hotaks444
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हेलो दोस्तों, मैं सुजीत खन्ना Antarvasna Sex Stories आपको अपनी सेक्सी स्टोरी कामुकस्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रहा हूँ। मैं समस्तीपुर बिहार का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको अपनी निजी जिन्दगी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरा घर मारवाड़ी बजार में पड़ता है। मेरे घर के पास ही एक घर है जिसमे एक परिवार रहता है। मेरी गर्लफ्रेंड रिनी उसी परिवार से थी। वो लोग झा बिरादरी से थे। भूमिहार थे। रिनी की ४ बहने थी, वो कुल ५ बहनें थी। इसी से मालूम पड़ता था की उसके पापा से उसकी माँ को खूब चोदा होगा दिन रात खूब चूत में लंड डाला होगा। मैंने रिनी को पटा लिया था और उसकी खूब चूत मारता था। रिनी मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी। वही मैंने उसको पटा लिया था। वो अक्सर अपनी बहनों के साथ बाहर निकलती थी।
सुबह मन्दिर जाती थी। शाम को मार्किट और कोचिंग पढ़ने। दोस्तों उसकी चारों बहने एक से एक माल थी। मेरा तो यही दिल करता था की बारी बारी से सबको ठोंक दूँ और सबकी मलाई जैसी चूत खा जाऊं। रिनी की बहनों के नाम अम्बालिका, बबली, नेहा और अंकिता था। एक दिन रिनी ने कहा की मैं अम्बालिका [रिनी से छोटी बहन] को उसके स्कुल बाइक से छोड़ आयूँ तो मैं तुरंत तैयार हो गया। मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया और तेज रफ्तार से चलाने लगा।
"सुजीत भैया!! धीरे गाडी चालिए...मुझे डर सकता है!!" अम्बालिका बोली
मैंने दिल में सोचा की जान मैं तुम्हारा भैया नही सैयां बनने का मन रखता हूँ। रिनी के घर में सब लोग, उसके पापा मम्मी मुझे बड़ा नेक और शरीफ आदमी समझते थे, अगर उनको गलती से भी मालूम हो जाता की मैं उनकी लौंडिया रिनी को चोदता हूँ तो बड़ा गजब ही हो जाता। वो लोग मुझे अपने घर में घुसने नही देते। पर बाहर से मैं अपने आपको उनका बड़ा सगा दिखाता था। इसलिए मैं धीरे धीरे गाडी चलाने लगा। मैं यही सोच रहा था की काश अम्बालिका की चूत में लंड देने को मिल जाता तो किस्मत ही चमक जाती। दोस्तों, इसी तरह से मैं रोज अम्बालिका को उसके स्कूल छोड़ने जाने लगा। एक दिन मैंने उससे पूछा की क्या उसका कोई बॉयफ्रेंड है तो तो उसने बोला की नही है। उसके बाद मैंने अम्बालिका को प्रपोज मार दिया। वो मान गयी। उसके बाद दोस्तों मैं उसको स्कूल से लाने भी लगा। एक दिन दोपहर में जब स्कूल की छुट्टी हुई तो मैं रिनी की बहन अम्बालिका को कैफ़े कॉफ़ी डे ले गया। मैं कॉफ़ी आर्डर कर दी। वहां पर कई जोड़े गुटुर गूं कर रहे थे।
सब अपनी अपनी माल का हाथ पकड़े हुए थे और किस कर रहे थे। मैंने भी अम्बालिका का हाथ पकड़कर किस कर लिया और उसके टॉप पर हाथ लगाने लगा। उसके दूध जादा बड़े नये थे। ३२" के दूध होंगे। पर आज तक किसी ने अम्बालिका को छुआ नही था। इसलिए मैं जानता था की वो सील बंद माल होगी। एक दिन मैं उसे पिक्चर दिखाने ले गया। अजय देवगन की सिघम फिल्म लगी थी। जैसे ही फिल्म शुरू हुई मैंने अम्बालिका के दूध पर हाथ रख दिया और खूब मींजा। वो बिलकुल मस्त हो गयी। सिनेमाघर में चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा था। सारे जवान लड़के अपनी अपनी माल के दूध दबा रहे थे और ओंठ पी रहे थे। तो मैंने सोचा की मैं ही क्यों पीछे रहूँ। मैंने अम्बालिका के टॉप में उपर गले की तरफ से हाथ डाल दिया। उसने बड़ी चुस्त ब्रा पहन रखी थी। उसके बाद तो दोस्तों मजा ही आ गया।
मैंने अम्बालिका के हरे हरे नये नये रसीले स्तन को जी भरके दबा लिया। फिर उसे अपनी तरफ झुका लिया और सिनेमाघर में ही उसका टॉप मैंने उपर उठा दिया और ब्रा को उपर उचकाकर निकाल दिया। फिर मैं दूध पीने लगा। मैं चारो तरफ देखा तो पता चला की कोई भी पिक्चर नही देख रहा था। सब अपनी अपनी माल के दूध पी रहे थे। २ घंटे तक मैं रिनी की सगी बहन अम्बालिका के दूध पीता रहा और चूत में ऊँगली करता था। वो जींस पहने थी, मैंने उसकी जिप खोल दी थी। वही से मैंने अपना हाथ अम्बालिका की चूत में डाल दिया था और बाकी के १ घंटा मैं सिर्फ उसकी चूत में ऊँगली करता रहा। जब हम दोनों बाहर निकले तो सामने एक बड़ा सा रेस्टोरेंट था। उसमे एक बड़ा सा पार्क भी था। जवान लड़के लडकियाँ इस पार्क में आते थे और यहाँ चुदाई करने के लिए कमरे भी मिल जाते थे। मैंने जाकर पता किया तो काम बन गया। १ कमरा मुझे ३०० रुपए में मिल गया।
"अम्बालिका चूत देगी???? मेरा तुझे चोदने का बड़ा मन है!!" मैंने उससे कहा
"पर..सुजीत चोदोगे कहाँ??" अम्बालिका बोली
"जान...वो सामने रेस्टोरेंट देख रही हो..वहाँ जुगाड़ से कमरे का इंतजाम हो गया है" मैंने कहा
उसके बाद मैं अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की बहन को कमरे में गया और हम दोनों प्यार करने लगे। कुछ ही देर में मैंने उसका टॉप और जींस निकाल दी। अम्बालिका अभी एक बार भी चुदी नही थी। मैंने उसकी काली रंग की ब्रा और पेंटी निकाल दी। दोस्तों, वो पूरी तरह से कुवारी माल थी। उसके दूध जादा बड़े नही थे, ३२" के रहे होंगे पर मुझे पूरा आनंद आया। उसके स्तन छोटे छोटे थे, इसलिए आराम से मेरा मुँह में समा जाते थे। जिस तरह मैं रिनी के दूध पिये थे और उसको चोदा था, वो रसीली यादे आज फिर से ताजा हो गयी। एक नई लड़की और उसकी नई मीठी चूत। मैंने बार बार अम्बालिका के दूध पीता, फिर उसके होठ पीता। बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा। जहाँ रिनी ६ फुट लम्बी थी, वही अम्बालिका का कद कम था। वो बस ५ फुट २ इंच की थी। उसके कुवारे स्तन पीने के बाद मैंने उसके पतले पेट को चूमने लगा और उसकी सेक्सी नाभि से खेलने लगा। बड़ा गर्म जिस्म था उसका। दोस्तों कुछ ही देर में मैं अम्बालिका की चूत पर आ गया और चूत पीने लगा। आह .कितना मस्त नशीला स्वाद था उसकी बुर का। उसकी चूत उपर की तरफ उठी हुई थी। मैंने जी भर के अम्बालिका की चूत को पिया और उसके चूत के दाने को मसला। मौज आ गयी दोस्तों। उसके बाद मैंने अपना लंड उसके भोसड़े में डाल दिया। चूत में थोडा थूक भी दिया जिससे बुर चिकनी हो गयी और अम्बालिका मजे से लंड खाने लगी।
चुदते समय आप लोग उसका चेहरा देखते तो हँसने लगते। वो बार बार आई आई आई आई...बोल रही थी। उसका बदन कांप रहा था और थर थरा रहा था। उसका नंगा जिस्म इतना जादा गर्म हो गया था की लग रहा था उसे बुखार है। मैं उसे कमर उठा उठाकर पक पक पेल रहा था और उसने चांदनी जैसे नूर का लुफ्त उठा रहा था। कुछ देर में अम्बालिका की बुर का छेद रवां हो गया और अच्छे से खुल गया। फिर मैं उसपर लेट गया और पक पक उसे चोदने लगा। वो आई...आई की मीठी आवाज निकालती रही। मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और मजे से उसके रसीले कुवारे होठ पीने लगा। उफफ्फ्फ्फ़..अगर इन नंगी नंगी लड़कियों को उपर वाला नही बनाता तो हम लड़कों का मनोरंजन कहाँ से होता। मैंने अम्बालिका को ठोंक रहा था और यही सोच रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसके भोसड़े में ही अपना गाढ़ा गाढ़ा माल गिरा दिया।
एक बाद चुदवाकर अम्बालिका मुझसे चिपक गयी और अपने सैंयाँ की तरह मुझे प्यार करने लगी।
"सुजीत!!! तुम मुझे धोखा तो नही दोगे????" अम्बालिका ने पूछा
"नही जान...मैं हर दिन तुम्हारी चूत मारूंगा और तुमको कभी धोखा नही दूंगा" मैंने कहा
दोस्तों कुछ देर बाद मैं उसके लिए कोल्ड्रिंक और चिप्स ले आया। हम दोनों ने नंगे नंगे ही कोल्ड्रिंक पी और आलू चिप्स खायी। मैंने अम्बालिका को नही बताया की उसकी बड़ी बहन रिनी मेरी गर्लफ्रेंड है और मैं उसकी चूत लेता रहता हूँ। अगर मैं उसको बता देता तो बड़ा बवाल हो जाता। लड़कियां सब कुछ तो बाट सकती है, बस २ चीज नही बात सकती बॉयफ्रेंड और पति।
"अम्बालिका!..गांड देगी????" मैं पूछा
"पर सुजीत...मेरी सहेलियां बताती है की गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है." अम्बालिका बोली
"अरे नही जान...शुरू में दर्द होता है..पर बाद में सब ठीक हो जाता है...आओ तुम्हारी गांड मारूं!" मैंने कहा और उसको घोड़ी बना दिया। मेरे पर्स में २ पुडिया नवरत्न तेल पड़ा हुआ था। दोस्तों आज वो काम दे गया। अम्बालिका अपने सिर के बल बिस्तर पर झुक गयी और अपनी गांड उसने उपर कर ली। मैं कुछ देर तक उसकी गांड में जीभ डालकर पीता रहा। उफ्फ्फफ्फ्फ़ ...क्या कसी और कुवारी गुलाबी रंग की गांड थी। फिर मैंने दोनों पुडिया नवरतन तेल की पुड़िया खोल दी। एक पुड़िया का तेल तो अम्बालिका की गांड में भर लिया और दूसरी पुड़िया का तेल मैंने अपने लौड़े में लगा लिया और अच्छे से चुपड़ लिया। फिर मैंने अम्बालिका की गांड में धीरे से ऊँगली डाल दी। जैसे मेरी ऊँगली अंदर गयी वो तडप गयी।
"आह...सुजीत लग रहा है!" वो बोली
"बस..कुछ सेकंड में सब ठीक हो जाएगा!!" मैंने उसे बड़े प्यार से पुचकारा
फिर धीमे धीमे उसकी गांड में मैं ऊँगली करने लगा। उसको दर्द हो रहा था, पर मैं भी कोई कम हमारी नही था। रिनी की गांड भी मैंने इसी तरफ उसे फुसला फुसलाकर मारी थी। कुछ देर बाद अम्बालिका को दर्द होना बंद हो गया। मैं जल्दी जल्दी उनकी गांड फेटने लगा। दूसरा हाथ मैंने उसकी चूत में डाल रखा था और दोनों में ऊँगली कर रहा था। मैंने गौर किया की उसको बहुत जादा चुदास और कामवासना महसूस हो रही है। अम्बालिका घोड़ी बनी हुई थी, पर उसके लटकते दूध अब जादा बड़े हो गये थे, और जादा तन गये थे। मैंने नीचे देखा तो उसको मौज आ रही थी। आ आ सी सी सी..की हल्की हल्की आवाजे वो निकाल रही थी और अपनी गांड और बुर में ऊँगली करवा रही थी। मेरा तीर निशाने पर लग गया था। मैं उसे गर्म करने में कामयाब हो गया था।
दोस्तों, वो दिन वाकई ख़ास था। अगर उस रेस्टोरेंट में वो कमरा नही मिल पाता तो शायद मैं कभी अम्बालिका को नही चोद पाता और ना ही कभी उसकी गांड मार पाता। मैंने आधे घंटे तक अम्बालिका की गांड में ऊँगली की थी गांड के छेद खुल गया। उसके बाद मैं कुत्ता बन गया और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की सगी बहन की गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगा। भाई वाह..मौज आ गयी उस दिन तो.. । कुवारी गांड तो चूत से ५ गुना जादा कसी होती है। मै अम्बालिका की गांड मारने लगा तो बड़ा अजीब सा नशा छाने लगा। मेरी आँखें खुद ब खूब बंद हो गयी। कुछ ही देर में अम्बालिका की गांड से पट पट पट पट का मीठा शोर सुनाई देने लगा। ये मेरी मेहनत का फल था। मैं अम्बालिका की कमर को दोनों हाथों से पकड़ रखा था और पट पट उसकी गांड चोद रहा था।
कई बार वो नीचे की तरफ या दाए और बाएं को झुकने लग जाती थी, तो मैं उसकी पतली सेक्सी कमर पकड़कर ठीक कर देता था। और उसे सीधा कर देता था। वो घोड़ी बनी हुई थी। मैं फट फट करके उसकी गांड ले रहा था। कुछ देर बाद वो बहुत गर्म हो गयी। अम्बालिका की गांड का तापमान जैसे १०० डिग्री सेल्सियस हो रहा था। उसने अपनी दोनों मुट्ठी भीच ली थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। वो ऊँ ऊँ उनहूँ उनहूँ .की हल्की हल्की आवाज निकाल रही थी।
"जान..अब बोलो गांड मरवाने में मजा आ रहा है की नही????" मैंने पूछा
"हूँ हूँ.हूँ हूँ." बस इतना ही अम्बालिका बोली क्यूंकि वो अभी बहुत बिसी थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। आधे घंटे मैंने उसकी गांड ली तो हम दोनों को पसीना आ गया। मैंने कुछ देर का रेस्ट लिया और उसकी गांड से अपना ७" का लम्बा लौड़ा निकाल लिया। भई वाह...खूब मोटा छेद हो गया था उसकी गांड का। मैं अपनी मेहनत से संतुस्ट था। कुछ देर हम दोनों बिना कपड़ों के नंगे नंगे लेटे रहे। रेस्ट करने के बाद वो फिर से कुतिया बन गयी और मैंने फिर से अम्बालिका की गांड में लंड डाल दिया और उसकी गांड मारने लगा। दोस्तों, वो दिन मेरी जिन्दगी का शायद सबसे हसीन दिन था। दूसरे शब्दों में कहूँ तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की सगी बहन अम्बालिका के साथ उस दिन पूरी महाभारत कर डाली। उसके साथ मेरी सुहागरात मन गयी। मैंने ४५ मिनट उसकी गांड चोदी फिर जल्दी से लंड निकाल कर उसके मस्त मस्त पुट्ठे पर माल गिरा दिया।
बाद में अम्बालिका किसी रंडी की तरह मेरा माल ऊँगली में भरके चाट गयी। उसके बाद तो दोस्तों उसको मेरे लंड का चस्का लग रहा। मुझसे कह कहकर चुदवाने लगी। "सुजीत, प्लीस मुझे कहीं चलकर चोद डालो!!..प्लीस सुजीत!! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। प्लीस मुझे कही ले चलो और जी भरकर चोद लो!!" अम्बालिका मुझसे बार बार रिक्वेस्ट करने लगी। कभी कभी मैं उसको अपने घर पर लाकर चोद लेता तो कभी बाहर किसी दोस्त के घर ले जाकर उसकी गांड मारता। एक दिन मैंने उसे रिनी के बारे में बता दिया।
"अम्बालिका! सच तो ये है की मैं तुमसे प्यार नही करता। मैं तुम्हारी दीदी रिनी से प्यार करता हूँ। उसको कई बार चोद भी चूका हूँ..मैं सिर्फ तुम्हारी मस्त मस्त कुवारी चूत मारना चाहता था, इसलिए मैंने तुमसे प्यार का झूठा नाटक किया!!" मैंने उसे इमानदारी से सब बता दिया
"सुजीत, मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की तुम मुझसे प्यार करते हो या नही। तुम किसी को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लो यार, पर प्लीस मेरी रसीली चूत में लंड देते रहना और मेरी गांड मारते रहना!!" अम्बालिका बोली तो मैंने खुशी खुशी उसका ऑफ़र मान लिया।
सुबह मन्दिर जाती थी। शाम को मार्किट और कोचिंग पढ़ने। दोस्तों उसकी चारों बहने एक से एक माल थी। मेरा तो यही दिल करता था की बारी बारी से सबको ठोंक दूँ और सबकी मलाई जैसी चूत खा जाऊं। रिनी की बहनों के नाम अम्बालिका, बबली, नेहा और अंकिता था। एक दिन रिनी ने कहा की मैं अम्बालिका [रिनी से छोटी बहन] को उसके स्कुल बाइक से छोड़ आयूँ तो मैं तुरंत तैयार हो गया। मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया और तेज रफ्तार से चलाने लगा।
"सुजीत भैया!! धीरे गाडी चालिए...मुझे डर सकता है!!" अम्बालिका बोली
मैंने दिल में सोचा की जान मैं तुम्हारा भैया नही सैयां बनने का मन रखता हूँ। रिनी के घर में सब लोग, उसके पापा मम्मी मुझे बड़ा नेक और शरीफ आदमी समझते थे, अगर उनको गलती से भी मालूम हो जाता की मैं उनकी लौंडिया रिनी को चोदता हूँ तो बड़ा गजब ही हो जाता। वो लोग मुझे अपने घर में घुसने नही देते। पर बाहर से मैं अपने आपको उनका बड़ा सगा दिखाता था। इसलिए मैं धीरे धीरे गाडी चलाने लगा। मैं यही सोच रहा था की काश अम्बालिका की चूत में लंड देने को मिल जाता तो किस्मत ही चमक जाती। दोस्तों, इसी तरह से मैं रोज अम्बालिका को उसके स्कूल छोड़ने जाने लगा। एक दिन मैंने उससे पूछा की क्या उसका कोई बॉयफ्रेंड है तो तो उसने बोला की नही है। उसके बाद मैंने अम्बालिका को प्रपोज मार दिया। वो मान गयी। उसके बाद दोस्तों मैं उसको स्कूल से लाने भी लगा। एक दिन दोपहर में जब स्कूल की छुट्टी हुई तो मैं रिनी की बहन अम्बालिका को कैफ़े कॉफ़ी डे ले गया। मैं कॉफ़ी आर्डर कर दी। वहां पर कई जोड़े गुटुर गूं कर रहे थे।
सब अपनी अपनी माल का हाथ पकड़े हुए थे और किस कर रहे थे। मैंने भी अम्बालिका का हाथ पकड़कर किस कर लिया और उसके टॉप पर हाथ लगाने लगा। उसके दूध जादा बड़े नये थे। ३२" के दूध होंगे। पर आज तक किसी ने अम्बालिका को छुआ नही था। इसलिए मैं जानता था की वो सील बंद माल होगी। एक दिन मैं उसे पिक्चर दिखाने ले गया। अजय देवगन की सिघम फिल्म लगी थी। जैसे ही फिल्म शुरू हुई मैंने अम्बालिका के दूध पर हाथ रख दिया और खूब मींजा। वो बिलकुल मस्त हो गयी। सिनेमाघर में चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा था। सारे जवान लड़के अपनी अपनी माल के दूध दबा रहे थे और ओंठ पी रहे थे। तो मैंने सोचा की मैं ही क्यों पीछे रहूँ। मैंने अम्बालिका के टॉप में उपर गले की तरफ से हाथ डाल दिया। उसने बड़ी चुस्त ब्रा पहन रखी थी। उसके बाद तो दोस्तों मजा ही आ गया।
मैंने अम्बालिका के हरे हरे नये नये रसीले स्तन को जी भरके दबा लिया। फिर उसे अपनी तरफ झुका लिया और सिनेमाघर में ही उसका टॉप मैंने उपर उठा दिया और ब्रा को उपर उचकाकर निकाल दिया। फिर मैं दूध पीने लगा। मैं चारो तरफ देखा तो पता चला की कोई भी पिक्चर नही देख रहा था। सब अपनी अपनी माल के दूध पी रहे थे। २ घंटे तक मैं रिनी की सगी बहन अम्बालिका के दूध पीता रहा और चूत में ऊँगली करता था। वो जींस पहने थी, मैंने उसकी जिप खोल दी थी। वही से मैंने अपना हाथ अम्बालिका की चूत में डाल दिया था और बाकी के १ घंटा मैं सिर्फ उसकी चूत में ऊँगली करता रहा। जब हम दोनों बाहर निकले तो सामने एक बड़ा सा रेस्टोरेंट था। उसमे एक बड़ा सा पार्क भी था। जवान लड़के लडकियाँ इस पार्क में आते थे और यहाँ चुदाई करने के लिए कमरे भी मिल जाते थे। मैंने जाकर पता किया तो काम बन गया। १ कमरा मुझे ३०० रुपए में मिल गया।
"अम्बालिका चूत देगी???? मेरा तुझे चोदने का बड़ा मन है!!" मैंने उससे कहा
"पर..सुजीत चोदोगे कहाँ??" अम्बालिका बोली
"जान...वो सामने रेस्टोरेंट देख रही हो..वहाँ जुगाड़ से कमरे का इंतजाम हो गया है" मैंने कहा
उसके बाद मैं अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की बहन को कमरे में गया और हम दोनों प्यार करने लगे। कुछ ही देर में मैंने उसका टॉप और जींस निकाल दी। अम्बालिका अभी एक बार भी चुदी नही थी। मैंने उसकी काली रंग की ब्रा और पेंटी निकाल दी। दोस्तों, वो पूरी तरह से कुवारी माल थी। उसके दूध जादा बड़े नही थे, ३२" के रहे होंगे पर मुझे पूरा आनंद आया। उसके स्तन छोटे छोटे थे, इसलिए आराम से मेरा मुँह में समा जाते थे। जिस तरह मैं रिनी के दूध पिये थे और उसको चोदा था, वो रसीली यादे आज फिर से ताजा हो गयी। एक नई लड़की और उसकी नई मीठी चूत। मैंने बार बार अम्बालिका के दूध पीता, फिर उसके होठ पीता। बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा। जहाँ रिनी ६ फुट लम्बी थी, वही अम्बालिका का कद कम था। वो बस ५ फुट २ इंच की थी। उसके कुवारे स्तन पीने के बाद मैंने उसके पतले पेट को चूमने लगा और उसकी सेक्सी नाभि से खेलने लगा। बड़ा गर्म जिस्म था उसका। दोस्तों कुछ ही देर में मैं अम्बालिका की चूत पर आ गया और चूत पीने लगा। आह .कितना मस्त नशीला स्वाद था उसकी बुर का। उसकी चूत उपर की तरफ उठी हुई थी। मैंने जी भर के अम्बालिका की चूत को पिया और उसके चूत के दाने को मसला। मौज आ गयी दोस्तों। उसके बाद मैंने अपना लंड उसके भोसड़े में डाल दिया। चूत में थोडा थूक भी दिया जिससे बुर चिकनी हो गयी और अम्बालिका मजे से लंड खाने लगी।
चुदते समय आप लोग उसका चेहरा देखते तो हँसने लगते। वो बार बार आई आई आई आई...बोल रही थी। उसका बदन कांप रहा था और थर थरा रहा था। उसका नंगा जिस्म इतना जादा गर्म हो गया था की लग रहा था उसे बुखार है। मैं उसे कमर उठा उठाकर पक पक पेल रहा था और उसने चांदनी जैसे नूर का लुफ्त उठा रहा था। कुछ देर में अम्बालिका की बुर का छेद रवां हो गया और अच्छे से खुल गया। फिर मैं उसपर लेट गया और पक पक उसे चोदने लगा। वो आई...आई की मीठी आवाज निकालती रही। मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और मजे से उसके रसीले कुवारे होठ पीने लगा। उफफ्फ्फ्फ़..अगर इन नंगी नंगी लड़कियों को उपर वाला नही बनाता तो हम लड़कों का मनोरंजन कहाँ से होता। मैंने अम्बालिका को ठोंक रहा था और यही सोच रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसके भोसड़े में ही अपना गाढ़ा गाढ़ा माल गिरा दिया।
एक बाद चुदवाकर अम्बालिका मुझसे चिपक गयी और अपने सैंयाँ की तरह मुझे प्यार करने लगी।
"सुजीत!!! तुम मुझे धोखा तो नही दोगे????" अम्बालिका ने पूछा
"नही जान...मैं हर दिन तुम्हारी चूत मारूंगा और तुमको कभी धोखा नही दूंगा" मैंने कहा
दोस्तों कुछ देर बाद मैं उसके लिए कोल्ड्रिंक और चिप्स ले आया। हम दोनों ने नंगे नंगे ही कोल्ड्रिंक पी और आलू चिप्स खायी। मैंने अम्बालिका को नही बताया की उसकी बड़ी बहन रिनी मेरी गर्लफ्रेंड है और मैं उसकी चूत लेता रहता हूँ। अगर मैं उसको बता देता तो बड़ा बवाल हो जाता। लड़कियां सब कुछ तो बाट सकती है, बस २ चीज नही बात सकती बॉयफ्रेंड और पति।
"अम्बालिका!..गांड देगी????" मैं पूछा
"पर सुजीत...मेरी सहेलियां बताती है की गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है." अम्बालिका बोली
"अरे नही जान...शुरू में दर्द होता है..पर बाद में सब ठीक हो जाता है...आओ तुम्हारी गांड मारूं!" मैंने कहा और उसको घोड़ी बना दिया। मेरे पर्स में २ पुडिया नवरत्न तेल पड़ा हुआ था। दोस्तों आज वो काम दे गया। अम्बालिका अपने सिर के बल बिस्तर पर झुक गयी और अपनी गांड उसने उपर कर ली। मैं कुछ देर तक उसकी गांड में जीभ डालकर पीता रहा। उफ्फ्फफ्फ्फ़ ...क्या कसी और कुवारी गुलाबी रंग की गांड थी। फिर मैंने दोनों पुडिया नवरतन तेल की पुड़िया खोल दी। एक पुड़िया का तेल तो अम्बालिका की गांड में भर लिया और दूसरी पुड़िया का तेल मैंने अपने लौड़े में लगा लिया और अच्छे से चुपड़ लिया। फिर मैंने अम्बालिका की गांड में धीरे से ऊँगली डाल दी। जैसे मेरी ऊँगली अंदर गयी वो तडप गयी।
"आह...सुजीत लग रहा है!" वो बोली
"बस..कुछ सेकंड में सब ठीक हो जाएगा!!" मैंने उसे बड़े प्यार से पुचकारा
फिर धीमे धीमे उसकी गांड में मैं ऊँगली करने लगा। उसको दर्द हो रहा था, पर मैं भी कोई कम हमारी नही था। रिनी की गांड भी मैंने इसी तरफ उसे फुसला फुसलाकर मारी थी। कुछ देर बाद अम्बालिका को दर्द होना बंद हो गया। मैं जल्दी जल्दी उनकी गांड फेटने लगा। दूसरा हाथ मैंने उसकी चूत में डाल रखा था और दोनों में ऊँगली कर रहा था। मैंने गौर किया की उसको बहुत जादा चुदास और कामवासना महसूस हो रही है। अम्बालिका घोड़ी बनी हुई थी, पर उसके लटकते दूध अब जादा बड़े हो गये थे, और जादा तन गये थे। मैंने नीचे देखा तो उसको मौज आ रही थी। आ आ सी सी सी..की हल्की हल्की आवाजे वो निकाल रही थी और अपनी गांड और बुर में ऊँगली करवा रही थी। मेरा तीर निशाने पर लग गया था। मैं उसे गर्म करने में कामयाब हो गया था।
दोस्तों, वो दिन वाकई ख़ास था। अगर उस रेस्टोरेंट में वो कमरा नही मिल पाता तो शायद मैं कभी अम्बालिका को नही चोद पाता और ना ही कभी उसकी गांड मार पाता। मैंने आधे घंटे तक अम्बालिका की गांड में ऊँगली की थी गांड के छेद खुल गया। उसके बाद मैं कुत्ता बन गया और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की सगी बहन की गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगा। भाई वाह..मौज आ गयी उस दिन तो.. । कुवारी गांड तो चूत से ५ गुना जादा कसी होती है। मै अम्बालिका की गांड मारने लगा तो बड़ा अजीब सा नशा छाने लगा। मेरी आँखें खुद ब खूब बंद हो गयी। कुछ ही देर में अम्बालिका की गांड से पट पट पट पट का मीठा शोर सुनाई देने लगा। ये मेरी मेहनत का फल था। मैं अम्बालिका की कमर को दोनों हाथों से पकड़ रखा था और पट पट उसकी गांड चोद रहा था।
कई बार वो नीचे की तरफ या दाए और बाएं को झुकने लग जाती थी, तो मैं उसकी पतली सेक्सी कमर पकड़कर ठीक कर देता था। और उसे सीधा कर देता था। वो घोड़ी बनी हुई थी। मैं फट फट करके उसकी गांड ले रहा था। कुछ देर बाद वो बहुत गर्म हो गयी। अम्बालिका की गांड का तापमान जैसे १०० डिग्री सेल्सियस हो रहा था। उसने अपनी दोनों मुट्ठी भीच ली थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। वो ऊँ ऊँ उनहूँ उनहूँ .की हल्की हल्की आवाज निकाल रही थी।
"जान..अब बोलो गांड मरवाने में मजा आ रहा है की नही????" मैंने पूछा
"हूँ हूँ.हूँ हूँ." बस इतना ही अम्बालिका बोली क्यूंकि वो अभी बहुत बिसी थी और फट फट मेरा लंड खा रही थी। आधे घंटे मैंने उसकी गांड ली तो हम दोनों को पसीना आ गया। मैंने कुछ देर का रेस्ट लिया और उसकी गांड से अपना ७" का लम्बा लौड़ा निकाल लिया। भई वाह...खूब मोटा छेद हो गया था उसकी गांड का। मैं अपनी मेहनत से संतुस्ट था। कुछ देर हम दोनों बिना कपड़ों के नंगे नंगे लेटे रहे। रेस्ट करने के बाद वो फिर से कुतिया बन गयी और मैंने फिर से अम्बालिका की गांड में लंड डाल दिया और उसकी गांड मारने लगा। दोस्तों, वो दिन मेरी जिन्दगी का शायद सबसे हसीन दिन था। दूसरे शब्दों में कहूँ तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड रिनी की सगी बहन अम्बालिका के साथ उस दिन पूरी महाभारत कर डाली। उसके साथ मेरी सुहागरात मन गयी। मैंने ४५ मिनट उसकी गांड चोदी फिर जल्दी से लंड निकाल कर उसके मस्त मस्त पुट्ठे पर माल गिरा दिया।
बाद में अम्बालिका किसी रंडी की तरह मेरा माल ऊँगली में भरके चाट गयी। उसके बाद तो दोस्तों उसको मेरे लंड का चस्का लग रहा। मुझसे कह कहकर चुदवाने लगी। "सुजीत, प्लीस मुझे कहीं चलकर चोद डालो!!..प्लीस सुजीत!! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। प्लीस मुझे कही ले चलो और जी भरकर चोद लो!!" अम्बालिका मुझसे बार बार रिक्वेस्ट करने लगी। कभी कभी मैं उसको अपने घर पर लाकर चोद लेता तो कभी बाहर किसी दोस्त के घर ले जाकर उसकी गांड मारता। एक दिन मैंने उसे रिनी के बारे में बता दिया।
"अम्बालिका! सच तो ये है की मैं तुमसे प्यार नही करता। मैं तुम्हारी दीदी रिनी से प्यार करता हूँ। उसको कई बार चोद भी चूका हूँ..मैं सिर्फ तुम्हारी मस्त मस्त कुवारी चूत मारना चाहता था, इसलिए मैंने तुमसे प्यार का झूठा नाटक किया!!" मैंने उसे इमानदारी से सब बता दिया
"सुजीत, मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की तुम मुझसे प्यार करते हो या नही। तुम किसी को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लो यार, पर प्लीस मेरी रसीली चूत में लंड देते रहना और मेरी गांड मारते रहना!!" अम्बालिका बोली तो मैंने खुशी खुशी उसका ऑफ़र मान लिया।