आशा
(सामाजिक उपन्यास)
Chapter 1
आशा ने एक खोजपूर्ण दृष्टि अपने सामने रखे शीशे पर प्रतिबिम्बित अपने चेहरे पर डाली और फिर सन्तुष्टिपूर्ण ढंग से सिर हिलाती हुई अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करने लगी ।
“हाय मैं मर जावां ।”
आशा ने चौंक कर अपने पीछे देखा ।
किचन के द्वार पर सरला खड़ी थी । उसके एक हाथ में...
कलियुग की सीता—एक छिनार
लेखक - सीता
फ्रेंड्स एक और नई कहानी आपके लिए पढ़िए और मज़े लीजिए
हेलो दोस्तो,मैं हूँ सीता देवी!!ये मेरी पहली कहानी है लेकिन मेरी कहानी पढ़ने से पहले और अपने लंड को हाथ मे लेने से पहले एक बार सोचे ज़रूर क्योकि हो सकता है आपका कीबोर्ड बाढ़ मे ढह जाए!!
आपका कीमती टाइम...