दोस्त की गर्लफ्रेंड को शर्त लगाकर चोदा! - SexBaba
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दोस्त की गर्लफ्रेंड को शर्त लगाकर चोदा!

sakshiroy123

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Jul 29, 2020
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[size=large]हैलो दोस्तों , मैं राहुल , दिल्ली से।  पिछली बार मैंने आप सब को अपनी और अपनी भाभी की चुदाई की कहानी सुनाई थी।  मैंने आपको बताया था कि मेरी भाबी की बहन मेरी कॉलेज की गर्लफ्रेंड थी जिसे मैंने बहुत चोदा था।   तो आज मैं आप सब के लिए वो कहानी लेकर आया हूँ कि किस तरह मैंने अपने ही एक दोस्त की गर्लफ्रेंड को पहले चोदा फिर उसे अपनी गर्लफ्रेंड  बना कर ३ साल तक लगातार चोदता रहा।  

ये कहानी ४ साल पहले की है , मैं तब कॉलेज में पढता था।  जैसा कि मैं अपनी हर कहानी में बताता हूँ कि मेरे लण्ड के चरचे हर जगह हैं।  मेरा ७ इंची लोडा बहुत सी  लड़कियों का सपना है।  कॉलेज में भी मैंने अपने लण्ड का भरपूर फायदा उठाया था।   उस समय मेरी ३ गर्लफ़्रेंड थी।  उन तीन गर्लफ़्रेंड के अलावा भी मैं कभी कभी दूसरी लड़कियों का दुःख बाटने भी उनके रूम में चला जाता था।  पर मेरी नजर कॉलेज के पहले दिन से एक लड़की पर थी।  वो लड़की कॉलेज की सब से सूंदर लड़कियों में से एक थी।  बाकि सब को तो लगभग चोद चूका था मैं बस एक वही रह गयी थी।  वो कोई और नहीं सुनीता थी।  पर २ साल बीत जाने पर भी में उसे अभी तक चोद नहीं पाया था , कारण था मेरा जिगरी दोस्त सुमित।  वो दोनों एक दूसरे से सच्चा प्यार करते थे और इसी लिए आज तक सुनीता ने मुझे भाव भी नहीं दिया था।  मेरी तीन गर्लफ्रेंड में से एक सुनीता की सब से अच्छी दोस्त भी थी।  

मैं बस एक मोके की तलाश में था कि किसी तरह सुनीता को चोद पाऊं।  हमारा दूसरा साल भी कॉलेज में खतम हो गया और कॉलेज में छुट्टियां हो गयी २ महीने की।  हम सब अपने अपने घर चले गए छुट्टियां बिताने।  सुमित हरियाणा का रहने वाला था और सुनीता मेरे शहर की ही थी।  उस समय तक मुझे इस बात का पता नहीं था कि सुमित ने सुनीता को चोद चोद कर हवसी बना दिया है।  और ये गर्मी की छुट्टियां और सुनीता की हवस मुझे उसे चोदने का मौका देने वाली थी।  छुट्टियों को शुरू हुए १५ दिन हो चुके थे और एक दिन मुझे मेरी गर्लफ्रेंड ने बताया कि सुनीता और सुमित का झगड़ा चल रहा है।  मैंने पूछा किस बात को लेकर झगड़ रहे हैं दोनों तो उसने बताया कि इस बारे में उसे भी कोई जानकारी नहीं है।  मैंने सुमित को फ़ोन किया तो उसने बोला कि कुछ नहीं भाई रंडी है साली वो , अब मैं भी दुखी हो गया हूँ उस से।  देखता हूँ अगर सुधर गयी तो साथ रहूंगा नहीं तो छोड़ दूंगा अब इसे मैं।  पहली बार दोस्त के लिए दुःख नहीं लग रहा था बल्कि खुश था कयूकि मुझे मौका मिल गया था अब।  

मैंने सुमित को नहीं बताया पर उसी रात मैंने सुनीता को मैसेज किया और पूछा क्या हो गया तुम दोनों झगड़ क्यों रहे हो।  उसने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया और बोली कि तू बता क्या हाल चाल है तेरा।  फिर मैंने उस से नार्मल बात करनी शुरू की।  उसकी बातों से बार बार उसका दुःख झलकता था।  दो साल का प्यार भूलना कोई आसान बात नहीं होती।  पर मुझे अगर उसे चोदना था तो मुझे उसे हर हाल में सुमित को भूलने पर मजबूर करना पड़ेगा।  बस यही सोच कर मैं उस से लगातार बात करने लगा।  किसी न किसी बहाने से उसे फ़ोन कर लेता , देर रात  तक व्हाट्सप्प पर बात करता और वो भी कभी मुझसे बात करने को मना नहीं करती।  बल्कि अब तो खुद ही मुझे दिन में १० बार किसी न किसी बहाने से फ़ोन करने लगी थी वो।  मेरा आधा काम तो बन चूका था अब तो बस उसे परपोज़ करना था।  १० दिन लगातार बात करने के बाद मैंने एक दिन जान बुझ कर सुमित की बात छेड़ दी।

और पिछली बार की तरह इस बार भी उसने मुझे बोला कि उसे सुमित के बारे में कोई बात नहीं करनी है।  

मैंने बोला लगता है तू अभी तक भूली नहीं उसे।  उसने बोला नहीं। , आसान नहीं है भूलना।  मैंने हिम्मत कर के बोल दिया कि अगर भूलना चाहती है तो मैं तेरी मदद कर सकता हूँ , पर अगर तू चाहे तो।  वो बोली किसी मदद।  तो मैंने बोला कि तुझे चोद कर।  उसने ५ मिनट तक मेरे मैसेज का जवाब नहीं दिया।  करीब दस मिनट बाद उसका रिप्लाई आया , अच्छा चल ठीक है , मैं कल तेरे साथ घूमने चलूंगी।  अगर तूने मेरे अंदर की चुदने की फीलिंग जगा दी , जो कि अब लगभग ख़तम हो चुकी है तो हम दोस्ती आगे बढ़ा लेंगे।  मैंने तुरंत उत्तर दिया तो इसका मतलब तू मुझे चैलेंजे कर रही है। सुनीता ने बोला हाँ चैलेंजे ही समझ।  आ गया मौका , अगले दिन मेरे लण्ड की अग्नि परीक्षा थी।  मैंने भी उसे बोला ठीक है कल १२ बजे मैं तेरे घर के पास आऊंगा और हम घूमने चलेंगे।  वो मान गयी।  

अगले दिन मैं सुबह पूरा तैयार हुआ और टाइम से पहले ही सुनीता के घर के पास पहुँच गया और उसे फ़ोन किया।  वो पहले से ही पीछे वाली गली में खड़ी होकर मेरा इंतज़ार कर रही थी और उसने मुझे वहीँ पर बुलाया।  उस साली को पता नहीं किसने बता दिया था कि मुझे लाल रंग के कपड़ो में लड़किया बहुत अच्छी लगती है।  उसने लाल रंग की ड्रेस पहनी हुई थी जो कि उसकी जांघो तक ही थी और जांघो से निचे पैर बिलकुल नंगे।  कॉलेज में तो बहुत बार ध्यान दिया था पर आज तो उसके ३६ साइज की चूचियां ४० लग रही थी।  उसने बिलकुल टाइट ड्रेस पहनी हुई थी।  मैंने उसे देखते ही बोला आज तो एकदम सेक्सी लग रही है।  वो बोली तू भी बहुत अच्छा लग रहा है।  इतना बोल कर वो मेरी बाइक पर बैठ गयी टाँगे दोनों तरफ कर के।  पहले थोड़ा दूर बैठी थी पर मैंने झटके से ब्रेक मार कर उसे चिपक कर बैठा लिया और बोला मैडम ऐसे ही चिपक कर बैठो।  वो भी हंस कर मुझे पकड़ कर बैठ गयी।  

में जान बुझ कर बार बार ब्रेक मार रहा था और उसकी चूचियों का स्पर्श का आनद ले रहा था।  इतनी सेक्सी लड़की ऐसे चिपक कर बैठी हो तो लण्ड का खड़ा हो जाना स्वाभाविक है।  मेरा लण्ड भी खड़ा हो चूका था।  मैंने एक पार्क देख कर बाइक रोक ली और उसने भी बोला हाँ यहाँ बैठ कर थोड़ी देर बातें करते हैं।  हम पार्क के अंदर चले गए और मैं कोई सुनसान जगह ढूंढने लगा।  पर उस पार्क में भीड़ बहुत थी तो हम थोड़ी देर बैठ कर बाहर आ गए।  अब सुनीता ने मुझसे बोला अब कहा जाना हैं जनाब।  मैंने बोला देखते हैं कोई अच्छी जगह जहाँ तुझे गरम कर सकूँ।  वो हसने लगी और बोली ठीक है चल जहां जाना है पर अब बाइक मैं चलाऊंगी।  ये तो मेरे लिए एक और मौका था तो मैंने तुरंत चाभी दी और बोला ध्यान से चलाना , ठोकना नहीं।  वो बोली ठोकने का काम तो तेरा है , देखती हूँ ठोक पता है के नहीं।  वो बाइक अच्छी चला लेती थी , और मैं भी बेशरम होकर उस से चिपक कर बैठा था।  पीछे से बैठ कर उसकी चूचियां सेहला रहा था और कभी कभी दबा भी देता।  उसने भी कोई ऐतराज़ नहीं किया तो ये सिलसिला चलता रहा।  मेरा खड़ा लण्ड अब उसकी  गांड को स्पर्श कर रहा था।  

वो रंडी तो बहुत तेज निकली और ऐसी जगह पर बाइक रोकी जहाँ चारो तरफ सिर्फ पेड़ ही पेड़ थे।  और बाइक रोक कर बोलने लगी अब बोलो जनाब क्या प्लान है।  मैंने उसे तुरंत अपनी बाँहों में भर लिया और चूमने लगा।  मुझे लड़कियों को गरम करना अच्छी तरह आता था।  मैंने लगातार उसके होंठो को चूमता रहा , उसके कानो को भी अपनी जीभ और दांतो चाटने और काटने लगा।  वो अभी तक अपने हाथ निचे कर के सिर्फ मूर्ति बन कर खड़ी थी।  मैंने १० मिनट तक सिर्फ उसके चेहरे, गर्दन, गाल और कानो को चुस्त रहा चूमता रहा।  वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी पर दिखा नहीं रही थी।  मैंने अब उसकी ड्रेस के ऊपर से उसकी चूचियां दबाना शुरू किया।  वो मजे तो ले रही थी पर अपने मुँह बंद कर के खड़ी थी ताकि उसकी सिसकियाँ मुझे सुनाई ना दे।  मैं लगातार उसकी चूचियां दबा रहा था और उसकी होंठो को चूस रहा था।  मैंने अब अपना हाथ उसकी जांघो पर फेरना शुरू किया और उसकी ड्रेस के अंदर हाथ डाल  कर उसकी चूत तक पहुँच गया।  चूत पर हाथ लगाते ही पता चल गया कि वो गीली हो चुकी है।  मुझे पता लग गया मेरा काम हो गया है पर फिर भी मैं उसे और गरम करने के लिए उसे अपनी ऊँगली से चोदने लगा।  अब उसके मुँह से हलकी सी आअह्ह्ह की आवाज आयी।  पर उसने ये बोल दिया धीरे कर दर्द हो रहा है , गर्म कर रहा है कि दर्द देने बुलाया है।  

अब मुझे लग गया पता कि इसका रंडीपना बाहर कैसे आएगा।  मैंने तुरंत अपनी जीन्स ढीली कर के खड़ा लण्ड उसके हाथो में पकड़ा दिया।  मेरा लण्ड पकड़ कर ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई लड़की खुद को रोक पाए।  मैंने उसे किस कर रहा था लगातार और जैसे ही मैंने लण्ड पकड़ाया उसने मुझे रोका और गौर से लण्ड को देखने लगी।  १ मिनट तक ऐसे ही घूरती रही फिर उसने मुझे धक्का देकर पेड़ से चिपका दिया और टूट गयी मुझपे।  मेरे बालो मैं हाथ डाल  कर चूमने लगी और जोर जोर से मेरा लण्ड हिलाने लगी।  ५ मिनट मुझे चूमने के बाद निचे बैठ गयी और लण्ड चूसना शुरू कर दिया।  मुझे लग गया पता कि बात बन गयी।  मैंने भी उसके बाल पकडे और उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया।  १० मिनट तक मैंने उस से लण्ड चुसवाया फिर वो एकदम से खड़ी  हुई और बोली मैं चुदना चाहती हूँ अभी के अभी।  बोल यहाँ चोदेगा या कही और लेकर जायेगा।  जंगल तो सुनसान था पर मैं रिस्क नहीं लेना चाहता था।  मैंने उसे बाइक पर बिठाया और सीधे होटल लेकर गया।  

कमरे के अंदर जाते ही उसने फटाक से अपनी ड्रेस उतारी और सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी हो गयी।  मैंने उस से अब पूछ ही लिया कि ब्रा पेंटी भी लाल , तुझे किसी ने बताया है कि मुझे लाल रंग पसंद है लड़कियों पर।  वो बोली साले बातें बाद में पहले आ चोद मुझे।  इतना बोल कर वो मेरे ऊपर टूट पड़ी और फिर से कुतिया की तरह मुझसे चूमने और चाटने लगी।  मैंने भी अपनी जीन्स फिर से ढीली कर दी और मेरा लण्ड कच्छे में तम्बू बना कर खड़ा हो गया।  मैंने उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी गांड दबाने लगा।  और हम लगातार एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे।  उसने मेरे कच्छे के अंदर हाथ डाला और लण्ड से खेलना शुरू किया।  हम अभी भी एक दूसरे को चुम रहे थे।  हमारे हाथ भी अपने काम पर लगे हुए थे।  मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोलकर उसकी चूचियों को आजाद कर दिया कैद से।  अब मैं उसकी चूचिया दबाने लगा और होंठो को चूमता रहा।  वो भी कभी मेरे होंठो को कभी कान को कभी गाल पर कभी गर्दन पर चूमती रही।  बिलकुल कुतिया बन कर मेरा चेहरा और गर्दन चाट रही थी और रंडियो की तरह मेरे लण्ड से खेल रही थी।  

मैं भी उसकी चूचियां दबा कर उसकी सिसकियाँ निकलवा रहा था।  अब वो खुद को रोक नहीं रही थी और जी भर के चिल्ला रही थी।  आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्हह्ह आआअह्ह्हह्हआआ राहुल तू जीत गया साले , कुत्ते आज इस कुतिया को चोद ही ले तू।  मैंने भी उसकी पेंटी में दुबारा हाथ डाला और इस बार ३ उंगलिया उसकी चूत में घुसा दी और जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। वो रांड बस आअह्ह्ह्हह आआह्ह्ह्ह ययययसस्शह्ह्ह ोुह्ह्ह्हह्ह ययययययहहहह करती रही।  उसने धीरे धीरे मुझे पूरा नगा कर दिया और खुद भी पूरी नंगी हो गयी।  हम अभी तक खड़े होकर ही ये सब कार्यकर्म कर रहे थे।  मैंने उसके बालो की क्लिप खोली और उसके खुले बालो को खींच कर पकड़ा और उसे बोला कि मेरा लोडा सिर्फ हिलाने से नहीं खुश होता।  उसे पाने होंठो से प्यार कर तब चोदेगा वो तुझे नहीं तो नहीं चोदेगा।  वो बोली ठीक है मेरी जान घुसा अपना घोड़े जैसे लोडा मेरे मुँह मैं।  मैंने उसे ज़मीन पर बिठा दिया और डाल दिया लोडा उसके मुँह में और पहली ही बार में सीधा उसके गले तक।  वो खांसने लगी पर मैंने उसे थपड मारा और बोला बस रंडी हो गया , इतने में दम तोड़ दी।  मेरा लोडा उसके मुँह में था तो ठीक से नहीं बोल पायी पर मेरी जांघो पर थपड मार कर बोली साले चूत की गर्मी के आगे ये टिक नहीं पायेगा।  

मैंने भी बोला देखते है और अब जोर जोर से उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह आगे पीछे करने लगा और उसका मुँह चोदता रहा।  वो भी पुरे मजे से मेरा लण्ड चुस्ती रही।  कभी लण्ड चुस्ती कभी टट्टे चुस्ती तो डूबता हाथ से लण्ड पर अपना थूक लगा कर मलती और फिर से मुँह में डाल कर चूसने लगती।  १० मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा और अब मैंने उसे खड़ा किया और बोला मोकाम्बो खुश हुआ , अब इस रंडी को खुश करेगा।  अब उसे दिवार के सहारे खड़ा किया और मैं निचे बैठ गया।  उसने एक पैर मेरे कंधो के ऊपर से हवा मैं रख लिया और दूसरा ज़मीन पर।  अब मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया।  उसकी चूत आग फेंक रही थी और पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।  मैंने भी जीभ से उसकी चूत मैं गुदगुदी करनी शुरू की और आस पास का सारा चूत का पानी जीभ से चाटना शुरू किया।  अब उसकी आवाजों में हवस साफ़ झलक रही थी।  आआह्ह्हह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्हह्ह ऊऊह्ह्हह्ह आआअह्ह्ह्हह एससससससहहहह राहुल एस्शह्ह्ह्ह चूस और चूस मेरी जान और चूस।

सुनीता लगातार मेरा सिर पकड़ कर दबा रही थी जैसे चाहती थी मैं खुद ही पूरा उसकी चूत में समा जाऊ।  उसकी हवस अब हद से ज्यादा बढ़ चुकी थी।  उसने मुझे उठाया और धक्का दे दिया।  मैं बेड पर जाकर गिरा।  वो भी उछाल कर बेड पर आ गयी और एक बार फिर मेरा लोडा चूसने लगी।  २-३ मिनट लण्ड चूसने के बाद मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और लण्ड चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी।  मैंने बोला रांड ये सुमित का ४ इंची लोडा नहीं राहुल का ७ इंची है।  निचे लेट मेरे मैं घुसाता हूँ।  वो भी चुदने के लिए तड़प रही थी और बोली जैसे करना है कर मेरी जान बस अब मेरी चूत को और ना तड़पा।  मैंने उसे लिटा दिया और उसकी ऊपर चढ़ गया।  लण्ड को उसकी चूत पर रख कर निशाना लगाने की तैयारी कर ली और उसके होंठो को अपने होंठो में कैद कर के जोर से झटका दिया और अपना लण्ड उसकी चूत की गहरायिओं में  गाड़ दिया।  मेरा मोटा लण्ड पहली बार में सेह न पायी और चीख उठी। आआआह्ह्ह्हह्ह आआअह्हह्ह्ह्ह।  मैं भी १ मिनट के लिए रुक गया।  

दर्द काम होते ही उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ाए और मैंने धीरे धीरे उसे चोदना शुरू किया।  तीन से चार मिनट बाद ही उसने अपनी गांड हिलाना शुरू कर दिया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।  अब तो बस कमरे में आआह्ह्ह्हह आआह्ह्ह्हह ऊऊह्ह्ह हआ चोद साले चोद , जोर से चोद , और जोर से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह चोद न बहनचोद खाना खा कर नहीं आया स्पीड बढ़ा माधरचोद चोद साले…… चोद तो रहा रांड साली अब क्या पेट्रोल पीला दू लण्ड को , इतनी तेज तो चोद रहा।  और तेज चोद न साले , अपने मोटे लण्ड से फाड़ दे मेरी चूत , चूत को भोसड़ा बना दे साले आज। इन्ही सब आवाजों और गालियों के बिच मैं उसे लगातार ३५-४० मिनट चोदता रहा।  कभी उसकी टाँगे चौड़ी कर के, कभी उसे अपने ऊपर बिठा कर कभी कुतिया तो कभी घोड़ी।   आख़िरकार उसकी हवस शांत हुई और अब उसने रुकने को बोल दिया।  

मैं भी आज पहली बार चोद कर थक गया था।  बड़ी लड़कियों को चोदा पर ये रांड तो सब से बढ़कर निकली।  मैंने अब उसे लण्ड चूसने को बोला और वो भी तुरंत मेरा लण्ड चूसने लगी।  वो अभी भी मेरे निचे थी मैं उसकी छाती पर बैठा हुआ था और उसे अपने लण्ड चुसवा रहा था।  जब मेरा लण्ड लावा छोड़ने वाला था तब मैंने उसके मुँह से निकला और हिलाना शुरू किया।  वो भी जीभ बहार निकल कर मेरे लण्ड का रस पिने को बेताब थी।  आखिरकार मेरे लण्ड ने पिचकारी मारी और सारा रस उसके मुँह पर गिरा दिया।  अपने चेहरे का सारा रस पिने के बाद उसने चूस चूस कर और चाट कर मेरा लण्ड भी साफ़ कर दिया।  

अब हम वैसे ही नंगे लेट गए।  १० मिनट बाद मैंने बोला अब बताओ मैडम में शर्त जीत गया।  वो बोली साले तू नहीं शर्त में जीती हूँ।  मैं चौंक गया।  उसने बताया कि सुमित से झगडे के बाद मैंने तेरी गर्लफ्रेंड को बताया कि राहुल मुझे पटाने की कोशिश कर रहा है।  तो वो मुझे बोली राहुल मुझसे प्यार करता है ऐसा नहीं करेगा।  तो मैंने उस से शर्त लगाई थी कि राहुल से १५ दिन कि अंदर ही अपनी चूत ठुकवाऊंगी।  और आज तूने मुझे चोद कर मुझे शर्त जीता दी।  मैं ये सुन कर काफी देर तक हँसता रहा।  

तो दोस्तों इस तरह से मैंने भी अपनी शर्त जीत ली , सुनीता ने भी अपनी शर्त जीत ली और २ साल बाद मैंने सुनीता को चोद कर अपना सपना भी पूरा कर लिया।  ३ साल तक वो मेरी गर्लफ्रेंड रही और इन तीन सालो मैं लगभग तीन सो बार मैंने उसे चोदा।  दोस्तों अगर ये कहानी आपको पसंद आयी तो कमेंट कर के बताइए।  मैं अगली बार इस से भी ज्यादा मजेदार और सेक्स से भरपूर कहानी ले कर आपसे जल्द मिलूंगा।
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