RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
“अरे वही श्री-श्री के एक्सीडेंट की मनहूस खबर बीच में आ टपकी थी।" मदारी ने उसे याद दिलाया “ऊपर वाले से दुआ करो कि इस बार बीच में कोई फच्चर न आए और मेरा काम समूचा निबट जाए।”
अजय की पेशानी पर बल पड़ गए थे। उस पुलिसिये का यूं अचानक दोबारा वहां आना उसे बहुत आंदोलित कर रहा था।
"लेकिन आखिर बात क्या है इंस्पेक्टर?" प्रत्यक्षतः उसने सुसंयत स्वर में पूछा लेकिन मन ही मन वह विचलित हो उठा था।
“आज भी यहीं खड़े-खड़े बातों का समापन करेंगे या मुझे अंदर तशरीफ लाने की इजाजत देंगे?"
“तुम्हें जो कुछ भी कहना है ऐसे ही कहो इंस्पेक्टर।"
मदारी के चेहरे पर मायूसी फैल गई।
“लाहौल बिला कूब्बत।” वह मुंह बिगाड़ता हुआ बोला।
"तुमने क्या कहा इंस्पेक्टर?"
“अभी कहां कहा है श्रीमान, अब कहने वाला हूं।" मदारी अपने सदाबहार अंदाज में बोला “वह क्या है कि आपके लिए मेरे पास एक से बढ़कर एक दो बुरी खबर हैं। बराय मेहरबानी आप यह बताने का कष्ट करें कि आप उसमें से कौन सी खबर पहले सुनना पसंद करेंगे? पहली, कम बुरी वाली या दूसरी, ज्यादा बुरी वाली?"
"लेकिन क्या हुआ है इंस्पेक्टर?” अजय का दिल धड़क उठा “आखिर बात क्या है?"
"चलिये मैं आपको पहले कम बुरी खबर सुनाता हूं।" मदारी बड़े इत्मिनान से बोला, जैसे कि उसे पता नहीं कितनी बड़ी
खुशखबरी सुनाने जा रहा हो “आपके भूतपूर्व एम्प्लायर श्री-श्री के इकलौते दामाद मरहूम संदीप महाजन का इंतकाल हो गया है।"
"क्या?” अजय चौंक पड़ा “स...संदीप मर गया?"
"खुद नहीं मरा जजमान....।” मदारी अपलक उसके चेहरे को देखता हुआ बोला “मार दिया गया उसका कत्ल कर दिया गया। अभी थोड़ी देर पहले ही वह बहादुर इस फानी दुनिया से फना हो गया।"
0 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
|