झेंप मिटाने के लिए कहा था। वह उसे आखिर यह कैसे बता सकती थी कि वह अपनी किस बेवकूफी की वजह से उस मुसीबत में फंसी थी।
अजय को उसका मजाक उड़ाने का मौका जो मिल जाता।
फिर उसने अपनी दिलेरी का ऐसा समां बांधा था कि खुद को
जूडो, कराटे, मार्शल आर्ट और कुगफूं की मास्टर तक बता डाला था।
ब्लैक बेल्ट तो वह बस हासिल करते-करते रह गई थी।
ठीक तभी आने वाले किसी अन्य वाहन की हैडलाइट चमकी,
जो विपरीत दिशा से आ रही थी।
वह एक कार थी, जिसमें मवाली टाइप के चार लड़के सवार थे, जो कि जरूर बिगड़े रईसजादे थे। और करेला नीम पर चढ़ा कि उन्होंने उस वक्त शराब भी पी रखी थी। वह कार तेजी से उनकी बराबर से निकलती चली गई।
संशय खत्म हो गया था। दोनों ने उधर से अपना ध्यान हटा लिया। लेकिन फिर थोड़ा आगे जाने के बाद लगभग फौरन ही उस कार के ब्रेक एकाएक चिंघाड़े और वह एक झटके से रुक गई।
फिर वह तेजी से बैक होती हुई उनके एकदम करीब आकर रुक गई।
चारों मवाली टाइप के युवक नीचे उतरे और उन्होंने इस तरह से चारों तरफ से उसे घेर लिया जैसे कि उन्हें अंदेशा हो कि वह वहां से भाग निकलने वाली थी।
उन चारों की सांसों से शराब की दुर्गंध आ रही थी। उस हसीन कयामत को काटो तो खून नहीं।
सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई उसकी।
“ये..ये...ये...लोग कौन हैं।" वह उनके तेवर देखकर हकलाई
और अपने आप में सिमट गई थी “ क...कोई तुम्हारे मिलने वाले हैं क्या?”
"हम केवल तुम्हारे मिलने वाले हैं स्वीट हार्ट।” उनमें से एक ने हाथ बढ़ाकर उसका दुपट्टा खींच लिया और ठहाका लगाकर बेहद अश्लील भाव से बोला “और चाहते हैं कि जब हमारा 'मिलन' हो तो हम चारों के अलावा वहां और कोई भी मौजूद न हो।"
उसके हलक से घुटी-घुटी सी चीख निकल गई थी। उसने अपने नग्न सीने को हाथों की कैंची बनाकर ढक लिया और सहमकर दो कदम पीछे हट गई थी। मुंह से सहमा हुआ स्वर निकला था “न...नहीं।"
“नहीं क्या हां कह न? वैसे यहां है न यह कमबख्त कबाब में हड्डी।" दूसरा बोला था। उसका इशारा निश्चित रूप से अजय की ओर था “लिहाजा यह जगह हमें पसंद नहीं।"
|