desiaks
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- Aug 28, 2015
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मेरा नाम राज है, मैं 28 साल का एक जवान लड़का हूँ, मैं दिखने में ख़ूबसूरत भी हूँ.. लेकिन काम में व्यस्त रहने के कारण मैं कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बना पाया। मेरे पास इतना टाइम नहीं होता कि मैं किसी को गर्लफ्रेंड बना कर उसे टाइम दे सकूँ।
आप सब लोग तो जानते ही हैं कि आज कल लड़कियों को टाइम देने वाला लड़का ही पसंद आता है।
आज से 6 महीने पहले मैंने एक कॉलगर्ल को चोदा था.. मेरी यह कहानी उसी से शुरू होती है। लेकिन उस कॉलगर्ल को चोदने से मेरी सन्तुष्टि नहीं हुई थी। मैं एक ऐसी घरेलू किस्म की लड़की की तलाश में था.. जो मुझे संतुष्ट कर सके।
आखिर एक दिन आ ही गया जब मुझे दोबारा किसी लड़की को चोदने का मौका मिला।
एक दिन मेरे दोस्त और मेरा प्रोग्राम बना कि कल कोई एक कॉलगर्ल बुलाते हैं और फिर उसकी चुदाई करेंगे।
मेरे काम में बिजी होने के कारण मैं तो नहीं जा सका। मेरे दोस्त ने लड़की बुलाई और उसकी चुदाई की। अगले सप्ताह मैं फ्री था.. तो मैंने अपने दोस्त को कह दिया कि अबकी बार मैं फ्री हूँ.. तू किसी लड़की का जुगाड़ करवा दे।
उसने कॉल किया और किसी कॉलेज की लड़की से बात करके चुदाई की बात पक्की कर ली।
अगले दिन मैं उसके बताए हुए ठिकाने पर पहुँच गया। एक होटल में मेरा कमरा बुक था.. सो मैं उस कमरे में आ गया। थोड़ी देर बाद वहाँ पर एक सुन्दर सी लड़की आई और उसने कमरे में आकर दरवाज़ा बंद कर दिया।
वो मुझसे कहने लगी- इस तरह होटल कमरे में मुझे बहुत डर लगता है। कहीं कोई हमें ये सब करते हुए देख ना ले।
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा.. टेंशन मत लो।
उसने पास रखा हुआ गिलास उठाया और पानी पिया।
अब वो अपने कपड़े उतारने लगी। कपड़ों में ही क्या मस्त आईटम लग रही थी साली.. और अब तो नंगी होकर तो वो और भी मस्त गदराया हुआ माल निकली… क्या बताऊँ एकदम सोनाक्षी लग रही थी, उसकी 36 की चूचियां.. 28 की कमर और 34 की उठी हुई गांड थी।
सच में बड़ा ही मस्त माल थी।
उसका कामुक फिगर देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा। उसने अपने गोरे बदन पर काली सलवार और काली कमीज पहनी हुई थी। उसने अपनी कमीज उतार कर एक साइड में रख दी और जैसे ही सलवार उतारी.. मैं उसको देखता ही रह गया।
आप समझ गए होंगे कि एक लौंडिया को नंगी होते देखने में कैसा लगता है। वो भी उस टाइम जब उसी लड़की के साथ जब कोई लड़का अपने मन की मुराद पूरी करने जा रहा हो।
फिर वो कपड़े उतारने के बाद वहीं मेरे साथ पलंग पर लेट गई। अब मैंने भी उठ कर अपने कपड़े उतारे और उसके बगल में लेट गया।
क्या बताऊँ दोस्तो.. क्या लग रही थी वो.. जैसे आसमान से उतरी हुई कोई अप्सरा हो।
मैंने अभी अपना अंडरवियर पहना हुआ था और उसने अभी अपनी ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। उसके चूचे उसकी ब्रा से बाहर निकलने को आतुर थे।
मैंने उसको अपने पास आने का इशारा किया और वो मेरे करीब आकर लेट गई।
मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया और उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया।
क्या पल था वो दोस्तो.. जो मैं उसके मदभरे होंठों का रस पी रहा था।
आप सब लोग तो जानते ही हैं कि आज कल लड़कियों को टाइम देने वाला लड़का ही पसंद आता है।
आज से 6 महीने पहले मैंने एक कॉलगर्ल को चोदा था.. मेरी यह कहानी उसी से शुरू होती है। लेकिन उस कॉलगर्ल को चोदने से मेरी सन्तुष्टि नहीं हुई थी। मैं एक ऐसी घरेलू किस्म की लड़की की तलाश में था.. जो मुझे संतुष्ट कर सके।
आखिर एक दिन आ ही गया जब मुझे दोबारा किसी लड़की को चोदने का मौका मिला।
एक दिन मेरे दोस्त और मेरा प्रोग्राम बना कि कल कोई एक कॉलगर्ल बुलाते हैं और फिर उसकी चुदाई करेंगे।
मेरे काम में बिजी होने के कारण मैं तो नहीं जा सका। मेरे दोस्त ने लड़की बुलाई और उसकी चुदाई की। अगले सप्ताह मैं फ्री था.. तो मैंने अपने दोस्त को कह दिया कि अबकी बार मैं फ्री हूँ.. तू किसी लड़की का जुगाड़ करवा दे।
उसने कॉल किया और किसी कॉलेज की लड़की से बात करके चुदाई की बात पक्की कर ली।
अगले दिन मैं उसके बताए हुए ठिकाने पर पहुँच गया। एक होटल में मेरा कमरा बुक था.. सो मैं उस कमरे में आ गया। थोड़ी देर बाद वहाँ पर एक सुन्दर सी लड़की आई और उसने कमरे में आकर दरवाज़ा बंद कर दिया।
वो मुझसे कहने लगी- इस तरह होटल कमरे में मुझे बहुत डर लगता है। कहीं कोई हमें ये सब करते हुए देख ना ले।
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा.. टेंशन मत लो।
उसने पास रखा हुआ गिलास उठाया और पानी पिया।
अब वो अपने कपड़े उतारने लगी। कपड़ों में ही क्या मस्त आईटम लग रही थी साली.. और अब तो नंगी होकर तो वो और भी मस्त गदराया हुआ माल निकली… क्या बताऊँ एकदम सोनाक्षी लग रही थी, उसकी 36 की चूचियां.. 28 की कमर और 34 की उठी हुई गांड थी।
सच में बड़ा ही मस्त माल थी।
उसका कामुक फिगर देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा। उसने अपने गोरे बदन पर काली सलवार और काली कमीज पहनी हुई थी। उसने अपनी कमीज उतार कर एक साइड में रख दी और जैसे ही सलवार उतारी.. मैं उसको देखता ही रह गया।
आप समझ गए होंगे कि एक लौंडिया को नंगी होते देखने में कैसा लगता है। वो भी उस टाइम जब उसी लड़की के साथ जब कोई लड़का अपने मन की मुराद पूरी करने जा रहा हो।
फिर वो कपड़े उतारने के बाद वहीं मेरे साथ पलंग पर लेट गई। अब मैंने भी उठ कर अपने कपड़े उतारे और उसके बगल में लेट गया।
क्या बताऊँ दोस्तो.. क्या लग रही थी वो.. जैसे आसमान से उतरी हुई कोई अप्सरा हो।
मैंने अभी अपना अंडरवियर पहना हुआ था और उसने अभी अपनी ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। उसके चूचे उसकी ब्रा से बाहर निकलने को आतुर थे।
मैंने उसको अपने पास आने का इशारा किया और वो मेरे करीब आकर लेट गई।
मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया और उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया।
क्या पल था वो दोस्तो.. जो मैं उसके मदभरे होंठों का रस पी रहा था।