नीला स्कार्फ़
अपेक्षाओं का बोझ
रूममेट
कॉन्फ़्रेंस रूम में गहन विचार-विमर्श के बीच असीमा का फ़ोन इतनी तेज़ बजा कि सभी चौंक गए।
“फ़ोन साइलेंट पर क्यों नहीं है? मीटिंग में तहज़ीब का थोड़ा तो ख़्याल रखा करो असीमा।” अकबर ने सबके सामने असीमा को डाँट पिला दी। लेकिन असीमा का पूरा ध्यान फ़ोन पर था।...
आई लव यू /कुलदीप राघव
अप्रैल का महीना शुरू हो चुका था। दिल्ली की गर्मी अपने तेवर दिखा रही थी। जैसे जैसे दिन चढ़ता, गर्मी तेज होने लगती, इसलिए सुबह जल्दी ऑफिस चले जाना और शाम को देर तक ऑफिस में बैठे रहने का रूटीन बना लिया था। ऑफिस में एसी की ठंडक अब सुकून देने लगी थी।
ऑफिस से लौटकर कमरे पर...
Thriller stori-एक खून और
केन ब्रेन्डन ने दरवाजा खोला और अपने घर की लॉबी में दाखिल हुआ।
“हाय हनी, मैं आ गया।”—उसने ऊँची आवाज में कहा—“कहाँ हो तुम?”
“किचन में....और कहाँ होऊँगी?”—पत्नी ने पूछा— “आज तुम जल्दी आ गए?”
वो अपने घर के सजे-संवरे रसोईघर के दरवाजे पर पहुँचा जहाँ भीतर उसकी पत्नी उनका रात...
ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
कुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं? सच तो ये है कि...
बाप के रंग में रंग गई बेटी
फ्रेंड्स ये कहानी एक ऐसे बाप और बेटी की है जिन्होने समाज की मरियादा को तोड़ कर एक दूसरे को अपने रंग में रंग लिया और किस तरह उनकी ये कहानी आगे बढ़ी यही जानने के मेरे साथ इस सफ़र पर चलने के लिए तैयार हो जाइए .
लेखक:- राजवीर/सतीश
मेरा अपने नये पाठकों से विनम्र निवेदन है कि कहानी से ठीक से तारतम्य बिठाने के लिए पहले मेरी पुरानी कहानि को एक बार पढ़ लें. कहानि पहले पढ़ लेने से आप को नयी कहानी का ज्यादा आनंद आयेगा, यूं नहीं भी पढ़ेंगे तो भी चलेगा.
!!अस्तु!!
!इति श्री पुरानी-कथा पुराण!
ख़ुशगवार अहसासों...
अनोखा सफर
चेहरे पे पड़ते लहरो के थपेड़े ने मेरी आंखे खोली तो मैंने खुद को रेत पे पड़ा हुआ पाया। चारो तरफ नज़रे दौड़ाई तो लगा जैसे मैं किसी छोटे से द्वीप पर हु। मैं जहाँ पे खड़ा था रेत थी जो की थोड़ी दूर पे घने जंगलों में जाके ख़त्म हो रही थी। मैंने खुद पे नज़र दौड़ाई तो मेरे कपडे पानी में भीगे...
फ्रेंड्स ये कहानी अशोक ने दूसरे फोरम मे लिखी है और अभी रन्निंग कन्डीशन मे है
सौतेला बाप
लेखक- अशोक
ये कहानी है मुम्बई में रहने वाली माँ-बेटी की
माँ का नाम है रश्मि , उम्र 38 साल , भरा हुआ शरीर, गोरी-चिट्टी
और उसकी बेटी काव्या, 12th में पड़ने वाली , उम्र **, छातियों के उभार अभी उभरने शुरू...
मेरा नाम सीमा गुप्ता है. मैं अभी 35 साल की हूँ. मैं देखने मे
ठीक ठाक सुंदर हू. गोरा रंग. बड़ा बदन. आकर्षक चेहरा. बड़े
बड़े तने हुए उरोज. मांसल जांघे. उभरे हुए कूल्हे. यानी कि मर्द
को प्रिय लगाने वाली हर चीज़ मेरे पास हे. लेकिन मैं विधवा हूँ.
मेरे पास मर्द ही नही है. मेरे पति का देहांत हुए सात...