Thriller Sex Kahani - कांटा
05-31-2021, 12:12 PM,
#84
RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
"क...क्या मतलब?"

“मैं इतनी देर से आपके सामने खम्भे की तरह खड़ा हूं मगर आपको नजर ही नहीं आ रहा । क्या आपकी कंपनी में आने वालों के साथ यही सलूक किया जाता है। वैसे मुझे याद है पिछली बार तो मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ था, आपने मुझे बाइज्जत कुर्सी पर बैठाया था।"

नैना हड़बड़ाई। उसे तत्क्षण अपनी गलती का अहसास हुआ। “आई एम सॉरी इंस्पेक्टर।" वह खेद भरे स्वर में बोली "प्लीज सिटडाउन।”

“वैसे तो ड्यूटी के दरम्यान मैं सिटडाउन नहीं होता मनोरमा जी। वह क्या है कि उससे सरकारी तनख्वाह में भांजी लगती है। उसकी पाई-पाई हलाल नहीं हो पाती जिसका कि मैं पूरा ख्याल रखता हूं। मगर मैं आपको भी निराश नहीं कर सकता इसलिए बैठ जाता हूं।"

वह धम्म से एक विजिटर चेयर पर ढेर हो गया, जिससे अभी प्राची उठकर गई थी।

“क्या लेना पसंद करोगे इंस्पेक्टर।” नैना ने औपचारिकता निभाई “ठंडा या गर्म?"

“अजी तौबा।” मदारी ने अपने दोनों को हाथ लगाया और झट से बोला “आप क्यों मेरा जायका बिगाड़ना चाहती हैं। बैठना तक तो ठीक है लेकिन डयूटी के दरम्यान ठंडा-गर्म कुछ भी लेना मैं पाप समझता हूं। जो मुझे सरासर रिश्वत लेने जैसा लगता है, जिससे कि मदारी की पुश्तों ने भी तौबा कर रखी है।"

"हूं।” नैना ने उसे घूरकर देखा फिर निःश्वास छोड़ती हुई बोली “ठीक है, आगे से मैं इस बात का ख्याल रखूगी।"

“आपकी मेहरबानी होगी।”

नैना इस बार खामोश रही। लेकिन उसकी निगाहें मदारी के चेहरे पर चिपककर रह गई थीं। वह अच्छी तरह जानती थी कि वह काइयां इंस्पेक्टर बेवजह वहां नहीं आया हो सकता था। जरूर कोई खास बात थी। जरूर उसके खिलाफ उस पुलिसिये के हाथ कोई सबूत लग गया था। कोई ऐसा सबूत, जो पिछली दफा जानकी लाल के कत्ल वाले वाक्ये से ज्यादा दमदार था।

लेकिन अपने चेहरे पर उसने आशंका के एक भी भाव न आने दिए। “अब देखिए न मनोरमा जी।” तभी मदारी बोला। उसका लहजा पहले की तरह चापलूसी वाला ही था “कितनी अजीब बात है, दो कत्ल हुए और दोनों ही कल्लों से आपका कितना गहरा रिश्ता निकल आया। कत्ल के दोनों ही केस में कहीं न कहीं आपका दखल साबित होता है।” वह जरा ठिठका, फिर बोला “मैं समझ नहीं पा रहा हूं, बेगुनाह लोगों के साथ अक्सर ऐसा क्यों होता है?"

“य...यह केवल एक इत्तेफाक है इंस्पेक्टर।”

“एकदम दुरुस्त फरमाया मनोरमा जी।” मदारी तपाक से बोला “यह सचमुच इत्तेफाक के अलावा और कुछ नहीं है। सच्चे इंसान को हमेशा अग्नि परीक्षा देनी ही पड़ती है। जानती हैं, अक्सर मैं सोचने लगता हूं।”

नैना के चेहरे पर उलझन के भाव आए। उसने सवालिया निगाहों से मदारी को देखा।

“अरे यही कि...।" मदारी उसकी निगाहों को पढ़कर बोला “अगर इस दुनिया में इत्तेफाक न होता तो क्या होता। मगर जवाब है कि कमबख्त मिलकर ही नहीं दिया।"

“तुम यही बताने यहां आए हो?"

“अरे नहीं मनोरमा जी।” मदारी हड़बड़ाया फिर संभलकर बोला “उसकी वजह तो कुछ और ही है।”

“और क्या वजह है?” नैना ने शुष्क स्वर में पूछा।

“वह वजह यह तस्वीर है।" मदारी ने अपनी जेब से एक पोस्टकार्ड साइज की रंगीन फोटोग्राफ निकालकर नैना के सामने मेज पर सरका दिया, फिर बोला “दरअसल मनोरमा जी, मैं आपको इस तस्वीर के दीदार कराने लाया हूं। अगर आप दीदार कर लें तो मैं धन्य हो जाऊंगा और अपनी तशरीफ का टोकरा उठाकर खुशी-खुशी यहां से रुख्सत हो जाऊंगा।"

नैना के माथे पर तत्काल बल पड़ गए। उसने मेज पर अपने करीब सरक आयी तस्वीर को अपनी अंगुलियों से रोका, फिर उसे उठाकर गौर से उसका मुआयना किया।

तस्वीर पर एक नजर डालने से ही अहसास हो जाता था कि वह काफी पुरानी थी। उसका कागज मटमैला हो चला था। तस्वीर में भरे-भरे जिस्म वाली एक नौजवान लड़की नजर आ रही थी, जिसकी उम्र बमुश्किल बाईस-तेईस बरस होगी। उसने जींस-टॉप पहन रखा था, और जो इतनी हसीन थी कि हैरानी होती कि कोई लड़की आखिर इतनी हसीन कैसे हो सकती थी।

मदारी अपलक नैना को ही देख रहा था।
अगले पल नैना हकबकाई।

उसके चेहरे के भाव बेहद तेजी से चेंज हुए थे। एक ही पल में उसके चेहरे पर न जाने कितने रंग आकर चले गए।

“लगता है मनोरमा जी इसे पहचानती हैं?” उसके चेहरे को गौर से देखते मदारी ने कहा।

तब मानों एकाएक नैना की तंद्रा भंग हुई। उसने झटके से चेहरा उठाकर मदारी को देखा।

मदारी को उसकी आंखों में हैरत और अविश्वास का सागर उमड़ता नजर आया। उसके हाव-भाव पूरी तरह बदल चुके थे।

"लगता है आप इस सुंदरी को पहचानती हैं?" मदारी अपने ही अंदाज में इस तरह बोला जैसे कि नैना ने उसकी बात का अनुमोदन कर भी दिया था “कोई पुराना याराना मालूम पड़ता है विश्व सुंदरी से?"

“न...नहीं...।” नैना के होंठ हिले। उसने फौरन प्रतिवाद किया “मैं इसे नहीं जानती। क..क्या यह सचमुच कोई मिस वर्ल्ड है।

“यही तो अफसोस है मनोरमा जी कि यह मिस वर्ल्ड तो क्या मिस इंडिया भी नहीं है। कमबख्त कभी किसी प्रतियोगिता में
खड़ी ही नहीं हुई वरना आप खुद ही समझ सकती हैं कि इसे वह बनने से कोई नहीं रोक सकता था, जिसकी आपने अभी संभावना जताई है। वैसे...।” मदारी की नजरें नैना के चेहरे पर पैनी हुई। उसने खोजपूर्ण निगाहों से उसके चेहरे को देखा “क्या आप सचमुच इसे नहीं जानतीं?"
Reply


Messages In This Thread
RE: Thriller Sex Kahani - कांटा - by desiaks - 05-31-2021, 12:12 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,770 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,728 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,491 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,121 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,293 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,392 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,832 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,947,051 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,433 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,929 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)